NCERT Solutions Class 6 Hindi (Vasant) The NCERT Solutions in Hindi Language for Class 6
हिंदी
NCERT Solutions Class 6 Hindi (Vasant) The NCERT Solutions in Hindi Language for Class 6 हिंदी NCERT Solutions Class 6 Hindi (Vasant) The NCERT Solutions in Hindi Language for Class 6 हिंदी
NCERT Solutions Class 6 Hindi (Vasant) The NCERT Solutions in Hindi Language for Class 6 हिंदी NCERT Solutions Class 6 Hindi (Vasant) The NCERT Solutions in Hindi Language for Class 6 हिंदी Question 1. Answer: (b) अनु बंद्योपाध्याय Question 2. Answer: (b) स्वस्थ रहने के लिए Question 3. Answer: (c) गुजरात Question 4. Answer: (c) सब्जियाँ काटना Question 5. Answer: (b) गोपाल कृष्ण गोखले (1) आश्रम में गांधी कई ऐसे काम भी करते थे जिन्हें आमतौर पर नौकर-चाकर करते हैं। जिस ज़माने में
वे बैरिस्टरी से हज़ारों रुपये कमाते थे, उस समय भी वे प्रतिदिन सुबह अपने हाथ से चक्की पर आटा पीसा करते थे। चक्की चलाने में कस्तूरबा और उनके लड़के भी हाथ बँटाते थे। इस प्रकार घर में रोटी बनाने के लिए महीन या मोटा आटा वे खुद पीस लेते थे। साबरमती आश्रम में भी गांधी ने पिसाई का काम जारी रखा। वह चक्की को ठीक करने में भी कभी-कभी घंटों मेहनत करते थे। Question 1. Answer: (c) बैरिस्टरी का Question 2. Answer: (d) आटा पीसने का काम Question 3. Answer: (c) दोनों (2) कुछ वर्षों तक गांधी ने आश्रम के भंडार का काम सँभालने में मदद दी। सवेरे की प्रार्थना के बाद वे रसोईघर में जाकर सब्जियाँ छीलते थे। रसोईघर या भंडारे में अगर वे कहीं गंदगी या मकड़ी का जाला देख पाते थे तो अपने साथियों को आड़े हाथों लेते। उन्हें सब्जी, फल और अनाज के पौष्टिक गुणों का ज्ञान था। एक बार एक आश्रमवासी ने बिना धोए आलू काट दिए। गांधी ने उसे समझाया कि आलू और नींबू को बिना धोए नहीं
काटना चाहिए। Question 1. Answer: (d) सब्जियाँ छीलते थे। Question 2. Answer: (c) रसोईघर की सफ़ाई न करने पर Question 3. Answer: (d) उपर्युक्त सभी (3) शरीर से जब तक बिलकुल लाचारी न हो तब तक गांधी को यह बात बिलकुल पसंद नहीं थी कि महात्मा या बूढ़े होने के कारण उनको अपने हिस्से का दैनिक शारीरिक श्रम न करना पड़े। उनमें हर प्रकार का काम करने की अद्भुत क्षमता और शक्ति थी। वह थकान का नाम भी नहीं जानते थे। दक्षिण अफ्रीका में बोअर-युद्ध के दौरान उन्होंने घायलों को स्ट्रेचर पर लादकर एक-एक दिन में पच्चीस-पच्चीस मील तक ढोया था। वह मीलों पैदल चल सकते थे। दक्षिण अफ्रीका में जब वे टॉलस्टॉय बाड़ी में रहते थे, तब पास के शहर में कोई काम होने पर दिन में अकसर बयालीस मील तक पैदल चलते थे। इसके लिए वे घर में बना कुछ नाश्ता साथ लेकर सुबह दो बजे ही निकल पढ़ते थे, शहर में खरीददारी करते और शाम होते-होते वापस फार्म पर लौट आते थे। उनके अन्य साथी भी उनके इस उदाहरण का खुशी-खुशी अनुकरण करते थे। Question 1. Answer: (c) जब वे शरीर से बिलकुल लाचार होते थे। Question 2. Answer: (d) घायलों को स्ट्रेचर पर ढोया Question 3. Answer: (a) टॉलस्टॉय बाड़ी में रहते हुए (4) गांधी अपने से बड़ों का बड़ा आदर करते थे। दक्षिण अफ्रीका में गोखले गांधी के साथ ठहरे हुए थे। उस समय गांधी ने उनके दुपट्टे पर इस्त्री की। वह उनका बिस्तर ठीक करते थे, उनको भोजन परोसते थे और उसके पैर दबाने को भी तैयार रहते थे। गोखले बहुत मना करते थे, लेकिन गांधी नहीं मानते थे। महात्मा कहलाने से बहुत पहले एक बार दक्षिण अफ्रीका से भारत आने पर गांधी कांग्रेस के अधिवेशन में गए। वहाँ उन्होंने गंदे पाखाने साफ़ किए और बाद में उन्होंने एक बड़े कांग्रेसी नेता से पूछा, “मैं आपकी क्या सेवा कर सकता हूँ?” नेता ने कहा, “मेरे पास बहुत से पत्र इकट्ठे हो गए हैं जिनका जवाब देना है? मेरे पास कोई कारकुन नहीं है जिसे यह काम दूं।” Question 1. Answer: (b) गोखले के साथ Question 2. Answer: (d) उपर्युक्त सभी (5) जब कभी आश्रम में किसी सहायक को रखने की आवश्यकता होती थी, तब गांधी किसी हरिजन को रखने का आग्रह करते थे। उनका कहना था, “नौकरों को हमें वेतन भोगी मज़दूर नहीं, अपने भाई के समान मानना चाहिए। इसमें कुछ कठिनाई हो सकती है, कुछ चोरियाँ हो सकती हैं। फिर भी हमारी कोशिश सर्वथा निष्फल नहीं जाएगी।” Question
1. Answer: (d) आश्रम में नौकर हरिजन को रखने की Question 2. Answer: (c) ताकि समाज ऊँच-नीच वर्गों में न बँटे Question 3. Answer: (a) मैत्रीपूर्ण (6) आश्रम में गांधी कई ऐसे काम करते थे जिन्हें आमतौर पर नौकर-चाकर करते हैं। जिस ज़माने में वे बैरिस्टरी से हजारों रुपये कमाते थे, उस समय भी वे प्रतिदिन सुबह अपने हाथ से चक्की पर आटा पीसा करते थे। चक्की चलाने में कस्तूरबा और उनके लड़के भी हाथ बँटाते थे। इस प्रकार घर में रोटी बनाने के लिए महीन या मोटा आटा वे खुद पीस लेते थे। साबरमती आश्रम में भी गांधी ने पिसाई का काम जारी रखा। चक्की को ठीक करने में कभी-कभी घंटों मेहनत करते थे। Question 1. Answer: Question 2. Answer: आश्रम में गांधी जी अनेक काम करते थे जिन्हें आमतौर पर नौकर-चाकर करते थे। Question 3. Answer: गांधी जी आश्रम में प्रतिदिन सुबह अपने हाथ से चक्की पर आटा पीसने का काम करते थे। (7) कुछ वर्षों तक गांधी ने आश्रम के भंडार का काम सँभालने में मदद दी। सवेरे की प्रार्थना के बाद वे रसोईघर जाकर सब्जियाँ छीलते थे। रसोईघर या भंडारे में अगर वे कहीं गंदगी या मकड़ी का जाला देख पाते थे तो अपने साथियों को आड़े हाथों लेते। उन्हें सब्जी, फल और अनाज के पौष्टिक गुणों का ज्ञान था। एक बार एक आश्रमवासी ने बिना धोए आलू काट दिए। गांधी ने उसे समझाया कि आलू और नींबू को बिना धोए नहीं काटना चाहिए। Question 1. Answer: गांधी जी सवेरे की प्रार्थना के बाद आश्रम के रसोई घर में जाकर सब्जियाँ छीलते थे। Question 2. Answer: कुछ वर्षों तक गांधी जी ने आश्रम के भंडार को सँभालने का काम किया। Question 3. Answer: जब वे कहीं गंदगी या मकड़ी का जाला देखते थे तब वे अपने साथियों को आड़े हाथों लेते थे। (8) एक बार किसी तालाब की भराई का काम चल रहा था, जिसमें गांधी के साथी लगे हुए थे। एक सुबह काम खत्म करके वे लोग फावड़े, कुदाल और टोकरियाँ लिए जब वापस लौटे तो देखते हैं कि गांधी ने उनके लिए तश्तरियों में नाश्ते के लिए फल आदि तैयार करके रखे हैं। एक साथी ने पूछा, “आपने हम लोगों के लिए यह सब कष्ट क्यों किया? क्या यह उचित है कि हम आपसे सेवा कराएँ?” गांधी ने मुसकराकर उत्तर दिया, “क्यों नहीं। मैं जानता था कि तुम लोग थके-माँदे लौटोगे। तुम्हारा नाश्ता तैयार करने के लिए मेरे पास खाली समय था।” Question 1. Answer: गांधी जी ने नाश्ते के लिए फल आदि तैयार करके तश्तरियों में रखे थे। Question 2. Answer: गांधी जी के साथी एक तलाब की भराई के काम में लगे थे। Question 3. Answer: काम करने वालों ने काम से वापस आने पर देखा कि गांधी जी में उनके नाश्ते की व्यवस्था करके बैठे हैं। (9) एक बार दक्षिण अफ्रीका में जेल से छूटने के बाद घर लौटने पर उन्होंने देखा कि उनके मित्र की पत्नी श्रीमती पोलक बहुत ही दुबली और कमज़ोर हो गई हैं। उनका बच्चा उनका दूध पीना छोड़ता नहीं था और वह उसका दूध छुड़ाने की कोशिश कर रही थीं। बच्चा उन्हें चैन नहीं लेने देता था और रो-रोकर उन्हें जगाए रहता था। गांधी जिस दिन लौटे, उसी रात से उन्होंने बच्चे की देखभाल का काम अपने हाथों में ले लिया। Question 1. Answer: बच्चा अपनी माँ को चैन नहीं लेने देता था और रो-रोकर उन्हें जगाए रखता था। Question 2. Answer: दक्षिण अफ्रीका की जेल से छूटने पर गांधी ने देखा कि उनके मित्र की पत्नी श्रीमती पोलक बहुत दुबली और कमज़ोर हो गई हैं? Question 3. Answer: श्रीमती पोलक का बच्चा उनका दूध पीना नहीं छोड़ रहा था। इसलिए वह कमज़ोर हो गई थीं। (10) जब कभी आश्रम में किसी सहायक को रखने की आवश्यकता होती थी, तब गांधी किसी हरिजन को रखने का आग्रह करते थे। उनका कहना था, “नौकरों को हमें वेतन भोगी, मज़दूर नहीं, अपने भाई के समान मानना चाहिए। इससे कुछ कठिनाई हो सकती है, कुछ चोरियाँ हो सकती हैं, फिर भी हमारी कोशिश सर्वथा निष्फल नहीं जाएगी।” Question 1. Answer: गांधी जी आश्रम में सहायक हरिजन को रखने का आग्रह करते थे। Question 2. Answer: गांधी जी हरिजन को इसलिए रखने के पक्ष में थे ताकि समाज में ऊँच-नीच वर्गों में न बँटे। Question 3. Answer: गांधी जी के अनुसार नौकरों के प्रति हमारा व्यवहार भाई जैसा होना चाहिए। गांधी जी के आश्रम में क्या क्या काम करते थे?आश्रम में गांधी जी कई ऐसे काम करते थे, जिन्हें आमतौर पर नौकर-चाकर करते हैं। वे अपने हाथ से चक्की पर आटा पीसा करते थे। गेहूँ पीसने से पहले वे उसे बीनते भी थे। कई वर्ष तक उन्होंने आश्रम का भंडार सँभालने के काम में भी सहायता की।
आश्रम में काम करने करने का कौन सा तरीका गांधीजी अपनाते थे?गांधी जी अपना काम स्वयं करना पंसद करते थे, वे आश्रम का कार्य भी करते थे तथा दूसरे से काम लेने में सख्ती भी बरतते थे। गांधी जी को काम करता देखकर बाकी लोगों को ऐसे ही बैठे रहना अच्छा नहीं लगता था तथा वे लज्जित होकर काम करने लग जाते थे। किसी के पूछने पर गांधी जी उन्हें काम करने से रोकते नहीं थे।
गांधी जी द्वारा स्थापित सबसे पहला आश्रम कौन सा है?कोचरब आश्रम, भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के नेता मोहनदास गांधी द्वारा स्थापित भारत में पहला आश्रम था, जोकि उनके दोस्त बैरिस्टर जीवनलाल देसाई ने उन्हें उपहार में दिया था। 25 मई 1915 को स्थापित, गांधी का कोचरब आश्रम गुजरात राज्य के अहमदाबाद शहर के पास स्थित था।
|