1 ग्राम पंचायत में महिलाओं के लिए कितने प्रतिशत पद आरक्षित होने चाहिए? - 1 graam panchaayat mein mahilaon ke lie kitane pratishat pad aarakshit hone chaahie?

27 अगस्त 2009

1 ग्राम पंचायत में महिलाओं के लिए कितने प्रतिशत पद आरक्षित होने चाहिए? - 1 graam panchaayat mein mahilaon ke lie kitane pratishat pad aarakshit hone chaahie?

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सरकार को पंचायतों में महिला आरक्षण बढ़ने से उनका सशक्तीकरण बढ़ने की उम्मीद है

भारत सरकार ने ग्राम स्तर पर महिलाओं के सशक्तीकरण की दिशा में एक असाधारण क़दम उठाते हुए पंचायतों में महिलाओं की आरक्षित संख्या 33 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत करने के प्रस्ताव को मंज़ूरी दे दी है.

देश भर में पंचायतों में महिला आरक्षण 50 प्रतिशत करने के लिए सरकार को संविधान के अनुच्छेद 243 में संशोधन करना होगा.

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व में कैबिनेट की गुरूवार को बैठक हुई जिसमें संविधान के अनुच्छेद 243 (डी) में संशोधन करने के लिए एक विधेयक लाने का फ़ैसला भी किया गया.

देश के पाँच राज्यों में पहले से ही पंचायतों में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण लागू किया गया है.

सूचना और प्रसारण मंत्री अंबिको सोनी ने पत्रकारों को बताया, "यह एक असाधारण फ़ैसला है."

उन्होंने कहा कि पंचायती राज मंत्रालय पंचायतों में महिलाओं का आरक्षण बढ़ाने के इस फ़ैसले को प्रभावी रूप देने के लिए संसद के आगामी सत्र में विधेयक लाने की योजना बना रहा है. पंचायतों में महिलाओं के लिए बढ़ा हुआ आरक्षण सीधे तौर पर निर्वाचित सीटों, पंचायत चैयरमैन के पदों और अनुसूचित जाति, जनजाति और आदिवासियों के लिए आरक्षित सीटों पर लागू होगा.

अंबिका सोनी ने कहा, "पंचायतों में महिलाओं के आरक्षण की सीमा बढ़ाने से सार्वजनिक जीवन में महिलाओं के सशक्तीकरण की दिशा में मदद मिलेगी. इससे पंचायतों में उनकी हिस्सेदारी बढ़ेगी और स्थानीय स्वशासन में उनका योगदान भी बढ़ेगा."

उन्होंने कहा कि यह फ़ैसला लागू करने पर कोई अतिरिक्त वित्तीय ख़र्च नहीं आएगा.

संख्या बढ़ेगी

इस समय देश भर में कुल पंचायतों के लगभग 28 लाख 10 हज़ार प्रतिनिधि होते हैं जिनमें से 36.87 प्रतिशत महिलाएँ हैं.

पंचायतों में महिलाओं का आरक्षण बढ़ाकर पचास प्रतिशत करने से निर्वाचित प्रतिनिधियों की संख्या 14 लाख और बढ़ने की संभावना है.

संविधान में यह संशोधन नागालैंड, मेघालय, मिज़ोरम, असम के आदिवासी क्षेत्रों, त्रिपुरा, और मणिपुर के पहाड़ी क्षेत्रों को छोड़कर बाक़ी सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू होगा

राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने चार जून को संसद के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करते हुए घोषणा की थी कि पंचायतों में महिलाओं के आरक्षण की सीमा पचास प्रतिशत तक करने के लिए संविधानिक संशोधन किया जाएगा.

अंबिका सोनी ने कहा कि शहरी स्थानीय निकायों में भी महिलाओं का आरक्षण बढ़ाने का एक प्रस्ताव अलग से लाया जाएगा.

बिहार, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और मध्य प्रदेश में पंचायत राज संस्थाओं में महिलाओं के लिए पहले से ही पचास प्रतिशत आरक्षण लागू है.

राजस्थान ने पंचायतों में महिलाओं के लिए पचास प्रतिशत आरक्षण लागू करने की घोषणा आगामी चुनावों से करने की घोषणा की है जो 2010 में प्रस्तावित हैं. केरल ने भी इसे लागू करने की घोषणा की है.

पंचायत में महिलाओं के लिए कितने प्रतिशत स्थान आरक्षित है?

भारतीय संविधान के 73 वें संविधान संशोधन अधिनियम, अप्रेल 1993 ने पंचायत के विभिन्न स्तरों पर पंचायत सदस्य और उनके प्रमुख दोनों पर महिलाओं के लिए एक-तिहाई स्थानों के आरक्षण का प्रावधान किया ।

पंचायत राज संस्थाओं में प्रारंभ में महिलाओं को कितना प्रतिशत आरक्षण प्रदान किया गया था?

आपको बता दें, संविधान के 73वें संशोधन-1992 में महिलाओं को पंचायतों में एक तिहाई (33%) आरक्षण दिया गया है।

भारत में महिलाओं को कितने प्रतिशत स्थान सुरक्षित है?

महिला आरक्षण विधेयक का मुद्दा 1993 में संविधान में 73वें और 74वें संशोधन के तहत पंचायतों और नगरपालिकाओं में महिलाओं के लिये 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित की गईं।

स्थानीय शासन में महिलाओं के लिए कितनी सीटें आरक्षित हैं?

महिला आरक्षण विधेयक (संविधान (108 संशोधन) विधेयक, 2008): विधेयक में लोकसभा और सभी राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33% सीटें आरक्षित करने का प्रावधान है।