अलकायदा ने अमेरिका पर हमला क्यों किया? - alakaayada ne amerika par hamala kyon kiya?

इंटरनेशनल डेस्क. अमेरिका आज तक 9/11 आतंकी हमले का दर्द नहीं भूला पाया है। 2001 में इसी तारीख को आतंकी संगठन अल-कायदा ने अमेरिका पर सबसे बड़े हमले को अंजाम दिया था। एक डॉक्युमेंट्री में इस हमले को लेकर कुछ नए दावे किए गए हैं। डॉक्युमेंट्री में कहा गया है कि लादेन अपना परिवार टूटने से दुखी था और इसके लिए वो अमेरिका को जिम्मेदार मानता था। इसी वजह से उनसे अमेरिका पर इतने बड़े हमले को अंजाम दिया।

निजी वजहों से किया हमला : हिस्ट्री चैन की डॉक्युमेंट्री 'रोड टू 9/11' के मुताबिक, ओसामा ने निजी वजहों से अमेरिका पर हमला किया था। डॉक्युमेंट्री में तीन हिस्सों में दिखाया गया है कि कैसे करीब एक दशक पहले से एक के बाद एक घटनाएं घटीं और इस हमले की वजह बनीं। डॉक्युमेंट्री के मुताबिक, 90 के दशक में ओसामा अपनी फैमिली के साथ सूडान में आराम की जिंदगी गुजार रहा था। इसी बीच अमेरिकी सरकार ने ओसामा को सूडान से बाहर निकालने के लिए वहां की सरकार पर दबाव बनाया और उसे देश छोड़ना पड़ा। लादेन के पास रहने के कुछ ही विकल्प थे। वो यहां से अपने परिवार को लेकर अफगानिस्तान पहुंचा, लेकिन उस वक्त हालात काफी खराब थे।

हालात के पत्नी ने दिया तलाक : अफगानिस्तान करीब एक दशक से सोवियत यूनियन से जंग का सामना कर रहा था और इसके चलते वहां बिजली जैसी बुनियादी सुविधाओं भी नहीं थी। डॉक्युमेंट्री के मुताबिक, ऐसे माहौल के बीच ओसामा की दूसरी वाइफ खदीजा शरीफ ने रहने से इनकार कर दिया। खदीजा पेशे से यूनिवर्सिटी लेक्चचर थी। खदीजा ओसामा को तलाक देकर अपने बेटे के साथ सउदी अरब चली गई, जिससे ओसामा बहुत दुखी हो गया था।
- ओसामा अपना परिवार टूटने के लिए अमेरिका को जिम्मेदार मानता था, क्योंकि अमेरिका के दबाव में ही उसे सूडान छोड़ना पड़ा था। 9/11 हमलों पर लिखी लॉरेंस राइट की किताब लूमिंग टावर में भी इस बात का जिक्र किया गया है कि लादेन को तलाक से बहुत झटका लगा था।

अमेरिका के खिलाफ जंग का एलान : डॉक्युमेंट्री के मुताबिक, इन्हीं घटनाओं के बाद लादेन ने अमेरिका के खिलाफ जंग का 12 पन्नों का घोषणापत्र लिखा था। डॉक्यपमेंट्री के राइटर स्टीव कोल के मुताबिक, ओसामा अमेरिका को न सिर्फ इस्लामिक दुनिया की बल्कि अपनी पर्सनल लाइफ की तबाही के लिए भी जिम्मेदार मानता था। कोल के मुताबिक, ‘अमेरिका ने ओसामा को अफगानिस्तान भेजकर ये सोच लिया था कि दुनिया जल्द ही उसे भुला देगी, लेकिन इसके उलट उसने अमेरिका के खिलाफ जंग का फरमान ही जारी कर दिया।’

9/11 हमले (9/11 Attack) के बाद अफगानिस्तान में अलकायदा केंद्रित था. लेकिन अमेरिका ने उस पर हमला कर उसे विभाजित कर दिया. जहां से वह दुनिया के विभिन्न हिस्सों में फैल गया. अब अलकायदा अपने नए-नए रूपों में एशिया और अफ्रीका जैसे महाद्वीपों में फैल चुका है जिसे तबाह करना नामुमकिन हो गया है.

अलकायदा ने अमेरिका पर हमला क्यों किया? - alakaayada ne amerika par hamala kyon kiya?

क्या अमेरिका ने 9/11 आतंकी हमले का बदला सच में ले लिया है?

अमेरिका (America) के पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश (George W. Bush) ने 11 सितंबर 2001 (9/11 Attack) के आतंकी हमले के बाद आतंक के खिलाफ एक युद्ध छेड़ने की घोषणा की थी. उन्होंने यूएस कांग्रेस की सभा को संबोधित करते हुए कहा था, ‘आतंकवाद के खिलाफ हमारा युद्ध अलकायदा (Al-Qaeda) से शुरू होता है. लेकिन यह तब तक खत्म नहीं होगा जब तक कि दुनिया के हर आतंकवादी समूह को ढूंढा, रोका और पराजित नहीं किया जाता.’ लेकिन आज 9/11 हमले के 20 साल बाद क्या अमेरिका अपने कहे उस बात पर खरा साबित हुआ है या फिर उसने एक अलकायदा को खत्म करने के लिए जो रणनीति बनाई उसने कई और अलकायदा दुनिया भर में खड़े कर दिए.

अमेरिका ने जिस आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक युद्ध छेड़ा था, उसमें पहला पड़ाव अफगानिस्तान (Afghanistan) था. जहां शुरुआती दौर में अमेरिका कहर बनकर तालिबान (Taliban) पर टूटा और उसने अफगानिस्तान से तालिबान की सरकार को उखाड़ फेंका. यहां तक कि 9/11 हमले के मास्टरमाइंड ओसामा बिन लादेन को भी पाकिस्तान के एबटाबाद से ढूंढ कर खत्म कर दिया. लेकिन इन सबके बावजूद भी अमेरिका ना अल कायदा को खत्म कर पाया ना ही वैश्विक रूप से बढ़ रहे आतंकवाद को.

हालांकि अफगानिस्तान से तालिबान की सत्ता जाने के बाद और ओसामा बिन लादेन की मौत के बाद अलकायदा जरूर टूट गया था. लेकिन उसे 2003 के अमेरिकी आक्रमण के बाद इराक में अपने संगठन को फिर से मजबूत करने का अवसर मिला. इराक में अलकायदा को जॉर्डन में जन्मे आबू मुसाब अल-जरकावी ने फिर से खड़ा किया. जरकावी ने बगदाद में राजनीतिक परिवर्तनों के प्रति इराक के सुन्नी समुदाय के बीच की नाराजगी का फायदा उठाया और कुछ वर्षों के भीतर ही अलकायदा को इराक में खड़ा कर दिया.

इन 20 वर्षों में अल कायदा कभी कमजोर पड़ा तो कभी फिर मजबूत हुआ. लेकिन उसकी विचारधारा में कोई परिवर्तन नहीं आया. वहीं अगर अमेरिका को देखें तो आज से 20 वर्ष पहले आतंकवाद को लेकर जो उसकी नीति थी वह आज 2021 में काफी बदल चुकी है. जिस अलकायदा को खत्म करने के लिए अमेरिका ने अफगानिस्तान पर हमला कर दिया था, आज वही अमेरिका अफगानिस्तान से भाग निकला है. यह जानते हुए भी कि तालिबानी सरकार में अलकायदा का वर्चस्व है.

अलकायदा का बदलता स्वरूप

2001 में जब अमेरिका ने अफगानिस्तान में अलकायदा पर हमला किया तो वह कई हिस्सों में बंट गया. उसके कुछ नेता अंडर ग्राउंड हो गए. लेकिन वह खत्म नहीं हुए. बीते 20 सालों में दुनिया भर के देशों में अलकायदा के कई नए धड़े सबके सामने आए हैं. 2003 में जब अमेरिका ने इराक में हमला किया उसके बाद अबु मुसाब अल-जरकावी के नेतृत्व में वहां अलकायदा कहर बनकर टूटा. हालांकि 2006 की एयर स्ट्राइक में अमेरिका ने अबु मुसाब को मार गिराया. लेकिन अलकायदा अभी खत्म नहीं हुआ और अब अलकायदा इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक बन कर सबके सामने आया. बाद में यही इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक बना जिसने 2014 में इराक और सीरिया में अपने इस्लामिक स्टेट की घोषणा कर दी.

इस्लामिक स्टेट को हराने के लिए अमेरिका, ईरान, इराक, कुर्दिश, शिया मिलिशिया, सीरिया और रूस ने एक साथ मिलकर उस पर हमला किया. लेकिन फिर भी उसे पूरी तरह से खत्म नहीं कर पाए. इराक और सीरिया में इस्लामिक स्टेट आज भी मजबूत है. इस्लामिक स्टेट ने अलग-अलग इलाकों के लिए अपने नए धड़े बनाएं. जैसे वेस्ट अफ्रीका के लिए आईएस वेस्ट अफ्रीका प्रोविंस और अफगानिस्तान में आईएस खुरासन प्रोविंस की स्थापना की. 26 अगस्त को काबुल एयरपोर्ट पर जो हमला हुआ था उसकी जिम्मेदारी भी आईएस खुरासान ने ली थी. जिसमें 13 अमेरिकी सैनिकों समेत 200 लोगों की मौत हो गई थी. अब अमेरिका के लिए यह सवाल बेहद अहम है कि 20 साल अफगानिस्तान में रहने के बाद लगभग 2 ट्रिलियन डॉलर खर्च करने के बाद और अपने 2300 सैनिकों की शहादत के बाद उसे क्या हासिल हुआ.

युद्ध ग्रस्त देशों के सहारे खड़े हुए कई अलकायदा

द हिंदू में छपे एक लेख के अनुसार 11 सितंबर से पहले अफगानिस्तान में अलकायदा केंद्रित था. लेकिन अमेरिका ने उस पर हमला कर उसे विभाजित कर दिया. जहां से वह दुनिया के विभिन्न हिस्सों में फैल गया. इराक और सीरिया में उसकी खिलाफत पर जब हमला हुआ तो इस्लामिक स्टेट ने भी ऐसा किया और उसने खुद को बचाए रखने के लिए युद्ध ग्रस्त देशों जैसे अफ़गानिस्तान, लिबिया और नाइजीरिया जैसे देशों का सहारा लिया. वहां उसने अपने नए ब्रांच खोलें. पहले अलकायदा अफ़गानिस्तान में केन्द्रित था. इसलिए उस पर हमला करना और उसे खत्म करना आसान था. लेकिन अब अलकायदा अपने नए-नए रूपों में एशिया और अफ्रीका जैसे महाद्वीपों में फैल चुका है जिसे तबाह करना अब नामुमकिन हो गया है.

अफगानिस्तान में अमेरिका क्यों हारा

अमेरिका के अफगानिस्तान में हारने की सबसे बड़ी वजह है, उसने अफगानिस्तान के सिर्फ उन इलाकों पर फोकस रखा जो शहरी थे. उसने अफगानिस्तान के गांवों की ओर कभी रुख नहीं किया. जबकि अफगानिस्तान की 75 फ़ीसदी आबादी उन्हीं गांवों में रहती है. यही गलती रूस ने भी की थी, जब उसने अफगानिस्तान में हमला किया था. आज भी जो तालिबानी बचे हैं वह अफगानिस्तान के गांवों के इलाके से आते हैं. अफगानिस्तान में अमेरिका ने अपने सभी बेस उन्हीं स्थानों पर बनाया जो शहरी इलाकों के नजदीक थे.

बीबीसी में छपी एक खबर के अनुसार अमेरिकी सैनिकों ने कभी किसी अफगान गांव में रात नहीं बिताई है. दूसरी सबसे बड़ी वजह थी अफगानिस्तान के 2014 और 2019 के चुनाव. जिसमें अशरफ गनी वाकई में चुनाव नहीं जीते थे. इस चुनाव में बड़े पैमाने पर धांधली हुई थी. 2019 के चुनाव में विपक्षी प्रत्याशी अब्दुल्लाह अब्दुल्लाह पहले विजेता घोषित किए गए थे. लेकिन बाद में अमेरिका के दबाव में अशरफ गनी को अफगानिस्तान का राष्ट्रपति घोषित किया गया. इस फैसले ने अफगानिस्तान के लोगों के भीतर अमेरिका और अशरफ गनी के खिलाफ गुस्सा पैदा कर दिया था. और इसी गुस्से को सहारा बनाया तालिबान ने जिसकी वजह से वह इतनी तेजी से अफगानिस्तान पर कब्जा कर पाया.

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9 11 का हमला कैसे हुआ?

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और फर्स्ट लेडी जिल बाइडन और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस 9/11 हमले के पीड़ितों को सम्मानित करने और उन्हें याद करने के लिए देशभर में यात्रा करेंगे. 11 सितंबर 2001 की सुबह अल-कायदा के आतंकियों ने चार विमान हाईजैक कर लिया था. इनका मकसद विमान को अलग-अलग ऐतिहासिक स्थलों पर क्रैश कराने का था.

11 सितंबर 2001 को संयुक्त राज्य अमेरिका पर आतंकवादी हमला क्यों हुआ?

11 सितंबर के हमले (जिन्हें अक्सर सितम्बर 11 या 9/11 कहा जाता है) 11 सितम्बर 2001 को संयुक्त राज्य अमेरिका पर अल-क़ायदा द्वारा समन्वित आत्मघाती हमलों की एक श्रंखला थी। उस दिन सबेरे, 19 अल कायदा आतंकवादियों ने चार वाणिज्यिक यात्री जेट वायुयानों का अपहरण कर लिया।

अलकायदा ने अमेरिका पर हमला कब किया था?

विस्तार दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका को अल कायदा ने वर्ष 2001 में 9/11 को विमान हमले से दहला दिया था। महज 102 मिनट में 2763 लोगों की जान चली गई थी।

अमेरिका ने ओसामा को कब मारा था?

२ मई २०११ को ऐब्टाबाद,पाकिस्तान में अमरीकी सेना ने एक हमले में उसका वध कर डाला।