कटनीPublished: Mar 19, 2020 09:08:04 pm Show
विजयंत युद्ध टैंक को आमजनों के देखने के लिए ओएफके में रखा गया, महाप्रबंधक ने आयुध निर्माणी संगठन के स्थापना दिवस के अवसर किया लोकार्पण.18 मार्च की सुबह ओएफके के महाप्रबंधक वीपी मुंघाटे ने विजयंत टैंक का किया लोकार्पण. कटनी. युद्ध में दुश्मनों के छक्के छुड़ाने वाली भारतीय सेना के अदम्य साहस का गवाह विजयंत टैंक को ऑर्डिनेंस फैक्ट्री कटनी (ओएफके) के मुख्य द्वार पर ईस्ट लैंड आवासीय परिसर में रखा गया। आयुध निर्माणी संगठन के 219 वें स्थापना दिवस के अवसर पर 18 मार्च को विजयंत टैंक को आमजनों के देखने के लिए खोल दिया गया। ये हैं भारत के स्वदेशी टैंक, कर सकते हैं किसी भी युद्ध का मुकाबला
भारतीय सेना के पास ऐसे आधुनिक टैंक हैं, जो जंग के मैदान में अपना लोहा मनवाते हैं. हम आपके लिए भारत के स्वदेशी टैंक की जानकारी लेकर आए हैं जो भारतीय सेना को और भी ज्यादा ताकतवर बनाते हैं.
धनुष टैंक : धनुष पूरी तरह से देश में ही बनी तोप है. जबलपुर गन कैरेज फैक्ट्री ने 155 एमएम की इस तोप को बनाया है तथा इसका डिजाइन गन कैरेज बोर्ड ने तैयार किया है.
T-55 एमबीटी टैंक: ये टैंक भारतीय सेना की रीढ़ रहा है. टी -54 और टी -55 टैंक द्वितीय विश्व युद्ध के बाद के वर्षों में शुरू किए गए सोवियत मुख्य युद्धक टैंकों की एक श्रृंखला है. यूनियन ऑफ सोवियत सोशलिस्ट रिपब्लिक (पहले यूएसएसआर और अब रूस) में निर्मित टी-55 टैंक का पाकिस्तान के खिलाफ 1971 के युद्ध में इस्तेमाल हुआ था.
विजयंत टैंक: हेवी वेहिकल फैक्टरी (आवड़ी) में निर्मित विजयंत टैंक में गोलाबारी करने की अपार शक्ति के साथ-साथ चौतरफा घूम फिरकर मार गिराने की क्षमता रखता है. यह टैंक सन् 1971 में भारत-पाक के बीच हुए युद्ध और कारगिल युद्ध में इस्तेमाल हुआ था.
नामिका: भारतीय सेना के लिए 'मेक इन इंडिया' के तहत 300 नाग एंटी-टैंक मिसाइलें बनाई गई हैं. ये जमीन से हमला करने वाली नाग एंटी-टैंक मिसाइल का वर्जन हैं. नाग एंटी-टैंक मिसाइल सिस्टम उन पांच मिसाइल सिस्टम में से एक है, जिनको भारतीय रक्षा अनुसंधान संगठन (DRDO) ने 1980 के दशक में विकसित करने की योजना बनाई थी.
भीष्म: टी-90 एस (भीष्म) को सबसे ताकतवर टैंक माना जाता है. भीष्म में रात में देखने में काम आने वाले उपकरण और हर तरह के गोले दाग सकता है.
अजेय टैंक: रूस में बना टी-72 टैंक अजेय के अपग्रेड मॉडल का जून 2011 में परीक्षण किया गया था. अब इस टैंक में स्वदेशी प्रणाली विकसित की गई है.
अर्जुन टैंक: इस टैंक का निर्माण भारत की ओर से किया गया है. अर्जुन टैंक में 120 मिमी में एक मेन राइफल्ड गन है जिसमें भारत में बने आर्मर-पेअरसिंग फिन-स्टेबलाइज़्ड डिस्कार्डिंग-सेबट एमुनीशन का प्रयोग किया जाता है.
सरथ टैंक: ये टैंक जमीन से लेकर पानी में चल सकता है. इस टैंक का निर्माण रूस में किया गया था. इसका परिक्षण जून 2011 में किया गया था. DRDO के वैज्ञानिकों ने इस टैंक में 1000 BPH क्षमता का इंजन लगाया है. इस टैंक में फायर कंट्रोल सिस्टम भी लगाया गया है. भारत के प्रथम युद्ध टैंक का नाम क्या है?अर्जुन टैंक का नाम महाभारत के पात्र अर्जुन के नाम पर ही रखा गया है।
भारत के पास कितने युद्धक टैंक है?भारतीय सेना के पास ऐसे करीब 700 टैंक हैं. इसकी ऑपरेशनल रेंज 325 किलोमीटर है. अधिकतम गति 51 किलोमीटर प्रतिघंटा है.
भारत में बने टैंक का नाम क्या है?जोरावर टैंक पूरी तरह से भारत में निर्मित है। इसका वजन करीब 25 टन है।
देश में निर्मित इस टैंक का नाम क्या है?देश में निर्मित उन्नत युद्धक टैंक अर्जुन मार्क-1ए का परीक्षण किया है। सेना में यह टैंक हंटर किलर के नाम से जाना जाता है। भारतीय सेना और डीआरडीओ ने संयुक्त रूप से पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में एक बार फिर देश में निर्मित उन्नत युद्धक टैंक अर्जुन मार्क-1ए का परीक्षण किया है।
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