ठेकेदार कितने प्रकार के होते हैं? - thekedaar kitane prakaar ke hote hain?

जो व्यक्ति किसी इमारत का ठेका लेकर उसकी पूरी तरह से बनवाने या मरम्मत करवाने का काम करता है उसे ठेकेदार (Contractor) कहा जाता है | किसी भी व्यक्ति को कहीं का भी ठेका देने से पहले उसके बारे में अच्छे छानबीन की जाती है और उसके कई जरूरी डाक्यूमेंट्स भी लगाए जाते है, और सिक्योरिटी के तौर पर कुछ पैसे भी जमा करवाए जाते है | इन प्रक्रियाओं के पूरी हो जाने के बाद ही किसी व्यक्ति  को ठेकेदार बनाया जाता है |

इसके बाद जिस व्यक्ति को ठेकेदार की जिम्मेदारी सौंपी जाती हैं उस व्यक्ति को कॉन्ट्रैक्ट सम्बन्धी सभी जिम्मेदारियां बखूबी निभानी होती है | यदि वह अपनी जिम्मेदारियों पर खरा नहीं उतर पा रहा है तो उसे इस पद से निरस्त भी किया जा सकता है | यदि आप भी ठेकेदार बनना चाहते है, तो यहाँ पर आपको ठेकेदार (Contractor) कैसे बने, योग्यता, आवश्यक गुण, लाइसेंस और कमाई की पूरी जानकारी दी जा रही है |

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  • ठेकेदार (Contractor) कैसे बने ?
    • ठेकेदार की सैलरी 
    • सरकारी ठेकेदार कैसे बनते है ?
    • ठेकेदार बनने के लिए आवश्यक गुण
  • ठेकेदार के प्रकार 
    • ठेकेदार का लाइसेंस कैसे बनता है ?

एक ठेकेदार बनने के लिए आपको शिक्षित होना आवश्यक होता है क्योंकि, इसमें बहुत सारी ऐसी जिम्मेदारियां सौंपी जाती है, जो एक शिक्षित व्यक्ति ही कर पाता है | इसके अलावा ठेकेदार बनने वाले व्यक्ति के खिलाफ किसी भी तरह की कानूनी कार्यवाही न की गई हो |  ठेकेदार बनने वाले व्यक्ति को ठेकेदारी सम्बंधित सभी जानकारी होनी चाहिए कि वह ठेकेदार बनकर कैसे किसी क्षेत्र में काम करा सकता है, कैसे उसके लिए सही फैसले ले सकता है | जिस व्यक्ति को इस प्रकार की सारी जानकारियां प्राप्त  होती है, वह व्यक्ति एक ठेकेदार बन सकता है और ठेकेदार के सारे कार्य अच्छे से करा सकता है क्योंकि, ठेकेदार द्वारा कराये गए कामो को इंजीनियर या किसी अधिकारी चेक करने के लिए आता रहता है | इसलिए एक ठेकेदार को अपने काम को दिए हुए समय के भीतर पूरी जिम्मेदारी के साथ करना होता है |

ठेकेदार की सैलरी 

एक ठेकेदार यदि किसी कंपनी के आधीन कार्य करता है तो प्रारंभ में उसकी शुरुआत 20 से 25 हज़ार प्रतिमाह के वेतन पर हो सकती है, हालाकि जरूरी नहीं है कि इतना वेतन आपको मिले, यह सब आपकी योग्यता पर निर्भर करता है |

यदि आप अपनी कंस्ट्रक्शन बनाकर काम करते है तो आप बड़े और अच्छे कमर्शियल व रेजिडेंशियल प्रोजेक्ट ले सकते है जिसमे आपको अच्छा मुनाफा हो सकता है | इसके साथ ही यदि आप सरकारी ठेका लेते है तो उस ठेके में सरकार द्वारा मांगे गए टेंडर के आधार पर आपको भुगतान किया जाता है |

सरकारी ठेकेदार कैसे बनते है ?

यदि आप किसी प्राइवेट कंपनी के लिए कार्य नहीं करना चाहते है तो आप सिर्फ सरकारी ठेके ही लेना चाहते है तो आपको राज्य या केंद्र स्तर पर अपना ठेकेदारी का लाइसेंस बनवाना होगा | इसके लिए निश्चित मानको को पूरा करके ही आप ऐसा कर सकते है |

  • आपको सिविल कार्य का अनुभव होना चाहिए |
  • इंजीनियरिंग डिप्लोमा या डिग्री होनी चाहिए |
  • जीएसटी व पैन कार्ड होना चाहिए |
  • एक बार लाइसेंस बनवाने के बाद वह 5 साल तक ही मान्य होगा, व 5 साल बाद आपको फिर से रिन्यूअल करवाना होगा |
  • सरकारी कांट्रेक्टर के लिए आपको कांट्रेक्टर रजिस्ट्रेशन बोर्ड में आवेदन करना होगा |
  • एक लाइसेंस बनने के बाद आप सरकारी प्रोजेक्ट में अपने ग्रेड अनुसार बोली लगा सकते है व सरकारी टेंडर प्राप्त कर सकते है |

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ठेकेदार बनने के लिए आवश्यक गुण

  1. ठेकेदार बनने वाले व्यक्ति के अंदर तकनीकी क्षमता होनी चाहिए |
  2. ठेकेदार के अंदर सम्बंधित काम  को करने की क्षमता होनी चाहिए |
  3. दूसरों की पहचान करनी आनी चाहिए |
  4. एक ठेकेदार के अंदर बजट और समय सीमा के मुताबिक़, काम करने का गुण होना चाहिए
  5. निर्माण और स्वास्थ्य तथा सुरक्षा कानून की पूरी जानकारी होनी चाहिए |
  6. किसी भी समस्या को सरलता पूर्वक हल करने के लिए एक रचनात्मक नजरिया होना चाहिए|
  7. हर काम को पूरी जिम्मेदारी के साथ निभाने की लगन होनी चाहिए |

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ठेकेदार के प्रकार 

ठेकेदार मुख्य रूप से चार प्रकार होते हैं जो इस प्रकार से है-

  • ए ग्रेड ठेकेदार |
  • बी ग्रेड ठेकेदार |
  • सी ग्रेड ठेकेदार |
  • डी ग्रेड ठेकेदार |
  • ए ग्रेड ठेकेदार का पद सबसे सबसे  ऊंचा पद माना जाता है | इसके बाद बी,सी और डी लो लेवल के  ठेकेदार आते है |
  • जो व्यक्ति इस फील्ड में अपने करियर की शुरुआत करते है  तो उन्हें सबसे पहले डी ग्रेड लाइसेंस दिया जाता है फिर सी, बी, और फिर ए ग्रेड के लिए लाइसेंस प्राप्त होता है |
  • ग्रेड में सुधार आपके कार्य पर निर्भर करता है यदि आप ज्यादा मुनाफा लेने के चक्कर में घटिया निर्माण कार्य करते है तो आपका लाइसेंस या तो निरस्त कर दिया जाएगा या आपका ग्रेड डी ही रहेगा जिस पर आपको बेहद ही छोटी राशि के कार्य ही प्राप्त हो पायेगे |

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ठेकेदार का लाइसेंस कैसे बनता है ?

ठेकेदार का लाइसेंस बनाने के लिए  सभी संस्थानों का अपना अलग-अलग  नियम होता है | वहीं डी ग्रेड कांट्रेक्टर के लिए फॉर्म के साथ निम्न डॉक्यूमेंट की  आवश्यकता होती है | जैसे- पैन / टैन नंबर अभिप्रमाणित(PAN/TEN number attested)

  • टिन नंबर अभिप्रमाणित (Attested tin number)
  • कम से कम 5 शपथ पत्र |
  • पंजीकरण शुल्क 5000 रूपये |

ये सारे डाक्यूमेंट्स देने के बाद ठेकेदार का लाइसेंस बनकर तैयार हो जाता है, जिसके बाद वह व्यक्ति ठेकेदार के तौर पर  कार्य करने लगता है |

ठेकेदार लाइसेंस के लिए राज्य स्तर व केंद्र स्तर की संस्थाओ के अलग अलग मानक है | यदि आप केंद्र सरकार द्वारा संचालित किसी संस्था के लिए ठेकेदारी का लाइसेंस आवेदन करना चाहते है तो आपको उनके मानक पूरे करने होगे |

यहाँ पर हमने आपको ठेकेदार बनने के विषय में सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध कराई है | यदि आपको इससे  सम्बंधित अन्य जानकारी प्राप्त करनी है तो आप  अपने विचार या सुझाव कमेंट बॉक्स के माध्यम से पूंछ सकते है | इसके साथ ही आप अन्य जानकारी प्राप्त करना चाहते है तो www.hindiraj.com पर विजिट करे |

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ठेकेदारी का लाइसेंस कैसे बनाये?

अगर आप तो ठेकेदार लाइसेंस बनवाना चाहते हैं तो आपको इसके लिए श्रेणी के अनुसार निबंधन शुल्क यानी कि Contractor Licence Registretion Fee का भुगतान करना होगा,.
अलग-अलग प्रकार की श्रेणी के लिए Bihar Contractor Licence Registretion Fee निम्न प्रकार होगा:-.
श्रेणी 1: 200000.00 (दो लाख रूपये).
श्रेणी 2 : 100000.00 (एक लाख रूपये).

ठेकेदार कैसे होते हैं?

मोटे तौर पर वे सभी व्यक्ति, जो रक्त सम्बन्ध अथवा समाज द्वारा मान्य किसी निकट सम्बन्ध की परस्पर अनुभूति रखते है और तदनुरूप आपस मे व्यवहार करते है, नातेदार कहलाते है और इस पर आधारित समूह मे आन्तरिक विभेदीकरण एवं संगठन की व्यवस्था नातेदारी व्यवस्था कहलाती है।

ठेकेदार कौन है?

ठेकेदार काम ठेका श्रम करने के लिए अस्थाई लाइसेंस हेतु आवेदन