संज्ञा के कितने भेद होते हैं और उनके नाम? - sangya ke kitane bhed hote hain aur unake naam?

Sangya kise kahate hain hindi main :- आज हम आपको इस पोस्ट में एक बहुत ही बढ़िया और महत्वपूर्ण जानकारी बताएंगे यह जानकारी आपके लिए जानना बहुत ही जरूरी है क्योंकि आज हम आपको इस पोस्ट में हिंदी व्याकरण के एक ऐसे विषय के बारे में जानकारी देंगे जो कि हमारे लिए जानना बहुत ही जरूरी है और हमारे एग्जाम में लगभग हर बार इसके कुछ ना कुछ उदाहरण या इसकी परिभाषा जरूर पूछी जाती है. जैसे कि हमने आपको इससे पिछली पोस्ट में बताया था विशेषण क्या होते हैं.

उसी प्रकार से आज हम आपको हिंदी व्याकरण के संज्ञा के बारे में बताएंगे संज्ञा क्या होती है संज्ञा के कितने भेद होते हैं संज्ञा किस प्रकार से काम करती है. और संज्ञा से जुड़ी कुछ और भी महत्वपूर्ण जानकारी हम आपको इस पोस्ट में देंगे और हम आपको इस पोस्ट में संज्ञा के बारे में उदाहरण भी देंगे उनको उदाहरण उदाहरणों को स्पष्ट करके दिखाएंगे की संज्ञा कैसे पहचाने जा सकती है और कैसे संज्ञा काम करती है. तो आप इस जानकारी को अच्छी तरह से देखिए.

संज्ञा किसे कहते हैं

सबसे पहले हम बात करते हैं संज्ञा के बारे में संज्ञा किसे कहते हैं. व्याकरण में संज्ञा एक वर्क विकारी शब्द है. विकारी शब्द का मतलब होता है जिसमें परिवर्तन किया जा सके तो देखिए संज्ञा क्या है. इसमें कितने प्रकार के और किस तरह परिवर्तन होता है.

संज्ञा

किसी वस्तु, व्यक्ति, स्थान, प्राणी, गुण, भाव आदि के नाम को संज्ञा कहते हैं. यह आपके लिए बहुत ही आसान परिभाषा है. और इस को अच्छे से समझ सके इसलिए हम आपको नीचे कुछ उदाहरण बता रहे हैं इन सभी के बारे में एक एक उदाहरण हम दे रहे हैं. तो आप इन उदाहरण को अच्छी तरह से देखें.

अब हम एक-एक करके सभी के बारे में विस्तार से बताएंगे कि व्यक्तियों के नाम में क्या आता है. वस्तुओं के नाम में क्या आता है. स्थान के नाम में क्या आता है. इस तरह से सभी के बारे में विस्तार से जानेंगे.सबसे पहले हम जानेंगे व्यक्तियों के नाम में क्या आता है.

व्यक्तियों के नाम – विराट कोहली, नरेंद्र मोदी, अमिताभ बच्चन इस तरह की कुछ विशेष आदमियों के नाम व्यक्तियों में आते हैं,

वस्तुओं का नाम – इसी तरह से किसी वस्तु का नाम जैसे मेज ,कुर्सी आदि वस्तुओं के नाम में आते हैं

प्राणियों के नाम –  प्राणियों के नाम में छोटे से लेकर बड़े से बड़ा प्राणी आ सकता है बड़े से बड़ा जानवर आ सकता है जैसे हाथी, मेंढक, चूहे, बिल्ली, कुत्ते, चिड़िया, मोर आदि प्राणियों के नाम में आएंगे,

स्थानों के नाम – किसी विशेष स्थान का नाम जैसे दिल्ली मुंबई ,चेन्नई, कोलकाता आदि. नाम स्थानों के नाम में आता है.

गुणों के नाम – गुणों के नाम में जैसे किसी आदमी का गुण किसी जानवर का गुण किसी भी चीज का गुण आ सकता है जैसे ईमानदारी, ,बेईमानी, धोखेबाज, सच्चाई आदि गुणों के नाम में आते हैं.

भावों के नाम – इसी तरह से भावों के नाम में भी कुछ नाम है आते हैं जैसे दया, करुणा, ईर्ष्या, खुशी आदि भावों के नाम के अंतर्गत आते हैं.

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संज्ञा कितने प्रकार की होती है

संज्ञा मुख्य रूप से तीन प्रकार की होती है. व्यक्तिवाचक संज्ञा.जातिवाचक संज्ञा और भाववाचक संज्ञा यह तीन प्रकार संज्ञा के होते हैं. लेकिन अंग्रेजी का प्रचलन ज्यादा होने के कारण और अंग्रेजी के प्रभाव के कारण जातिवाचक संज्ञा में दो और संज्ञाएं मिलाई गई है.समुदायवाचक संज्ञा और द्रव्यवाचक संज्ञा तो हम सबसे पहले बात करेंगे व्यक्तिवाचक संज्ञा की इसमें हम आपको पूरी जानकारी बताएंगे व्यक्तिवाचक संज्ञा की परिभाषा बताएंगे और उसके उदाहरण बताएंगे ताकि आपको अच्छे से समझ में आए तो देखिए.

व्यक्तिवाचक संज्ञा

जैसा की आपको इसके नाम से ही पता चल रहा है. कि व्यक्तिवाचक संज्ञा व्यक्ति यानि आदमी कोई भी आदमी विशेष आदमी हो सकता है, वह वाचक यानी बताने वाला या बताने वाली संज्ञा और व्यक्तिवाचक संज्ञा का अर्थ सिर्फ यही नहीं है. कि इसमें सिर्फ व्यक्तियों के बारे में ही बताया जाएगा. इसमें व्यक्ति के अलावा जैसे कोई विशेष स्थान विशेष भवन आदि का नाम भी लिया जा सकता है. किसी व्यक्ति वस्तु स्थान या किसी प्राणी आदि के नाम का बोध कराएं उसे व्यक्तिवाचक संज्ञा कहा जाता है.तो निचे हम इसके कुछ उदाहरण देंगे. उनको आप अच्छी तरह से देखें और इससे स्पष्ट हो जाएगा कि व्यक्तिवाचक संज्ञा क्या होती है.

उदाहरण

दिल्ली, मुंबई, पंजाब

दिल्ली मुंबई पंजाब व्यक्तिवाचक संज्ञा में आप अब देख सकते हैं. कि किसी विशेष व्यक्ति का ही नाम आना जरूरी नहीं है. किसी विशेष स्थान का नाम भी आ सकता है. और दिल्ली मुंबई पंजाब किसी स्थान का नाम है.

विराट कोहली, महात्मा गांधी, चंद्रशेखर, सोनू, अमन

आप इस उदाहरण में देख सकते हैं हमने किसी विशेष स्थान का नाम नहीं लिया है. बल्कि यह नाम किसी आदमी  हैं.क्योंकि जैसे ही हम किसी व्यक्ति का नाम लेते हैं जैसे हम विराट कोहली का नाम लेते हैं. तो हमारे दिमाग में एकदम से विराट कोहली की तस्वीर बन जाएगी इसी तरह से हम अगर किसी विशेष आदमी का नाम लेते हैं. तो हमारे दिमाग में उसकी तस्वीर बन जाएगी या किसी विशेष स्थान का नाम लेते हैं तो उस स्थान की किसी भी जगह पर जहां पर आप गए हैं उसकी तस्वीर बन जाएगी तो इसमें किसी विशेष स्थान का नाम आ सकता है और किसी विशेष आदमी का नाम भी आ सकता है.और किसी विशेष भवन का नाम, किसी विशेष प्राणी का नाम किसी विशेष वस्तु का नाम यह सभी व्यक्तिवाचक संज्ञा के अंतर्गत आते हैं.

जातिवाचक संज्ञा

जैसा कि आप इस के नाम से ही जान सकते हैं. जातिवाचक संज्ञा जाति यानि किसी भी तरह की जाती हो सकती है. किसी भी प्राणी की जाति हो सकती है. किसी भी इंसान की जाती हो सकती है किसी भी जानवर की जानती हो सकती है. या किसी भी पेड़ पौधे की जाति प्रजाति हो सकती है तो इस वाक्य में किसी वस्तु व्यक्ति प्राणी आदि की जाति का बोध हो उसे जातिवाचक संज्ञा कहते हैं. वैसे तो यह बिल्कुल ही व्यक्तिवाचक संज्ञा से मिलता-जुलता है. क्योंकि इसमें आपको उसी तरह की चीजें देखने को मिलती है. लेकिन इसमें किसी विशेष आदमी, विशेष स्थान, विशेष भवन या विशेष प्राणी का नाम नहीं मिलता है, बल्कि उन प्राणियों की जाति का बोध करवाया जाता है तो इसके कुछ उदाहरण हम आपको नीचे बता रहे हैं. देखिए

उदाहरण

जानवर

हमने आपको ऊपर उदाहरण के तौर पर सिर्फ एक नाम बताया है जानवर आप यदि जानवर का नाम लेते हैं. तो इससे हमें यह नहीं पता चलता कि वह कौन सा जानवर है कुछ भी हो सकता है कुत्ता बिल्ली हाथी ऊंट घोड़ा शेर चीता कुछ भी हो सकता है. लेकिन जानवर एक जाति का नाम है. जिससे कि हमें इस पूरी सृष्टि के जानवरों की का पता चलता है. इस तरह से ही यह एक जातिवाचक संज्ञा का उदाहरण है. और यदि यह किसी विशेष आदमी का नाम होता जैसे सुरेश तो सुरेश जाति का नाम नहीं है. बल्कि सिर्फ एक आदमी का नाम है. इसलिए वह व्यक्तिवाचक संज्ञा कहलाता लेकिन यहां पर यह की जाति का बोध करा रहा है.

कुत्ता

हमने आपको ऊपर एक उदाहरण के तौर पर कुत्ता शब्द बताया है. तो कुत्ता कोई विशेष कुत्ता नहीं है. बल्कि जब हमारे सामने कुत्ते का नाम आता है तो वह कुत्ते की पूरी जाति का बोध कराता है. यानी कुत्ता शब्द आते ही हमें कुत्तों की अलग-अलग प्रजातियों का पता नहीं चलता बल्कि सभी कुत्तों का पता चलता है. कि कुत्ते हैं. और अगर किसी विशेष कुत्ते का नाम जैसे किसी ने अपने घर में कोई एक कुत्ता पाल रखा है. उसका नाम राजू रखा है तो राजू कुत्ता कहेंगे तो वह सिर्फ एक ही कुत्ता है और वह विशेष कुत्ता है इसलिए व्यक्तिवाचक संज्ञा के अंतर्गत आएगा.

भाववाचक संज्ञा

वैसे अगर आप इसके नाम को देखते हैं. तो इसका नाम भाववाचक संज्ञा है. तो आप सोचेंगे कि इसमें सिर्फ किसी विशेष भाव का ही बोध कराया जाता है लेकिन ऐसा नहीं है. इसकी परिभाषा अलग होती है. क्योंकि भाववाचक संज्ञा में भावों के अलावा गुणों दशाओं और अवस्थाओं के नाम को भी जाना जाता है.

यदि किसी विशेष व्यक्ति के भाव, किसी विशेष व्यक्ति के गुणों, या किसी विशेष प्राणियों के गुणों, या प्राणियों के भावों, या किसी विशेष स्थान के भाव, आदि का बोध कराया जाए उसे भाववाचक संज्ञा कहते हैं.भावों के नाम में कई प्रकार के शब्द आते हैं जैसे दया,प्रसन्नता  , ईमानदारी, दयालुता, यह सभी शब्द भाववाचक संज्ञा के अंतर्गत आते हैं

उदाहरण

राम बहुत ही ईमानदार है

इस वाक्य में आप देख सकते हैं कि राम के अंदर इमानदारी का गुण है तो राम एक बहुत ही अच्छा लड़का है और वह बहुत ही ईमानदार है यानी इस वाक्य में ईमानदारी का गुण दिखाई दे रहा है ईमानदारी के गुण का बोध कराया जा रहा है जिसके कारण राम भी अच्छा लगता है तो इस वाक्य मैं ईमानदारी शब्द भाववाचक संज्ञा के अंतर्गत आता है.

आज मैं बहुत ही खुश हूं

इस वाक्य में आप को देख सकते हैं कि आज मैं बहुत ही खुश हूं यानी आज मुझे बहुत प्रसन्नता है. इस वाक्य में खुशी का भाव प्रकट किया जा रहा है. खुशी के भाव का बोध कराया जा रहा है. जिसके कारण यह वाक्य है भाववाचक संज्ञा के अंतर्गत आता है. तो इसे भाववाचक संज्ञा कहा जाएगा.

आज मौसम बहुत अच्छा है

ऊपर हमने आपको एक वाक्य बताया है आज मौसम बहुत ही अच्छा है या नहीं इस वाक्य में मौसम के भाव को प्रकट किया जा रहा है है जिससे यह वाक्य भी भाववाचक संज्ञा कहलाएगा.

नीचे हम आपको उन दो संज्ञा के बारे में बताएंगे जो अंग्रेजी प्रभाव के कारण सामने आई हैं. समुदायवाचक संज्ञा और द्रव्यवाचक संज्ञा तो सबसे पहले हम बात करेंगे समुदायवाचक संज्ञा के तो देखिए.

समुदायवाचक संज्ञा

जब किसी वाक्य में किसी बड़े समुदाय की बात हो किसी बड़ी संस्था की बात हो किसी बड़े आंदोलन की बात हो किसी बड़े जानवरों के झुंड की बात हो तो इस तरह की किसी भी चीज की बात हो जहां पर बहुत सारे इकट्ठे लोग हो वस्तुएं हो या जानवर हो उनको समुदायवाचक संज्ञा कहा जाता है. जब किसी वाक्य में किसी बड़े समुदाय से संबंधित बातों का बोध कराया जाए उसे समुदायवाचक संज्ञा कहते हैं.

उदाहरण

कल हमारी क्लास के बच्चे खेलने जाएंगे

इस वाक्य में आप देख सकते हैं कि कल हमारी क्लास के बच्चे खेलने जाएंगे.इस वाक्य में किसी एक बच्चे का नाम नहीं लिया जा रहा है बल्कि क्लास एक ग्रुप है. उसमें बहुत सारे बच्चे हो सकते हैं तो यह समुदायवाचक संज्ञा का उदाहरण है. इसलिए हम इसे समुदायवाचक संज्ञा कहेंगे.

द्रव्यवाचक संज्ञा

जैसा कि इसके नाम से ही पता चल रहा है द्रव्यवाचक संज्ञा द्रव्य यानी तरल पदार्थ जहां पर किसी भी तरह के पदार्थ की बात आती है जैसे दूध, पानी, तेल ,सोना, चांदी, लोहा, पीतल तांबा इन सभी चीजों के नाम का बोध कराया जाए उसे द्रव्यवाचक संज्ञा कहते हैं.

उदाहरण

नीलम में सोने का हार पहना है

इस वाक्य में आप देख सकते हैं कि नीलम ने सोने का हार पहना है यानी सोना एक विशेष प्रकार की धातु है तो यहां पर किसी धातु का बोध कराया जा रहा है तो यह द्रव्यवाचक संज्ञा का उदाहरण है.

तो अब आप को अच्छे से समझ में आ गया होगा कि संज्ञा क्या होती है और यह किस तरह से इस्तेमाल की जाती है और इसके अंतर्गत क्या-क्या चीजें आती हैं

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तो आज हमने आपको इस पोस्ट में sangya kise kahate hain iske kitne bhed hote hain संज्ञा के मुख्यतः कितने भेद होते हैं? संज्ञा के कितने भेद होते हैं संज्ञा और उसके भेद ,संज्ञा किसे कहते हैं संज्ञा की परिभाषा संज्ञा के प्रकार sangya kitne prakar ke hai sangya ke prakar sangya ki paribhasha sangya kise kahte hai sangya kise kehte hain iske kitne bhed hote hain sangya kise kehte hain sarso ka vaigyanik naam संज्ञा कितने प्रकार के होते हैं ,Sangya Ke Kitne Prakar Hote Hain संज्ञा कितने प्रकार की होती है से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी बताई है. तो यदि हमारे द्वारा बताई गई है. यह जानकारी आपको पसंद आए तो शेयर करना ना भूलें और यदि आपका इसके बारे में कोई सवाल या सुझाव हो तो नीचे कमेंट बॉक्स में कमेंट करके पूछ सकते हैं.

संज्ञा के अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

संज्ञा के कितने भेद होते हैं ? ( sangya ke kitne bhed hote hain )

  • संज्ञा के मुख्यत: पांच भेद मुख्य होते हैं–
  • (i) व्यक्तिवाचक संज्ञा
  • (ii) जातिवाचक संज्ञा
  • (ii) भाववाचक संज्ञा
  • (iv) द्रव्यवाचक संज्ञा
  • (v) समूहवाचक संज्ञा

संज्ञा की परिभाषा कैसे लिखते हैं?

संज्ञा की परिभाषा: किसी भी व्यक्ति, प्राणी, वस्तु, स्थान, गुण, जाति या भाव, दशा आदि के नाम को संज्ञा (sangya) कहते हैं। वासुदेवनंदन प्रसाद के अनुसार ‘संज्ञा (noun) उस विकारी शब्द को कहते है, जिससे किसी विशेष वस्तु, भाव और जीव के नाम का बोध हो।

7 संज्ञा के कितने भेद होते हैं?

जिस शब्द के द्वारा किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान अथवा भाव के नाम का बोध हो, उसे संज्ञा कहते हैं। मुख्य रूप से संज्ञा के तीन भेद माने जाते हैं- पर कुछ विद्वान इसके दो भेद और मानते हैं। इस तरह इनके पाँच भेद होते हैं।

जातिवाचक संज्ञा कौन सी है?

साधारण शब्दों में समझे तो वे शब्द जो किसी वस्तु, व्यक्ति या फिर किसी स्थान की सम्पूर्ण जाति का बोध कराते हैं, उन शब्दों को जातिवाचक संज्ञा कहा जाता है।

संज्ञा के कितने भेद होते हैं नाम सहित बताइए?

Solution : संज्ञा के मुख्य रूप से तीन भेद होते हैं—(1) व्यक्ति-वाचक संज्ञा, (2) जातिवाचक संज्ञा और (3) भाववाचक संज्ञा

7 संज्ञा के कितने भेद होते हैं?

मुख्य रूप से संज्ञा के तीन भेद माने जाते हैं- पर कुछ विद्वान इसके दो भेद और मानते हैं। इस तरह इनके पाँच भेद होते हैं

संज्ञा के कितने भेद हैं Class 10?

(i) व्यक्तिवाचक संज्ञा – मोहन, हिमालय, गंगा, लखनऊ आदि । (ii) जातिवाचक संज्ञा – लड़का, पहाड़, नदी, नगर आदि । (iii) भाववाचक संज्ञा – बचपन, सुन्दरता, प्रेम, योग्यता आदि । (iv) द्रव्यवाचक संज्ञा – सोना, चाँदी, लकड़ी, अन्न आदि ।

संज्ञा के कितने भेद हैं Class 5?

इस प्रकर संज्ञा के कुल पाँच भेद हुए:.
व्यक्तिवाचक.
जातिवाचक.
भाववाचक.
समूहवाचक.
द्रव्यवाचक.