Sagwan Farming Cost and Profit: सागवान के लकड़ी की गिनती सबसे मजबूत और महंगी लकड़ियों में होती है. इससे फर्नीचर, प्लाइवुड तैयार किया जाता है. इसके अलावा सागवान का इस्तेमाल दवा बनाने में भी किया जाता है. लंबे समय तक टिकने की क्षमता होने के कारण इसकी मांग हमेशा बाजार में बनी रहती है. सागवान की लकड़ी में बहुत कम सिकुड़न होती है. साथ ही इस पर बहुत जल्दी पॉलिश चढ़ता है. एक आंकड़े के मुताबिक देश में हर वर्ष 180 करोड़ क्यूबिक फीट सागवान की लकड़ी की जरूरत है, लेकिन प्रति वर्ष सिर्फ 9 करोड़ क्यूबिक फीट की पूर्ति की जा रही है. यानी वर्तमान में सिर्फ 5 परसेंट ही पूर्ति हो पा रही है, 95 परसेंट का बाजार अभी भी खाली है. दिलचस्प बात ये है कि सागवान की खेती में रिस्क काफी कम होता है और मुनाफा ज्यादा होता है. Show सागवान के लिए खेत में कितनी हो दूरी सागवान के पौधे को 8 से 10 फीट की दूरी पर लगाया जा सकता है. ऐसे में अगर किसी किसान के पास 1 एकड़ खेत है तो वो उसमें करीब 500 सागवान के पौधे लगा सकता है. सागवान के लिए 15 डिग्री सेल्सियस से लेकर 40 डिग्री सेल्सियस का तापमान अनुकूल माना जाता है. इसके लिए नमी वाले इलाके फादयेमंद होते हैं. जानकारी के मुताबिक सागवान की खेती बर्फीले इलाकों या रेगिस्तानी इलाकों में नहीं हो सकती. इसके लिए जलोढ़ मिट्टी को बेहतर माना जाता है. सागवान के लिए कैसे तैयार होता है खेत? सागवान की खेती के लिए सबसे पहले खेत की जुताई करें और उसमें से खर-पतवार और कंकड़-पत्थर निकाल लें. इसके बाद दो बार और जुताई करके खेत की मिट्टी को बराबर कर लें. इसके बाद सागवान के पौधे जहां-जहां लगाने हैं, उन जगहों को चिन्हित कर लें. इसके बाद उन जगहों पर गड्ढा खोद लें. कुछ दिन बाद इसमें खाद मिला दें. इसके बाद इसमें पौधा लगाएं. इसकी मिट्टी का पीएच 6.5 से 7.5 के बीच होना चाहिए. कौन सा मौसम सागवान की बुवाई के लिए ठीक? सागवान की बुवाई के लिए मॉनसून से पहले का समय सबसे अनुकूल माना जाता है. इस मौसम में पौधा लगाने से वो तेजी से बढ़ता है. शुरुआती सालों में साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है. पहले साल में तीन बार दूसरो साल में दो बार और तीसरे साल में एक बार अच्छे से खेत की सफाई जरूरी है, सफाई के दौरान खरपतवार को पूरी तरह खेत से बाहर करना होता है. सागवान के पौधे के विकास के लिए सूर्य की रौशनी अत्यंत आवश्यक होता है. ऐसे में पौधा लगाते वक्त इस बात का भी ध्यान रखें कि खेत में पर्याप्त रोशनी पहुंच सके. नियमित समय पर पेड़ के तने की कटाई-छटाई और सिंचाई करने से पेड़ की चौड़ाई तेजी से बढ़ती है. सागवान के पेड़ को जानवरों से डर नहीं सागवान के पत्तों में कड़वाहट और चिकनाहट होती है, यही कारण है कि इसे जानवर खाना पसंद नहीं करते. साथ ही अगर पेड़ की देखभाल ठीक से की जाए तो इसमें कोई बीमारी भी नहीं लगती और ये बिना किसी परेशानी के 10 से 12 साल में तैयार हो जाता है. सागवान के पेड़ से कई सालों तक मिलता है मुनाफा हालांकि किसान चाहें तो इसे ज्यादा समय तक भी खेत में रख सकते हैं. 12 वर्षों के बाद ये पेड़ समय के हिसाब से मोटा होता जाता है, जिससे पेड़ की कीमत भी बढ़ती चली जाती है. साथ ही किसान एक ही पेड़ से कई सालों तक मुनाफा कमा सकते हैं. सागवान का पेड़ एक बार काटे जाने के बाद फिर से बड़ा होता है और दोबारा इसे काटा जा सकता है. ये पेड़ 100 से 150 फुट ऊंचे होते हैं. सागवान से करोड़ों में कमाई सागवान के पेड़ से किसान चाहें तो करोड़ों में कमाई कर सकते हैं. उदाहरण के तौर पर एक एकड़ में किसान अगर 500 सागवान के पेड़ लगाता है तो 12 वर्ष के बाद इससे करीब एक करोड़ रुपये में बेच सकता है. बाजार में 12 साल के सागवान के पेड़ की कीमत 25 से 30 हजार रुपये तक है और समय के साथ इसकी कीमत में बढ़ोतरी होने की पूरी संभावना है. ऐसे में एक एकड़ की खेती से 1 करोड़ रुपये की कमाई आराम से की जा सकती है. ये भी पढ़ें
Sagwan Ke Patte Ke FaydeGkExams on 12-11-2018 सागवान (Teak) विशेष रूप से मालाबार, गुजरात, ब्रहा देश में पाया जाता है. वैसे जंगलों और पहाडी इलाकों में भि होता है. इसके वृक्ष ऊंचे लगभग चालीस से पचास फीट तक होते हैं. इसकी लकड़ी काफी मजबूत होती है. इसकी छाया अत्यंत घनी और शीतल होती है. इस पेड़ की खाशियत है. इस पर पतझड़ का कोई असर नहीं होता है. ये हमेशा हरे भरे रहते हैं. मजबूती के आधार पर इसकी लकड़ी सबसे मजबूत होती है. ये जितनी पुरानी होती है. उतनी ही मजबूत होती है. इसकी लकड़ी काफी मजबूत होती है. इसकी छाया अत्यंत घनी और शीतल होती है. इस पेड़ की खाशियत है. इस पर पतझड़ का कोई असर नहीं होता है. ये हमेशा हरे भरे रहते हैं. इसके पत्ते बड़े होते हैं. इसके पत्तों का रस खून की तरह लाल होता है. इसकी लकड़ी पानी में रह कर भी सिकुडती नहीं है. अर्श, वायु, पित्त, अतिसार, कुष्ठ, प्रमेह कफ आदि में उपयोगी होता है. सम्बन्धित प्रश्नComments Nainsi on 08-06-2022 Ye time kesa hai Meena gupta on 13-02-2022 Sagon ka species name kya h Kutaa on 21-12-2021 Jsjs शना अंजुम on 24-01-2021 सागवन के पत्ते का इस्तेमाल mahesh on 05-01-2021 dhanyavad Dead on 09-01-2020 Sagwan patte ka upyog toh bataye hi nahi Anchita on 04-01-2020 Sagwan Patti ke upyog toh bataye hi nahi Anshika on 05-12-2019 Aapne toe shirf sagwan ke baare main bataya uski patiyo ko chodhke Bhawani ram Bhawani ram Bhawani ram on 23-10-2019 Sagwan ke patte se kaun si dawai banti hai Sagwan ke patyo ks use Sagwan ke patte on 26-02-2019 Uska use ध्रुव द्विवेदी on 23-02-2019 क्या सागवान के पत्ते से दवाई बनती हैं।? Sakshi sharma on 27-01-2019 Sangwan ke patte ka rakh सागौन के पत्ते क्या है?इसके पत्ते बड़े होते हैं. इसके पत्तों का रस खून की तरह लाल होता है. इसकी लकड़ी पानी में रह कर भी सिकुडती नहीं है. अर्श, वायु, पित्त, अतिसार, कुष्ठ, प्रमेह कफ आदि में उपयोगी होता है.
सागौन के पेड़ से क्या क्या बनता है?सागौन की लकड़ी का प्रयोग फर्नीचर तथा घरों के दरवाजे आदि बनाने में किया जाता है। कई स्थानों पर इसके पत्रों का प्रयोग भोजन के लिये पात्र रूप में किया जाता है। यह 24-30 मी ऊँचा वृक्ष होता है। इसके पत्र सरल, बड़े 30-60 सेमी लम्बे एवं 15-30 सेमी चौड़े होते हैं।
सागवान की पहचान कैसे करें?एक सामान्य सागवान लकड़ी का रंग सफेद से पीला हो सकता है। ग्रेन्स: असली सागवान लकड़ी का ग्रेन्स तेल के साथ चमकदार होता है। नकली सागवान लकड़ी सूखा होता है। वजन: असली सागवान लकड़ी शीशम से हल्का और हेमलॉक से भारी होता है।
सागवान की कीमत कितनी है?बाजार में 12 साल के सागवान के पेड़ की कीमत 25 से 30 हजार रुपये तक है और समय के साथ इसकी कीमत में बढ़ोतरी होने की पूरी संभावना है. ऐसे में एक एकड़ की खेती से 1 करोड़ रुपये की कमाई आराम से की जा सकती है.
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