19 जोधपुर में दिल्ली से कम वर्षा क्यों होती है ?`? - 19 jodhapur mein dillee se kam varsha kyon hotee hai ?`?

इसे सुनेंरोकेंदुनिया में सबसे ज़्यादा नमी वाले जगह के तौर पर गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में भारत के मेघालय में मासिनराम का नाम दर्ज है. यहां बंगाल की खाड़ी की वजह से काफी ज़्यादा नमी है और 1491 मीटर की ऊंचाई वाले खासी पहाड़ियों की बदौलत यह नमी संघनित भी हो जाती है. यहां औसतन सालाना बारिश 11,871 मिलीमीटर होती है.

सबसे कम वर्षा कहाँ होती है?

इसे सुनेंरोकेंजी हां भारत में सबसे कम बारिश लेह, लद्दाख में होती है। यह भारत का एक केंद्र शासित प्रदेश है। जम्मू कश्मीर में स्थित लेह हिमालय की श्रेणियों के बीचों बीच में स्थित हैं, जिस वजह से यहाँ शीतकालीन और ग्रीष्मकालीन दोनों ही मौसम में वर्षा नहीं हो पाती हैं। लेह 3,520 मीटर की ऊंचाई पर स्थित अत्तुंग पर्वतीय पर मौजूद है।

लेह में सबसे कम वर्षा क्यों होती है?

इसे सुनेंरोकेंसमुद्र की सतह से करीब 11,500 फुट की ऊंचाई पर बसा लेह का मौसम अत्याधिक ठंडा होता है। नवंबर से मार्च के बीच तापमान शुन्य से भी 40 डिग्री नीचे चला जाता है। भारी बर्फबारी के कारण इसका संपर्क इस दौरान पूरी दुनिया से कट जाता है। ऐसे मौसम के कारण ही यहां वर्षा की मात्रा काफी कम होती है।

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मासिनराम कौन सी पहाड़ी पर है?

इसे सुनेंरोकेंमौसिनराम (Mawsynram) भारत के मेघालय राज्य के पूर्व खासी हिल्स ज़िले में स्थित एक बस्ती है। यह राज्य राजधानी, शिलांग, से लगभग 60.9 किमी दूर स्थित है।

राजस्थान में सबसे कम वर्षा कौन से जिले में होती है?

राजस्थान का सबसे कम वर्षा वाला जिला है?

1)श्रीगंगानगर2)बॉसवाङा3)जैसलमेर4)बाडमेर5)NULL

राजस्थान का सबसे कम वर्षा वाला जिला कौन सा है?

राजस्थान में सबसे कम वर्षा किस जिले में होती हैं?

  • बीकानेर
  • चूरु
  • गंगानगर
  • जैसलमेर

राजस्थान में सबसे कम वर्षा कहाँ होती है?

जोधपुर में दिल्ली से कम वर्षा क्यों होती है?

इसे सुनेंरोकेंदिल्ली और जोधपुर में अधिकतर वर्षा केवल आगे बढ़ते हुए मानसून की ऋतु में होती है। इन नगरों में इस ऋतु की अवधि केवल तीन मास की होती है। इसके विपरीत त्रिवेन्द्रम (तिरुवंतपुरम) एक तटीय प्रदेश है तथा शिलांग एक पर्वतीय प्रदेश है।

कम वर्षा के क्या कारण है?

इसे सुनेंरोकेंधरती पर मौजूद पानी से जलवाष्प का निर्माण होता है जो वाष्पीकरण के द्वारा होता है एवं संघनन द्वारा जलवाष्प द्रव अवस्था में निरंतर परिवर्तित होता रहता है। बढ़ती जनसंख्या के कारण जलवाष्प की मात्रा पृथ्वी के वायुमंडल में लगातार परिवर्तित हो रही है जिसके कारण बारिश में कमी की समस्या देखी जा सकती है।

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मासिनराम में सबसे ज्यादा बारिश क्यों होती है?

इसे सुनेंरोकेंमेघालय के मासिनराम क्षेत्र में सर्वाधिक वर्षा होती हैं।। पुर्वोत्तर भारत का राज्य मेघालय के मौसिनराम और चेरापुंजी हे सबसे अधिक वर्षा होती है।

शब्द से बना है, जिसका तात्पर्य मौसम या ऋतु है। कलांतर में मौनसून शब्द उन हवाओं के लिए प्रयोग किया जाने लगा जो ग्रीष्म ऋतु में जल से स्थल की ओर तथा शीत ऋतु में स्थल से जल की ओर चला करती हैं। 

विशेषताएँ - 1. उच्च तापमान मिलना, खासकर मई-जून में जबकि सूर्य की किरणें सीधी पड़ती है (औसतन 30°C) । दिन में उच्चतम तापमान 48°C तक मिलना, दिसंबर में जब सूर्य की किरणें तिरछी पड़ती हैं, तापमान 15°C या इससे भी कम आ जाता है। 

2. गर्मी और जाड़े की स्पष्ट ऋतुएँ होना ।

3. वर्षा की ऋतु गर्मी के बाद, इसमें मूसलाधार वर्षा होना, संसार की अधिकतम वर्षा मानसून जलवायु में ही मिलती है।

5. भारत के किस भाग में दैनिक तापमान सबसे अधिक मिलता है ? 

उत्तर-पश्चिमी गंगा-नगर भारत का सबसे भारत में तापमान 45°C से भी अधिक हो जाता है। राजस्थान–स्थित गर्म स्थान बन जाता है, जहाँ तापमान 55°C तक पाया जाता है। 

6. उन कारकों  नाम लिखे जो भारतीय जलवायु को प्रभावित करते हैं।

उत्तर- भारतीय जलवायु को प्रभावित करनेवाले कारकों में प्रमुख हैं- 1. अक्षांशीय स्थिति और आकार, 2. उच्चावच की विभिन्नता, 3. वायुदाब और पवन की की समयानुसार बदलती प्रकृति, 4. जल एवं स्थल का वितरण अथवा समुद्र के निकटता एवं दूरी, 5. जेट वायुधारकों का प्रभाव। 

7. जेट स्ट्रीम या जेट वायुधारा क्या है ?

उत्तर- धरती से बहुत ऊँचाई पर समतापमंडल में जेट धाराएँ चला करती हैं। ये जेट वायुधाराएँ सँकरी पट्टी में चलती हैं। शीतऋतु में इनकी स्थिति हिमालय से दक्षिण रहती है जबकि ग्रीष्मऋतु में खिसककर उतर की ओर हो जाती है। जाड़े में पश्चिमी विक्षोभों का आगमन जेट धाराओं के कारण आसानी से होता है और इनसे वर्षा होती है। यही उत्तरी भारत में मानसून स्फोट के लिए उत्तरदायी है।

8. दक्षिण-पश्चिम मानसून की उत्पत्ति का क्या कारण है ?

उत्तर- अप्रैल-मई के दौरान विषुवतरेखा पर निम्न दाब की स्थिति बनती है जहाँ दक्षिणी गोलार्द्ध को दक्षिण-पूर्व पवन पहुँचकर अपना अस्तित्व खो देते हैं। इसी समय पश्मिोत्तर भारत में भी एक निम्न दाब का क्षेत्र बनता है, जो विषुवतरेखीय निम्न दाब से और गहरा होता है। अतः विषुवतरेखीय उच्च दाब ( तुलनात्मक) सेहवाएँ भारतीय निम्न दाब क्षेत्र की ओर फेरेल नियमानुसार अग्रसर होती हैं। जिसकी दशा उत्तर-पश्चिम से उत्तर-पूर्व होती है। यही दक्षिण-पश्चिमी मॉनसूनी हवा होती है।

9. भारत के वृष्टि-छाया क्षेत्रों का सकारण विवरण दें।

उत्तर- भारत में वृष्टि छाया के दो प्रमुख क्षेत्र हैं- (i) पश्चिमी घाट का पूर्वी एवं (ii) मेघालय पठार पर शिलांग क्षेत्र।

दक्षिण-पश्चिमी मॉनसूनी हवाएँ जब पश्चिमी तट पर पहुँचती हैं तब वहाँ मार्ग में उपस्थित पश्चिमी घाट के सहारे नमीयुक्त हवाएँ ऊपर उठकर बादल बनाकर मालाबार तट पर वर्षा करती हैं। शेष शुष्क हवाएँ पूर्वी ढाल के सहारे नीचे उतरती हैं। जिससे यहाँ नगण्य वर्षा होती है। इसी तरह, उत्तर-पूर्व भारत में शिलांग भी वृष्टि छाया प्रदेश बन गया है जो बंगाल की खाड़ी शाखा से प्रभावित है। -

10. शिलांग में वर्षा कम और मासिनराम में अधिक क्यों होती है।

उत्तर- बंगाल की खाड़ी से जब मॉनसूनी हवाएँ बांग्लादेश होती हुई मेघालय पठार पर पहुँचती है तब यहाँ स्थित पहाड़ियों से टकराकर नमीयुक्त हवाएँ दक्षिणी भाग में स्थित मासिनराम में अत्यधिक वर्षा करती हैं। जबकि इन पहाड़ियों के उत्तर में शुष्क हवाओं के उतरने से वृष्टि छाया प्रदेश का विकास होता है जिससे शिलांग में वर्षा तुलनात्मक रूप से काफी कम होती है।

11. 'लौटते मानसून की ऋतु' किसे कहा गया है और क्यों ?

उत्तर- यह ऋतु अक्टूबर से मध्य नवंबर तक मानी जाती है, जिसमें सूर्य के दक्षिणायन होते ही तापमान में कमी आने लगती है और उतर-पश्चिमी भाग में वायुदाब लगता है। । साथ ही बंगाल की खाड़ीवाले भाग में वायुदाब घटने लगता है। परिणामस्व बढ़ने मानसून वापस आने या पीछे लौटने लगता है। तमिलनाडु में वर्षभर की अधिकतम वर्षा इसी ऋतु में होती है।

12. मानसून जलवायु की प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख करें। 

उत्तर - भारतीय मॉनसून की छह प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं

(i) यह एक वृहत स्तरीय जलीय एवं स्थलीय समीर है जो वर्ष के छह-छह महीने चला करता है।

(ii) पर्वतीय एवं चक्रवातीय दोनों प्रकार की वर्षा यहाँ होती है। 

(iii) वर्षा की मात्रा एवं विश्वसनीयता काफी संदिग्ध है।

(iv) से आता है। मॉनसून का आना काफी अनिश्चित है। कभी समय पर आता है तो कभी काफी देर से आता है |

(v) मॉनसूनी वर्षा का वितरण भी काफी असमान है।

(vi) कभी अतिवृष्टि होती है तो कभी अनावृष्टि भी होती है।

13. इन पर टिप्पणियाँ लिखें।

(i) जलवायु और मौसम, (ii) जलवायु के तत्त्व, (iii) लू, (iv) सर्वाधिक वर्षा का स्थान, (v) मानसून-प्रस्फोट |

उत्तर- (i) जलवायु और मौसम- मौसमी दशाओं का कुल योग है। जलवायु का अर्थ किसी भौगोलिक क्षेत्र की दीर्घकालीन मौसमी दशाओं का कुल योग है |

किसी निश्चित स्थान की, किसी समय में, वायुमंडलीय दशाओं का संकेत मौसम कहलाता है।

(ii) जलवायु के तत्त्व- वायुमंडलीय तापमान, वायुदाब, पवन, आर्द्रता और वर्षा । 

(iii) लू– मई आते-आते उतर-पश्चिमी भारत में तापमान 45°C से भी अधिक पहुँच जाता है। वहाँ निम्नदाब क्षेत्र का विकास होने लगता है। धूलभरी आँधियाँ चलने लगती हैं और आकाश पीला तथा धूल-धूसरित हो उठता है। जिन्हें 'लू' कहते हैं।

(iv) सर्वाधिक वर्षा का स्थान- विश्व में सर्वाधिक वर्षा मेघालय के मासिनराम गाँव में होती है। यहाँ वर्ष में 1.392 सेंटीमीटर वर्षा होती है।

(v) मानसून प्रस्फोट – 27°N से 30°N अक्षांश के ऊपर पूर्वी जेट वायुधारा विकसित होती है। यही उत्तरी भारत में मानसून स्फोट के लिए उत्तरदायी है। 

14. कारण बताएँ

(i) भारत में अधिकतर वर्षा कुछ ही महीनों में होती है। 

उत्तर- मौनसून के कारण।

(ii) तमिलनाडु तट पर जाड़े में वर्षा होती है। 

उत्तर- लौटती मानसून के कारण। 

(iii) दक्षिण भारत के डेल्टा भाग प्रायः चक्रवातीय चपेट में आ जाते हैं।

उत्तर- लौटती मानसून के समय बंगाल की खाड़ी में बनने वाले चक्रवात के कारण।

(iv) दक्षिण-पश्चिम पवन भारत में वर्षा लाते हैं।

उत्तर- दक्षिण-पश्चिम पवन मानसून पवन कहलाता है। और मानसून वर्षा लाती हैं।

15. भारत के किन चार महीनों में सबसे अधिक वर्षा होती है ? 

उत्तर- जुलाई, अगस्त, सितम्बर, जून।

16. भारत की विभिन्न ऋतुएँ कौन-कौन हैं ? 

उत्तर- वसंत, ग्रीष्म, वर्षा, शरद, हेमंत एवं शिशिर

17. मानसून लौटने से क्या तात्पर्य है ? 

उत्तर- सूर्य के दक्षिणायन होने से तापमान में कमी आ जाती है। उतर-पश्चिम भाग में वायुदाब बढ़ने लगता है। हवाएँ स्थल से चलने लगती है। परिणामस्वरूप, मानसून वापस आने या पीछे लौटने लगता है।

18. उत्तर भारत में पूर्व से पश्चिम की ओर वर्षा की मात्रा क्यों घटती जाती है ? 

उत्तर- क्योंकि पूर्व से पश्चिम की ओर मानसून धीरे-धीरे कमजोर पड़ता जाता है। 

19. जोधपुर में दिल्ली से कम वर्षा क्यों होती है ?

उत्तर- जैसे-जैसे मानसून पश्चिम की ओर जाती वर्षा की मात्रा घटती जाती है। इसीलिए जोधपुर में दिल्ली से कम वर्षा होती है।

20. दक्षिण-पश्चिमी मानसून के द्वारा चेन्नई में कम वर्षा क्यों होती है। 

उत्तर- सह्याद्रि पर्वत के कारण दक्षिण-पश्चिमी मानसून पश्चिमी घाट पर बरस जाती है और चेन्नई वृष्टि-छाया में पड़ जाता है। 

21. में दिन तथा रात का तापमान लगभग एक समान क्यों रहता है। 

उत्तर- समुद्र की निकटता के कारण।

22. देश के अधिकांश भागों में मानसूनी वर्षा समाप्त होने के बाद ही चेन्नई में अधिक वर्षा क्यों होती है ?

19 जोधपुर में दिल्ली से कम वर्षा क्यों होती है?

जोधपुर में दिल्ली से कम वर्षा क्यों होती है ? उत्तर- जैसे-जैसे मानसून पश्चिम की ओर जाती वर्षा की मात्रा घटती जाती है। इसीलिए जोधपुर में दिल्ली से कम वर्षा होती है। 20.

कम वर्षा के क्या कारण है?

धरती पर मौजूद पानी से जलवाष्प का निर्माण होता है जो वाष्पीकरण के द्वारा होता है एवं संघनन द्वारा जलवाष्प द्रव अवस्था में निरंतर परिवर्तित होता रहता है। बढ़ती जनसंख्या के कारण जलवाष्प की मात्रा पृथ्वी के वायुमंडल में लगातार परिवर्तित हो रही है जिसके कारण बारिश में कमी की समस्या देखी जा सकती है।

लेह में सबसे कम वर्षा क्यों होती है?

प्रश्न: लेह में कम वर्षा क्यों होती है? उत्तर: समुद्र की सतह से करीब 11,500 फुट की ऊंचाई पर बसा लेह बसा हुआ है। इसलिए यहां मौसम अत्याधिक ठंडा होता है। इसी कारण यहां वर्षा की मात्रा काफी कम होती है।

बारिश के 4 महीने कौन कौन से हैं?

पूरे भारत में वर्षा ऋतु की शुरुआत गर्मी के बाद जुलाई से होकर सितम्बर तक चलती है।