भारत में स्वास्थ्य शिक्षा की क्या भूमिका है? - bhaarat mein svaasthy shiksha kee kya bhoomika hai?

विषयसूची

  • 1 शिक्षा एवं स्वास्थ्य से शारीरिक शिक्षा का क्या जुड़ाव है?
  • 2 शिक्षा का स्वास्थ्य से क्या संबंध है?
  • 3 शारीरिक शिक्षा के अंतर्गत संचार माध्यमों में निम्न में से कौन सा कैरियर विकल्प है?
  • 4 योग का शैक्षिक महत्व क्या है?

शिक्षा एवं स्वास्थ्य से शारीरिक शिक्षा का क्या जुड़ाव है?

इसे सुनेंरोकें1. शारीरिक शिक्षा व्यक्ति के सर्वांगीण विकास में सहायक है। 2. शारीरिक शिक्षा का उद्देश्य उत्तम स्वास्थ्य प्राप्ति एवं प्रत्येक व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक और ___ भावनात्मक रूप से तंदुरूस्त बनाना है।

शिक्षा के क्षेत्र में शारीरिक शिक्षा क्यों आवश्यक है?

इसे सुनेंरोकेंशारीरिक शिक्षा सुनते ही मनुष्य समझ जाता है कि मानव शरीर के विषय में बात हो गी। हमारा शरीर ईश्वर का दिया हुआ सब से हसीन तोहफ़ा है। यदि हमारा शरीर स्वस्थ न हो तो हम किसी भी क्षेत्र में सफलता की ऊंचाई तक नहीं पहुँच सकते। शारीरिक शिक्षा से मानसिक शक्ति का विकास होता है, सौंदर्य में निखार तथा रोगों का निवारण होता है।

इसे सुनेंरोकेंस्वास्थ्य किसी बालक के संपूर्ण विकास के लिए जरूरी निवेश है और यह विशेष तौर पर उसके नामांकन, ठहराव और स्कूल के समापन को प्रभावित करता है। यह विषय क्षेत्र स्वास्थ्य की समग्र परिभाषा को ग्रहण करता है जिसके अंतर्गत शारीरिक शिक्षा और योग बच्चे के शारीरिक, सामाजिक, भावात्मक और मानसिक विकास में योगदान करते हैं।

भारत में स्वास्थ्य शिक्षा की क्या भूमिका है?

इसे सुनेंरोकेंइस तरह स्वास्थ्य शिक्षा बच्चों, नौजवानों, प्रौढ़ों और समस्त समाज पर बुरा असर डालने वानी कई समस्याओं को दूर करने में अहम भूमिका निभाती है। स्वास्थ्य शिक्षा का महत्त्व इसलिए है क्योंकि यह शिक्षा परिवार व समाज में अच्छे स्वास्थ्य और सुरक्षित रीति-रिवाज व आदतों के महत्त्व के प्रति स्पष्ट दृष्टिकोण विकसित करती है।

शिक्षा का स्वास्थ्य से क्या संबंध है?

इसे सुनेंरोकेंस्वास्थ्य शिक्षा (Health Education) ऐसा साधन है जिससे कुछ विशेष योग्य एवं शिक्षित व्यक्तियों की सहायता से जनता को स्वास्थ्यसंबंधी ज्ञान तथा औपसर्गिक एवं विशिष्ट व्याधियों से बचने के उपायों का प्रसार किया जा सकता है।

योग एवं स्वास्थ्य शिक्षा से क्या तात्पर्य है?

इसे सुनेंरोकेंजो व्यक्ति शारीरिक, मानसिक और समाजिक दृष्टि से स्वस्थ है वही व्यक्ति शारीरिक रूप से हष्टपुष्ट होने के कारण जीवन शक्ति से पूर्ण, भावात्मक, संवेगात्मक, अध्यात्मिक, रूप से सहनशील एवं Page 12 6 [ डी.एल.एड.(द्वितीय वर्ष) चिन्तारहित होता है और समाजिक दृष्टि से सहयोगी, परोपकारी, निस्वार्थी तथा दूसरों का सम्मान करने वाला होता …

देश की प्रगति में शिक्षा और स्वास्थ्य को रीढ़ क्यों कहा जाता है चर्चा करें?

इसे सुनेंरोकेंअध्यापकों की कार्य-कुशलता ‘ गुरु, अध्यापक या आचार्य से एक अपेक्षा तो समाज तथा हर व्यक्ति को होती है कि उनका अपना आचरण अनुकरणीय हो, क्योंकि वे राष्ट्र की भावी पीढ़ी का निर्माण करते हैं, वे ही राष्ट्र निर्माण की संरचना को मजबूती देते हैं, वे ही राष्ट्र निर्माण के आधार स्तंभ हैं।

शारीरिक शिक्षा के अंतर्गत संचार माध्यमों में निम्न में से कौन सा कैरियर विकल्प है?

इसे सुनेंरोकेंशारीरिक शिक्षा के अन्तर्गत संचार माध्यमों मेंनिम्न में से कौन सा कैरियर विकल्प है? १४- खेल पत्रकारिता

स्वास्थ्य शिक्षा से आप क्या समझते हैं स्वास्थ्य शिक्षा के उद्देश्यों का वर्णन कीजिए?

इसे सुनेंरोकेंस्वास्थ्य शिक्षा का अर्थ एंव इसके लक्ष्य और उद्देश्य- स्वास्थ्य शिक्षा वह शिक्षा है जिसके द्वारा स्वास्थ्य सम्बन्धी ज्ञान को व्यक्तिगत एवं सामाजिक स्तर पर व्यावहारिक रूप में परिवर्तित करने का प्रयास किया जाता है, जिसमें न केवल एक व्यक्ति के स्वास्थ्य की रक्षा हो बल्कि संपूर्ण समाज के स्वास्थ्य की रक्षा की जा सके।

योग शिक्षा से क्या तात्पर्य है?

इसे सुनेंरोकेंयोग शिक्षा ही सही अर्थों में जीवन को सही ढंग से जीने की कला है, शिक्षा है। 1. योग की शिक्षा अथवा योग का ज्ञान रीढ़ की हड्डी तथा शारीरिक मांसपेशियों के उचित गठन, नियंत्रण तथा लचीला और शक्तिशाली बनाने में सहायता देता है।

योग का शैक्षिक महत्व क्या है?

इसे सुनेंरोकेंयोग शिक्षा से सकारात्मक सोचने की शक्ति बढ़ती है। जिससे बच्चा अपने संवेगों पर नियंत्रण रखते हुए विभिन्न कार्यों को कुशलतापूर्वक करने लगता है। इस तरह योग व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक, सामाजिक, नैतिक, भावनात्मक एवं आध्यात्मिक ऊँचाईयों को छूने में भरसक सहायता प्रदान करता है।

राधे-राधे, आदाब, सत्यश्रीअकाल, हैलो मेरे प्यारे दोस्तों तो कैसे हो आप सब? दोस्तों अगर मै आपसे कहता हूँ की सिर्फ कुछ पल के लिए सोचो की किसी व्यक्ति के पास “स्वास्थय और शिक्षा (Health and Education)” ये दो चीज उसके जीवन में न हो तो कैसा होगा उसका जीवन, और आज के दौर में तो इनकी अहमियता मानो जैसे अतुलनीय है, जैसा की दोस्तों मुझे बताने की जरुरत नहीं है ये महामारी हमे हमारी स्वास्थय और स्वास्थय व्यवस्था दोनों से परिचित करवा रहा है।

भारत में स्वास्थ्य शिक्षा की क्या भूमिका है? - bhaarat mein svaasthy shiksha kee kya bhoomika hai?
Health and Education

दोस्तों मै जबभी सोचता हूँ की कोई भी देश तरक्की कर रहा है या तरक्की कर चूका है तो उन्होंने ये कैसे की होगी पहले मै भी सोचता था की उनके पास अच्छी तकनीकीकरण है, विज्ञान है, अंतरिक्ष में आगे हैं, काबिलियत है या फिर वो देश अमीर है, लेकिन फिर ख्याल आया की ये तो और भी देश में होते हैं तो वो तरक्की क्यों नहीं करते फिर अध्यन करने पर समझ आया की उनके तरक्की के पीछे उन्होंने “मानव पूंजी” पे ध्यान दिया है।

  • मानव पूंजी क्या होता है?
  • स्वास्थय और शिक्षा का महत्व।
  • भारत में स्वास्थय और शिक्षा प्रणाली।

मानव पूंजी क्या होता है?

तो दोस्तों अब आप पूछ सकतें हैं की ये “मानव पूंजी” क्या होता है? तो मै बता दूँ की जिस देश में अगर “स्वास्थय और शिक्षा (Health and Education) को पहली प्राथमिकता” दी जाती है वहाँ खुद ब खुद ऐसे मनुष्य तैयार होते हैं जो अपने देश या समाज को आगे चल के भविस्य में तरक्की करने में सहायक होंगे क्यूंकि उन्होंने पहले ही उस व्यक्ति के स्वास्थय के साथ शिक्षा पे भी ध्यान दिया है इसलिए अब वो व्यक्ति अपने देश और समाज के लिए सम्पत्ति की तरह काम कर रहा है, जो अपने काम से अपने देश में भी योगदान कर सकेगा।

दोस्तों मुझे आपको एक कहानी सुनाने की इच्छा हो रही है:-

दो दोस्त थे राम और श्याम दोनों ने विचार किया की वो अपने बगीचे में पेड़ लगाएंगे तो दोनों ने अपने बगीचे में आम के 3-4 पेड़ लगाएं उसके बाद क्या देखने मिला की राम हमेशा अपने पेड़ पे ध्यान देता उनकी सेवा करता उनको समय से पानी और अच्छी खाद देता और ऐसा वो प्रतिदिन ही करता, लेकिन श्याम अपने कामों में थोड़ा ज्यादा व्यस्त रहता था और वो हमेशा अपने पेड़ पर ध्यान नहीं दे पाता था, उनकी सेवा भी अच्छे से नहीं कर पाता था कभी-कभी उनको पानी दे दिया करता था, तो कुछ समय के बाद जो राम के आम के पेड़ थे वो उसे फल, ऑक्सीजन, छाओं, और ठंडी हवा ये सब प्रदान कर रहें थे लेकिन वहीँ श्याम के आम के पेड़ तो बेचारे बड़े ही नहीं हुए वो मर गए।

तो दोस्तों इस प्रकार राम ने अपने पेड़ के सेहत का ध्यान रखा तो भविस्य में उसके पेड़ ने उसे अपनी सम्पत्ति प्रदान की।

ठीक इसी प्रकार मेरा मानना है और आशा करता हूँ आप भी ऐसा ही सोचते होंगे की हम सबको हमारी पहली प्राथमिकता अपने स्वास्थय और शिक्षा को बनानी चाहिए और मैं अपने इस लेखन के माध्यम से सरकार से भी कहना चाहूंगा की वो पहली प्राथमिकता स्वास्थय और शिक्षा को दे तो देश खुद से ही तरक्की की सीढियाँ चढ़ेगा।

स्वास्थय और शिक्षा का महत्व।

क) स्वास्थय और शिक्षा अच्छी होने के कारण हमारे रहने-खाने सभी चीजों की शैली में बदलाव आ जाता है क्यूंकि हमे मालूम होता है की हमारे लिए क्या अच्छा है और इसका ज्ञान शिक्षा ही देती है।

ख) अच्छी स्वास्थय और अच्छी शिक्षा होने से हम अपने जीवन स्तर की शैली को अच्छा कर पातें हैं और अपने साथ-साथ अपने परिवार का भी ध्यान और उन्हें खुश रख पातें है।

ग) अच्छा स्वास्थय और अच्छी शिक्षा हमे अपने सामने अच्छा जीवन जीने के लिए बहुत सारे अवसर भी प्रदान करता है।

घ) अच्छा स्वास्थय और अच्छी शिक्षा अक्सर हमारे जीवन में खुशियां ही लेकर आता है।

ङ्ग) अच्छी स्वास्थय और शिक्षा से हम अपने काम को और उत्साह से पूर्ण कर पातें हैं जिससे अपने काम के प्रति हमारा योगदान और अधिक हो जाता है।

अगर मैं आपसे पूछूँ की इस दुनिया का सबसे अमीर आदमी कौन है, तो आप किसी व्यक्ति विशेष का नाम बताएँगे लेकिन मैं सोचता हूँ की “दुनिया में हर एक आदमी जो की अपने शरीर से स्वस्थ है उसे कोई तकलीफ या किसी प्रकार का रोग नहीं है तो वो दुनिया का सबसे अमीर आदमी है और सुखी भी

भारत में स्वास्थय और शिक्षा प्रणाली।

दोस्तों हमारे देश में स्वास्थय और शिक्षा के मामले में हम तरक्की तो कर चुके हैं और इसे बेहतर बनाने के लिए प्रयाश जारी भी हैं, देखा जाये तो और देशो के मुकाबले हम पीछे भी नहीं हैं सबके कंधो से कंधे हम भी मिला कर चल रहे हैं, फिर आपके मन में सवाल आएगा की जब हम स्वास्थय और शिक्षा में इतने अच्छे हैं तो इतनी समस्या क्यों देखने मिलती है, तो वो इसलिए क्यूंकि हमारा देश अपने कुल सकल घरेलू उत्पाद का केवल 1.2%स्वास्थय पर खर्च करती है जिसके लिए सरकार को कम से कम 3% खर्च करने की सिफारिश की गयी है और शिक्षा में हमारा देश अपने कुल घरेलू उत्पाद का केवल 4.6% खर्च करता है जिसके लिए सरकार को कम से कम 6% खर्च करने की सिफारिस की गयी है।

तो दोस्तों अब आप ही बताइए की हमारे देश की जनसँख्या भी तो पुरे विश्व में दूसरे पायदान पर आती है और सरकार के द्वारा कम खर्च किये जाने पर स्वास्थय-शिक्षा अच्छी होने के कारण भी जन-जन के पहुँच से बाहर है, जिसके कारण हमे हमारे देश में अच्छी स्वास्थय और शिक्षा को लेकर समस्या देखने को मिलती है। सरकार को इन दोनों को जन-जन तक पहुँचाने की व्यवस्था करनी चाहिए जिसके लिए मेरे मन में यह विचार आता है की सरकार को इन तीन चीजों पे काम करना आवश्यक है:-

-> स्वास्थय और शिक्षा को जन-जन तक “उपलब्ध” कराना।

-> स्वास्थय और शिक्षा को जन-जन तक “सुलभ” बनाना।

-> स्वास्थय और शिक्षा को जन-जन को “किफायती” मूल्य पर प्रदान करना। 

तो इस तरह से कुछ हमारे और कुछ सरकार के योगदान से हमारा देश स्वास्थय और शिक्षा में पुरे विश्व में और अच्छा बन सकता है और भविस्य में अपने देश के लिए उच्च स्तर पे मानव पूंजी को तैयार कर सकता है।

इसलिए दोस्तों स्वास्थय और शिक्षा को हम सभी को पहली प्राथमिकता देनी चाहिए और इसके लिए सरकार ही सिर्फ इसकी जिम्मेदार नहीं है हम सबको भी अपने स्तर से अपने स्वास्थय-शिक्षा दोनों पर ध्यान देना चाहिए, वो हम कैसे कर सकतें हैं तो हम प्रतिदिन अपने शरीर को थोड़ा समय तो योग प्राणायाम, व्यायाम करने में दे ही सकतें हैं जिससे आपका स्वास्थय अच्छा रहे और अगर आपने अपने स्वास्थय का ध्यान खुद रखना शुरू कर दिया तो फिर किसी बाहर वाले की जरुरत नहीं पड़ेगी की वो आपके स्वास्थय का ध्यान रखे।

“अच्छा स्वास्थय एक निरोग्य जीवन देता है और अच्छी शिक्षा हमेशा जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा”

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शिक्षा स्वास्थ्य की क्या भूमिका है?

इस तरह स्वास्थ्य शिक्षा बच्चों, नौजवानों, प्रौढ़ों और समस्त समाज पर बुरा असर डालने वानी कई समस्याओं को दूर करने में अहम भूमिका निभाती है। स्वास्थ्य शिक्षा का महत्त्व इसलिए है क्योंकि यह शिक्षा परिवार व समाज में अच्छे स्वास्थ्य और सुरक्षित रीति-रिवाज व आदतों के महत्त्व के प्रति स्पष्ट दृष्टिकोण विकसित करती है।

स्वास्थ्य शिक्षा क्या है समझाइए?

स्वास्थ्य शिक्षा (Health Education) ऐसा साधन है जिससे कुछ विशेष योग्य एवं शिक्षित व्यक्तियों की सहायता से जनता को स्वास्थ्यसंबंधी ज्ञान तथा औपसर्गिक एवं विशिष्ट व्याधियों से बचने के उपायों का प्रसार किया जा सकता है।

स्वास्थ्य शिक्षा के क्या क्या लाभ है विस्तार से लिखिए?

स्वास्थ्य शिक्षा के निम्न लाभ है... जो लोग संतुलित भोजन नहीं लेते हैं वह अनेक रोगों से ग्रस्त हो सकते हैं। शारीरिक व्यायाम — स्वास्थ्य शिक्षा द्वारा व्यक्ति अपने शरीर को व्यायाम आदि द्वारा लचीला एवं सुदृढ़ बनाने जानकारी पाता है। इस तरह वो व्यायाम आदि द्वारा अपने शरीर को स्वस्थ और तंदुरुस्त रख सकता है।

स्वास्थ्य और शिक्षा के बीच क्या संबंध है?

स्वास्थ्य किसी बालक के संपूर्ण विकास के लिए जरूरी निवेश है और यह विशेष तौर पर उसके नामांकन, ठहराव और स्कूल के समापन को प्रभावित करता है । यह विषय क्षेत्र स्वास्थ्य की समग्र परिभाषा को ग्रहण करता है जिसके अंतर्गत शारीरिक शिक्षा और योग बच्चे के शारीरिक, सामाजिक, भावात्मक और मानसिक विकास में योगदान करते हैं।