विषयसूची श्री कृष्ण को चोर क्यों कहा गया है?इसे सुनेंरोकेंउन्होंने गोपियों को अपने रूप सौंदर्य में बांधकर गोपियों के चित्त को, उनके मन को चुरा लिया है। गोपियां उनके मन के वश में आ गयी हैं। उन्होंने गोपियों के चित्त का हरण कर लिया है, इसलिए कृष्ण को चोर कहा गया है। कृष्ण माखन क्यों चुराते थे?इसे सुनेंरोकेंउन्होंने कहा कि बृज की गोपियां मथुरा में माखन बेचने जाती थीं। मथुरा के राक्षश दूध, दही और माखन का सेवन कर शक्तिशाली हो रहे थे। दूध दही और माखन नहीं मिलने से बृजवासी कमजोर हो रहे थे। राक्षसों की शक्ति कम करने और बृजवासियों की शक्ति बढ़ाने के लिए श्रीकृष्ण माखन चुराकर बृजवासियों को खिलाते थे। श्री कृष्ण माखन कब चुराते हैं? इसे सुनेंरोकेंसुबह होते ही गोपियां और कान्हा के सखा उनकी प्रतीक्षा कर रहे हैं. कान्हा रोज़ कहीं न कहीं से माखन चोरी कर के अपने सखा को खिलाते हैं. मां कृष्ण को क्या खाने को नहीं देती थी? इसे सुनेंरोकेंवहीं पर गोपियां कृष्णा का नए नाम से पुकारती है- माखन चोर. सभी यशोदा के पास आ कर कृष्णा के माखन चोरी के बारे में बता देती हैं. यशोदा कहती हैं कि क्या कहेंगे लोग मां माखन खाने को नहीं देती इसलिए चोरी करते फिर रहा है. कवि ने माली मालिन किन्हें और क्यों कहा है?इसे सुनेंरोकेंकवि ने माली-मालिन कृष्ण और राधा को कहा है। क्योंकि कवि राधा कृष्ण के प्रेम मय युग को प्रेम भरे नेत्र से देखा है। यहां प्रेम को वाटिका मानते हैं और उस प्रेम वाटिका के माली मालिन कृष्ण राधा को मानते हैं। कविता के साथ 1 कवि ने माली मालिन किन्हें और क्यों कहा है?इसे सुनेंरोकेंरसखान ने माली-मलिन किन्हें और क्यों कहा है? उत्तर :- कवि ने माली-मालिन कृष्ण और राधा को कहा है। क्योंकि, कवि राधा-कृष्ण के प्रेममय युगल को प्रेम-भरे नेत्र से देखा है । यहाँ प्रेम को वाटिका मानते हैं और उस प्रेम-वाटिका के माली-मालिन कृष्ण-राधा को मानते हैं। माखन की चोरी से बचने के लिए श्रीकृष्ण क्या क्या दलीलें देते हैं? इसे सुनेंरोकेंissliye enhe chori ka nipun de rahe hai. श्री कृष्ण कैसे घर में मक्खन की चोरी के लिए घुसते थे? इसे सुनेंरोकेंउत्तर: बालक कृष्ण की शरारतें तथा नित्य प्रति माखन चुराने की आदत से तंग होकर गोपी यशोदा के पास शिकायत करने आती है कि कृष्ण दोपहर के समय सुनसान में घर आते हैं। दरवाजा खोलकर दही-माखन खाते हैं तथा साथियों को भी खिलाते हैं। वे ऊखल पर चढ़कर छींके पर रखा गोरस उतार लेते हैं। Iv माता यशोदा कृष्ण को खाने में क्या देती थी?इसे सुनेंरोकेंमाता यशोदा इसी बात का लाभ उठाकर श्रीकृष्ण को प्रलोभन देते हुए दूध पिलाती हैं कि अगर तुम रोज़ दूध पिओगे तो तुम्हारी चोटी भी बलराम भैया कि तरह मोटी व बड़ी होगी। सवैये का क्या अर्थ है?इसे सुनेंरोकेंसवैया [संज्ञा पुल्लिंग] 1. तौलने का एक बाट जो सवा सेर का होता है 2. एक छंद जिसके प्रत्येक चरण में सात भगण और एक गुरु होता है 3. वह पहाड़ा जिसमें एक, दो, तीन आदि संख्याओं का सवाया रहता है 4. गोपियों ने श्री कृष्ण को माखन चोर क्यों कहा है? इसे सुनेंरोकेंकृष्ण माता को देखकर हंसने लगे और बोले “मैया मैं नहीं माखन खायो।” इस पर माता बोली कि अपनी मैया से ही छूठ बोलते हो कृष्णा। कन्हैया की भोली-सी सूरत देखकर और उसकी प्यारी-सी बात सुकर माता ने कृष्ण को अपने गले लगा लिया और बोलने लगीं मेरा प्यारा नटखट माखन चोर। बस तभी से श्री कृष्ण को प्यार से माखन चोर कहकर बुलाया जाने लगा। श्रीकृष्ण अपनी माँ से क्या शिकायत करते हैं? इसे सुनेंरोकेंAnswer: गोपियाँ माँ यशोदा से कृष्ण की शिकायत क्यों करती हैं? कृष्ण उनके वस्त्र चुरा लेते हैं। कृष्ण उनकी मटकियाँ फोड़ देते हैं। पहले पद में श्रीकृष्ण माँ यशोदा से क्या शिकायत करते हैं?इसे सुनेंरोकेंचोटी न बढ़ने पर बालक कृष्ण माता यशोदा से यह शिकायत करते हैं कि “माँ तू तो कहा करती थी कि मेरी चोटी बलराम भैया की चोटी की तरह लंबी और मोटी हो जाएगी तथा बार-बार काढ़ते-गूँथते रहने से यह बड़ी होकर नागिन की तरह जमीन पर लोटने लगेगी पर ऐसा तो कुछ नहीं हुआ। मेरी चोटी अभी भी छोटी की छोटी ही बनी हुई है।” प्रेम वाटिका में कौन सा समास है?[ D ] कृष्ण की भक्ति संबंधी….क्लास 10th का हिंदी का ऑब्जेक्टिव 2021.
कवि ने माली माली ने किन है और क्यों कहा है? इसे सुनेंरोकेंकवि ने माली-मालिन किन्हें और क्यों कहा है? कवि ने माली-मालिन कृष्ण और राधा को कहा है। क्योंकि कवि राधा-कृष्ण के प्रेममय युग को प्रेम भरे नेत्र से देखा है। यहाँ प्रेम को वाटिका मानते हैं और उस प्रेम-वाटिका के माली-मालिन कृष्ण-राधा को मानते हैं। कृष्ण को माखन चोर क्यों कहते हैं?जब कृष्ण भगवान छोटे थे ,तो वह माखन चोरी करते थे, लेकिन यहां पर कृष्ण को माखन चोरी के संदर्भ में नहीं बल्कि गोपियों के मन को चुराने के संदर्भ में चोर कहा गया है। उन्होंने गोपियों को अपने रूप सौंदर्य में बांधकर गोपियों के चित्त को, उनके मन को चुरा लिया है। गोपियां उनके मन के वश में आ गयी हैं।
कृष्ण माखन कैसे चोरी करते थे?आइए कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर बाल गोपाल कन्हैया के जीवन से जुड़ी माखन चोरी की बाल लीलाओं के बारे में बताते हैं। एक बार कन्हैया अपने पास राखी मटकी से माखन खाने लगते हैं। अचानक उन्हें अपनी मणिस्तम्भ में स्वयं का प्रतिबिंब दिखा। कान्हा को लगा कि कोई नन्हा शिशु चोरी से उनका माखन चुराने आया है।
श्री कृष्ण कौन से समय मक्खन चोरी करने जाते थे?भगवान श्री कृष्ण ने यह जान लिया कि गोपियों के मन में ऐसा भाव है कि भगवान मेरे यहां भी माखन खाते। गोपियां भगवान श्री कृष्ण को मक्खन खिलाने के बहाने बुलाती और उनसे नाचने को बोलती गाने को बोलती और तब मक्खन खिलाती। फिर भगवान बाल मंडली बनाकर माखन चोरी की लीला करने लगे। एक बार एक गोपी के घर माखन चुराने गए।
कृष्ण ने चोरी से माखन न खाने के क्या कारण गिनाए?मेरे बेटे को बदनाम करने के लिए न जाने यहां की गोपियां क्या-क्या करेंगी। फिर शर्म से गोपी लौट रही थी कि भगवान श्री कृष्ण आगे से छेक कर रोके और उन्होंने कहा की तुम मुझे चोर बनाना चाहती थी। सारा धन मेरा ही है जो मेरा भोग लगाकर भोग नहीं खाता वह चोर है। चोर वह सारे लोग हैं जो मेरा भोग लगाकर नहीं खाते।
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