दो मुंह वाले सांप का नाम क्या है? - do munh vaale saamp ka naam kya hai?

केप टाउन: दक्षिण अफ्रीका में दो सिर वाला सांप मिला है। इस सांप को पकड़ कर बचाने वाले व्यक्ति ने इसे अपने कैरियर का सबसे विचित्र ऑपरेशन बताया। डर्बन में एक व्यक्ति को उसके बगीचे में ये सांप मिला है। जब उसने सांप को देखा तो वह पूरी तरह डर गया। उसने तुरंत सांप पकड़ने वाले निक इवांस को बुलाया। इवांस ने यहां ब्राउन एग ईटर स्नेक को देखा, जिसे देख कर वह हैरान रह गए।

ऐसा इसलिए क्योंकि इस सांप के दो मुंह थे। कोई भी इसे पहली नजर में देखता तो उसका भयभीत होना जायज था। इवान ने कहा कि जिस आदमी के बगीचे में यह सांप मिला है उसके लिए ये चिंता की बात नहीं थी। उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि मैं जितना हैरान था उतना ही हैरान वह शख्स भी हुआ होगा। जिस शख्स के बगीचे में यह सांप मिला था उसी ने इसे पकड़ लिया था।

दो मुंह वाले सांप का नाम क्या है? - do munh vaale saamp ka naam kya hai?

अजीब तरह से चल रहे थे सांप
इवान ने कहा, 'वह ये नहीं चाहता था कि कोई इसे नुकसान पहुंचाए, इसीलिए उन्होंने सांप को एक बोतल में डाल दिया। उसने मुझे सांप को वहां से ले जाने को कहा, जो बहुत अच्छी बात थी।' इवान ने कहा कि ये मेरे लिए भी आश्चर्य की बात थी, क्योंकि मैंने आज तक दो मुंह वाले सांप नहीं देखे थे। उन्होंने कहा कि सांप विकृत था। ये केवल 30 सेमी लंबा था। ये अजीब तरह से चल रहा था।
जंगल में नहीं छोड़ा जाएगा
उन्होंने कहा कि इस सांप की चाल को देखना बहुत दिलचस्प था। इनके सिर विपरीत दिशाओं में जाते थे। वहीं दूसरी तरफ घूमने पर वह एक दूसरे पर टिक जाते थे। उन्होंने कहा, 'जितना मुझे जानकारी है उसके मुताबिक ये ज्यादा लंबे समय तक जिंदा नहीं रहते हैं। जंगल में ये कुछ ही समय के मेहमान हैं, क्योंकि ये ठीक से चल भी नहीं पा रहे हैं और अगर ये चलते हैं तो बहुत धीमे चलते हैं।' ऐसे में इसकी केयर हमारे पास होगी, इसे जंगल में नहीं छोड़ा जाएगा।

महू। वन विभाग के अमले ने एक युवक के पास से विलुप्त हो रहे दो मुंह वाले सांप को पीथमपुर से जब्त किया। इसे रेड सेंड बोआ के नाम से जाना जाता है और इस प्रजाति का सांप अमूमन तांत्रिक क्रियाओं के लिए काम में आता है।

जानकारी की मानें तो अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत कई करोड़ रुपए तक हो सकती है। आसपास के इलाकों में पिछले एक महीने में रेड सेंड बोआ को दूसरी बार जब्त किया गया है। तांत्रिकों की मानें तो सिंहस्थ के दौरान तांत्रिक क्रिया के लिए इन सांपों के इस तरह के कई सौदे होते हैं।

बुधवार को वन विभाग के डिप्टी रेंजर पवन जोशी ने अपने साथियों की मदद से पीथमपुर निवासी विनोद पिता पूनमचंद कल्याणे को गिरफ्तार किया। इस सांप के सौदे की गुप्त सूचना रेंजर सरदार सिंह चौहान के पास पिछले दिनों आई थी। उन्होंने डिप्टी रेंजर जोशी को खरीदार बनकर इसका सौदा करने के लिए कहा था।

करीब तीन दिनों तक चली बातचीत के बाद सात लाख रुपए में सौदा तय हुआ और जोशी अपने कुछ साथियों के साथ पीथमपुर में डाक बंगले के पीछे वार्ड 13 में पहुंचे। यहां उन्होंने आरोपी विनोद से सांप दिखाने को कहा और सांप देखते ही साथियों के साथ आरोपी सहित सांप को कब्जे में ले लिया। जोशी ने बताया कि सांप का वजन करीब 6 किलोग्राम है।

दूसरे राज्यों से की गई तस्करी

जानकारी की मानें तो रेड सेंड बोआ नाम का यह सांप मध्यप्रदेश में नहीं बल्कि महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, गुजरात, दादर नगर हवेली और उत्तर पूर्व के कुछ मैदानी और दलदली इलाकों में पाया जाता है।ऐसे में माना जा रहा है कि इस सांप की तस्करी उन राज्यों से की गई हो। कुछ तांत्रिकों ने बताया कि सिंहस्थ के दौरान कई शुभ तिथियों में बहुत सी तांत्रिक क्रियाएं भी होंगी और इनमें इस तरह के जीवों का इस्तेमाल भी होता है।

होते हैं कई उपयोग

अमूमन इस सांप का घर में आना सौभाग्य की निशानी होती है। तंत्र-मंत्र की मान्यताओं के मुताबिक इस सांप को धन प्राप्ति क्रियाओं के लिए उपयोग किया जाता है और इसी कारण सांप की कीमत लाखों से करोड़ों रुपए तक होती है। वहीं कई चीनी दवाओं में भी रेड सेंड बोआ के उपयोग की बात कही जाती है। यह उपयोगी सांप पकड़ने वालों से लेकर कई तस्करों से होता हुआ अंतरराष्ट्रीय बाजार तक पहुंचते-पहुंचते और महंगा होता जाता है।

कितना कीमती सेंड बोआ

बताया जाता है कि रेड सेंड बोआ जितना मोटा और वजनी होता है, वह उतना महंगा होता है। अमूमन 2-3 किलो तक बोआ करीब 3-5 करोड़ रुपए तक का हो सकता है। महू वन विभाग द्वारा पकड़ा गया रेड सेंड बोआ 6 किलोग्राम वजनी है ऐसे में ये कितना बेशकीमती है इसका अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं। हालांकि कीमत बढ़ाने के लिए इसे इंजेक्शन देकर और मोटा किया जा सकता है लेकिन वन विभाग के लोगों को आरोपी के पास से इस तरह के इंजेक्शन बरामद नहीं हुए हैं।

इनका कहना है

देखिए फिलहाल मेरे पास ज्यादा जानकारी नहीं है। आरोपी से पूछताछ जारी है और हमें दो और आरोपियों को खोजना है। इसके बाद ही बताया जा सकता है कि सांप कहां से लाया गया और इसके लिए आरोपियों की क्या योजना थी।

प्रयागराज, जेएनएन। दो मुंहा सांप के बारे में ज्यादातर लोगों ने सुना होगा लेकिन इसके बारे में जानते बहुत ही कम लोग होंगे। दो मुंहा सांप की तस्करी के बारे में भी लोग अक्सर खबर पढ़ते और देखते रहते हैं। पिछले दिनों प्रयागराज में भी पुलिस ने एक गिरोह के आठ लोगों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से दो मुंहा सांप बरामद किया था जिसे वे यहां दूसरे गिरोह को कई लाख रुपये में बेचने के लिए आए थे। तो ऐसे मन में सवाल उठता होगा कि आखिर ऐसा क्या है इस सांप में जो इसकी कीमत विदेशों में लाखों रुपये है और इसी वजह से भारत के कई राज्यों से अपराधी गिरोह उसकी तस्करी करते हैं। अब तो जंगली और भारत के थार रेगिस्तान जैसे इलाकों में रहने वाले आम लोग भी इस सांप को पकड़कर गिरोह तक पहुंचा रहे हैं। 

एक ही मुंह होता है और एक पूंछ

पहली बात तो आप यह जान लीजिए कि दो मुंहा सांप जिसका वैज्ञानिक नाम रेड सैंड बोआ है उसके दो नहीं बल्कि एक ही मुंह है। यानी सामान्य सांप की तरह एक ही मुंह और एक पूंछ। दरअसल खतरा महसूस होने पर यह अपनी पूंछ को भी उठा लेता है जिससे लोगों ने मान लिया कि उसके दो मुंह होते हैं और यही बात प्रचलित होती चली गई है। यह भी एक बात है कि इसके पूंछ की बनावट भी आम सांप की तरह पतली नहीं बल्कि मुंह की तरह होती है और यही गलतफहमी की वजह है।

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आखिर क्यों है होती है तस्करी, किस काम आता है यह सांप

भारत के उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, बिहार, बंगाल, हरियाणा जैसे राज्यों में इन कथित दो मुंहे सांपों को पकड़कर गिरोहों को बेचने और फिर उनकी तस्करी  विदेश में करने का धंधा महीनों से चल रहा है। पिछले महीने प्रयागराज के मऊआइमा पुलिस के हत्थे चढ़े गिरोह के सदस्यों ने बताया था कि वह उस सांप को यहां के गिरोह को पांच लाख रुपये में बेचने आए थे। बाद में वह गिरोह उस सांप को विदेश में 45 लाख रुपये तक में बेच देता। पता तो यह भी चला है कि इसकी कीमत दो से तीन करोड़ रुपये तक होती है। तो सवाल उठता है कि इस सांप की इतनी कीमत है क्यों। सच तो यह है कि यह सांप किसी खास काम नहीं आता है। न तो दवा बनाने में कोई इसकी ऐसी खास जरूरत है।

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बीमारी दूर करने और यौन शक्ति बढ़ाने की है भ्रांतियां

वन विभाग के पूर्व अधिकारी सुरेश साहनी का कहना है कि अब तक तो ऐसा कोई प्रामाणिक तथ्य नहीं है जिससे कहा जा सके कि इस सांप को खाने से कोई बीमारी ठीक होती है या फिर ताकत में इजाफा होता है। मगर एशिया के कई देशों में ऐसी भ्रांति है कि दो मुंहे सांप का सेवन करने से यौन शक्ति बढ़ती है। लाइलाज बीमारी दूर होने की भी गलतफहमी है। यही नहीं, कई स्थानों पर तांत्रिक क्रिया में भी इस्तेमाल होने की बात सामने आई है। इसी वजह से इस सांप को संरक्षित जीव की श्रेणी में रखा गया है। पिछले दिनों मऊआइमा पुलिस ने इस सांप की तस्करी में पकड़े गए लोगों के खिलाफ वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत नामजद मुकदमा लिखा था।

दो मुखी सांप की क्या कीमत है?

दुर्लभ सांप को मध्य प्रदेश में 2 मुंह वाला सांप भी कहा जाता है. Red Sand Boa Snake: छिंदवाड़ा के पांढुर्ना में एक दो मुंह वाले सांप का रेस्क्यू किया गया है. अंतराष्ट्रीय बाजार में दुर्लभ सांप की कीमत 10 करोड़ रुपये बताई जा रही है.

दो मुंह वाला सांप का नाम क्या है?

सैंड बोआ प्रजाति का है सांप दो मुंह वाला सांप का नाम सैंड बोआ है ,जो बेहद दुर्लभ प्रजाति के होते हैं ।

दो मुंह का सांप क्या काम में आता है?

ऐसा होता है दोमुंहा सांप यह सांप बालू के नीचे छिपा रहता है, इस वजह से इसका नाम सैंड बोआ पड़ा है। अनाकोंडा की तरह उसकी आंखें उसके सिर पर होती हैं।