Show NIRF Ranking 2020: IIT मद्रास ने पहले नंबर पर जगह बनाई है. नई दिल्ली: NIRF Ranking 2020 : अगर आप इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला लेना चाहते हैं तो यह खबर आपके काम आ सकती है. मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने भारत के टॉप इंजीनियरिंग कॉलेजों की रैंकिंग की घोषणा की है. नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (NIRF Rankings 2020) की लिस्ट में आईआईटी मद्रास (IIT Madras) को भारत के टॉप इंजीनियरिंग कॉलेजों की लिस्ट में पहले स्थान पर जगह मिली है. दूसरे स्थान पर आईआईटी दिल्ली (IIT Delhi) रहा है, जबकि तीसरे स्थान पर आईआईटी बॉम्बे (IIT Bombay) अपनी जगह बनाने में कामयाब रहा है. इस साल के टॉप 10 इंजीनियरिंग कॉलेजों में 9 आईआईटी कॉलेज शुमार हैं, जबकि सिर्फ एक ही नॉन-आईआईटी कॉलेज टॉप 10 की लिस्ट में अपनी जगह बना पाया है. पिछले साल 8 आईआईटी कॉलेज देश के टॉप 10 इंजीनियरिंग कॉलेज की लिस्ट में शामिल हुए थे, जबकि इस साल 10 टॉप इंजीनियरिंग कॉलेज की लिस्ट में 9 आईआईटी कॉलेज हैं. यह भी पढ़ेंये हैं भारत के
टॉप 10 इंजीनियरिंग कॉलेज इन आधार पर तय की जाती है रैंकिंग NIRF की रैंकिंग टीचिंग, लर्निंग और संसाधन, रिसर्च और प्रोफेशनल प्रैक्टिस, ग्रेजुएशन के परिणाम, धारणा आदि आधारों पर तय की जाती है. NIRF रैंकिंग हर साल अप्रैल के पहले सप्ताह में जारी की जाती है, लेकिन इस साल कोरोनावायरस के चलते इसमें देरी हो गई है. ये हैं 2020 के टॉप 3 मेडिकल कॉलेज 1.ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस, दिल्ली (AIIMS)
१९४७ में भारत की स्वाधीनता के बाद आई आई टी खड़गपुर की स्थापना उच्च कोटि के वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को प्रसिक्षित करने के लिए हुई थी। इसका संस्थागत ढांचा दूसरी IITओं की ही तरह है और इसकी प्रवेश की विधि भी बाकी IITओं के साथ ही होती है। आई आई टी खड़गपुर के छात्रों को अनौपचारिक तौर पर केजीपिअन् (KGPians) कहा जाता है। सभी IITओं में इसका कैम्पस क्षेत्रफल सबसे ज्यादा (२१०० एकड़) है[2] और साथ ही विभाग और छात्रों की संख्या भी सर्वाधिक है। आई आई टी खड़गपुर, इल्लुमिनेशन, रंगोली, क्षितिज और स्प्रिन्ग्फेस्ट जैसे अपने वार्षिक उत्सवों के कारण जाना जाता है। इतिहास[संपादित करें]भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, खड़गपुर का मुख्य भवन भारत में युद्धोपरांत औद्योगिक विकास हेतु उच्चतर तकनीकी संस्थानों कि स्थापना के लिए दो भारतीय शिक्षाविदों हुमायूँ कबीर और जोगेंद्र सिंह ने १९४६ में तत्कालीन पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री बिधान चन्द्र रॉय की मदद से एक कमिटी का गठन किया। इसके बाद नलिनी रंजन सरकार कि अगुवाई में २२-सदस्यीय एक कमिटी का गठन हुआ। अपने अंतरिम रिपोर्ट में कमिटी में देश के विभिन्न भागों में मैसाचुसेट्स प्रौद्योगिकी संस्थान (MIT) की तर्ज़ पर सम्बद्ध दूसरे दर्जे के संस्थानों के साथ उच्चतर तकनीकी संस्थानों कि स्थापना का प्रस्ताव रखा। रिपोर्ट में देश के चार भागों में प्रमुख संस्थानों कि जल्द स्थापना के लिए कार्य आरंभ करने पर जोर दिया गया, साथ ही यह भी कहा गया कि पूर्व और पश्चिम में संस्थानों की स्थापना अतिशीघ्र होनी चाहिए। उस वक़्त पश्चिम बंगाल में उद्योगों के सर्वाधिक केन्द्रीकरण की दलील देते हुए बिधान चन्द्र रॉय ने भारत के प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को इस बात के लिए राज़ी कर लिया कि पहले संस्थान की स्थापना पश्चिम बंगाल में ही हो। इस प्रकार पहले भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कि स्थापना मई १९५० में "Eastern Higher Technical Institute" के नाम से हुई। .[3] आरम्भ में संस्थान कोलकाता के पूर्वी एस्प्लेनेड में स्थित था और सितमबर १९५० में अपने स्थायी कैम्पस कोलकाता से १२० किमी दक्षिण पूर्व में हिजली, खड़गपुर में विस्थापित किया गया। जब अगस्त १९५१ में पहला सत्र आरम्भ हुआ, तब संस्थान में २२४ छात्र और १० विभागों में ४२ शिक्षक थे। सारी कक्षाएं, प्रयोगशालाएं और प्रशासनिक कार्यालय ऐतिहासिक हिजली कारावास शिविर (अभी शहीद भवन के नाम से जाना जाने वाला) में स्थित थे जहाँ कि अंग्रेजी शासन काल में राजनितिक क्रांतिकारिओं को बंदी बना कर रखा जाता था और प्राण दंड दिया जाता था। इस कार्यालय के भवन में ही द्वितीय विश्व युद्ध के वक़्त U.S. 20th Air Force का मुख्यालय भी था। १८ अगस्त १९५१ को मौलाना अबुल कलाम आज़ाद के द्वारा औपचारिक उद्घाटन से पूर्व "भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान" का नाम ग्रहण किया गया था। १५ सितम्बर १९५६ को भारतीय संसद ने "भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (खड़गपुर) अधिनियम" पारित कर दिया जिसके तहत संस्थान को "राष्ट्रीय महत्त्व के संस्थान" का दर्जा मिला। १९५६ में प्रधानमंत्री नेहरु ने संस्थान के पहले दीक्षांत अभिभाषण में कहा:[4]
शहीद भवन को १९९० में एक संग्रहालय के रूप में परिवर्तित कर दिया गया।[5] श्रीनिवास रामानुजन् परिसर को एक नए शैक्षणिक परिसर के तौर पर शामिल किया गया जहाँ तक्षशिला ने २००२ और विक्रमशिला ने २००३ में काम करना प्रारंभ किया। उल्लेखनीय पूर्व-छात्र[संपादित करें]
सन्दर्भ[संपादित करें]
IIT सबसे बढ़िया कौन सा है?आईआईटी मद्रास (IIT Madras). आईआईटी दिल्ली (IIT Delhi). आईआईटी बॉम्बे (IIT Bombay). आईआईटी खड़गपुर (IIT Kharagpur). आईआईटी रुड़की (IIT Roorkee). आईआईटी गुवाहाटी (IIT Guwahati). आईआईटी हैदराबाद (IIT Hyderabad). आईआईटी धनबाद (IIT Dhanbad). भारत का सबसे बड़ा इंजीनियरिंग कॉलेज कौन सा है?रूड़की विश्वविधालय भारत का पहला अभियांत्रिकी विश्वविधालय था जिसे भारत का सबसे अच्छा कॉलेज कैंपस कौन सा है?
सबसे पुराना आईआईटी कौन सा है?भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, खड़गपुर भारत सरकार द्बारा १९५१ में स्थापित अभियांत्रिकी (इंजीनियरिंग) और प्रौद्योगिकी -उन्मुख एक स्वायत्त उच्च शिक्षा संस्थान है। सात आईआईटी में यह सबसे पुरानी है।
भारत में कुल कितने IIT है?भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (अंग्रेज़ी: Indian Institute of Technology) भारत के 23 तकनीकी शिक्षा संस्थान हैं। ये संस्थान भारत सरकार द्वारा स्थापित किये गये "राष्ट्रीय महत्व के संस्थान" हैं।
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