Free Show UP Police SI (दरोगा) 2020: Full Mock Test 160 Questions 400 Marks 120 Mins Latest UP Police Sub Inspector Updates Last updated on Sep 22, 2022 The Uttar Pradesh Police Recruitment and Promotion Board (UPPRPB) has released the final result and category-wise cut-off for UP Police SI (Sub Inspector). The result is declared on 12th June 2022. A total of 9534 candidates were recruited for the post of UP Police SI in this exam cycle of 2020-21. Candidates can check UP Police SI Cut Off from here. The official notification for the next recruitment cycle is expected to be out very soon. So the candidates should continue with their preparation. देश में सोमवार को 29वें राज्य के रूप में तेलंगाना अस्तित्व में आ गया। इस राज्य के गठन के लिए कब, क्या हुआ, पेश है उसका क्रमवार ब्यौरा। 1948 : भारतीय सेना ने हैदराबाद की देशी रियासत, जिसमें तेलंगाना सहित विभिन्न क्षेत्र शामिल हैं पर अधिकार कर लिया। 1 नवंबर, 1956 : तेलंगाना का आंध्र स्टेट में विलय कर दिया गया, जिसे आंध्र प्रदेश के गठन के लिए मद्रास स्टेट से अलग किया गया था। 1969 : तेलंगाना को पृथक राज्य का दर्जा दिलाने के लिए 'जय तेलंगाना' आंदोलन शुरू हुआ। 2001 : तेलंगाना आंदोलन को पुनर्जीवित करने के लिए के. चंद्रशेखर राव ने तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) शुरू की। 2004 : टीआरएस ने कांग्रेस के गठबंधन में चुनाव लड़ा और पांच लोकसभा एवं 26 विधानसभा सीटें जीतीं। संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) ने तेलंगाना मुद्दे को साझा कार्यक्रम में शामिल किया। 2008 : तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) ने तेलंगाना की मांग को अपना समर्थन देने की घोषणा की। अक्टूबर 2009 : चंद्रशेखर राव ने तेलंगाना राज्य के लिए आमरण अनशन शुरू किया। 9 दिसंबर 2009 : केंद्र ने तेलंगाना राज्य के गठन की प्रक्रिया शुरू करने के निर्णय की घोषणा की। 23 दिसंबर 2009 : रायलसीमा और आंध्र क्षेत्रों (सीमांध्र) में विरोध-प्रदर्शन और सांसदों और राज्य के विधायकों के व्यापक इस्तीफे के बाद केंद्र ने आम सहमति की जरूरत का हवाला देकर विधेयक को रोक दिया। 3 फरवरी, 2010 : केंद्र ने तेलंगाना मुद्दे पर गौर करने के लिए पांच सदस्यीय श्रीकृष्णा समिति गठित की। दिसंबर 2010 : श्रीकृष्णा समिति ने अपनी रिपोर्ट जमा कराई, जिसमें छह विकल्प सुझाए। 30 जुलाई, 2013 : यूपीए समन्वय समिति और कांग्रेस कार्य समिति ने तेलंगाना राज्य बनाने का फैसला लिया। सीमांध्र में विरोध-प्रदर्शन हुए। 3 अक्टूबर, 2013 : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आंध्र प्रदेश के बंटवारे के प्रस्ताव को स्वीकृति दी। 25 अक्टूबर, 2013 : मुख्यमंत्री एन. किरण कुमार रेड्डी ने कांग्रेस नेतृत्व के खिलाफ बगावत का झंडा बुलंद किया। 5 दिसंबर, 2013 : केंद्रीय मंडिमंडल ने मंत्रिसमूह की सिफारिशों के आधार पर तैयार आंध्र प्रदेश पुनर्गठन विधेयक 2०13 के मसौदे को मंजूरी दे दी। विधेयक स्वीकृति के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा गया। 16 दिसंबर, 2013 : सीमांध्र और तेलंगाना सांसदों के बीच हुए संघर्ष के बीच विधेयक दोनों सदनों में पेश किया गया। 30 जनवरी, 2014 : हंगामे के बीच राज्य विधानमंडल के दोनों सदनों ने विधेयक को अस्वीकार कर दिया और राष्ट्रपति से विधेयक को संसद में न भेजने की अपील की। 5 फरवरी, 2014 : मुख्यमंत्री विभाजन के विरोध में दिल्ली में धरने पर बैठे। 7 फरवरी, 2014 : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने विधेयक पास कर दिया और हैदराबाद को केंद्र शासित प्रदेश बनाने की सीमांध्र नेताओं की मांग खारिज कर दी। 13 फरवरी, 2014 : सीमांध्र और तेलंगाना सांसदों के बीच हंगामे और झड़प के बीच विधेयक लोकसभा में पेश किया गया। 18 फरवरी, 2014 : लोकसभा ने तेलंगाना विधेयक पास कर दिया। 19 फरवरी, 2014 : किरण रेड्डी ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया। 20 फरवरी, 2014 : राज्य सभा ने विधेयक पास किया। तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सीमांध्र के लिए पैकेज की घोषणा की। 1 मार्च, 2014, राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने तेलंगाना विधेयक पर अपनी सहमति दे दी। राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू किया। 30 अप्रैल, 2014 : 119 सदस्यीय तेलंगाना विधानसभा और 17 लोकसभा सीटों पर एक साथ चुनाव हुए। 2 जून, 2014 : नए राज्य के रूप में तेलंगाना का जन्म। चंद्रशेखर राव ने राज्य के पहले प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। 1. भाषा के आधार पर राज्यों का पुनर्गठन उचित है या नहीं, इसकी जांच के लिए संविधान सभा के अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के अवकाशप्राप्त न्यायाधीश एस. के. धर की अध्यक्षता में एक चार सदस्यीय आयोग की नियुक्ति की. इस आयोग ने भाषा के आधार पर राज्यों का पुनर्गठन का विरोध किया और प्रशासनिक सुविधा के आधार पर राज्यों के पुनर्गठन का समर्थन किया. 2. धर आयोग के निर्णयों की परीक्षा करने की लिए कांग्रेस कार्य समिति ने अपने जयपुर अधिवेशन में जवाहरलाल नेहरू, बल्लभ भाई पटेल और पट्टाभि सीतारमैय्या की एक समिति का गठन किया. इस समिति ने भाषाई आधार पर राज्यों के पुनर्गठन की मांग को खारिज कर दिया. 3. नेहरू पटेल एवं सीतारमैय्या (जे. वी. पी. समिति) समिति की रिपोर्ट के बाद मद्रास राज्य के तेलगु-भाषियों नें पोटी श्री रामुल्लू के नेतृत्व में आंदोलन प्रारम्भ हुआ. 4. 56 दिन के आमरण अनशन के बाद 15 दिसंबर, 1952 ई० को रामुल्लू की मृत्यु हो गई. 5. रामुल्लू की मृत्यु के बाद प्रधानमंत्री नेहरू ने तेलगुभाषियों के लिए पृथक आंध्र प्रदेश के गठन की घोषणा कर दी. 6. 1 अक्टूबर, 1953 ई० को आंध्र प्रदेश राज्य का गठन हो गया. यह राज्य स्वतन्त्र भारत में भाषा के आधार पर गठित होने वाला पहला राज्य था. 7. राज्य पुनर्गठन अयोग के अध्यक्ष फजल अली थे; इसके अन्य सदस्य प० हृदयनाथ कुंजरू और सरदार के एम. पणिक्कर थे. 8. राज्य पुनर्गठन अधिनियम जुलाई 1956 ई० में पास किया गया. इसके अनुसार भारत में राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेश स्थापित किए गए. 9. नवंबर, 1954 ई० को फ्रांस की सरकार ने अपनी सभी बस्तियां पांडिचेरी, यनाम, चंद्रनगर और केरिकल को भारत को सौंप दिया; 28 मई 1956 ई० को इस संबंध में संधि पर हस्ताक्षर हो गए. इसके बाद इन सभी को मिला कर 'पांडिचेरी संघ राज्य क्षेत्र' का गठन किया गया. 10. भारत सरकार ने 18 दिसंबर, 1961 ई० को गोवा, दमन द्वीप की मुक्ति के लिए पुर्तगालियों के विरुद्ध कार्रवाई की और उन पर पूर्ण अधिकार कर लिया. बारहवें संविधान संशोधन द्वारा गोवा, दमन और द्वीप को प्रथम परिशिष्ट में शामिल करके अभिन्न अंग बना दिया गया. 11. 1 मई, 1960 ई० को मराठी एवं गुजराती भाषियों के बीच संघर्ष के कारण बम्बई राज्य का बंटवारा करके महाराष्ट्र एवं गुजरात नामक दो राज्यों की स्थापना की गई. 12. नागा आंदोलन के कारण असम को विभाजित करके 1 दिसंबर, 1063 ई० में नागालैंड को अलग राज्य बनाया गया. 13. 1 नवंबर,1966 ई० में पंजाब को विभाजित करके (पंजाबी भाषा) एवं हरियाणा (हिंदी भाषी) दो राज्य बना दिए गए. 14. 25 जनवरी, 1971 ई० को हिमाचल प्रदेश को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया गया. 15. 21 जनवरी, 1972 ई० मणिपुर, त्रिपुरा एवं मेघालय को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया गया. 16. 26 अप्रैल,1975 ई० सिक्किम भारत का 22वां राज्य बना. 17. 20 फरवरी, 1987 ई० में मिजोरम एवं अरुणाचल प्रदेश को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया गया. 18. 30 मई, 1987 ई० में गोवा को 25वां राज्य का दर्जा दिया गया. 19. 1 नवंबर 2000 को छत्तीसगढ़ 26वां राज्य, 9 नवंबर 2000 में उत्तरांचल (अब उत्तराखंड) 27वां राज्य, 15 नवंबर 2000 को झारखंड 28वां राज्य और 02 जून 2014 को तेलंगाना को भारत का 29वां राज्य बनाया गया. 20. वर्तमान समय में भारत में 29 राज्य और 7 केंद्र शासित प्रदेश हैं. 21. क्षेत्रीय परिषद: भारत में पांच क्षेत्रीय परिषद हैं. इनका गठन राष्ट्रपति के द्वारा किया जाता है और केंद्रीय गृहमंत्री या राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत केंद्रीय मंत्री क्षेत्रीय परिषद का अध्यक्ष होता है. संबंधित राज्यों के मुख्यमंत्री उपाध्यक्ष होते हैं, जो प्रतिवर्ष बदलते रहते हैं. 22. भारत में गठित कुल 5 क्षेत्रीय परिषदों पर सम्मिलित राज्यों के नाम इस प्रकार हैं:
आंध्र प्रदेश का गठन कैसे हुआ?1 अक्टूबर 1953 को आन्ध्र ने कर्नूल को अपनी राजधानी के साथ राज्य का दर्जा पाया। 1 नवम्बर 1956 को आन्ध्र प्रदेश राज्य के निर्माण के लिए आन्ध्र राज्य का विलय हैदराबाद राज्य के तेलंगाना प्रांत से किया गया। हैदराबाद राज्य की विगत राजधानी हैदराबाद को नए राज्य आन्ध्र प्रदेश की राजधानी बनाया गया।
आंध्र प्रदेश स्थापना कब हुई?1 नवंबर 1956आंध्र प्रदेश / स्थापना की तारीख और जगहnull
आंध्र प्रदेश का पहला नाम क्या है?स्वतंत्रता के पश्चात् तेलुगु भाषी क्षेत्र को मद्रास प्रांत से अलग करके 1 अक्तूबर 1953 को नए प्रदेश का निर्माण किया गया जिसका नाम आंध्र प्रदेश रखा गया। राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 बनने के बाद हैदराबाद राज्य को आंध्र प्रदेश में मिला कर 1 नवंबर, 1956 में 'आंध्र प्रदेश' राज्य का निर्माण हुआ।
आंध्र प्रदेश एंड तेलंगाना कब अलग हुआ?यह 1948 में भारतीय संघ में शामिल हो गए। 1956 में हैदराबाद राज्य भंग के रूप में भाषायी आधार पर पुनर्गठन के राज्य और तेलंगाना का हिस्सा प्रपत्र आंध्र प्रदेश के पूर्व आंध्र प्रदेश के साथ विलय हो गया। विभाजन के लिए एक आंदोलन के बाद, तेलंगाना 2 जून 2014 को अलग राज्य का दर्जा से सम्मानित किया गया।
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