सिर में खिंचाव क्यों होता है? - sir mein khinchaav kyon hota hai?

सिर में भारीपन के कई कारण हो सकते हैं. कई बार सिर के भारीपन बहुत ही तनवग्रस्त व चिड़चिड़ा बना देता है. कई बार तो जब सिर भारी रहता है तो व्यक्ति कुछ भी करने में असमर्थ हो जाते हैं. सिर में भारीपन से कई बार चक्कर भी आने लगते है व कई बार सिर दर्द भी हो जाते हैं. आगे हम सिर में भारीपन के कारण व इलाज की चर्चा करेंगे.

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सिर में भारीपन के कारण - Sir Mein Bharipan Ke Karan in Hindi

  1. सिर या गर्दन में चोट
    किसी भी तरह से यदि गर्दन या सिर में चोट लग जाती है या गर्दन या सिर में खिंचाव आ जाये या गर्दन की नस दाब जाये तो इस कारण से सिर में भारीपन हो सकता है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि गर्दन हमारे सिर को अंदरूनी सहारा देती है. अतः किसी भी कारण से यदि गर्दन में कोई समस्या होती है तो उसका असर सिर तक हो जाता है और इस कारण से सिर में भारीपन लगता है.
  2. थकान
    सिर में भारीपन का कारण थकान भी हो सकता है. जब थकान रहती है या शरीर को आराम नहीं मिलता है या नींद पूरा नहीं होता है तो यह भी सिर में भारीपन का कारण होता है.
  3. तनाव व चिंता
    सिर में भारीपन के एक मुख्य कारण तनाव है. आज के भागदौड़ के जिंदगी में लोग कई कारणों से तनाव व चिंता में रहते हैं, जो सिर में भारीपन का कारण बनता है. अत्यधिक तनाव से सिर में दर्द भी हो सकता है. अतः तनाव व चिंता से बचना चाहिए.
  4. कान की समस्या 
    हमारे सिर में कान व दिमाग के नसें जुड़ी होती हैं. इसलिए कई बार कान में चोट लग जाने के कारण या किसी भी कारण से कान के पास गाँठ होने से भी सिर में भारीपन की शिकायत होती है.
  5. माइग्रेन
    यदि पहले से माइग्रेन की समस्या हो तो इस कारण से सिर में दर्द, चक्कर आना या सिर में भारीपन की शिकायत हो सकती है. अतः माइग्रेन में शरीर को भरपूर आराम देना चाहिए.
  6. दवाई आदि के दुष्प्रभाव से
    कई बार कुछ दवाओं के अत्यधिक मात्रा में सेवन से उसके दुष्प्रभाव के वजह से सिर में भारीपन लगने लगती है. कई बार शराब जैसी चीज की अत्यधिक मात्रा से भी सिर में भारीपन होती है.
  7. अन्य कारण से
    हो हल्ला या शोर-गुल के माहौल में समय बिताने से भी सिर में भारीपन हो सकता है. कभी-कभी स्नान करने के बाद पंखा या कूलर के सामने बैठ जाने या पानी न पीने की वजह से भी सिर में भारीपन की शिकायत होती है. किसी चीज की एलर्जी या तेल, शैम्पू, जेल आदि के रिएक्शन से भी सिर में भारीपन हो सकता है. हार्मोन में बदलाव के वजह से से भी सिर में भारीपन हो सकते हैं. साइनस में इन्फेक्शन या ब्रेन ट्यूमर से भी सिर में भारीपन हो सकता है.

सिर में भारीपन के इलाज - Sir Mein Bharipan Ka Ilaj

सिर में भारीपन के कई कारण होते हैं. अतः इसके इलाज के लिए पहले यह जानना जरूरी होता है कि यह भारीपन किस वजह से है? अतः सिर में भारीपन की शिकायत में डॉक्टर से जांच कराकर इसका सही कारण जानकर उचित इलाज करानी चाहिए. सिर में भारीपन के शिकायत में अपने इलाज के साथ-साथ जीवनशैली में बदलाव करना चाहिए. विभिन्न शारीरिक गतिविधियों में शामिल होना चाहिए. नियमित रूप से रोज सुबह सैर करना चाहिए. सैर के लिए पार्क जाया जा सकता है. इसके अलावा कुछ घरेलू नुस्खे से भी सिर में भारीपन के शिकायत में आराम मिलता है.

सिर में भारीपन के इलाज के लिए घरेलू नुस्खे - Sir Mein Bharipan Ke Liye Gharelu Nushke

  1. धनिया और चीनी
    धनिया और चीनी के बराबर मात्रा को पीसकर मिलाकर लेना चाहिए. अब इसका घोल बनाकर पी लेना चाहिए. इससे सिर में दर्द या भारीपन ठीक होता है.
  2. अदरक
    अदरक को छोटे-छोटे टुकड़े में पीसकर पेस्ट बना लेना चाहिए. अब ठंडा होने पर इस पेस्ट को माथे व कनपट्टी में 10 मिनट के लिए लगा लेना चाहिए. 10 मिनट के बाद इसे धो लेना चाहिए. इससे सिर में भारीपन दूर होता है.
  3. चंदन
    लकड़ी वाले चंदन घोटकर इसे माथे पर लगाना चाहिए. आधे घंटे तक इसे माथे में लगा रहने ही देना चाहिए. इससे सिर में भारीपन दूर होता है.
  4. यूकेलिप्टस का तेल
    यूकेलिप्टस का तेल को गुनगुना कर लेना चाहिए. फिर इस गुनगुना तेल से मसाज करना चाहिए. इससे सिर में भारीपन दूर होता है.
  5. दूध और बादाम
    यदि सिर में भारीपन की शिकायत रोज या बराबर होता हो तो इसके लिए रोज रात में दो बादाम दूध में डाल देना चाहिए. सुबह उठने पर इसका सेवन करना चाहिए. कुछ ही दिनों में इस समस्या से छुटकारा मिल जाता है.
  6. योग
    यदि बराबर सिर में भारीपन का शिकायत रहता है तो इससे छुटकारा पाने के लिए कुछ योग का सहारा भी लिया जा सकता है. इसके लिए उचित योग व योग करने की विधि की जानकारी प्राप्त कर लेनी चाहिए.

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सिर दर्द क्या है, क्यों होता है, इसके लक्षण, कारण और इलाज के बारे में यहां जानें

सिरदर्द एक बहुत ही आम समस्या है. ज्यादातर लोग सिरदर्द से कभी न कभी पीड़ित जरूर होते हैं. सिरदर्द क्यों होता है, इसका कारण और लक्षण, हर व्यक्ति में अलग-अलग हो सकता है. इलाज भी समस्या की गंभीरता के अनुसार होता है. इस लेख में जानिए सिरदर्द कितने प्रकार का होता है, सिरदर्द के लक्षण, कारण और इलाज के बारे में.

सिर में खिंचाव क्यों होता है? - sir mein khinchaav kyon hota hai?

Headaches Types, Causes, Symptoms, Diagnosis, Treatment

सिर के किसी भी हिस्से में अचानक होने वाले दर्द को सिरदर्द कहते हैं. यह सिर के किसी एक या दोनों तरफ हो सकता है. किसी एक खास प्वाइंट से शुरू होकर सिरदर्द पूरे सिर में फैल सकता है या किसी विशेष स्थान पर हो सकता है. सिर में सनसनी पैदा करने वाला, तेज या हल्का दर्द हो सकता है. यह धीरे-धीरे बढ़ सकता है या अचानक तेज सिरदर्द शुरू हो सकता है. कई बार यह एक-दो घंटे तक रह सकता है और कई दिनों तक भी सिरदर्द रह सकता है.

तनाव के कारण अक्सर सिरदर्द होने लगता है. तनाव से जुड़ा सिरदर्द, कंधों, गर्दन, जबड़े, मांसपेशियों और खोपड़ी में तनाव के चलते होता है. बहुत ज्यादा काम करने, पर्याप्त नींद न लेने, समय पर खाना न खाने और शराब का सेवन करने की वजह से ऐसा सिरदर्द होता है. जीवनशैली में बदलाव करने, पर्याप्त मात्रा में आराम करने या दर्द निवारक दवा लेने से इस दर्द में राहत मिलती है. इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि सिरदर्द कितने प्रकार का होता है, सिरदर्द के लक्षण, कारण और इलाज.

सिर दर्द के प्रकार

अंतरराष्ट्रीय हेडएक सोसाइटी के अनुसार सिर दर्द प्राथमिक और माध्यमिक, दो प्रकार का होता है. प्राथमिक सिरदर्द में टेंशन से होने वाला सिर दर्द, क्लस्टर सिरदर्द और माइग्रेन के कारण होने वाला सिरदर्द शामिल होते हैं. जबकि माध्यमिक सिर दर्द में रीबाउंड और थंडरक्लैप सिर दर्द, कैफीन के लिए सिरदर्द और स्ट्रेस सिरदर्द शामिल होते हैं.

प्राथमिक सिरदर्द सिर के अंदर दर्द-संवेदी संरचनाओं की अतिक्रियाशीलता या उनमें होने वाली समस्याओं के कारण होते हैं. इनमें रक्त वाहिकाएं, मांसपेशियां, सिरदर्द और गर्दन की नसें शामिल हैं. प्राथमिक सिरदर्द दिमाग की रासायनिक गतिविधियों में होने वाले बदलावों का परिणाम भी हो सकता है. माइग्रेन प्राथमिक सिरदर्द का दूसरा सबसे आम रूप है. क्लस्टर सिरदर्द 15 मिनट से 2-3 घंटे तक भी रह सकता है. यह दिन में कई बार शुरू हो सकता है. टेंशन के सिरदर्द का सबसे प्रमुख कारण है. यह धीरे-धीरे शुरू होता है. इस प्रकार का सिरदर्द भी घंटों तक बने रह सकता है.

जब सिर की संवेदनशील नसों को कोई अन्य कारण उत्तेजित करता है तो तो माध्यमिक सिरदर्द होता है. यानी जब सिरदर्द के लिए कोई अन्य कारक जिम्मेदार हों तो उसे माध्यमिक सिरदर्द कहा जाता है. अगर आप सिरदर्द की दवाओं का अधिक सेवन करते हैं तो इनके कारण भी माध्यमिक सिरदर्द हो सकता है. साइनस में सूजन या इंफेक्शन के कारण आंखों के पीछे, चेहरे और माथे पर दबाव और सूजन महसूस होती होती है. अगर आप चाय-कॉफी के शौकीन हैं तो बहुत समय तक इनका सेवन नहीं करने से भी माध्यमिक सिरदर्द होने लगता है.

सिरदर्द के लक्षण

जैसा कि हमने ऊपर बताया आमतौर पर सिरदर्द के लक्षणों के लिए किसी डॉक्टर के पास जाने की आवश्यकता नहीं होती है. इसके लक्षणों में हल्का सिरदर्द शामिल है, जिसमें आंखों और भौहों के ऊपर सिर के दोनों तरफ दर्द, दबाव या खिंचाव महसूस होता है. सिर के किसी एक हिस्से में भी दर्द, दबाव या खिंचाव महसूस हो सकता है. कई बार यह दर्द गर्दन और सिर के पिछले हिस्से के साथ ही पूरे सिर में फैलने लगता है. ऐसे ही दर्द के बारे में अक्सर लोग ‘सिर दर्द से फट रहा है’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल करते हैं.

अगर सिरदर्द तनाव का है तो यह गर्दन और सिर के पिछले हिस्से पर भी असर दिखाता है, जबकि माइग्रेन का सिरदर्द बहुत तेज होता है और इसमें उल्टी व मतली के साथ आवाज और तेज रोशनी में चिड़चिड़ाहत होती है. क्लस्टर सिरदर्द में आंखें लाल होने, आंखों से पानी आने, नाक बहने और पलकों के सूख जाने या सूजन जैसी समस्याएं होती हैं. रिबाउंड सिरदर्द में बेचैनी, गर्दन में दर्द, नाक बंद होना और नींद न आने जैसे लक्षण दिखते हैं. यही नहीं इसका दर्द हर दिन अलग हो सकता है.

सिरदर्द क्यों होता है?

सिर में मौजूद दर्द-संवेदी संरचनाओं में किसी तरह की चोट लगने या जलन के कारण सिरदर्द होता है. दर्द को महसूस करने वाली संरचनाओं में माथा, खोपड़ी, सिर का ऊपरी भाग, गर्दन, सिर की मांसपेशियां, सिर के चारों ओर मौजूद उत्तक, साइनस, सिर की प्रमुख धमनियां और नसें शामिल हैं. इन संरचनाओं में किसी तरह के दबाव, ऐंठन, जलन, सूजन, या तनाव के चलते सिरदर्द हो सकता है.

डॉक्टर को कब दिखाएं

आमतौर पर सिरदर्द की समस्या के लिए डॉक्टर के पास जाने की आवश्यकता नहीं होती. हालांकि, कभी-कभी सिरदर्द किसी अन्य गंभीर बीमारी का लक्षण होता है. लेकिन यह जानना भी जरूरी है कि सिरदर्द में कब डॉक्टर को दिखाएं. अगर झटके के बाद सिरदर्द हो या सिरदर्द के साथ गर्दन में अकड़न, बुखार, बेहोशी, भ्रम, आंख और कान में भी दर्द हो तो तुरंत इलाज के लिए डॉक्टर के पास जाएं.

सिरदर्द का इलाज

आमतौर पर सिरदर्द थोड़े से आराम और बाम लगाकर ठीक हो जाता है. इसके बावजूद जब सिरदर्द से छुटकारा न मिल रहा हो तो सिरदर्द के लिए दवाएं ओवर द काउंटर आसानी से मिल जाती हैं. यदि इन उपायों से आराम नहीं मिल रहा है तो डॉक्टर सिरदर्द के कारण जानने के लिए टेस्ट लिख सकते हैं. डॉक्टर की सलाह पर दर्दनिवारक दवा का सेवन करें और भरपूर आराम करें.

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Sir की नसों में खिंचाव क्यों होता है?

अश्वनी ने कहा कि सिर की नसों में ज्यादा फड़कन की वजह से माइग्रेन की बीमारी जन्म लेती है। धमनियों में जब ज्यादा फड़कना होता है तभी दर्द होता है। यह बीमारी 100 लोगों में से एक या दो व्यक्ति को होती है।

सिर में गैस चढ़ने से क्या होता है?

इसके लक्षणों की बात करें तो आमतौर पर ऐसा होने पर सिर में तेज दर्द, माइग्रेन, पेट में दर्द, कब्‍ज, कभी कभी नॉजिया या उल्‍टी आदि हैं. अगर आप भी इस तरह की समस्‍या से जूझ रहे हैं तो आप कुछ घरेलू उपायों की मदद से गैस से होने वाले इस सिर दर्द में आराम पा सकते हैं. कई बार पेट और आंतों की समस्‍या ब्रेन से जुड़ा होता है.

सिर में जकड़न क्यों रहती है?

तनाव से जुड़ा सिरदर्द, कंधों, गर्दन, जबड़े, मांसपेशियों और खोपड़ी में तनाव के चलते होता है. बहुत ज्यादा काम करने, पर्याप्त नींद न लेने, समय पर खाना न खाने और शराब का सेवन करने की वजह से ऐसा सिरदर्द होता है. जीवनशैली में बदलाव करने, पर्याप्त मात्रा में आराम करने या दर्द निवारक दवा लेने से इस दर्द में राहत मिलती है.

सिर का भारीपन क्यों होता है?

यदि प्रतिदिन सिर में भारीपन या दर्द रहता है, तो इसका कारण अवसाद भी हो सकता है। युवाओं में आजकल यह परेशानी देखी जा रही है। काफी लोग इस समस्या से पीड़ित हैं। इसे क्रोनिक टेंशन हेडेक के नाम से जाना जाता है।