आलू के चिप्स काले क्यों पड़ जाते हैं - aaloo ke chips kaale kyon pad jaate hain

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काटने के बाद भी काला नहीं होगा आलू

पूनम भारद्वाज, शिमला

सुबह उठकर बच्चे को जल्दी स्कूल भेजना है तो महिलाएं रात को ही सब्जी काटकर रख लेती हैं। उनकी समस्या थी कि काटा गया आलू सुबह तक काला हो जाता है और खाने लायक नहीं रहता। वैज्ञानिकों ने महिलाओं की इस दिक्कत को दूर कर दिया है। अब रात को ही आलू काटकर रखा जा सकता है और वह काला भी नहीं होगा।

केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान शिमला के वैज्ञानिक आलू को अधिक तापमान में रसायनों का छिड़काव कर उसे अधिक देर तक टिकाए रखने की सलाह दे रहे हैं। उनका तर्क है कि इससे आलू के स्टार्च को टूटने से बचाकर उसे शर्करा में बदलने से रोका जा सकता है। यही आलू के काला होने का कारण बनता है व उसे मीठा बनाता है। सीपीआरआइ के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. संजीव शर्मा का कहना है कि अगर आलू को तीन से चार डिग्री सेल्सियस की बजाय 10 से 11 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान में सुरक्षित कर रखा जाए तो तो स्टार्च को टूटने से रोका जा सकता है। आलू पर स्प्राउट सफ्रीशेंट (सीआइपीसी) रसायन का छिड़काव करने से आलू में शर्करा की मात्रा नहीं बढ़ती है और वह काटने के बाद काला भी नहीं होता है, क्योंकि शर्करा की मात्रा बढ़ने से ही आलू काटने के बाद काला होता है। वैज्ञानिकों ने यह पता लगाने में कामयाबी हासिल कर ली है कि जब आलू आकार लेता है तो इसकी वजह से रोग लगते हैं।

डॉ. संजीव ने बताया कि संस्थान ने कोल्ड स्टोर में रखने के बाद आलू के मीठे होने के कारणों का पता लगाना है, क्योंकि कोल्ड स्टोर में रखने के बाद आलू मधुमेह रोग पीड़ितों के खाने के योग्य नहीं रह जाता। उन्होंने बताया कि बॉयोटेक्नोलॉजी की मदद से उन्होंने इजाद किया कि आलू को अधिक तापमान में रखने से स्टार्च को शर्करा में बदलने से रोका जा सकता है, जो आलू को न तो मीठा होने देता है और न काला पड़ने देता है।

इन रसायनों का करें छिड़काव

आलू को काटने के बाद काला पड़ने से रोकने के लिए पहले इन्हें 10 से 11 डिग्री सेल्सियस के तापमान में रखें। आलू को 'स्प्राउट सफ्रीशंट' रसायन का छिड़काव करें।

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'काटने के बाद आलू काला न पड़े और मीठा न हो, इसलिए आलू को अधिक तापमान में रखने की और उस पर 'स्प्राउट सफ्रीशेंट' (सीआइपीसी) का छिड़काव करें।'

डॉ. बीपी सिंह, निदेशक केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान।

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Potato Chips Making Business in Hindi: आलू एक ऐसी सब्जी है, जो सबसे ज्यादा उपयोग की जाती है, चाहे वह कोई भी जगह क्यों ना हो। इसी के साथ चाहे कोई भी व्यंजन क्यों ना हो आलू जरूर मिलते ही है। इसी के साथ आपने आलू की चिप्स बारे में बहुत ही सुना होगा। यह एक बहुत ही अच्छा बिजनेस है। इसमें आप घर बैठे ही हजारों से लाखों रुपए की कमाई कर सकते हैं।

आलू के चिप्स काले क्यों पड़ जाते हैं - aaloo ke chips kaale kyon pad jaate hain
Image: Potato Chips Making Business in Hindi

आज हम आपसे बात करने जा रहे हैं आलू चिप्स बनाने का बिजनेस के बारे में। लोगों को खाली बैठने पर कुछ ना कुछ चाय नाश्ता चाहिए होता है, चिप्स और पापड़ से बढ़िया कोई भी नाश्ता नहीं हो सकता है। अगर आप आलू चिप्स का बिजनेस करना चाहते हैं तो हमारे इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें।

  • आलू चिप्स बनाने का बिजनेस क्या होता है?
  • आलू चिप्स बनाने का बिजनेस क्यों करना चाहिए?
  • आलू चिप्स बनाने का बिजनेस कैसे शुरू करें?
  • आलू चिप्स बनाने के बिजनेस के लिए मार्केट रिसर्च
  • आलू चिप्स बनाने के बिजनेस में रॉ मैटेरियल
  • आलू चिप्स बनाने के बिजनेस में रॉ मैटेरियल का प्राइस
  • रॉ मैटेरियल कहां से खरीदें?
  • आलू चिप्स बनाने के बिजनेस में जरूरी मशीनें
  • आलू चिप्स बनाने के बिजनेस में मशीन के प्राइस
  • मशीन कहां से खरीदें?
  • आलू चिप्स बनाने की प्रक्रिया
  • आलू चिप्स बनाने के बिजनेस के लिए जगह का चयन
  • आलू चिप्स बनाने के बिजनेस में लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन
  • आलू चिप्स बनाने के बिजनेस के लिए जरूरी लाइसेंस
  • आलू चिप्स बनाने के बिजनेस के लिए जरूरी डॉक्यूमेंट
  • आलू चिप्स बनाने के बिजनेस के लिए कर्मचारी/स्टाफ
  • आलू चिप्स बनाने के बिजनेस में पैकेजिंग
  • आलू चिप्स बनाने के बिजनेस में कुल लागत
  • आलू चिप्स बनाने के बिजनेस में मुनाफ़ा
  • आलू चिप्स बनाने के बिजनेस के लिए मार्केटिंग
  • आलू चिप्स बनाने के बिजनेस में रिस्क
  • FAQ
  • निष्कर्ष

आलू चिप्स बनाने का बिजनेस क्या होता है?

आलू चिप्स बनाने का बिजनेस के बारे में मतलब है आलू की चिप्स बनाई जाना और फिर उन्हें बाजार में बेचा जाना। इस व्यापार को कोई भी व्यक्ति शुरू करके बहुत ही अच्छी खासी कमाई कर सकता है, यह बहुत ही फायदेमंद और सफल बिजनेस है।

इस बिजनेस को शुरू करने में बहुत ही कम समय और बहुत कम लागत लगती है और फायदा बहुत ही अच्छा होता है।

आलू चिप्स बनाने का बिजनेस क्यों करना चाहिए?

यह एक ऐसा बिजनेस है, जिसमें निवेश कम और मुनाफा बहुत ही अधिक है। इसी के साथ इसको बनाने में बहुत ही कम समय लगता है। आज के समय में आलू की चिप्स की मांग बढ़ती हुई दिखाई दे रही है और हो सकता है भविष्य में भी इसकी मांग बढ़ती ही रहे। अगर आप इस बिजनेस को शुरू करते हैं तो यह आपके लिए फायदेमंद होगा।

आलू चिप्स बनाने का बिजनेस कैसे शुरू करें?

इस बिजनेस को शुरू करने के लिए आपको कुछ जरूरी चीजों की आवश्यकता पड़ेगी और उसी के साथ आप इस बिजनेस को शुरू कर सकते हैं। जैसे कि:

  • इन्वेस्टमेंट मतलब निवेश
  • जमीन, जिस जगह आप बिजनेस शुरू करना चाहते हैं
  • बिजनेस प्लैनिंग
  • बिल्डिंग
  • मशीनें
  • लाइट और पानी की सुविधा
  • कर्मचारी और स्टाफ
  • कच्चा माल
  • वाहन

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आलू चिप्स बनाने के बिजनेस के लिए मार्केट रिसर्च

इस बिजनेस को शुरू करने से पहले आप थोड़ी सी मार्केट रिसर्च कर सकते हैं जैसे कि आप अपना माल कहां बेच सकते हैं, कौन सी प्रकार की चिप्स की ज्यादा डिमांड है।

इसी के साथ आपका बिजनेस होलसेल में या रिटेल में कौन से प्रकार में अच्छी तरह से चल सकता है। इन सभी की मार्केट रिसर्च करना आपको बहुत ही आवश्यक है।

आलू चिप्स बनाने के बिजनेस में रॉ मैटेरियल

  • आलू, मार्केट में आलू दो प्रकार के मिलते हैं, एक होते हैं साधा आलू जो सब्जियों के लिए प्रयोग किए जाते हैं। दूसरे होते हैं मीठे आलू परंतु चिप्स के लिए आप किसी भी प्रकार के आलू का इस्तेमाल कर सकते हैं।
  • नमक आपके स्वाद के अनुसार
  • मिर्च पाउडर
  • चार्ट पाउडर
  • चाट मसाला
  • तेल

आलू चिप्स बनाने के बिजनेस में रॉ मैटेरियल का प्राइस

  • आलू की कीमत लगभग 1200 रुपए प्रति क्विंटल से लेकर 4600 रुपए प्रति क्विंटल
  • तेल की कीमत समय और बाजार पर निर्भर करती है।
  • नमक ₹20 प्रति किलो
  • मिर्च पाउडर ₹100 प्रति किलो
  • चाट मसाला बाजार पर निर्भर करता है।

रॉ मैटेरियल कहां से खरीदें?

आलू चिप्स बनाने के लिए आप रॉ मटेरियल ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही तरीकों से खरीद सकते हैं। आप कहीं होलसेल मार्केट में जाकर भी ले सकते हैं। इसी के साथ ऑनलाइन वेबसाइट के द्वारा भी रॉ मैटेरियल खरीदा जा सकता है।

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आलू चिप्स बनाने के बिजनेस में जरूरी मशीनें

  • पोटैटो पीलिंग मशीन इसके द्वारा आलू छिले जाते हैं।
  • पोटैटो सलिकिंग मशीन इस मशीन के द्वारा आलू काटे जाते हैं।
  • बैच फ्रायर इस मशीन के द्वारा चिप्स तली जाती हैं।
  • स्पाइस कोटिंग मशीन इस मशीन के द्वारा चिप्स पर मसाला चढ़ाया जाता है।
  • मशीन फॉर पैकिंग इस मशीन के द्वारा चिप्स को पैक किया जाता है।

आलू चिप्स बनाने के बिजनेस में मशीन के प्राइस

इन सभी मशीनों की कीमत लाकर लगभग दो से ₹300000 बैठ जाती है। एक मशीन की कीमत 35000 रुपए से लेकर ₹70000 के आसपास है। इसी के साथ अगर आप इस बिजनेस को छोटे स्तर पर शुरू कर रहे हैं तो आप अपने घर से ही शुरु कर सकते हैं। बड़े स्तर पर शुरू करने के लिए मशीनों की आवश्यकता पड़ेगी।

मशीन कहां से खरीदें?

इन मशीनों को वह आप होलसेल मार्केट से भी खरीद सकते हैं। इसी के साथ इंडियामार्ट, फ्लिपकार्ड अन्य ऑनलाइन वेबसाइट से भी खरीद सकते हैं, यह आपको कम दाम पर मिल जाती है।

आलू चिप्स बनाने की प्रक्रिया

  • सबसे पहले साफ-साफ आलू एक जगह इकट्ठे कर ले और खराब आलू को अलग निकाल दे, खराब आलू से स्वास्थ्य खराब हो जाता है, इसीलिए इस काम को सावधानी से करें।
  • इसके पश्चात आलू को अच्छी तरह से धो ले फिर इनका छिलका निकाल दें, वैसे तो यह काम हाथ से बहुत आसानी से किया जा सकता है, परंतु इसके लिए आप पटेटो पीलिंग मशीन का इस्तेमाल करें।
  • अब खिले हुए आलू को फिर अच्छी तरह से धो लें। आलू को पतले पतले काटना है, इनकी मोटाई कम से कम 4mm से 5mm ही होनी चाहिए। इसके लिए आप सलिकिंग मशीन का इस्तेमाल कर सकते हैं अब कटे हुए आलू को कुछ देर के लिए ठंडे पानी में डालकर रख दें।
  • अब आलू को पानी में से निकाल कर bisulpite solution के साथ blanch कर दे और अतिरिक्त पानी को निकाल दे, इसी के साथ अगर पानी नहीं निकलता है तो आप इसके लिए dewatering मशीन का इस्तेमाल कर सकते हैं, इसके जरिए अतिरिक्त पानी निकल जाता है।
  • जब आलू अच्छी तरह से सूख जाए तो यह फ्राई करने के लिए तैयार हो जाते हैं, इसके लिए आप बैच फायर मशीन का इस्तेमाल कर सकते हैं। कटे हुए आलू को लगभग 2 मिनट के लिए 180 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर सेका जाता है।
  • इसके बाद मतलब जो सीखने की प्रक्रिया पूरी हो जाती है तब चिप्स को निकाल कर उस पर मसाला कोटिंग के लिए आगे भेजा जाता है।
  • इस तरह से आलू चिप्स बनाने की प्रक्रिया पूरी हो जाती है और यह पैकिंग के लिए तैयार हो जाती है।

आलू चिप्स बनाने के बिजनेस के लिए जगह का चयन

अगर आप इस बिजनेस को छोटे स्तर पर शुरू कर रहे हैं तो इसके लिए आप एक कमरे में भी इस बिजनेस को शुरू कर सकते हैं। इसी के साथ अगर आप इस बिजनेस को बड़े स्तर पर शुरू कर रहे हैं तो इसके लिए आपको कम से कम 500 से 1000 स्क्वायर फीट जगह की आवश्यकता पड़ेगी।

आलू चिप्स बनाने के बिजनेस में लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन

इस बिजनेस को शुरू करने के लिए आपको कुछ कानूनी कार्यवाही करनी होगी। इसके लिए आपको लाइसेंस लेना जरूरी है। यह लाइसेंस आपको खाद्य विभाग से लेना होगा। इसी के साथ मध्यम लघु उद्योग के लिए रजिस्ट्रेशन करवाना होगा मतलब, उद्योग विभाग से लाइसेंस लेना होगा।

नगर निगम में बिजनेस का रजिस्ट्रेशन लाइसेंस लेना होगा। इसी के साथ आपको fssai लाइसेंस की भी आवश्यकता है और यह लाइसेंस अनिवार्य है। क्योंकि यह फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया के द्वारा मिलता है, जो खाद्य पदार्थ के लिए आवश्यक होता है।

इसी के साथ आपको जीएसटी नंबर रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य है, क्योंकि आप जितने भी बिजनेस और उद्योग होते हैं, उनके लिए जीएसटी नंबर होना जरूरी है।

आलू चिप्स बनाने के बिजनेस के लिए जरूरी लाइसेंस

  • जीएसटी रजिस्ट्रेशन
  • ट्रेड लाइसेंस
  • एमएसएमई रजिस्ट्रेशन
  • फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया
  • आईईसी कोड

आलू चिप्स बनाने के बिजनेस के लिए जरूरी डॉक्यूमेंट

  • आईडी प्रूफ आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी कार्ड
  • एड्रेस प्रूफ राशन कार्ड, इलेक्ट्रिक सिटी बिल
  • बैंक अकाउंट पासबुक
  • फोटोग्राफ, ईमेल आईडी, फोन नंबर

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आलू चिप्स बनाने के बिजनेस के लिए कर्मचारी/स्टाफ

अगर आप इस बिजनेस को छोटे स्तर पर शुरू कर रहे हैं तो इसके लिए आपको कर्मचारी की आवश्यकता नहीं होगी, घर के लोग मिलकर ही इस व्यवसाय को शुरू कर सकते हैं। इसी के साथ अगर आप बड़े स्तर पर इस बिजनेस को शुरू कर रहे हैं तो इसके लिए आपको कम से कम 8 से 10 लोगों की आवश्यकता पड़ेगी, एक व्यक्ति आपको मैनेजमेंट के लिए अवश्य चाहिए होगा।

आलू चिप्स बनाने के बिजनेस में पैकेजिंग

पैकेजिंग के लिए आपको अच्छी क्वालिटी की पॉलिथीन की आवश्यकता होगी। इसी के साथ आप अपने ब्रांड का नाम भी छपवा सकते हैं मतलब अपने ब्रांड के नाम से भी अपने प्रोडक्ट को बेच सकते हैं, यह आपके लिए बहुत ही फायदेमंद हो सकता है।

आलू चिप्स बनाने के बिजनेस में कुल लागत

इस बिजनेस को शुरू करने के लिए आप को कम से कम 200000 से ₹300000 तक का खर्चा हो सकता है। रॉ मटेरियल के लिए 30000 से 35 हजार रुपए का खर्चा इसी के साथ मशीन का खर्चा बिजली का खर्चा, पानी का खर्चा इन सभी को मिलाकर 2 से ₹300000 तक का कुल निवेश हो सकता है।

आलू चिप्स बनाने के बिजनेस में मुनाफ़ा

इस बिजनेस में आप अच्छा खासा मुनाफा कमा सकते हैं। मान लीजिए अगर आप 1 घंटे में 50 किलो चिप्स भी बना लेंगे तो इस हिसाब से आप ₹2000 आराम से कमा लेंगे।

इसी के साथ आप कम से कम 20000 से ₹25000 प्रति माह आराम से कमा सकते हैं। अगर आप और मेहनत करेंगे अपने बिजनेस को अच्छी तरह से चलाएंगे तो इससे ज्यादा भी इनकम कर सकते हैं।

आलू चिप्स बनाने के बिजनेस के लिए मार्केटिंग

जब आपका माल पूरी तरह से तैयार हो जाता है तो सबसे बड़ी परेशानी यह आती है कि हम अपने प्रोडक्ट की मार्केटिंग किस प्रकार करें। इसके लिए आप होलसेल दुकान पर संपर्क कर सकते हैं। रिटेलर दुकान पर जा जाकर अपने प्रोडक्ट को बेच सकते हैं।

इसी के साथ आप ऑनलाइन मार्केटिंग भी कर सकते हैं क्योंकि खाने के तो सभी दीवाने होते हैं। अगर उन्हें प्रोडक्ट अच्छा लगता है चीज अच्छी लगती है तो वह आपका सामान जरूर खरीदते हैं। इसके लिए आपको क्वॉलिटी मेंटेन रखनी होगी, इसी के साथ ग्राहक का भरोसा भी जीतना होगा।

आलू चिप्स बनाने के बिजनेस में रिस्क

वैसे तो खाने पीने की चीजों में जल्दी से जोखिम नहीं उठाना पड़ता है। अगर इसका स्वाद अच्छा हो और किसी को भी कोई खाने ना पहुंचे तो आपको बिजनेस में किसी भी प्रकार का जोखिम नहीं मिलेगा। बस इसके लिए आपको क्वॉलिटी मेंटेन रखनी होगी।

FAQ

आलू चिप्स बनाने की मशीन की कीमत क्या है?

आलू चिप्स बनाने की मशीन की कीमत लगभग ₹35000 है।

इस बिजनेस को छोटे स्तर पर कितने रुपए में शुरू कर सकते हैं?

इस बिजनेस को अगर छोटे स्तर पर शुरू करना चाहते हो तो आप अपने घर से ही शुरु कर सकते हैं। इसके लिए आपको पांच से ₹10000 की आवश्यकता होगी।

कई बार आलू के चिप्स काले पड़ जाते हैं ऐसा क्यों होता है?

जब आलू की चिप्स बनाई जाती है तो इन्हें ध्यान पूर्वक बनानी चाहिए। अगर आलू थोड़े से भी कच्चे रह जाते हैं तो वह सूखने पर काले पड़ जाते हैं।

आलू के चिप्स का छोटा पैकेट कितने रुपए तक का बिक जाता है?

आलू चिप्स के पैकेट का रेट ₹5 से लेकर शुरू होता है।

निष्कर्ष

आप इस बिजनेस को छोटे स्तर पर शुरू करें चाहे बड़े स्तर पर बस लगन और मेहनत के साथ शुरू करें। अगर आप बिजनेस करने में जी जान लगा देंगे तो आपको सफल होने से कोई नहीं रोक सकता। इसी के साथ इन स्टेप को फॉलो करके आप अपने बिजनेस को अच्छी तरह से चला सकते हैं।

आशा करते हैं आपको यह आर्टिकल आलू चिप्स बनाने का बिजनेस कैसे करें? (Potato Chips Making Business in Hindi) पसंद आया होगा। अगर आपको इस आर्टिकल से संबंधित अन्य कोई भी जानकारी चाहिए या अन्य कोई भी प्रश्न पूछना है तो आप कमेंट सेक्शन में कमेंट कर सकते हैं।

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आलू काले क्यों पड़ जाते हैं?

इन्हें कुछ सेकेंड के लिए भी बिना पानी के ना छोड़ें क्योंकि बिना पानी के चिप्स लाल या काले होने लगते हैं. यदि आप शाम के समय चिप्स बना रहे हैं तो चिप्स को पानी में डालकर पूरी रात छोड़ दें. वहीं अगर आप दिन में चिप्स बना रहे हैं तो कम से कम 6 से 7 घंटे चिप्स को यूं ही पानी में डला रहने दें.

आलू के चिप्स को खराब होने से बचाने के लिए कौन सी गैस का उपयोग किया जाता है?

- नाइट्रोजन गैस से चिप्स पैकेट को ट्रांसपोर्टेशन में आसानी होती है। - नाइट्रोजन स्नैक्स को लंबे समय तक क्रिस्पी बनाए रखती है। - अगर चिप्स में नाइट्रोजन गैस नहीं भरी जाए तो चिप्स गीला, नरम और खराब मिलेंगे।

1 kg आलू में कितनी चिप्स बनती है?

Parle Wafers Piri Piri, 60g.

आलू के चिप्स को खराब होने से बचाने के लिए उन्हें प्लास्टिक बैग में किस प्रकार के वातावरण में क्या किया जाता है?

➲ नाइट्रोजन ⏩ आलू के चिप्स को खराब होने से बचाने के लिए उन्हें प्लास्टिक के बैग में नाइट्रोजन भरकर पैक किया जाता है। नाइट्रोजन वातावरण में पैक करने से आलू के चिप्स जल्दी खराब नही होते। आलू के चिप्स के अलावा इसी तरह के अन्य खाद्य पदार्थ भी नाइट्रोजन भरकर पैक किये जाते हैं, ताकि वो जल्दी खराब न हों।