भाषा के मुख्य रूप कौन कौन से हैं इन के 3 उदाहरण लिखिए? - bhaasha ke mukhy roop kaun kaun se hain in ke 3 udaaharan likhie?

भाषा के प्रकार भाषा के तीन रूप होते है- (1)मौखिक भाषा (2)लिखित भाषा (3)सांकेतिक भाषा। (1)मौखिक भाषा :-विद्यालय में वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता में वक्ताओं ने बोलकर अपने विचार प्रकट किए तथा श्रोताओं ने सुनकर उनका आनंद उठाया। यह भाषा का मौखिक रूप है। इसमें वक्ता बोलकर अपनी बात कहता है व श्रोता सुनकर उसकी बात समझता है। इस प्रकार, भाषा का वह रूप जिसमें एक व्यक्ति बोलकर विचार प्रकट करता है और दूसरा व्यक्ति सुनकर उसे समझता है, मौखिक भाषा कहलाती है। दूसरे शब्दों में- जिस ध्वनि का उच्चारण करके या बोलकर हम अपनी बात दुसरो को समझाते है, उसे मौखिक भाषा कहते है। उदाहरण: टेलीफ़ोन, दूरदर्शन, भाषण, वार्तालाप, नाटक, रेडियो आदि। यह भाषा का प्राचीनतम रूप है। मनुष्य ने पहले बोलना सीखा। इस रूप का प्रयोग व्यापक स्तर पर होता है। (2)लिखित भाषा :-मुकेश छात्रावास में रहता है। उसने पत्र लिखकर अपने माता-पिता को अपनी कुशलता व आवश्यकताओं की जानकारी दी। माता-पिता ने पत्र पढ़कर जानकारी प्राप्त की। यह भाषा का लिखित रूप है। इसमें एक व्यक्ति लिखकर विचार या भाव प्रकट करता है, दूसरा पढ़कर उसे समझता है। इस प्रकार भाषा का वह रूप जिसमें एक व्यक्ति अपने विचार या मन के भाव लिखकर प्रकट करता है और दूसरा व्यक्ति पढ़कर उसकी बात समझता है, लिखित भाषा कहलाती है। दूसरे शब्दों में- जिन अक्षरों या चिन्हों की सहायता से हम अपने मन के विचारो को लिखकर प्रकट करते है, उसे लिखित भाषा कहते है। उदाहरण:पत्र, लेख, पत्रिका, समाचार-पत्र, कहानी, जीवनी, संस्मरण, तार आदि। (3)सांकेतिक भाषा :- जिन संकेतो के द्वारा बच्चे या गूँगे अपनी बात दूसरों को समझाते है, वे सब सांकेतिक भाषा कहलाती है। दूसरे शब्दों में- जब संकेतों (इशारों) द्वारा बात समझाई और समझी जाती है, तब वह सांकेतिक भाषा कहलाती है। जैसे- चौराहे पर खड़ा यातायात नियंत्रित करता सिपाही, मूक-बधिर व्यक्तियों का वार्तालाप आदि। इसका अध्ययन व्याकरण में नहीं किया जाता। पंजाब मे पाठ 1 भाषा आर लिपि

भाषा के कितने रूप होते हैं, भाषा के कितने रूप है – Bhasha Ke Kitne Roop Hote Hain, Bhasha Ke Kitne Roop Hai : नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका हिंदी व्याकरण के एक और पाठ में इस पाठ में हम आपके साथ भाषा के कितने भेद होते हैं के बारे में जानकारी देंगे. तो अगर आप भी Bhasha Ke Kitne Roop Hote Hain के बारे में जानकारी जानना चाहते हो तो इस पोस्ट को अंत तक जरूर पड़े क्योंकि इस पोस्ट में हमने आपके साथ भाषा किसे कहते हैं कि बारे में संपूर्ण जानकारी दे दी है.

अगर आपको किसी भी भाषा के बारे में जानना है तो आपको उस भाषा का व्याकरण आना जरूरी है. हिंदी व्याकरण में आपको भाषा के विविध रूप दिखाई देंगे जिससे कि आपको हिंदी ग्रामर के बारे में अच्छी तरह से जानने में मदद होगी. तो चलिए देखते है भाषा के कितने रूप होते हैं, Bhasha Ke Kitne Roop Hote Hain.

भाषा के मुख्य रूप कौन कौन से हैं इन के 3 उदाहरण लिखिए? - bhaasha ke mukhy roop kaun kaun se hain in ke 3 udaaharan likhie?
भाषा के कितने रूप होते हैं | Bhasha Ke Kitne Roop Hote Hain

अगर आपको किसी भी प्रकार का संदेश आपसे सामने वाले व्यक्ति को समझाना चाहते हैं तो आपको भाषा आनी जरूरी है और भाषा के विविध प्रकार होते हैं जिससे इस्तेमाल करके आप आपके संदेश सामने वाले को बता सकते हैं.

भाषा किसे कहते हैं – Bhasha Kise Kahate Hain

सबसे पहले जानते है की भाषा किसे कहते हैं. भाषा एक ऐसा साधन होता है जिसका उपयोग करके आप आपके विचारों कों सामने वाले व्यक्ति को समझाया बता सकते हो.

भाषा के मुख्यतः तीन प्रकार है मौखिक भाषा, लिखित भाषा और सांकेतिक भाषा इस तीन रूपों का उपयोग करके आप आपके विचारों को सामने वाले व्यक्ति को बता सकते हो.

भाषा के बारे में अधिकतम जाने के लिए आपको इन तीन रूपों के बारे में जानना जरूरी है.

आप जानते हैं कि भाषा के कौन से रूप है और उन रूप के बारे में जानकारी. ज्यादातर समय भाषा का उपयोग लिखित या मौखिक भाषा के रूप में किया जाता है.

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मौखिक भाषा –

मौखिक भाषा – भाषा का सबसे अहम रूप है. क्योंकि मौखिक भाषा का उपयोग आप आपके विचारों को सामने वाले को बोल कर समझा सकते हैं. इस रूप का ज्यादातर इस्तेमाल किया जाता है सामने वाले व्यक्ति को समझाने के लिए.

मुंह से बोलने वाली भाषा को मौखिक भाषा कहते हैं.

मतलब अगर आपको किसी को किसी चीज संबंधित जानकारी देनी है तो आप उसको बोल कर उस चीज के बारे में जानकारी दे सकते हैं उसे मौखिक भाषा कहते हैं.

लिखित भाषा –

लिखित भाषा किसी भी विचारों को अन्य व्यक्ति को समझाने के लिए किया जाने वाला सबसे उपयोगी और अच्छा जरिया है. क्योंकि इसका उपयोग आप आपके विचारों को लिखकर सामने वाले व्यक्ति को समझा सकते हैं.

जैसे कि अगर आप किसी के बारे में हाल जानना चाहते हैं तो आप उन को पत्र लिखकर उनके हाल के बारे में जान सकते हैं जिससे कि सामने वाले व्यक्ति को आप आपकी भावना को पहुंचा सकते हैं.

और आपने देखा होगा कि इतिहास की सभी साहित्य आज लिखी स्वरूप में उपलब्ध है जिससे कि आने वाली पीढ़ी को आप के इतिहास के बारे में अच्छी जानकारी हो इसलिए इस भाषा का उपयोग इतिहास को संभाल कर रखने के लिए भी किया जाता है.

सांकेतिक भाषा –

संकेतिक भाषा का उपयोग किसी भी विचारों को सामने वाले व्यक्ति को सांकेतिक रूप में समझे जाने वाली भाषा को सांकेतिक भाषा कहते हैं.

मतलब अगर आपको सामने वाले व्यक्ति को किसी चीज संबंधित जानकारी देना चाहते हो तो आप उनको एक विशिष्ट सांस्कृतिक रूप, इशारो में उस चीज के बारे में जानकारी दे सकते हैं.

आपने देखा होगा आज के जीवन में भी ऐसे बहुत सारे सांकेतिक भाषा का उपयोग किया जाता है जिससे कि आप सामने वाले व्यक्ति से बात कर सकते हैं. जैसे कि सीटी मार के.

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समाप्त

तो यहां पर हमारी इस भाषा के कितने रूप होते हैं, भाषा के कितने रूप है – Bhasha Ke Kitne Roop Hote Hain, Bhasha Ke Kitne Roop Hai पोस्ट को समाप्त करते हैं उम्मीद है आपको भाषा के कितने रूप होते हैं इसी के साथ भाषा किसे कहते हैं के बारे में संपूर्ण जानकारी मिल गई होगी इसी तरह और भी अच्छी से अच्छी जानकारी जानने के लिए हमारे वेबसाइट को विजिट करते रहे क्योंकि हम आपके लिए ऐसे ही अच्छी से अच्छी जानकारी लाते रहेंगे

भाषा के कितने रूप हैं उनके तीन तीन उदाहरण दीजिए?

भाषा के मुख्यतः तीन प्रकार है मौखिक भाषा, लिखित भाषा और सांकेतिक भाषा इस तीन रूपों का उपयोग करके आप आपके विचारों को सामने वाले व्यक्ति को बता सकते हो.

भाषा के 3 प्रकार कौन से हैं?

भाषा के तीन भेद होते हैं- 1. कथित भाषा 2. लिखित भाषा 3. सांकेतिक भाषा .

भाषा के प्रमुख रूप कौन कौन से हैं?

'बोली' किसी भाषा के एक ऐसे सीमित क्षेत्रीय रूप को कहते हैं ध्वनि, रूप, वाक्य-गठन, अर्थ, शब्द-समूह तथा मुहावरे आदि की दृष्टि से उस भाषा के परिनिष्ठित तथा अन्य क्षेत्रीय रूपों से भिन्न होता है, किंतु इतना भिन्न नहीं कि अन्य रूपों के बोलने वाले उसे समझ न सकें, साथ ही जिसके अपने क्षेत्र में कहीं भी बोलने वालों के उच्चारण, ...

भाषा मुख्य रूप में कितने प्रकार के होते हैं?

भाषा के तीन प्रकार होते है :.
मौखिक भाषा.
लिखित भाषा.
सांकेतिक भाषा.