अभाज्य संख्या क्या है इन हिंदी? - abhaajy sankhya kya hai in hindee?

अर्थात prime number को अंग्रेजी भाषा में ही अभाज्य संख्या कहा जाता है और यह अर्थात prime number अथवा अभाज्य संख्या एक प्रकार की Noun होती है कहने का तात्पर्य है prime number शब्द या अभाज्य संख्या शब्द किसी वाक्य में Noun की भाँती व्यवहार करते हैं |

प्रश्न : अभाज्य संख्या किसे कहते हैं ?

उत्तर : अभाज्य संख्या = prime number अर्थात अंग्रेजी के शब्द prime number को ही अभाज्य संख्या कहते हैं |

प्रश्न : अभाज्य संख्या की परिभाषा क्या हैं ?

उत्तर : चूँकि अभाज्य संख्या अंग्रेजी के शब्द prime number का हिंदी अर्थ होता है जो एक प्रकार की Noun होती है | अर्थात अभाज्य संख्या की परिभाषा prime number वर्ड से समझी जा सकती है जो एक Noun होती है |

प्रश्न : अभाज्य संख्या के पर्यायवाची / विलोम शब्द क्या है लिखिए |

उत्तर : यह Noun है जिसका इंग्लिश में मीनिंग prime number होता है अभाज्य संख्या के पर्यायवाची और विलोम शब्द उपलब्ध नहीं है |

question : what is meaning of prime number in hindi language ?

answer : prime number = अभाज्य संख्या and this is a type of Noun in any sentence using prime number word.

what is definition of अभाज्य संख्या in hindi ?

ans : अभाज्य संख्या means prime number and is a Noun in prime number / अभाज्य संख्या used sentences.

kisi english me अभाज्य संख्या ka arth prime number hota hai it means अभाज्य संख्या ko hi english me prime number kahte hai aur yah ek Noun kaha jaata hai jo vaaky me prime number / अभाज्य संख्या ko batati hai aur prime number ka ya अभाज्य संख्या vilom shabd aur paryayvachi shabd N/A .

ऐसी संख्याओं के जोड़े जिनके गुणनखण्डों में 1 के अतिरिक्त कोई भी उभयनिष्ठ गुणनखण्ड न हो उन्हें सह अभाज्य संख्या कहते हैं।

दूसरे शब्दों में – कम से कम 2 अभाज्य संख्याओ का ऐसा समूह जिसका (HCF) 1 हो सह अभाज्य संख्याएँ कहलाती हैं।

HCF का मतलब सबसे बड़ा सार्व गुणनखण्ड होता हैं। जैसे :- 9, 25 में सबसे बड़ा सार्व गुणनखण्ड केवल 1 ही हैं। अतः (9, 25) एक सह अभाज्य संख्या हैं।

उदाहरण :- (5, 7), (2, 3)

सह अभाज्य संख्या को अंग्रेजी में Co-Prime Number कहते हैं।

Note :

  • सह अभाज्य संख्याएँ हमेशा जोड़े में होती हैं।
  • कोई भी दो क्रमागत संख्याएँ सह-अभाज्य संख्याएँ होती हैं। जैसे:- (1, 2), (2, 3), (3, 4)…… आदि।
  • 0 केवल 1 तथा -1 के साथ सह-अभाज्य संख्या बनाता हैं। जैसे:- (0, 1), (0, -1)
  • सह अभाज्य संख्याओं में दोनों संख्याएं अभाज्य हो ऐसा जरुरी नहीं हैं।
  • 2 भाज्य संख्याएं भी सह अभाज्य संख्याएं हो सकती हैं। जैसे:- 8 तथा 15 यहां दोनों संख्याएं ही भाज्य हैं।
  • 8 तथा 15 में उभयनिष्ठ गुणनखंड में केवल 1 आता है अतः यह दोनों संख्याएं भी सह अभाज्य संख्याएं हैं।
  • सह अभाज्य संख्याओं में दोनों संख्याएँ अथवा एक संख्या अभाज्य हो ऐसा होना आवश्यक नहीं हैं।

सह अभाज्य संख्याओं पर आधारित प्रश्न

प्रश्न 1. (2, 3), (3, 4), (5, 6), (14, 15),…………….दी गई संख्याओं में से कौनसा गुणनखण्ड सह-अभाज्य संख्याएँ हैं?

हल:- (2, 3), (3, 4), (5, 6), (14, 15),
सह अभाज्य संख्याओं को हम इस प्रकार भी समझ सकते हैं –

जैसे:-

(2, 3)
2 × 1 = 2
3 × 1 = 3

(3, 4)
3 × 1 = 3
4 × 1 = 4

(5, 6)
5 × 1 = 5
6 × 1 = 6

(14, 15)
14 × 1 = 14
15 × 1 = 15

गुणनखण्ड में आप देख सकते हैं कि सभी में उभयनिष्ठ 1 प्राप्त होता हैं अर्थात यह सह अभाज्य संख्याएँ हैं।

प्रश्न 2. (14, 15) क्या दिया गया गुणनखण्ड सह अभाज्य संख्याएँ हैं?

हल:- गुणनखण्ड (14, 15) में,
14 के भाजक :- 1, 2, 7, 14
15 के भाजक :- 1, 3, 5, 15

14 तथा 15 के गुणनखंड में 1 के अतिरिक्त कोई भी संख्या उभयनिष्ठ नहीं है। अतः 14 तथा 15 में उभयनिष्ठ गुणनखंड केवल 1 हैं। अतः 14 तथा 15 सह अभाज्य संख्याएँ हैं।

गणितशास्त्र में संख्या को अनेक आधारों में वर्गीकृत किया गया है। लेकिन गणित की संख्या पद्धति में गुणनखंडों के आधार पर संख्या का वर्गीकरण तीन प्रकारों के रूप में किया गया है।

  • भाज्य संख्या (Composite Number)
  • अभाज्य संख्या (Prime Number)
  • सह-अभाज्य संख्या (Co-prime Number)

इस गणितीय लेख में हम अभाज्य संख्या का विस्तारपूर्वक अध्ययन करेंगे। परंतु उससे पहले हम भाज्य संख्या और सह-अभाज्य संख्या की भी संक्षिप्त जानकारी ले लेते हैं।

गुणनखंडों के आधार पर संख्या का वर्गीकरण

1) भाज्य संख्या किसे कहते हैं?

ऐसी संख्या जो 1 और स्वयं के अतिरिक्त किसी अन्य संख्या से भी विभाजित हो जाती है, उसे भाज्य संख्या कहते हैं। ऐसी संख्या के 2, 3 या अधिक गुणनखंड होते हैं। जैसे – जैसे – 4, 6, 8, 9, 10 इत्यादि।

कुछ भाज्य संख्याओं के गुणनखंडों का प्रारूप

  • 4 = 2 × 2, 1 × 4
  • 6 = 2 × 3, 1 × 6
  • 8 = 2 × 2 × 2, 1 × 8
  • 18 = 2 × 3 × 3, 1 × 18

2) अभाज्य संख्या किसे कहतेहैं?

ऐसी संख्या जो 1 और स्वयं के अतिरिक्त अन्य किसी भी प्रकृतिक संख्या से विभाजित नहीं होती है, उसे अभाज्य संख्या कहते हैं। ऐसी संख्या के केवल 2 ही गुणनखंड होते हैं। जैसे – 2, 3, 5, 7, 11 इत्यादि।

कुछ अभाज्य संख्याओं के गुणनखंडों का प्रारूप

  • 2 = 2 × 1
  • 3 = 3 × 1
  • 7 = 7 × 1
  • 19 = 19 × 1
  • 31 = 31 × 1

3) सह-अभाज्य संख्या किसे कहते हैं?

सह-अभाज्य का अर्थ है – एक ही संख्या से एक साथ विभाजित होने वाली संख्या। इसका तात्पर्य है – युग्म की वो दो संख्याएँ जिनका महत्तम समापवर्तक (HCF) केवल 1 होता है, उन्हें सह-अभाज्य संख्या कहते हैं। जैसे –

  • (7,13) = 1
  • (17, 19) = 1
  • (41, 47) = 1

कोई भी दो क्रमागत संख्या भी सह-अभाज्य संख्या कहलाती है। जैसे –

  • (41, 42)
  • (17, 18)
  • (36, 37)

संख्या 0, 1 और 2 से जुड़ी कुछ विशेष बातें

  • गणितीय सिद्धांतों के आधार पर 0 और 1 की संख्या, न तो भाज्य हैं और न ही अभाज्य।
  • 2 सबसे छोटी अभाज्य संख्या है।
  • 2 एकमात्र सम-अभाज्य संख्या है।
  • सह-अभाज्य संख्या के रूप में 0 के साथ युग्म में केवल 1 या –1 ही होते हैं। 

अभाज्य संख्या का विस्तारपूर्वक अध्ययन

अभाज्य संख्या की गणितीय परिभाषा क्या है?

अभाज्य संख्या उन धनात्मक और पूर्णांक संख्याओं को कहते हैं, जिन्हें 1 और उसी संख्या के अलावा अन्य कोई भी प्रकृतिक संख्या विभाजित नहीं कर सकती है।

अभाज्य संख्या  को रूढ़ संख्या भी कहा जाता है। इसके गुणनखंड में 1 और स्वयं उस संख्या के अतिरिक्त अन्य कोई भी संख्या नहीं होती है।

उदाहरण के लिए,

  • 23 = 1 × 23
  • 37 = 1 × 37
  • 59 = 1 × 59

इन उदाहरणों में किसी भी एक संख्या पर ध्यान दें तो हमें इसकी परिभाषा आसानी से समझ आ जाएगी।

जैसे 37 एक अभाज्य संख्या है, जिसे 1 और स्वयं 37 के अलावा और कोई भी संख्या विभक्त नहीं कर सकता है। अतः इसमें 1 × 37 इसका गुणनखंड है। केवल 1 और स्वयं 37 ही इसका गुणांक है।

अभाज्य संख्या से संबन्धित कुछ महत्त्वपूर्ण तथ्य

  • अभाज्य संख्याएँ सदैव 1 से बड़ी होती है।
  • ये हमेशा धनात्मक और पूर्णांक रूप में होतीं हैं।
  • अभाज्य संख्या को ज्ञात करने की विधि को गुणनखंड कहते हैं।
  • इसमें केवल 2 ही गुणनखंड होते हैं।
  • 2 अभाज्य संख्या की सबसे छोटी इकाई है।
  • 2 के अतिरिक्त अन्य सभी अभाज्य संख्याएँ विषम होती हैं।
  • 0 और 1 को अभाज्य संख्या नहीं माना जाता है।
  • अभाज्य संख्याओं की संख्या अनन्त है।
  • अब तक की खोज के अनुसार, 82589933 सबसे बड़ी अभाज्य संख्या है।
  • अभाज्य संख्या की परिभाषा केवल प्राकृत संख्याओं पर ही लागू होती है।
  • अभाज्य संख्याओं का कोई निश्चित नियम नहीं होता है, उन्हें परिभाषा के आधार पर ही प्राप्त करना पड़ता है।

1 से लेकर 100 तक की सांख्य शृंखला में अभाज्य संख्याओं की सूचि

1 से 100 तक के प्राकृत संख्या में अभाज्य संख्याओं की कुल संख्या केवल 25 है।

  • 2 3 5 7 11
  • 97 13 17 19 23
  • 29 31 37 41 43
  • 47 53 59 61 67
  • 71 73 79 83 89

अभाज्य संख्या का नियम – अभाज्य संख्या कैसे ज्ञात करते हैं?

वैसे तो अभाज्य संख्या के लिए कोई निश्चित या लिखित नियम नहीं है। लेकिन फिर भी, 2 ऐसी विधियाँ हैं, जिनके द्वारा अभाज्य संख्या को ज्ञात किया जा सकता है। अधिकांशतः ये विधियाँ सही सिद्ध होती हैं।

अभाज्य संख्या ज्ञात करने की प्रथम विधि

अभाज्य संख्या के लिए पहली विधि में 2 सूत्रों का प्रयोग किया जाता है।

  • 6n + 1
  • 6n – 1

इन 2 सूत्रों से प्रथम 13 अभाज्य संख्याओं को ज्ञात किया जा सकता है। यहाँ n = 1, 2, 3… इत्यादि हो सकते हैं। आइये कुछ उदाहरणों से इसे समझते हैं।

  • 6 × 1 + 1 = 7 6 × 1 – 1 = 5
  • 6 × 2 + 1 = 13 6 × 2 – 1 = 11
  • 6 × 3 + 1 = 19 6 × 3 – 1 = 17
  • 6 × 4 + 1 = 25 6 × 4 – 1 = 23
  • 6 × 5 + 1 = 31 6 × 5 – 1 = 29

अभाज्य संख्या ज्ञात करने की द्वितीय विधि

यह विधि किसी लिखित फोर्मूले की तरह नहीं है, बल्कि सिर्फ एक तरकीब है। इसे 40 से बड़े, केवल प्रथम 39 संख्याओं को ज्ञात करने के लिए किया जाता है।

इसका सूत्र है: n2 + n + 41

यहाँ n = 1, 2, 3 … 39 है। आइये इसके भी कुछ उदाहरण देखते हैं।

  • (0)2 + 0 + 0 = 41
  • (1)2 + 1 + 41 = 43
  • (2)2 + 2 + 41 = 47
  • (3)2 + 3 + 41 = 53
  • (4)2 + 4 + 41 = 61
  • (5)2 + 5 + 41 = 71

अभाज्य संख्या के इस लेख का निष्कर्ष

अभाज्य संख्याएँ, वे संख्याएँ हैं जो किसी भी अशून्य प्राकृतिक संख्या के गुणनखण्ड को प्रदर्शित करने की क्षमता रखती है। ये गुणनखंड एक ही प्रकार के हो सकते हैं। अतः इसे अंकगणित का मौलिक प्रमेय भी कहा जाता है।

अभाज्य संख्या क्या होती है in Hindi?

अभाज्य संख्याओं के केवल 2 गुणनखंड होते हैं: 1 और स्वयं वह संख्या। उदाहरण के लिए, पहली 5 अभाज्य संख्याएँ 2, 3, 5, 7, और 11 हैं। इस प्रकार, जिन संख्याओं के 2 से ज्यादा गुणनखंड हैं उन्हे भाज्य संख्याएँ कहा जाता है

अभाज्य संख्या कौन सी कौन सी है?

(b) कुछ संख्याएँ जैसे 2, 3, 5, 7, 11 इत्यादि ऐसी हैं जिनके ठीक दो गुणनखंड (1 और स्वयं वह संख्या) हैं। ये संख्याएँ अभाज्य संख्याएँ (prime numbers) हैं। वे संख्याएँ जिनके गुणनखंड 1 और स्वयं वह संख्या ही होते हैं अभाज्य संख्याएँ कहलाती हैं ।

1 अभाज्य संख्या है क्या?

अभाज्य संख्या नहीं है। क्योंकि इसका सिर्फ एक ही फैक्टर है। २ अभाज्य संख्या है। क्योंकि इसके दो फैक्टर हैं।

अभय संख्या कौन कौन सी होती है?

अभाज्य मतलब जो संख्या बस स्वयं और १ से भाज्य हो।.
अभाज्य→2, 3, 5 एवं इनके पहाड़े में जो अंक नहीं आता हो, वह अभाज्य अंक कहलाता है ।.
2,3,5,7,11,13,17,19,23,29,31,37,41,43,47,53,59,61,67,71,73,79,83,89,97_ _ _(1 से 100 तक में कुल 25 अभाज्य अंक).
1 ना तो भाज्य है एवं ना ही अभाज्य ।.
1 से 100 तक में कुल 74 भाज्य अंक ।.