आसवित जल विद्युत का चालक क्यों नहीं होता जबकि वर्षा जल होता है? Show
Solutionआसवित जल शुद्ध होते है। इसलिए इनमे विद्युत का चालन नहीं होता है क्योंकि विद्युत के चालन के लिए आयनों की आवश्यकता होती है। जबकि वर्षा जल में विद्युत का चालन होता है क्योंकि इसमें थोड़ी मात्रा में अम्ल विद्यमान रहता है। जोंकी वायु में उपस्थित सल्फर डाइआक्साइड और नाइट्रोजन डाइआक्साइड के साथ मिलकर इसे अम्लीय बना देते है। अम्लीय होने के कारण ये H+ आयन उत्पन्न करते है जिसके कारण विद्युत का चालन होता है। Concept: सभी अम्लों एवं क्षारकों में क्या समानताएँ हैं? Is there an error in this question or solution? APPEARS INमैड्रिड में रियल फ़ार्मेसिया में आसवित पानी की बोतल. आसुत जल वह जल है जिसकी अनेक अशुद्धियों को आसवन के माध्यम से हटा दिया गया हो। आसवन में पानी को उबालकर उसकी भाप को एक साफ़ कंटेनर में संघनित किया जाता है। यह पीने के लिए उपयुक्त नहीं होता है क्योंकि इसमें जीवन के लिए आवश्यक लवण अनुपस्थित होते है। इसका उपयोग चिकित्सीय कार्यों जैसे दवाइयाँ बनाने , शल्य उपकरणो आदि को धोने में किया जाता हैं। इतिहास[संपादित करें]कम से कम ca. 200 ईस्वी से समुद्र के पानी से ताजा पानी को आसुत किया जा रहा है जब एफ़्रोडिसिएस के अलेक्जेंडर ने स्पष्ट रूप से प्रक्रिया का वर्णन किया था।[1] इसका इतिहास इससे भी पुराना है, अरस्तू के मेटियोरोलोजिका (II.3, 358b16) के एक अनुच्छेद में पानी के आसवन का वर्णन आता है।[2] अनुप्रयोग[संपादित करें]
जल आसवित करने के लिए उपकरण[संपादित करें]प्रयोगशाला में आसुत जल प्राप्त करने का उपकरण दुनिया भर में अनेक लोग या तो सूर्य या एक दहनशील ईंधन के स्रोत की गर्मी से पेय जल को आसवित करते आ रहे हैं। द्वितीय विश्व युद्ध के समय तक, समुद्र के पानी को आसवित कर ताज़ा पानी बनाने में काफ़ी समय लगता था और ईंधन भी महंगा था। कहावत थी "एक गैलन ताज़ा पानी बनाने के लिए एक गैलन ईंधन चाहिए." युद्ध से थोड़ा पहले, एक डॉ॰ आर.वी. क्लाइनश्मित स्टिल ने समुद्र के पानी या दूषित पानी से ताजा पानी निकालने के लिए संपीड़न स्टिल बनाया जो क्लाइनश्मित स्टिल के नाम से प्रसिद्ध हुआ। उबलते पानी से उत्पन्न भाप को संपीड़ित कर प्रति गैलन ईंधन से 175 गैलन ताजा पानी निकाला जा सकता था। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान यह यूनिट मित्र जहाज़ों और सेनाओं के ट्रेलर माउन्ट्स पर एक मानक बन गई। आज भी जहाजों और पोर्टेबल जल आसवन इकाइयों में इस विधि का व्यापक प्रयोग होता है।[8] सौर जल आसवक से जल का आसवन और सस्ती सामग्री के साथ डिजाइन करना और निर्माण करना अपेक्षाकृत सरल होगा। [9] आसवित पानी का सेवन[संपादित करें]आसवित पानी पीना एक आम बात है। पेय की शुद्धता और स्वाद को सुनिश्चित करने के लिए कई पेय निर्माता आसुत पानी का उपयोग करते हैं। आसुत जल बोतलबंद रूप में भी बेचा जाता है और आमतौर पर सुपरमार्केट या फ़ार्मेसियों में पाया जाता है। आसवन की तरह पानी का शुद्धिकरण उन क्षेत्रों में महत्वपूर्ण है जहां जल संसाधन या नल का पानी उबाले बगैर या रासायनिक उपचार के बिना पीने योग्य नहीं होता। कई घरों में जल निस्पंदन उपकरण का होना एक आम सी बात है। नगर निगम जल आपूर्ति अक्सर उस स्तर की अशुद्धियां मिलाते या पता लगाते हैं जिन्हें खपत के लिए सुरक्षित विनियमित किया गया है। वाष्पशील कार्बनिक यौगिक, फ़्लोराइड और कुछ अन्य रासायनिक यौगिकों जैसी बहुत सी अतिरिक्त अशुद्धियां परंपरागत निस्पंदन से दूर नहीं होती, आसवन इनमें से कुछ अशुद्धियों को दूर कर देता है। शुष्क समुंदर तटीय क्षेत्रों में जहां पर्याप्त ताज़ा पानी नहीं होता, वहां समुद्री पानी को आसवित कर आसुत जल को पीने के पानी के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।[10] जहाज़ों, खासकर परमाणु संचालित पोतों पर आसुत जल काफ़ी आम है। पानी उबालने के लिए आवश्यक विलवणीकरण संयंत्रों में पीने के पानी का उत्पादन किया जाता है। स्वास्थ्यपरक मुद्दा[संपादित करें]स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से आसुत जल पीने की वकालत भी की गई है और हतोत्साहित भी किया गया है। स्वाभाविक रूप से जल में उपस्थित खनिजों का आसुत जल में अभाव होने पर कुछ चिंता व्यक्त की गई है। जर्नल ऑफ़ जनरल इंटर्नल मेडिसिन[11] ने अमेरिका में उपलब्ध विभिन्न प्रकार के जल में खनिज सामग्री पर एक अध्ययन प्रकाशित किया है। अध्ययन से निष्कर्ष निकला है
अक्सर देखा गया है कि "कठोर" पानी या जिस पानी में कुछ खनिज हों उसके प्रयोग का हृदय पर लाभकारी प्रभाव माना जाता है। जैसाकि अमेरिकन जर्नल ऑफ़ एपिडेमिऑलोजी में कहा गया है, कठोर पानी के सेवन का एथरोस्क्लेरॉटिक ह्रदय रोग से कोई संबंध नहीं है।[12] चूंकि आसुत पानी खनिजों से मुक्त होता है तो उससे ये संभावित लाभ नहीं होंगे। जबकि स्वास्थ्य के कारण अधिकाधिक लोग फ़्लोराइड-मुक्त पानी पसंद करते हैं फिर भी कईयों का कहना है कि-क्योंकि आसुत जल में फ़्लोराइड आयन का अभाव होता है, दांतों की सड़न को रोकने के इसके गुण के कारण जल उपचार संयंत्र में फ़्लोराइडकरण का प्रयोग कर कई सरकारें (जैसे संयुक्त राज्य में नगर पालिकाएं) इसे डालती हैं-आसुत जल में इस तत्व की कमी के कारण उसके सेवन से दांत क्षय का जोखिम बढ़ जाएगा.[13] बेशक टूथपेस्ट और फ़्लोराइड चिकित्सा से केवल फ़्लोराइड को भी दांतों पर लगाया जा सकता है।[14] इन्हें भी देखें[संपादित करें]
सन्दर्भ[संपादित करें]
आसवित जल विद्युत का चालक क्यों नहीं होता है जबकि वर्षा जल होता है?Solution : आसवित जल विद्युत का चालक नहीं होता, क्योंकि यह एक सहसंयोजी यौगिक है जिसका आयनीकरण नहीं होता। आयनों की अनुपस्थिति ही आसवित जल को विद्युत का कुचालक बना देती है। <br> वर्षा के जल में अनेक अम्लीय गैसें (CO2, SO2)अशुद्धियों के रूप में घुली होती हैं। इन गैसों का घोल पानी को आयनीकृत कर देता है।
आसुत जल विद्युत का चालन नहीं करते हैं परंतु नल का पानी विद्युत का चालन करते हैं क्यों?Solution : आसुत जल, जल का शुद्ध रूप होता है। इसमें नहीं होता। लेकिन नल के पानी में खनिज-लवण - इसलिए नल का पानी विद्युत का चालन करता है जया जल नहीं।
हम आसुत जल को विद्युत का सुचालक कैसे बनाते हैं?Solution : आसुत जल में नींबू का रस, तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल, कास्टिक सोडा, साधारण नमक या अन्य कोई लवण मिलाकर इसे चालक बनाया जा सकता है। प्राकृतिक जल स्रोतों से प्राप्त जल में भी खनिज-लवण मिले होने से जल विद्युत का चालक होता है। आसुत जल में इन्हीं खनिज लवणों का अभाव होता है।
आसुत जल किसे कहते हैं इसका प्रयोग कब किया जाता है?आसुत जल वह जल है जिसकी अनेक अशुद्धियों को आसवन के माध्यम से हटा दिया गया हो। आसवन में पानी को उबालकर उसकी भाप को एक साफ़ कंटेनर में संघनित किया जाता है। यह पीने के लिए उपयुक्त नहीं होता है क्योंकि इसमें जीवन के लिए आवश्यक लवण अनुपस्थित होते है।
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