धारा 323 325 504 506 क्या है? - dhaara 323 325 504 506 kya hai?

मेरठ : एलेक्जेंडर क्लब में किटी पार्टी का बवाल तूल पकड़ रहा है। इस मामले में एफआइआर से लेकर एनसीआर तक दर्ज की गई है। कारोबारी ने आरोप लगाया कि उनकी बेटी और भांजी के साथ अभद्रता की गई और कपड़े तक फाड़ दिए गए। वहीं, आरोपी की ओर से मारपीट और जान से मारने की एनसीआर दर्ज कराई गई है। पुलिस ने पड़ताल शुरू कर दी है। इस संबंध में क्लब की कार्यकारिणी की बैठक शुक्रवार को होगी।

कमिश्नरी तिराहे पर प्रतिष्ठित एलेक्जेंडर क्लब के ऊपरी मंजिल पर बुधवार रात शहर के एक बड़े बिल्डर की किटी पार्टी चल रही थी। क्लब के अंदर ग्राउंड फ्लोर पर बोर्ड की मीटिंग में गोल्डन पाम रिसोर्ट के स्वामी सनी अग्रवाल शामिल हुए थे। सनी एलेक्जेंडर क्लब की कार्यकारिणी के सदस्य भी हैं। बोर्ड की मीटिंग फैशन शो की योजना बनाने के लिए हो रही थी। रात पौने ग्यारह बजे किटी पार्टी और बोर्ड की मीटिंग खत्म होने के बाद सभी एक साथ वापस निकल रहे थे। आरोप है कि कारोबारी की बेटी और भांजी के साथ गोल्डन पाम रिसोर्ट के स्वामी सन्नी अग्रवाल ने छेड़छाड़ करते हुए कपड़े फाड़ दिए। वहीं सन्नी अग्रवाल मौके से भाग खड़े हुए थे। कारोबारी की बेटी और भांजी का मेडिकल कराने के बाद कारोबारी की ओर से मुकदमा दर्ज कर लिया। वहीं सन्नी अग्रवाल ने भी आरोप लगाया कि क्लब से निकलते हुए एक व्यक्ति ने उन पर हमला कर दिया। जान से मारने की धमकी भी दी गई, जिस पर पुलिस ने सन्नी अग्रवाल की ओर से एनसीआर दर्ज कर ली है। इंस्पेक्टर का कहना है कि दोनों ओर से दर्ज की गई रिपोर्ट के बाद पुलिस ने जांच पड़ताल शुरू कर दी है।

इन्होंने कहा..

हमारी बेटी और भांजी क्लब से निकल कर जा रही थी। तभी पीछे से आए सन्नी अग्रवाल ने उनसे छेड़छाड़ की। पुलिस ने धारा 354 ए और मारपीट की धारा 323 में मुकदमा दर्ज कर लिया है। हम इस मामले में कोई समझौता नहीं करेंगे। आरोपी को सजा दिलाकर ही दम लेंगे।

-कारोबारी, पीड़ित महिला के मामा

क्लब से निकलते समय किसी व्यक्ति को धक्का लग गया था, जिसमें उसने विरोध जताया और गाली-गलौज करने लगा। तभी उक्त व्यक्ति को थप्पड़ मार दिया गया। इसे लेकर विवाद बढ़ गया। दूसरे पक्ष के लोगों ने जान से मारने की धमकी दी, जिसकी रिपोर्ट थाने में अज्ञात के खिलाफ दर्ज करा दी गई है। मुझ पर छेड़छाड़ का जो मुकदमा दर्ज किया गया है, वह पूरी तरह से गलत है।

-सनी अग्रवाल, मालिक गोल्डन पाम रिसोर्ट

दोनों ओर से दी गई तहरीर पर कार्रवाई की जा रही है। कारोबारी की तहरीर पर छेड़छाड़ का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है, वहीं आरोपी सन्नी की ओर से दी गई तहरीर पर एनसीआर दर्ज की गई है। कारोबारी की बेटी और भांजी ने छेड़छाड़ एवं कपड़े फाड़ने का आरोप लगाते हुए बयान दर्ज कराए हैं। पुलिस पूरे मामले में निष्पक्ष जांच कर कार्रवाई करेगी।

इकबाल अहमद कलीम, इंस्पेक्टर सिविल लाइन

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ये हैं मुकदमे

(पीड़ित महिला पक्ष की ओर से)

-धारा 354ए गैर जमानती धारा है, जिसमें हाईकोर्ट से ही जमानत संभव हो सकती है, इसमें आरोपी को एक साल की सजा है, जिसमें आरोप है कि बल प्रयोग कर स्त्री की मर्यादा भंग कर कपड़े फाड़ना। जबकि धारा 323 में महिलाओं के साथ छेड़छाड़ का विरोध करने पर मारपीट होने की बात कही है।

सनी अग्रवाल पक्ष की ओर से एनसीआर

धारा 323, 504, 506 का मतलब मारपीट कर जान से मारने की धमकी देना, जिसमें पुलिस ने एनसीआर दर्ज की है।

एनसीआर का मतलब

: गैर संज्ञेय अपराध है, एनसीआर का मतलब है कि सिर्फ वादी की ओर से बताई गई समस्या को सिर्फ कागजों में अंकित करना, जिसे दर्ज करने के बाद सीआरपीसी 155 के तहत एसपी के आदेश मिलने के बाद ही दारोगा जांच कर सकता है। जांच के बाद विवेचक अदालत मे रिपोर्ट पेश करेगा। उसके बावजूद भी आरोपी को गिरफ्तार करने का अधिकार नहीं है। यदि आरोप सिद्ध होता है तो कोर्ट चाहे तब आरोपी को तलब कर बाहर से बाहर जमानत पर रिहा कर सकती है।

थाना सिटी बंगा पुलिस ने मारपीट के आरोप में एक व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया है। जानकारी के अनुसार गांव लखपुर निवासी चरनजीत ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि वह अपनी गाड़ी में सवार होकर स्टार कांप्लेक्स बंगा में पार्क कर स्लून की दुकान पर चला गया।

इसके बाद दोपहर करीब सवा 1 बजे जब वह अपनी गाड़ी लेने के लिए पार्किंग में गए तो सामने से गांव का ही रहने वाला मनजिंदर सिंह व दो अज्ञात व्यक्ति आ गए। जिन्होंने उनके मुंह पर रुमाल बांध दिया और उनके साथ मारपीट की और अपने हथियारों सहित मौके से फरार हो गए। इस संबंध में पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धारा- 323, 324, 341, 506 व 34 आईपीसी के तहत मामला दर्ज किया है।

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नमस्कार दोस्तों आज का सवाल है धारा 323 और 504 आईपीसी में क्या आता है भारतीय दंड संहिता धारा 323 504 के अंतर्गत इस प्रकार है धारा 323 के अंतर्गत यह है यदि कोई व्यक्ति जानते पूछते हुए भी किसी दूसरे व्यक्ति को चोट पहुंचाता है उसके शरीर एक नुकसान करता है तो उस स्थिति में उसको 1 साल तक की सजा या ₹1000 तक का जुर्माना देना पड़ सकता है या दोनों भी भोगने पड़ सकते हैं 1 साल तक का कारावास और 1 साल तक 1000 तक का जुर्माना दोनों भोगने पड़ सकते हैं 504 के अंतर्गत इस प्रकार दिया गया है यदि कोई व्यक्ति किसी के साथ दुर्व्यवहार करता है इस इच्छा से या फिर इस मंशा से कि उसकी दुर्व्यवहार की वजह से वह उसको उकसा पाएगा ताकि वह सामाजिक शांति के अंदर खलल डाल सके या फिर कोई ऐसा अपराध कर सके जिस को भारतीय दंड संहिता में दंडित दिया गया तो उस स्थिति में उस व्यक्ति की सजा होगी 2 साल या फिर जुर्माना या फिर दोनों भी हो सकते हैं अर्थात कारावास की सजा भी हो सकती है 2 साल तक और जी महाराज को भोगना पड़ सकता है धारा 323 504 के अंतर्गत अंतर यह है कि धारा 323 मारपीट को रोकता है और धारा 504 गाली गलौज को रोकता है ताकि सामने वाला कोई भी आदमी उसको खाना खाए धरा 323 के अंदर और 304 दोनों के अंदर ही पुलिस बिना किसी वारंट केस नहीं कर सकती है मजिस्ट्रेट से पहले वारंट लाना होगा और उसकी बेल भी दी जा सकती है मजिस्ट्रेट ही उसकी बेल भी दे सकता है करावा से छुटकारा पाने के लिए बेल भी दोनों के अंदर मजिस्ट्रेट के द्वारा ली जा सकती है धन्यवाद

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धारा 323 504 506 में क्या सजा होती है?

- धारा 323: अगर कोई अपनी इच्छा से किसी को चोट या नुकसान पहुंचाता है, तो ऐसा करने पर उसे 1 साल तक की कैद या 1 हजार रुपये का जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है. - धारा 506: अगर कोई व्यक्ति किसी को आपराधिक धमकी देता है, तो ऐसा करने पर उसे 2 साल की कैद या जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है.

धारा 325 में क्या सजा है?

आईपीसी की धारा 325 के तहत स्वेच्छा से गंभीर चोट पहुंचाने की सजा: यह धारा सजा देती है यदि कोई व्यक्ति, धारा 335 के तहत प्रदान किए गए मामले को छोड़कर, स्वेच्छा से किसी अन्य व्यक्ति को गंभीर चोट पहुँचाता है, तो उसे या तो विवरण के कारावास की सजा दी जाएगी।

धारा 504 में कौन सी सजा होती है?

जो कोई किसी व्यक्ति को साशय अपमानित करेगा और तद्द्वारा उस व्यक्ति को इस आशय से, या यह सम्भाव्य जानते हुए, प्रकोपित करेगा कि ऐसे प्रकोपन से वह लोक शान्ति भंग या कोई अन्य अपराध कारित करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा ।

धारा 323 504 में कितनी सजा है?

भारतीय दंड संहिता की धारा 323 के अनुसार, जो भी व्यक्ति (धारा 334 में दिए गए मामलों के सिवा) जानबूझ कर किसी को स्वेच्छा से चोट पहुँचाता है, उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास जिसे एक वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, या एक हजार रुपए तक का जुर्माना या दोनों के साथ दंडित किया जा सकता है।