व्याकरण शिक्षण की कौन सी विधि अपेक्षाकृत प्रभावी है? - vyaakaran shikshan kee kaun see vidhi apekshaakrt prabhaavee hai?

हिन्दी शिक्षण एवं शिक्षाशास्त्र

सामान्य हिन्दी - 1

  1. व्याकरण शिक्षण की कौन-सी विधि अपेक्षाकृत बेहतर है ?

    1. निगमन विधि
    2. आगमन विधि
    3. अनुवाद विधि
    4. पुस्तक प्रणाली

सही विकल्प: B

व्याकरण शिक्षण की आगामी विधि अपेक्षाकृत बेहतर है।

व्याकरण शिक्षण की कौन सी विधि अपेक्षाकृत प्रभावी है? - vyaakaran shikshan kee kaun see vidhi apekshaakrt prabhaavee hai?



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भाषा शिक्षण मे व्याकरण की भूमिका

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लिखित उत्तर

बच्चे नियमों से उदाहरणों की ओर जाते हैंबच्चे सूत्रों का प्रयोग करते हैंबच्चे नियमों को कंठस्थ कर लेते हैंबच्चे उदाहरणों से नियमों की ओर जाते हैं |

Answer : D

उत्तर

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व्याकरण शिक्षण की कौन सी विधि अपेक्षाकृत प्रभावी है? - vyaakaran shikshan kee kaun see vidhi apekshaakrt prabhaavee hai?

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106. बच्चे भाषा तब बेहतर तरीके से सीखते हैं जब
(1) सरल साहित्य का चयन हो ।
(2) परीक्षाओं का आयोजन हो।
(3) अनेक पाठ्य-पुस्तकें हों।
(4) भाषा का समृद्ध परिवेश हो ।

107. उच्च प्राथमिक स्तर पर भाषा-आकलन की दृष्टि से सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण है
(1) साक्षात्कार सूची
(2) लिखित परीक्षा
(3) अवलोकन
(4) जाँच सूची

108. द्वितीय भाषा की पाठ्यचर्या का एक लक्ष्य है –
प्राकृतिक भाषा ज्ञान में अर्जित दक्षता के अनुरूप _____ दक्षता प्राप्त करना।
(1) औसत
(2) बुनियादी
(3) उच्च
(4) सर्वोच्च

109. भाषा के विभिप कौशलों को …. कप में पढ़ाने की अनुशंसा की जाती है।
(1) उच
(2) निम्न
(3) क्रमिक
(4) एकीकृत

110. व्याकरण शिक्षण की कौन-सी विधि अपेक्षाकृत प्रभावी है?
(1) सूत्र विधि
(2) पाठ्यपुस्तक विधि
(3) आगमन विधि
(4) निगमन विधि

111. उच्च प्राथमिक स्तर पर भाषा की पाठ्य-पुस्तक में ‘रक्त और हमारा शरीर’ पाठ शामिल करने का विचार से जुड़ा है।

(1) हिंदी भाषा की विभिन्न रंगतों
(2) विज्ञान संबंधी शब्दावली
(3) विषयों की विभिन्न भाषाओं
(4) संपूर्ण पाठ्यचर्या में भाषा

112. त्रिभाषा-फार्मूला भारत की ___ की चुनौतियों और____ को संबोधित करने का एक प्रयास है।
(1) भाषा-स्थिति, संस्कृति
(2) भाषा-स्थिति, अवसरों
(3) संस्कृति, समाधानों
(4) समस्याओं, अवसरों

113. लिखने की क्षमता का विकास बोलने, सुनने और पढ़ने की क्षमता की संगति में होना चाहिए । यह विचार –
(1) आंशिक रूप से सत्य है ।
(2) पूर्णतः निराधार है।
(3) पूर्णतः असत्य है।
(4) पूर्णतः सत्य है।

114. उच्च प्राथमिक स्तर पर भाषा सीखने का उद्देश्य है-
(1) दूसरों के अनुभवों से जुड़कर सवालों के जवाब देना।
(2) निजी अनुभवों को केवल लिखकर अभिव्यक्त करना।
(3) प्रश्नोत्तरी, भाषण, अन्त्याक्षरी का मात्र आयोजन करना।
(4) भाषा की बारीकी और सौंदर्यबोध को सही रूप में समझना।

115. ‘ज्ञान से संबंधित अन्य विषयों की समझ का विकास तथा उससे आनंद उठाने की क्षमता का विकास’ उच्च प्राथमिक स्तर पर भाषा सीखने का –
(1) सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण उद्देश्य है ।
(2) सबसे कम महत्त्वपूर्ण उद्देश्य है।
(3) एकमात्र उद्देश्य है।
(4) एक महत्त्वपूर्ण उद्देश्य है।

116. पढ़ने का अर्थ है
(1) वाक्यों को पढ़ना
(2) शब्दों को पढ़ना
(3) पढ़कर समझना
(4) वर्णमाला का ज्ञान

117. कविता में कई बार ‘अभी भी’ का प्रयोग करके बातें रची गई हैं … बिना रुके चलने वाले किसी कार्य का भाव निकल रहा है. या नहीं ?’ प्रश्न ___की ओर संकेत करता है।
(1) व्याकरण की परिभाषा
(2) भाषा-संरचना
(3) व्याकरणिक ज्ञान
(4) भाषा की बारीकी

118. उच्च प्राथमिक स्तर पर भाषा सीखने में पाठ्य पुस्तक के अतिरिक्त कौन-सी संसाधन सामग्री सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण है ?
(1) आयु अनुरूप साहित्य
(2) समाचार-पत्र
(3) रेडियो नाटक
(4) कविता पाठ

119. गणित, विज्ञान आदि विषयों की कक्षाओं में भी बच्चे भाषा सीखते हैं । यह विचार –
(1) आंशिक रूप से सत्य है।
(2) निराधार है।
(3) पूर्णतः सत्य है।
(4) पूर्णतः असत्य है।

120. उच्च प्राथमिक स्तर पर पाठ्य-पुस्तकों में हिंदीतर __ भाषा को ही जगह मिलनी चाहिए ताकि बच्चे
(1) सामाजिक संस्कृति से परिचित हो सकें ।
(2) ये सभी।
(3) भाषा की विभिन्न रंगतों से परिचित हो सकें।
(4) हिंदीतर भाषी साहित्यकारों से परिचित हो सकें।

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व्याकरण शिक्षण की कौन सी विधि प्रभावी है?

एक में छात्रों को कोई सामान्य सिद्धांत बताकर उसकी जाँच या पुष्टि के लिए अनेक उदाहरण दिए जाते हैं। दूसरे में पहले अनेक उदाहरण देकर छात्रों से कोई सामान्य नियम निकलवाया जाता है। पहली विधि को निगमनात्मक विधि और दूसरी को आगमनात्मक विधि कहते हैं। ये विधि व्याकरण शिक्षण के लिए सबसे उपयुक्त मानी जाती है।

व्याकरण शिक्षण की सर्वश्रेष्ठ विधि कौन सी है?

भाषा-संसर्ग विधि जिससे उनका भाषा पर अधिकार हो जाए व्याकरण शिक्षण का भी यही उद्देश्य होता है कि छात्र भाषा पर अधिकार प्राप्त कर ले। इसलिए अलग से व्याकरण शिक्षण की कोई आवश्यकता नहीं होती है। इस प्रकार मातृ भाषा शिक्षण के लिए यह विधि सबसे अच्छी है।

व्याकरण सीखने की कौन कौन सी विधियां है?

संस्कृत साहित्य में व्याकरण का ज्ञान । वर्तनी लेखन करना, गद्यांश का शुद्ध वाचन करना, श्लोकों को कण्ठस्थ करना, व्याकरणिक तत्वों का ज्ञान प्राप्त करना, सरल वाक्यों का भाव ग्रहण करते हुए संस्कृत भाषा में रसानुभूति कर सकना आदि ।