माथे पर तिलक लगाना अत्यंत शुभ माना जाता है और किसी भी शुभ अवसर पर हल्दी का तिलक लगाने की परम्परा काफी लंबे समय से चली आ रही है। Show हिंदू धर्म में किसी भी शुभ काम में जाने से पहले माथे पर तिलक लगाने की परंपरा सदियों पुरानी है। ज्योतिष में ऐसी मान्यता है कि जब कोई व्यक्ति घर से तिलक लगाकर बाहर निकलता है तब उसका कार्य जरूर सफल होता है। माथे पर तिलक हमेशा शुभता का प्रतीक माना जाता है। दरअसल माथे पर तिलक लगाना कई तरह से फायदेमंद है और ये लोगों को उन्नति की ओर भेजने में मदद करता है। इस बात पर कई बातें सामने आती हैं कि माथे पर मुख्य रूप से तिलक क्यों लगाया जाता है और इससे क्या लाभ है। इस बात का पता लगाने के लिए हमने नारद संचार के ज्योतिष अनिल जैन जी से बात की, उन्होंने माथे पर हल्दी का तिलक लगाने के अनगिनत फायदों के बारे में बताया उनमें से कुछ फायदों के बारे में इस लेख में आप भी जान सकते हैं। तिलक लगाने का फायदातिलक लगाने को एक महत्वपूर्ण रस्म माना जाता है। हम किसी भी शुभ काम के लिए जा रहे हों, किसी भी मांगलिक पूजा पाठ में सम्मिलित हो रहे हों या फिर किसी भी परीक्षा में सम्मिलित होने जा रहे हों, माथे पर तिलक लगाना बहुत ही शुभ फल देता है। तिलक माथे के बिलकुल बीचों बीच लगाया जाता है। तिलक कभी रोली, तो कभी चन्दन का, कभी केसर का, तो कभी हल्दी का लगाया जाता है। इन सभी तरह का तिलक लगाना महत्वपूर्ण माना जाता है और इसके महत्व के बारे में शास्त्रों में भी जिक्र किया गया है। लेकिन इन सभी में से हल्दी के तिलक के अपने अलग फायदे हैं। इसे जरूर पढ़ें:नए साल में माथे पर ये 4 तरह के तिलक लगाएं और खुशी का अहसास जगाएं माथे के बीच में लगाया जाता है तिलकदरअसल शरीर में सात ऊर्जा के केंद्र होते हैं जिन्हें शक्ति का भंडार भी माना जाता है। माथे के बीचों बीच आज्ञा चक्र होता है और सात चक्रों में से यह सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है। इस चक्र में शरीर की तीन नाड़ियां आकर मिलती हैं। इसलिए आज्ञा चक्र को सबसे ज्यादा महत्व दिया जाता है क्योंकि ये शरीर का सबसे मुख्य स्थान है। हल्दी का तिलक क्यों लगाया जाता हैज्योतिष में नवग्रहों का अलग स्थान और महत्व है। तिलक कई चीजों का लगाया जाता है जिसमें हल्दी प्रमुख है, क्योंकि ये बृहस्पति ग्रह की कारक मानी जाती है। हल्दी का रंग पीला होता है और यह बृहस्पति ग्रह का संचालन करता है। इसलिए हल्दी का तिलक माथे पर लगाना शुभ माना जाता है। ज्योतिष में गुरु का सबसे बड़ा दर्जा है जो बृहस्पति ग्रह (कुंडली में बृहस्पति को मजबूत बनाने के टिप्स) का संचालन करता है। ऐसा माना जाता है कि बृहस्पति अच्छा होने से हमारा भाग्य अच्छा होता है। किसी भी मांगलिक कार्य में माथे पर हल्दी का तिलक लगाकर उस कार्य को सफलतापूर्वक संपन्न करने में मदद मिलती है। हल्दी हर जगह आसानी से मिलती है इसलिए किसी भी शुभ कार्य में हल्दी को ही माथे पर तिलक के रूप में लगाया जाना अच्छा होता है। इसे जरूर पढ़ें:क्या आप जानती हैं शादी में दूल्हे और दुल्हन को हल्दी क्यों लगाई जाती है, क्या है इसका महत्व हल्दी से बृहस्पति की अशुभता दूर होती हैकिसी भी व्यक्ति का यदि बृहस्पति अशुभ है तो हल्दी के तिलक से इसके प्रभाव को सकारात्मक बनाया जा सकता है। किसी भी राशि के लिए यदि बृहस्पति शुभ है तो हल्दी का तिलक उसे और ज्यादा शुभ बना देता है। यह तिलक माथे के बीचों बीच लगाना शुभ होता है और ज्योतिष शास्त्र में इसका बहुत अधिक महत्व बताया गया है। जब भी आप किसी शुभ काम के लिए जाएं तो सफलता के लिए हल्दी का तिलक माथे पर जरूर लगाएं कार्य अवश्य सफल होगा। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ। Image Credit: freepik and shutterstoick क्या आपको ये आर्टिकल पसंद आया ?बेहतर अनुभव करने के लिए HerZindagi मोबाइल ऐप डाउनलोड करें Disclaimer आपकी स्किन और शरीर आपकी ही तरह अलग है। आप तक अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी लाना हमारा प्रयास है, लेकिन फिर भी किसी भी होम रेमेडी, हैक या फिटनेस टिप को ट्राई करने से पहले आप अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें। किसी भी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, [email protected] पर हमसे संपर्क करें। नई दिल्ली: सनातन परंपरा में तिलक का काफी महत्व है. भारतीय संस्कृति में पूजा-पाठ से लेकर हर शुभ कार्य के लिए जाते समय तक तिलक लगाने की परंपरा रही है. तिलक का संबंध सिर्फ सौंदर्य या शालीनता से नहीं बल्कि आध्यात्मिकता से होता है. किसी भी संत के माथे पर लगा तिलक उसकी पूरी परंपरा की पहचान होता है. आइए जानते हैं कि सनातन परंपरा में माथे पर लगाए जाने वाले किस तिलक का क्या गुण और क्या महत्व है. किसी के माथे पर तिलक लगा देखकर मन में यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि आखिर टीका लगाने से फायदा क्या है? क्या यह महज दूसरों के सामने दिखावे के मकसद से किया जाता है या फिर तिलक धारण का कुछ वैज्ञानिक आधार भी है? दरअसल, टीका लगाने के पीछे आध्यात्मिक भावना के साथ-साथ दूसरे तरह के लाभ की कामना भी होती है. आम तौर पर चंदन, कुमकुम, मिट्टी, हल्दी, भस्म आदि का तिलक लगाने का विधान है. अगर कोई तिलक लगाने का लाभ तो लेना चाहता है, पर दूसरों को यह दिखाना नहीं चाहता, तो शास्त्रों में इसका भी उपाय बताया गया है. कहा गया है कि ऐसी स्थिति में ललाट पर जल से तिलक लगा लेना चाहिए. इससे लोगों को प्रत्यक्ष तौर पर कुछ लाभ बड़ी आसानी से मिल जाते हैं. आगे तिलक धारण करने के फायदों की चर्चा की गई है: 1. तिलक करने से व्यक्तित्व प्रभावशाली हो जाता है. दरअसल, तिलक लगाने का मनोवैज्ञानिक असर होता है, क्योंकि इससे व्यक्ति के आत्मविश्वास और आत्मबल में भरपूर इजाफा होता है. 2. ललाट पर नियमित रूप से तिलक लगाने से मस्तक में तरावट आती है. लोग शांति व सुकून अनुभव करते हैं. यह कई तरह की मानसिक बीमारियों से बचाता है. 3. दिमाग में सेराटोनिन और बीटा एंडोर्फिन का स्राव संतुलित तरीके से होता है, जिससे उदासी दूर होती है और मन में उत्साह जागता है. यह उत्साह लोगों को अच्छे कामों में लगाता है. 4. इससे सिरदर्द की समस्या में कमी आती है. 5. हल्दी से युक्त तिलक लगाने से त्वचा शुद्ध होती है. हल्दी में एंटी बैक्ट्रियल तत्व होते हैं, जो रोगों से मुक्त करता है. 6. धार्मिक मान्यता के अनुसार, चंदन का तिलक लगाने से मनुष्य के पापों का नाश होता है. लोग कई तरह के संकट से बच जाते हैं. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, तिलक लगाने से ग्रहों की शांति होती है. 7. माना जाता है कि चंदन का तिलक लगाने वाले का घर अन्न-धन से भरा रहता है और सौभाग्य में बढ़ोतरी होती है. |