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Advertisement Remove all ads Short Note निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर दीजिए − Advertisement Remove all ads Solutionऊँचे-ऊँचे पर्वत पर उगे वृक्ष आकाश की ओर देखते चिंतामग्न प्रतीत हो रहे हैं। जैसे वे आसमान की ऊचाइयों को छूना चाहते हैं। इससे मानवीय भावनाओं को बताया गया है कि मनुष्य सदा आगे बढ़ने का भाव अपने मन में रखता है। Concept: पद्य (Poetry) (Class 10 B) Is there an error in this question or solution? Advertisement Remove all ads Chapter 1.5: पर्वत प्रदेश में पावस - प्रश्न-अभ्यास (क) [Page 28]
Q 5Q 4Q 6 APPEARS INNCERT Class 10 Hindi - Sparsh Part 2 Chapter 1.5 पर्वत प्रदेश में पावस Advertisement Remove all ads निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिये: पर्वतीय प्रदेश में जब मूसलाधार वर्षा होने लगती है तब पर्वतों पर उगनेवाले शाल के वृक्ष दिखाई देने बंद हो जाते हैं। तब ऐसा लगता है जैसे वे घबराकर धरा में छुप गए हैं मानवीकरण अलंकार का अद्धभुत प्रयोग इस पंक्ति में दिखाई देता है।पावस ऋतु में आकाश में बादल छा जाते है। कभी वर्षा होने लगती है तो कभी आसमान में बादल अदृशय हो जाते हैं।बादल अटखेलियां करते दिखाई देते हैं। वर्षा के कारण पर्वतीय प्रदेशों के झरने झर-झर बहने लगते हैं तथा वातावरण में संगीत उत्पन्न करते हैं। समतल भूमि पर जल एकत्रित हो जाता हैं। हवा के चलने के कारण वृक्ष भी झूमने लगते हैं। पूरी प्रकृति नृत्य करती सी प्रतीत होती हैं। 821 Views निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिये: 'मेखला' का अर्थ तगड़ी होता है जिसे स्त्रियाँ कमर में पहनती हैं इस प्रकार मेखलाकार का अर्थ तगड़ी का गोल आकार हुआ पर्वत भी मेखला की तरह गोल दिखाई दे रहे हैं जो धरती की कटि को घेरे हुए हैं प्रकृति के सौंदर्य को उभरने के लिए कवि ने इसका प्रयोग किया है 605 Views निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिये: वर्षा ऋतु में पर्वतों पर असंख्य सुन्दर फूल खिल जाते हैं । कवि इनकी तुलना पर्वत के नेत्रों से कर रहा है ।ऐसा लगता है मानों पर्वत अपने इन सुन्दर नेत्रों से प्रकृति की छटा को निहार रहा है। कवि ने इस पद का प्रयोग प्रकृति को सजीव चित्रण करने के लिए किया है पर्वतों को मानव का रूपक दे दिया गया है । 427 Views निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिये:पर्वत के हृदय से उठकर ऊँचे-ऊँचे वृक्ष आकाश की और क्यों देख रहे थे और वे किस बात को प्रतिबिंबित करते हैं?पर्वत के ह्रदय से उठकर ऊँचे-ऊँचे वृक्ष आसमान की ओर अपनी ऊंच्चाकंशाओ के कारण देख रहे थे। वे आसमान जितना ऊँचा उठना चाहते हैं। वे शांत भाव से एकटक आसमान को निहारते हैं। जो इस बात की ओर संकेत करता है कि अपनी आकांशाओं को पाने के लिए शांत तथा एकाग्रता आवश्यक है। 325 Views निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिये: कवि ने तालाब की समानता दर्पण से की है। जिस प्रकार दर्पण में मनुष्य को अपना प्रतिबिम्ब दिखाई देता है। इसी प्रकार तालाबरूपी दर्पण में पर्वतरूपी मानव अपना प्रतिबिम्ब निहार रहा है , काव्य सौंदर्य को बढ़ाने के लिए, अपने भावों की पूर्ण अभीव्यक्ति के लिए कवि ने ऐसा रूपक बाँधा है। 608 Views These Solutions are part of NCERT Solutions for Class 10 Hindi. Here we have given NCERT Solutions for Class 10 Hindi Sparsh Chapter 5 पर्वत प्रदेश में पावस. प्रश्न-अभ्यास (पाठ्यपुस्तक से) (क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर
दीजिए प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्रश्न 6. प्रश्न 7. (ख) निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. कविता का सौंदर्य प्रश्न 1. प्रश्न 2.
(ख) शब्दों की चित्रमयी भाषा पर
(ग) कविता की संगीतात्मकता पर प्रश्न 3. -मेखलाकार पर्वत अपार । Hope given NCERT Solutions for Class 10 Hindi Sparsh Chapter 5 are helpful to complete your homework. If you have any doubts, please comment below. NCERT-Solutions.com try to provide online tutoring for you. वृक्ष आकाश की ओर किस प्रकार और क्यों देख रहे है?1 Answer. पर्वत के हृदय से उठकर ऊँचे-ऊँचे वृक्ष आकाश की ओर अपनी उच्चाकांक्षाओं को प्रकट करने के लिए देख रहे हैं, अर्थात् आकाश को पाना चाहते हैं। ये वृक्ष इस बात को प्रतिबिंबित करते हैं कि मानों ये गंभीर चिंतन में लीन हों और अपलक देखते हुए अपनी उच्चाकांक्षाओं को पूर्ण करने के लिए निहार रहे हों।
पर्वत के हृदय से उठ कर वृक्ष आसमान की ओर क्यों देख रहे हैं?पर्वत के ह्रदय से उठकर ऊँचे-ऊँचे वृक्ष आसमान की ओर अपनी ऊंच्चाकंशाओ के कारण देख रहे थे। वे आसमान जितना ऊँचा उठना चाहते हैं। वे शांत भाव से एकटक आसमान को निहारते हैं। जो इस बात की ओर संकेत करता है कि अपनी आकांशाओं को पाने के लिए शांत तथा एकाग्रता आवश्यक है।
प्रश्न 5 पर्वत के हृदय से उठकर ऊँचे ऊँचे वृक्ष आकाश की ओर क्यों देख रहे थे और वे किस बात को प्रतिबिंबित करते हैं?ऊँचे-ऊँचे पर्वत पर उगे वृक्ष आकाश की ओर देखते चिंतामग्न प्रतीत हो रहे हैं। जैसे वे आसमान की ऊचाइयों को छूना चाहते हैं। इससे मानवीय भावनाओं को बताया गया है कि मनुष्य सदा आगे बढ़ने का भाव अपने मन में रखता है।
पहाड़ पर उगे हुए तरुवर कैसे प्रतीत होते हैं?पर्वतों पर उगे पेड़ कवि को किस तरह दिख रहे हैं? पर्वतों पर उगे पेड़ देखकर लगता है कि ये पेड़ पहाड़ के सीने पर उग आए हैं जो मनुष्य की ऊँची-ऊँची इच्छाओं की तरह हैं। ये पेड़ अत्यंत ध्यान से अपलक और अटल रहकर शांत आकाश की ओर निहार रहे हैं।
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