आंख में फेवीक्विक चला जाए तो क्या करना चाहिए - aankh mein pheveekvik chala jae to kya karana chaahie

इंदौर। कई बार अनजाने में कुछ ऐसा हो जाता है जो जीवन में भूचाल ला देता है। अलीराजपुर जिले के अांबुआ में रहने वाले दिनेश के परिवार के साथ सोमवार को कुछ ऐसा ही हुआ। सुबह जब दिनेश के तीनों बच्चे जागे तो उनकी आंख ही नहीं खुली। घबराए माता-पिता इन्हें लेकर अस्पताल पहुंचे तो पता चला मां ने रात में आई ड्रॉप की जगह उनकी आंख में फेविक्विक डाल दिया था। इससे उनकी आंखें पूरी तरह चिपक गई थी। इसे मुश्किल केस मानते हुए डॉक्टर ने दाहोद के दृष्टि नेत्रालय रेफर कर दिया, जहां चार डाॅक्टरों की टीम ने 6 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आंख खोलने में सफलता पाई। इस दौरान करीब 18 घंटे तक बच्चों की आंखें बंद रही और उनके माता-पिता की सांसे अटकी रही।


यह है पूरा घटनाक्रम
आंबुआ के छोटा इटारा में रहने वाले दिनेश की बेटी महिमा (7), रितिका (4) और कालिया (2) की आंखों में रविवार शाम से दर्द था। तकलीफ देख मां भंगड़ीबाई, मेडिकल स्टोर से आई ड्रॉप ले आई। घर पहुंचकर वह ड्रॉप रख कुछ काम करने लगी। इतने में बच्चे के कराहने की आवाज आर्इ तो मां ने जल्दबाजी में आई ड्रॉप की जगह पास रखी फेविक्विक उठाकर तीनों बच्चों की आंख में डाल दिया। सुबह जब वह उन्हें उठाने गई तो तीनों की आंखें पूरी तरह चिपक गई थी। कुछ देर कोशिश के बाद भी जब आंख नहीं खुली तो माता-पिता उन्हें लेकर आंबुआ के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे। जहां डॉ. शुभेंद्र सिंह ने जांच के बाद उन्हें दृष्टि नेत्रालय दाहोद रेफर कर दिया।

चार डॉक्टरों ने छह घंटे की मशक्कत के बाद पाई सफलता
दृष्टि नेत्रालय की एडमिनिस्ट्रेटर डॉ. श्रेया शाह ने बताया कि इस तरह का केस उनके लिए भी पहला ही था। हॉस्पिटल के मेडिकल इंचार्ज डॉ. मेहुल शाह के मार्गदर्शन में चार डॉक्टरों की टीम ने बच्चों का इलाज शुरू किया। डॉक्टरों को सबसे ज्यादा मुश्किल बच्चों की आंख खोलने में हुई। काफी प्रयास के बाद एक बच्चे की आंख खोलकर उसकी सफाई शुरू की, ताकि आंख में जमा फेविक्विक निकाला जा सके। इसके बाद दूसरे और फिर तीसरे बच्चे के साथ भी यही प्रक्रिया अपनाई गई। डॉ. शाह के अनुसार, हमारे सामने सबसे बड़ी चुनाैती बच्चों के आंखों की रोशनी बचाना था। इसके लिए सुबह 10 बजे से इलाज शुरू हुआ जो शाम साढ़े चार बजे तक चला। करीब एक घंटे तक डॉक्टरों ने बच्चों को अपनी देखरेख में रखने के बाद छुट्टी दे दी। बच्चों की आंख पूरी तरह से ठीक होने में करीब 15 दिन का समय लगेगा।


उखड़ गए पलकों के बाल
डॉ. शाह ने बताया कि बच्चों की आंख खोलने के दौरान उनके पलकों के बाल तक उखड़ गए। उन्होंने कहा कि महिमा की आंख में सबसे ज्यादा सावधानी बरतनी पड़ी। क्योंकि उसकी आंख में सबसे ज्यादा फेविक्विक जमा था। बच्चों का पूरा इलाज अस्पताल की तरफ से किया गया। इसके लिए अस्पताल ने उनसे कोई चार्ज नहीं लिया। अस्पताल में प्रतिवर्ष करीब 10 हजार ऑपरेशन होते हैं, जिनमें से करीब 80 प्रतिशत नि:शुल्क किए जाते हैं। इन बच्चों का इलाज भी इसी के तहत हुआ है।

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थोड़ी सी चूक से कभी-कभी अचानक आपकी आंख में भी कूड़ा, कचरा या कुछ सिंथेटिक ग्लू जरुर गया होगा। ऐसे में आंख में किरकिरा या दर्द सा महसूस होता है, जिससे आंख को खोलना बेहद मुश्किल होता है।

ऐसे में अगर आप भी आंखों को रगड़ते हैं, तो ये आपके लिए नुकसानदायक हो सकता है। इसलिए आज हम आपको आंख से कचरा यानि कूड़ा और धूल को निकालने के आसान टिप्स बता रहे हैं। जो बेहद सरल होने के साथ आंखों को सुरक्षित भी रखते हैं।

आंख में फेवीक्विक चला जाए तो क्या करना चाहिए - aankh mein pheveekvik chala jae to kya karana chaahie

अगर आप भी आंख में कुछ चीज जैसे – फेवीक्विक कचरा,धूल आदि जाने पर उसे रगड़ते हैं या आंख खोलने में दिक्कत महसूस करते हैं, तो परेशान न हो, क्योंकि आज हम All Ayurvedic के माध्यम से आपके लिए लेकर आएं हैं आंख से कचरा निकालने वाले टिप्स…

आंखों में फेवीक्विक चले जाने पर :

फेवीक्विक को बहुत ही सावधानी से इस्तेमाल करें और बच्चों की पहुंच से बिल्कुल दूर रखें फेविक्विक प्रयोग करने वाले व्यक्ति को चाहिए कि वह प्रयोग के समय अपने हाथों को गीला रखे दूसरा फेविक्विक की ट्यूब को खोलते समय ट्यूब अपने मुँह से दूर रखे।

अगर गलती से यह आंख में चला जाये तो घबराएं नहीं, प्रभावित स्थान पर तुरंत ठंडे पानी के बार-बार छींटे मारें और उसके बाद डॉक्टर को अवश्य दिखाएं आंख को बंद न होने दें, और आंख के आसपास ऊपर और नीचे के हिस्से को पकड़कर रखें ताकि (बाह्य परत) चिपक न सके आंख को बार-बार रगड़ें नहीं,आँख को मसलें नहीं।

मसलने से आँख में घाव हो सकता है घाव अधिक होने पर कईबार आँख की रोशनी जाने का खतरा पैदा हो जाता है।

हालांकि फेवीक्विक में जाने के बाद ये उपाय काफी नहीं हैं लेकिन प्राथमिक उपचार के तौर पर ये बहुत काम सकते हैं जिसके बाद जितनी जल्दी हो सके डाक्टर से सम्पर्क करें।

आंखों में जलन और खुजली होने पर :

अगर 10 मिनट तक आपकी आंखों में कुछ किरकिरा महसूस हो रहा हो, तो ऐसे में सभी घरेलू उपाय अपनाने के बाद आप कोई सामान्य आई ड्रॉप् को डालकर कुछ देर आंखें बंद करके रखें।

अगर 10-15 मिनट के बाद भी आंखों से बाल या कचरा निकल नहीं रहा है, तो ऐसे सबसे पहले किसी करीबी की मदद लें। अगर उसके बाद भी आराम न मिले, तो डॉक्टर की सलाह लें। इससे आपको लाभ मिलेगा।

आँखों में कचरा, धूल आदि के कण जाने पर ऐसे निकालें :

सूती कपड़े को पानी में भिगोएं और आंखों के कोनों पर इसे रखकर दवाएं। बस इतना ध्यान रखें कि कॉर्निया को मसलें नहीं, ये संवेदनशील होता है, इसे नुकसान न पहुंचाएं। सूती कपड़ा सफेद होगा तो आपको आंख में फंसा धूल का कण निकलने के बाद दिख जाएगा।

अगर आप खुद अपनी आंखों से धूल मिट्टी निकाल न पाएं तो अपने दोस्त की मदद लें। अपनी पलकों को ऊपर की तरफ उठाएं ताकि आसानी हो। ध्यान रखें, जब आंख में कुछ चला जाए तो ज़ोर से उसे मसले नहीं। ऐसा करने से वो कचरा या कण आपकी आंखों को नुकसान पहुंचा सकता है और, ज्यादा गहराई में फंस सकता है।

अगर आपकी आंख में कूड़ा या धूल चली गई है, तो ऐसे में मुंह में पानी भरे और एक गुब्बारा बनाएं, अब दोनों आंखों पर पीने वाले साफ पानी को हल्के हाथ से मारें। इस प्रक्रिया को 4-5 बार दोहराएं।

आप आंख से कचरा निकालने के लिए किसी बड़े बर्तन में पानी भरें और उसमें आंखों को खोलकर डुबाने की कोशिश करें और पुतलियों को गोल-गोल घुमाएं। इस प्रक्रिया को 5-6 बार दोहराएं हैं।

अगर आपकी आंख में बाल या धूल चली गई है, तो ऐसे में आंख के निचले हिस्से को मोड़ते हुए आंख के अंगर की ओर घुमाएं, फिर वापस सामान्य हो जाएं, इससे आपकी आंख सही से खुल पाएगी। याद रखें हाथ हमेशा साबुन से धुलें हों।

आंखों की सेफ्टी के लिए कभी भूलकर भी न करें ये काम :

कभी भी आंख से कूड़ा या कीचड़ को निकालने के लिए रूई या कॉटन बॉल्स का यूज न करें। इससे उनके रेशे आंख में चिपके रह सकते हैं, जो आपको आगे परेशानी उत्पन्न कर सकते हैं।

अगर आपकी आंख में कूड़ा या धूल चला गया है, जिसकी वजह से आपको देख पाने में दर्द या किरकिराहट महसूस हो रही है, तो ऐसे में कभी कभी गंदे या मैले हाथ लगाने से बचें। इससे आपकी आंख में इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है।

कभी भी आंख में कूड़ा निकालने के लिए किसी नुकीली चीज का उपयोग न करें, इससे आपकी आंख को गहरा नुकसान हो सकता है। आपका रेटिना यानि पुतली पर चोट लग सकती है।

अगर आपकी आंख में कोई कूड़ा या छोटा कीड़ा चला गया है, तो ऐसे में कभी भी अपनी आंखों को जल्दी-जल्दी झपकाएं नहीं, इससे कूड़े या कीड़ा अंदर जाने की आशंका बढ़ जाती है। जिससे आंख में संक्रमण फैल सकता है।

अगर आपकी आंख में केमिकल का काम करते समय केमिकल का कुछ जरा सा हिस्सा चला जाए,तो ऐसे में आप अपनी ईलाज करने की जगह डॉक्टर से संपर्क जरूर करें।

अगर आंख में फेवीक्विक चला जाए तो क्या होगा?

अगर फेवीक्विक की आंखों में चला चली जाए तो बिल्कुल भी मत घबराइए उससे आंख आपकी आंखों में कोई हानि नहीं होगी। बस एक बात का ध्यान रखें जैसे ही फेवीक्विक आंखों में जाए आप अपनी आंखों को बंद ना करें और ना ही रगड़े क्योंकि अगर आप चिपक गई तो परेशानी बढ़ सकती है।

फेवीक्विक में क्या होता है?

फेवीक्विक एक साइनोएक्रीलेट (केमिकल) गोंद है, सभी प्रकार के धातुओं और मिश्र धातुओं, जैसे ABS (टीवी कैबिनेट, खाद्य प्रोसेसर बॉडी, आदि), पीवीसी (कठोर-नलसाजी पाइप, विंडो फ्रेम्स / Plasticized-) के लिए विभिन्न प्रकार के पदार्थों को बांड करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

प्लास्टिक से फेवीक्विक कैसे निकाले?

नेल पेंट रिमूवर कर करें इस्तेमाल इसके लिए आप सबसे पहले एक छोटे से बर्तन में एक से दो चम्मच नेल पेंट रिमूवर को रख लीजिए। अब इस बर्तन में से रूई द्वारा भिगोकर फेवीक्विक वाली जगह पर एक से दो बार लगाए। इससे फेवीक्विक सॉफ्ट हो जाता है और आसानी से निकल भी जाता है।