बेचैनी के क्या लक्षण होते हैं? - bechainee ke kya lakshan hote hain?

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एंग्जाइटी कई तरह से करती है परेशान, कहीं आप भी तो नहीं इससे जूझ रहे...

हेल्थ डेस्क. एंग्ज़ाइटी डिसऑर्डर सबसे सामान्य डिसऑर्डर है जो अमूमन 30 प्रतिशत युवाओं को ज़िंदगी में किसी न किसी समय प्रभावित करता है। एंग्ज़ाइटी एक सामान्य प्रक्रिया है लेकिन इसकी अधिकता के कई दुष्परिणाम होते हैं। इसका अधिक बढ़ना कई दिक्कतों का कारण बनता है। पारस हॉस्प्टिल की मनोचिकित्सक डॉ. ज्योति कपूर से जानते हैं इसके बारे में...


कैसे पहचानें 
किसी भी घटना की आशंका या उसके नतीजों को लेकर बेचैन हो जाना सबसे अहम लक्षण है। यह एंग्ज़ाइटी सामान्य है, लेकिन अत्यधिक चिंता मुश्किल खड़ी कर सकती है। एंग्ज़ाइटी कई तरह की हो सकती है। 


हर समय घबराहट होना 
हर समय पैसा, स्वास्थ्य, काम के बारे में डर और घबराहट महसूस होती है तो यह सामान्य एंग्ज़ाइटी डिसऑर्डर के लक्षण हैं। बिना कारण ही गड़बड़ की आशंका होना, सोचते-सोचते छोटी सी बात के सबसे बुरे परिणाम की कल्पना कर लेना इस श्रेणी में आते हैं। शारीरिक तौर पर दिल की धड़कन बढ़ना, पसीना आना, हाथ पैर कांपना, चक्कर आना, पेट खराब होना आदि इसके लक्षण हो सकते हैं। 

सबके सामने आने का डर 
जब व्यक्ति को सार्वजनिक जगहों पर लोगों के बीच में घबराहट महसूस होने लगती है, तो इसे सोशल एंग्ज़ाइटी डिसऑर्डर कहते हैं। यदि वे अपने कमरे में अकेले हों तो घबराहट महसूस नहीं होगी लेकिन बाहर निकलने के नाम से ही उनके हाथ-पांव फूलने लगते हैं। सामान्यत: यह किशोरावस्था से ही शुरू हो जाता है। इस तरह के डर से व्यक्ति की सामाजिक, पेशेवर ज़िंदगी बेहद मुश्किल हो सकती है।

 
पैनिक डिसऑर्डर 
घबराहट के साथ, दिल की धड़कन तेज़ होना, छाती में दर्द या पसीना आने लगना या किसी जगह ऐसा महसूस होने लगे कि यहां से निकल जाएं नहीं तो जान जा सकती है। ऐसे पैनिक अटैक आने लगते हैं। यह स्थिति 15 मिनट से आधा घंटा भी रह सकती है। 


डर का हावी होना 
कॉकरोच, चूहे, ऊंचाई से डर फोबिया कहलाते हैं। 'एगोराफोबिया' एक ऐसी ही स्थिति है जब किसी को भीड़ में डर लगने लगता है। ये लोग भीड़वाली जगह जाने से कतराते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि कुछ हो गया तो वे उस जगह से बाहर नहीं निकल पाएंगे। 

डिसऑर्डर का उपचार 

इसका उपचार मनोवैज्ञानिक तरीक़े और दवाइयों दोनों के साथ ही किया जाता है। कुछ समय के अंतराल पर जब व्यक्ति ख़ुद को संभालने लायक हो जाता है तो दवाइयां बंद कर दी जाती हैं।

 कॉग्नैटीव बिहेवियर थैरेपी 
सभी डिसऑर्डर्स के लिए यह थैरेपी समान है। इस तरह की थैरेपी में मन:स्थिति और ऐसी चीज़ों के बारे में बताया जाता है जो आपको करना चाहिए। जैसे ध्यान, पढ़ना अपने विचारों और व्यवहार में बदलाव लाना आदि। इसमें 12 से 16 हफ्तों का समय भी लग सकता है।

एक्सपोज़र थैरेपी 
आस-पास योजनाबद्ध तरीक़े से ऐसी चीज़ों को रखा जाता है जिनसे व्यक्ति को डर लगता है। फंडा सरल है, जितना आप डर का सामना करेंगे उतना डर कम होता जाएगा। अगर सोशल एंग्ज़ाइटी है तो हो सकता है किसी रेस्त्रां या स्टेडियम में ले जाया जाएगा। किसी कीड़े से डर हो तो पहले उसकी फोटो और फिर असल में उसे सामने लाया जाएगा। 

एक्सेप्टेंस एंड कमिटमेंट थैरेपी 
इस थैरेपी में घबराहट पैदा करने वाले नकारात्मक विचारों के बारे में अवगत होना और उन्हें स्वीकार करने के बारे में सिखाया जाता है। परेशान करने वाले विचारों पर नए और सकारात्मक द‌ृष्टिकोण से सोचने लगते हैं और जीवन को प्रभावित करने वाली किसी भी चीज़ को बदलने के लिए प्रतिबद्ध रहते हैं। 

बेचैनी के क्या लक्षण होते हैं? - bechainee ke kya lakshan hote hain?
Tips to control Anxiety

आजकल ज्यादातर लोगों के मुंह से एक शब्द ज्यादा सुनने में आ रहा है। वो शब्द है एंग्जायटी। एंग्जायटी को हिंदी भाषा में घबराहट या फिर बेचैनी भी कहते हैं। किसी चीज का तनाव लेना, किसी चीज से डरना, चिड़चिड़ापन महसूस होना ये सभी एंग्जायटी के लक्षण हैं। हालांकि कई बार कुछ बीमारियों से रिकवर करने के बाद भी लोगों को बेचैनी या फिर घबराहट की समस्या हो रही है। ऐसे में हम आपको कुछ टिप्स बताएंगे जिन्हें अपनाकर आपको आराम मिल सकता है। जानिए ये टिप्स क्या हैं और किस तरह से असरदार हैं।

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बेचैनी के क्या लक्षण होते हैं? - bechainee ke kya lakshan hote hain?

Image Source : INSTAGRAM/ACHHI.SEHAT

Vyayam

हल्का व्यायाम करें

अगर आपको एंग्जायटी की दिक्कत है तो आप अपने रुटीन में व्यायाम को शामिल करें। इस बात का ध्यान रखें कि आप कोई भी आसान व्यायाम करें। रोजाना सुबह उठते ही इसे करें। ऐसा करने से आपको राहत मिलेगी।

अकेलेपन से रहें दूर
लोगों को कई बार अकेलापन इतना ज्यादा खटकता है कि वो एंग्जायटी का कारण बन जाता है। अगर आपको घर में अकेलापन लगे और उस वक्त आपके आसपास कोई ना हो तो आप बेहिचक अपने दोस्तों या फिर परिवार के सदस्यों को फोन करें। ऐसा करने से आपको अच्छा महसूस होगा और अकेलापन नहीं लगेगा। इसके साथ ही आपका मन हल्का होगा।

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Image Source : INSTAGRAM/ JOAO_LABORINHO_LUCIO

Walk 

टहलने निकल जाएं
कई बार ऐसा होता है कि आप घर पर होते हैं और आपको बेचैनी महसूस होती है। अगर आपको इस तरह की दिक्कत महसूस हो तो आप घर से बाहर निकलें और थोड़ा टहलें। ऐसा करने से आपको ताजी हवा मिलेगी और राहत महसूस होगी।

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किसी भी मंत्र का जाप करें
कई बार ऐसा होता है कि आपको एंग्जाइटी अटैक तब आता है जब आप ऑफिस में हो। ऐसे में आप किसी भी मंत्र का जाप करें। कोशिश करें कि आंख बंद कर लें उस वक्त। ऐसा करने से शरीर और दिमाग दोनों शांत होंगे। आप 'ऊं' का उच्चारण कर सकते हैं। इससे आपको अच्छा महसूस होगा।  

किसी शांत जगह पर बैठ जाएं और लंबी सांस खींचे
कई बार मन इतना ज्यादा परेशान होता है कि आसपास किसी को देखने का मन नहीं करता। ऐसे में हो सकता है कि आपको घबराहट लगे। अगर आपके साथ भी ऐसा होता है तो किसी एकांत जगह पर कुछ देर के लिए बैठ जाएं। लंबी लंबी सांस लें और आंखों को कुछ देर के लिए बंद कर लें। इससे आपको आराम मिलेगा। 

Disclaimer: लेख में उल्लिखित सुझाव केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी फिटनेस व्यवस्था या चिकित्सकीय सलाह शुरू करने से पहले कृपया डॉक्टर से सलाह लें।  

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पूरे शरीर में बेचैनी का क्या कारण है?

तनाव, ब्लडप्रेशर, हाई कोलेस्ट्रोल के कारण भी एंग्जाइटी हो सकती है. Anxiety attack: आमतौर पर जीवन के प्रति निराशा और डर की भावना के कारण इंसान को एंजाइटी या बेचैनी होती है. हालांकि तनाव, ब्लडप्रेशर, हाई कोलेस्ट्रोल के कारण भी एंग्जाइटी हो सकती है.

घबराहट और बेचैनी होने के क्या कारण है?

हर व्यक्ति को किसी घटना, स्थिति को लेकर डर या चिंता रहती है। लेकिन अगर चिंता का स्तर लंबे वक्त तक बना रहे, या व्यक्ति इसे इग्नोर करे, तो यह एंग्जायटी अटैक का रूप ले लेती है। एंग्जायटी अटैक में व्यक्ति हर वक्त चिंता, डर और बेचैनी का अनुभव करता है। उसकी दिल की धड़कन तेज होने लगती है और घुटन की हद तक सांस फूलने लगती है।

मन में बेचैनी हो तो क्या करना चाहिए?

Anxiety: मन में बनी रहती है हर वक्‍त बेचैनी और घबराहट, तो इन 5 चीजों से बना लें हमेशा के लिए दूरी.
​शराब के सेवन से बचें कुछ लोग शराब सिर्फ इसलिए पीते हैं कि इससे चिंता दूर होती है। ... .
​प्रोसेस्ड फूड से रहें दूर ... .
​कैफीनयुक्त ड्रिंक्स से करें परहेज ... .
​प्रोटीन रहित स्मूदी ... .
​स्वीट ड्रिंक्स से बनाएं दूरी.

बेचैनी होने पर क्या खाना चाहिए?

घबराहट और बेचैनी यानि एन्जायटी होने पर जितना काम एलोपैथी दवा करती है, इसके समान ही फायदा सीताफल का सेवन करने से भी होता है। सीताफल का सेवन करने से दिमाग शांत हाेता है तो मन संतुलित अवस्था में आने लगता है। इस बात को शोध के जरिए साबित कर लिया गया है। इंटरनेशनल जर्नल में पब्लिकेशन की मिली मंजूरी....