भारत द्वारा परमाणु नीति अपनाने का क्या कारण था? - bhaarat dvaara paramaanu neeti apanaane ka kya kaaran tha?

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के चुनावी घोषणा पत्र में भारत की परमाणु हथियार नीति में बदलाव लाने की बात कही गई है. इसका मतलब यह हुआ कि पहले परमाणु बम का प्रयोग न करने की नीति को भाजपा बदलना चाहती है.

हालांकि भाजपा में इस बारे में विस्तार से जानकारी नहीं दी है कि वह इस नीति में किस तरह का बदलाव लाएगी.

परमाणु नीति का मामला इतना संवेदनशील है कि इस पर सार्वजनिक बातचीत नहीं कर सकते. यह नीतियों के स्तर का मामला है. यह कोई खेल नहीं है कि इस पर बात करने से किसी पार्टी की लोकप्रियता में इज़ाफ़ा हो.

मई 1998 में भाजपा के ही नेतृत्व वाली राजग सरकार ने परमाणु परीक्षण करने के बाद परमाणु हथियारों का पहले प्रयोग न करने की नीति अपनाई थी.

इसके हफ़्ते भर बाद ही पड़ोसी पाकिस्तान ने परमाणु परीक्षण किया था. लेकिन उसने पहले प्रयोग न करने का कोई वादा नहीं किया था.

भाजपा ने 2009 के चुनाव में इस तरह की घोषणा नहीं की थी. लेकिन उसने साल 2014 में अपनी इस नीति में बदलाव लाने की घोषणा की है.

यह बहुत ख़तरनाक़ बात है. हालांकि भाजपा ने अभी यह साफ़ नहीं किया है कि वह इस नीति में बदलाव कैसे लाएगी. लेकिन अगर वह ऐसा करती है तो भारत को परमाणु संपन्न देश के रूप में जो मान्यता मिली है, उस पर असर पड़ेगा.

भारत की परमाणु हथियारों के पहले प्रयोग की नीति की वजह से परमाणु के शांतिपूर्ण प्रयोग को देखते हुए ही ऑस्ट्रेलिया और अन्य देश उसे यूरेनियम की आपूर्ति कर रहे हैं. लेकिन परमाणु नीति में बदलाव का इस पर बहुत असर पड़ेगा.

भारत ने जब 1998 में परमाणु परीक्षण किया था तो, उस समय के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था कि यह चीन को ध्यान में रखकर किया गया है.

इसका एक दूसरा पहलू यह है कि पाकिस्तान सैन्य प्रयोग के लिए परमाणु हथियार बना रहा है. शायद पार्टी चाहती है कि भारत भी इस तरह के हथियार बनाए. हालांकि भारत ने ऐसे हथियार नहीं बनाए हैं. लेकिन अगर ऐसा होता है, तो यह बहुत ही ख़तरनाक़ होगा.

पिछले कुछ सालों में भारत ने परमाणु हथियारों का पहले प्रयोग न करने की नीति अपनाकर दुनिया को यह दिखाया है कि वह आक्रामक देश नहीं है. भारत अगर आक्रामक परमाणु नीति अपनाता है तो उसके काफ़ी नकारात्मक परिणाम होंगे.

लोकसभा चुनाव के लिए जारी प्रचार अभियान में भाजपा के प्रधानमंत्री पद के दावेदार नरेंद्र मोदी विकास पर ज़ोर दे रहे हैं. वहीं पार्टी के घोषणा पत्र में इस तरह की आक्रामक बातें की जा रही हैं, जिससे की भारत के दुनिया के अन्य देशों से व्यापारिक रिश्ते प्रभावित भी होंगे.

शांतिपूर्ण प्रयोग के लिए भारत की कई देशों के साथ यूरेनियम आयात पर बातचीत चल रही है. इस नीति में बदलाव से उस पर काफ़ी असर पड़ेगा.

भारत की अमरीका ने पिछले कुछ सालों में काफ़ी मदद की है. उसके साथ भारत ने साल 2008 में परमाणु समझौता भी किया था. अगर भारत अपनी नीति में बदलाव करता है, तो उसका परमाणु समझौते पर बुरा असर पड़ेगा.

भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने साल 1998 में परमाणु परीक्षण किया था. इससे भाजपा ने यह दिखाया था कि वह एक मज़बूत इरादों वाली पार्टी है.

उसने पहले प्रयोग न करने की नीति जो बनाई, वह बेहतरीन थी. उसका काफ़ी हद तक भारत को फ़ायदा भी मिला. लेकिन पार्टी अगर परमाणु नीति में बदलाव लाने की बातचीत भी कर रही है तो यह बहुत ही ख़तरनाक़ चीज हैं. यह नीतिगत मसला है और इस पर सार्वजनिक बहस नहीं हो सकती.

(बीबीसी संवाददाता अशोक कुमार से हुई बातचीत पर आधारित)

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आपका पूछा गया प्रश्न भारत द्वारा परमाणु नीति अपनाने का निम्न में से क्या कारण है जीत उसका उत्तर मैं आपको बताना चाहता हूं उसको भारत द्वारा परमाणु नीति अपनाने का यही कारण है कि भारत जो है परमाणु इसलिए माना जाता है क्योंकि कोई भी युद्ध हो तो उसमें परमाणु भारत की सहायता करें तो परमाणु बम इसीलिए अपनाया गया है

aapka poocha gaya prashna bharat dwara parmanu niti apnane ka nimn mein se kya karan hai jeet uska uttar main aapko bataana chahta hoon usko bharat dwara parmanu niti apnane ka yahi karan hai ki bharat jo hai parmanu isliye mana jata hai kyonki koi bhi yudh ho toh usme parmanu bharat ki sahayta kare toh parmanu bomb isliye apnaya gaya hai

आपका पूछा गया प्रश्न भारत द्वारा परमाणु नीति अपनाने का निम्न में से क्या कारण है जीत उसका

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भारत द्वारा परमाणु नीति अपनाने का क्या कारण है?

भारत की परमाणु नीति का उद्देश्य देश की सुरक्षा और प्रतिरक्षा सुनिश्चित करना है । इसी कारण भारत ने 1974 में परमाणु परीक्षण करने के बाद भी 1998 तक परमाणु हथियार नहीं बनाए थे । परंतु नियंत्रण की दृष्टि से परमाणु हथियारों के विकास का विकल्प खुला रखा ।

भारत की परमाणु नीति के क्या उद्देश्य हैं?

भारत की परमाणु नीति का मूल सिद्धांत- पहले उपयोग नहीं है, (No First Use) जो भारत को विश्व के अन्य देशों से अलग बनाता है। इस नीति के अनुसार भारत किसी भी देश पर परमाणु हमला तब तक नहीं करेगा जब तक कि शत्रु देश भारत के ऊपर हमला नहीं कर देता हैभारत अपनी परमाणु नीति को इतना सशक्त रखेगा कि दुश्मन के मन में भय बना रहे।

भारत की परमाणु नीति क्या है बताइए?

मुख्य रूप से, भारत का परमाणु सिद्धांत इस विचार पर आधारित है कि वह भारत, उसके राज्यों या उसकी सेना के खिलाफ परमाणु हथियारों का उपयोग करने के देश के प्रयास के लिए प्रतिशोध में केवल परमाणु हथियारों का उपयोग करेगा।

भारत ने अपनी परमाणु नीति की घोषणा कब की?

वर्ष 1998 में पोखरण में दूसरे परमाणु परीक्षण के पश्चात् भारत ने स्वयं को परमाणु क्षमता संपन्न देश घोषित कर दिया, इसके साथ ही एक परमाणु नीति की आवश्यकता महसूस की गई। वर्ष 1999 में परमाणु नीति का ड्राफ्ट प्रस्तुत किया गया तथा इसके तीन वर्ष से भी अधिक समय पश्चात् सुरक्षा पर कैबिनेट समिति (CCS) ने परमाणु नीति की घोषणा की।