रायपुर जिला काउंसिल कब भंग हुआ - raayapur jila kaunsil kab bhang hua

ब्रिटिश शासन द्वारा गाँधीजी के 11 सूत्रीय मांगो को अस्वीकार करने के बाद 12 मार्च 1930 को महात्मा गांधी ने साबरमती से विरोध स्वरुप दांडी यात्रा आरम्भ कर 6 अप्रेल 1930 को दांडी (गुजरात) में नमक कानून का उल्लंघन कर सम्पूर्ण भारत में सविनय अवज्ञा आन्दोलन का सूत्रपात किया ।

इस आन्दोलन के मुख्य कारण 

 

  • साइमन कमिशन का विरोध ।
  • नेहरु रिपोर्ट को शामिल न किया जाना ।
  • आम जनता के जरूरत कि वास्तु नमक तथा जंगल पर अधिग्रहण करके कर लगाना ।
  • 1919 के अधिनियम कि कमियाँ ।

इसी क्रम में छत्तीसगढ़ में भी पुरे देश के साथ सविनय अवज्ञा आन्दोलन प्रारंभ किया गया, जिसका मुख्य उद्देश्य

  • नमक तथा जंगल कानून तोडना ।
  • महिला एवं किसानो को मद्यपान निषेध कार्यक्रम में शामिल करना ।
  • अश्पृश्यता निवारण कार्यक्रम आदि कार्यक्रमों को शामिल किया गया ।

छत्तीसगढ़ में आन्दोलन

1930-1931

 

छत्तीसगढ़ में सविनय अवज्ञा आन्दोलन का प्रथम चरण 8 अप्रैल 1930 में रायपुर से पं. रविशंकर शुक्ल के द्वारा प्रारम्भ किया जो 15 अप्रैल 1930 तक वृहद् कार्यक्रम के रूप में चलाया गया ।

13 अप्रैल 1930 में पं. जवाहर लाल नेहरु रायपुर आने वाले थे परन्तु उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया । 15 अप्रैल 1930 को रायपुर में महाकौशल राजनैतिक परिषद सम्मलेन का गठन किया गया, जिसका उद्घाटन पं रविशंकर शुक्ल द्वारा किया गया ।

इस सम्मेलन में शुक्ल के द्वारा कृत्रिम रूप से नमक (Hcl+NaoH) = NaCl + H2O बनाकर नमक कानून तोड़ा गया । इसमें इनके सहयोगी सेठ गोविन्द दास, द्वारिका प्रसाद महंत, लक्ष्मीनारायण दास तथा गयाचार्ण द्विवेदी थे ।

नोट : इस सम्मेलन के नेतृत्वकर्ता सेठ गोविन्द दास थे, सविनय अवज्ञा आन्दोलन को सुचारू रूप से चलाने के लिए 5 पंडितों कि नियुक्ति कि गई जिनके नाम निम्न प्रकार से है :

  1. युधिष्ठिर    –    वामन राव लाखे
  2. भीम         –    महंत लक्ष्मीनारायण दास
  3. अर्जुन       –    ठाकुर प्यारेलाल सिंह
  4. नकुल       –    मौलाना अब्दुल रउफ़
  5. सहदेव      –    शिवदास डागा

सविनय अवज्ञा आन्दोलन छत्तीसगढ़

रायपुर जिला काउंसिल कब भंग हुआ - raayapur jila kaunsil kab bhang hua

छत्तीसगढ़ के मुख्य क्षेत्रों में आन्दोलन

छत्तीसगढ़ में सविनय अवज्ञा आन्दोलन के दौरान विभिन्न क्षेत्रो में भी नमक कानून तोड़ा गया ।

1. धमतरी : महाकौशल सम्मेलन से लौटने के बाद नारायण राव मेघावाले ने नमक बनाकर नमक कानून तोडा तथा इस नमक को करन तेजपाल या करन डागा के द्वारा 6.25 पैसे में ख़रीदा गया ।

2. दुर्ग : दुर्ग में घनश्याम सिंह गुप्त, रत्नाकर झा, नरसिंह प्रसाद अग्रवाल, Y.V. तामस्कर तथा रामचन्द्र देशमुख के द्वारा नमक कानून का उल्लंघन किया गया ।

3. मुंगेली : मुंगेली में राम गोपाल तिवारी एवं काली चरण शुक्ल के द्वारा नमक कानून तोड़ा गया, साथ ही बलदेव सतनामी, याकूब अली तथा मानिकलाल को शराब दूकान के सामने धरना प्रदर्शन के आरोप में गिरफ्तार किया गया ।

4. बिलासपुर : बिलासपुर में दिवाकर कार्लिकर के द्वारा शराब दूकान के सामने धरना प्रदर्शन किया गया, बाद में वासुदेव देवरस तथा छेदीलाल द्वारा इस आन्दोलन को सहयोग प्रदान किया गया ।

वानर सेना का गठन (बिलासपुर 1930)

बिलासपुर क्षेत्र में वासुदेव देवरस द्वारा सविनय अवज्ञा आन्दोलन के समय वानर सेना का गठन किया गया, जिसमें स्कूली बच्चों कि टोली को शामिल किया गया था ।

जो प्रतिदिन जुलुस निकालकर सूचनाओं को एक स्थान से दुसरे स्थान तक पहुँचाने का कार्य करते थे ।

अंग्रेजो के द्वारा इन बच्चों को पकड़कर जंगलों में छोड़ दिया जाता था जहाँ से ये पुनः लौटकर अपने कार्य में जुट जाते थे ।

जिला राजनैतिक परिसर सम्मेलन  (1930)

इसके अध्यक्ष डॉ. छेदीलाल को बनाया गया था, इस सम्मलेन में कांतिकुमार भारती द्वारा बिलासपुर के शासकीय भवनों में झंडा फहराने के आरोप में गिरफ्तार किया गया, साथ ही दिवाकर कर्लिकर को शराब दुकान के सामने धरना देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया ।

विद्यार्थी कांग्रेस कि स्थापना   (1930)

विद्यार्थी कांग्रेस कि स्थापना दुर्ग से कि गई थी। इसकी स्थापनाकर्ता गणेश सिन्हरौल तथा गंगाधर प्रसाद चौबे थे, इसका मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को कांग्रेस में शामिल कर सविनय अवज्ञा आन्दोलन को सहयोग प्रदान करना था।

विधान सभा का गठन   (1930)

इसकी स्थापना दुर्ग से नरसिंह प्रसाद अग्रवाल के द्वारा कि गई, इसका उद्देश्य किसानो को सहयोग प्राप्त कराना था।

अन्य घटनाएं

राष्ट्रीय इध्यालय के प्रधान अध्यापक नन्द कुमार दानी द्वारा एवं विद्यार्थी द्वारा झंडा लेकर जुलुस निकाला गया, इसी आरोप में उन्हें गिरफ्तार किया गया।

रायपुर (Raipur) भारत के छत्तीसगढ़ राज्य में स्थित एक नगर है। यह राज्य की राजधानी है और रायपुर ज़िले का मुख्यालय है। रायपुर छत्तीसगढ़ राज्य का सबसे बड़ा शहर होने के साथ-साथ राज्य का एक महत्वपूर्ण औद्योगिक और व्यापारिक केन्द्र है।[3][4] छत्तीसगढ़ के विभाजन के पूर्व रायपुर मध्य प्रदेश राज्य का अंग था।[5] रायपुर को स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 मे भारत का 6वां सबसे स्वच्छ शहर घोषित किया गया है।[6]

रायपुर को व्यापार के लिए देश के सबसे अच्छे शहरों मे से एक माना जाता है। रायपुर खनिज संपदा से भरपूर है। यह देश मे स्टील एवं लोहे के बड़े बाजारों मे से एक है। लगभग 200 स्टील रोलिंग मिल, 195 स्पन्ज आयरन प्लांट, कम से कम 6 स्टील प्लांट, 60 प्लाइवुड कारखाने, 35 फेरो-अलॉय प्लांट, और 500 कृषि उद्योग हैं। रायपुर मे 800 से अधिक राइस मिल प्लांट हैं।[7]

पुराने भवन एवं किलों के अवशेष पर आधारित कुछ इतिहासविदों की मान्यतानुसार यह शहर ९वीं सदी से अस्तित्व में है। लेकिन ज्यादातर लोगों का मानना है कि यह १४ वीं सदी में बसा था।

2011 की जनगणना के अनुसार:

  • जनसंख्या - 10,10,087
  • लिंगानुपात - 946
  • साक्षरता दर - 86.90%
  • पुरुष साक्षरता दर 92.39%
  • महिला साक्षरता दर 81.10%

रायपुर खारुन नदी के तट में बसा छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा शहर है। रायपुर एक बड़े मैदान (छत्तीसगढ़ का मैदान) के मध्य में स्थित है जो "धान का कटोरा" भी कहा जाता है। रायपुर के पूर्व में महानदी नदी बहती है। उत्तर-पश्चिम में मैकाल की पहाड़ियां हैं। उत्तरी ओर छोटा नागपुर का पठार और दक्षिण में बस्तर का पठार है। रायपुर मुम्बई-हावड़ा रेल लाइन पर है और यह सभी मह्त्वपूर्ण शहरों से जुड़ा है। राष्ट्रीय राजमार्ग ६ शहरो से गुज़रता है और ४३ शहर को विशाखापट्नम से जोड़ता है। रायपुर मुम्बई, दिल्ली एव्म अन्य शहरों से हवाई मा‍र्ग से जुड़ा हुआ है। रायपुर का हवाई अड्डा 'माना में है।

तापमान:

  • गर्मी में ४५ से २९ सेल्सिअस
  • सर्दी में २७ से १० सेल्सिअस
  • वर्षा लगभग १२० से मी (जुलाई से सितम्बर)

01 नवंबर सन् 2000 में बने छत्तीसगढ़ राज्य की राजधानी रायपुर का प्रशासनिक केन्द्र 'नया रायपुर' हैं। यह एक विश्व स्तरीय परियोजना है जिसमे कि वर्तमान रायपुर से 25 किमी दूर एक नए शहर का सृजन किया गया है। इस के लिए एक बड़े क्षेत्र की भूमि का अर्जन या अधिग्रहण किया गया है। नया रायपुर का कुल क्षेत्रफल 80,000 हेक्टेयर है। नये रायपुर में 225 किमी पक्की सड़क है। नया रायपुर के परसदा क्षेत्र मेंअन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम बनाया गया है।[8]

रायपुर संपूर्ण छ्त्तीसगढ़ एवं उड़ीसा के लिये थोक की मंडी है। इसके अलावा यह एक औद्योगिक नगर है।

रायपुर में मुख्य विश्वविद्यालय:

इंजीनियरिंग की शिक्षा के लिए NIT राष्ट्रीय तकनीकी संस्थान सहित चार अभियांत्रिकी महाविद्यालय हैं :

  • शासकीय अभियांत्रिकी महाविद्यालय,
  • रायपुर इंस्टीट्यूट आफ़ टेक्नॉलाजी,
  • दिशा इंस्टीट्यूट आफ़ टेक्नालाजी एंड मैनेजमेंट

नए चिकित्सा विश्वविद्यालय के अधीन रायपुर के चार चिकित्सा महाविद्यालय है:

  • जवाहर लाल नेहरु स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय
  • शासकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय
  • होम्योपैथिक महाविद्यालय
  • शासकीय दंत चिकित्सा महविद्यालय

इसके अलावा विज्ञान, कला, वाणिज्य के अध्ययन हेतु कई महाविद्यालय है। शासकीय विज्ञान महाविद्यालय, शासकीय छ्त्तीसगढ महाविद्यालय है। भविष्य में इंडियन इस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट भी केन्द्र सरकार द्वारा प्रारंभ किया जाना है। रायपुर में अधिकांश शासकीय विद्यालय राज्य परीक्षा बोर्ड से और निजी विद्यालय सी बी एस ई से सम्बद्ध हैं। यहां एक शासकीय मुक्त विश्व विद्यालय भी है जिसे पंडित सुंदर लाल शर्मा मुक्त विश्वविद्यालय के नाम से जाना जाता है।

रायपुर के पर्यटन स्थलों में नगरघड़ी है। यह हर घंटे छत्तीसगढ़ी लोक धुनें सुनाती है। बूढ़ा तालाब, यह शहर का सबसे बड़ा तालाब है जिसे स्वामी विवेकानंद सरोवर के नाम से भी जाना जाता है, इस तालाब के बीचोबीच एक छोटे से द्वीप पर उद्यान है। माता कौशल्या मंदिर भारत में इकलौता मंदिर है जो श्री राम की माता कौशल्या जी के नाम से है, ये रायपुर के चंदखुरी में स्थित हैं,दूधधारी मंदिर हिन्दूओं के आराध्य भगवान राम का करीब ५०० साल पुराना मंदिर है।[कृपया उद्धरण जोड़ें] महंत घासी दास संग्रहालय तथा राजीव गांधी ऊर्जा पार्क जो एक नागरिक वन है, यहां के अन्य दर्शनीय स्थल हैं। यहां सभी झूले सौर ऊर्जा से संचालित हैं। यहां माता कौशल्या का मंदिर भी स्थित है । यह मंदिर रायपुर में चंद्रखुरी में स्थित है जिसमें माता कौशल्या की मूर्ति भी स्थित है । चारों ओर से सरोवर से घिरे इस मंदिर को लोग दूर दूर से देखने आते हैं । वर्ष 2021 में इसका नवीनीकरण भी किया गया जिसके बाद दर्शकों की मानो भीड़ सी लग गई। हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार इस मंदिर का बहुत महत्व है , यह मंदिर लोगों को आनन्द और शांति प्रदान करती है । माता कौशल्या से जुड़ी एक बात तथ्य यह भी है की चूंकि माता कौशल्या श्री राम जी के माता हैं और श्री राम जी को लोग स्वयं ईश्वर मानते हैं , ऐसा माना जाता है की माता कौशल्या का जन्म छत्तीसगढ़ में हुआ है , माता कौशल्या छत्तीसगढ़ की बेटी हुई अर्थात छत्तीसगढ़ को माता कौशल्या का मायके माना जाता है , अतः भगवान श्री राम छत्तीसगढ़ वासियों के लिए भांजा हैं । इसलिए छत्तीसगढ़ में लोग अपने भांजे - भांजियों को भगवान स्वरूप मानते हैं और मामा - मामी अपने भांजे- भांजी के चरण स्पर्श करते हैं । उनसे कोई काम नहीं कराते। लोगों की मान्यता है की ऐसा करने से पुण्य प्राप्त होता है।

रायपुर में मनोरंजन के लिए पुराने सिनेमाघरों के साथ मल्टीप्लेक्स थियेटर भी हैं। आकाशवाणी का मीडियम वेव पर एक रेडियो स्टेशन २ अक्टूबर १९६४ से कार्य कर रहा है। नई पीढ़ी के लिये ऐफ ऐम बैंड पर नए चैनल्स लाये गए हैं, जिनमें विविध भारती या विज्ञापन प्रसारण सेवा १ जनवरी २००१ को शुरू हुई है। तीन नए रेडियो स्टेशन सन् २००७ में शुरू हुए हैं; इनमें रेडियो मिर्ची, रेडियो रंगीला तथा रेडियो माई एफ एम का चैनल हैं। वर्ष २००९ में बिना किसी औपचारिक उद्घाटन के एक और नया रेडियो चैनल रेडियो तड़का भी आ गया है। सभी का प्रसारण रायपुर से होता है। टेलीविजन चैनलों में १९७७ में शुरू हुआ, दूरदर्शन का चैनल सर्व प्रथम है। अब तो दूरदर्शन का डीडी न्यूज़ चैनल भी रायपुर में देखा जा सकता है। सहारा समय, ई टीवी न्यूज, जी छत्तीसगढ़ २४ घंटे, वॉच न्यूज के साथ केबल टीवी के एम० चैनल और ग्रैन्ड चैनल है। इसके अलावा एयरपोर्ट रोड पर एक उर्जा पार्क तथा जी० ई० रोड पर ग्राम सरोना में स्थित नंदन वन है यहां जंगली जानवरों को भी देखा जा सकता है। वर्ष २००९ व २०१० में मेट्रो शहरों के अनुसार शॉपिंग मॉल भी बने हैं। तेलीबांधा में सिटी मॉल व तेलीबांधा के आगे जी.ई. रोड पर मैग्नेटों मॉल, आमानाका के आगे जी.ई. रोड पर आर. के. मॉल तथा देवेन्द्र नगर में छत्तीसगढ़ सिटी सेन्टर बना है।

रायपुर भारतीय रेलवे के हावड़ा-नागपुर-मुंबई मार्ग पर स्थित है। यह भारत के सभी मुख्य शहरों (नई दिल्ली, मुंबई, पुणे, भोपाल, कोलकाता, बैंगलोर, चेन्नई, अमृतसर, इंदौर, रांची, पटना, लखनऊ, बनारस, सूरत, भुवनेश्वर आदि) शहरों से रेलवे मार्ग के द्वारा अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।

छत्तीसगढ़ का बंटवारा कब हुआ?

छत्तीसगढ़ भारत का एक राज्य है। इसका गठन १ नवम्बर २००० को हुआ था और यह भारत का २६वां राज्य है। पहले यह मध्य प्रदेश के अन्तर्गत था।

रायपुर कमिश्नरी कब बना?

01 नवंबर सन् 2000 में बने छत्तीसगढ़ राज्य की राजधानी रायपुर का प्रशासनिक केन्द्र 'नया रायपुर' हैं।

छत्तीसगढ़ का पुराना नाम क्या है?

छत्तीसगढ़ का पुराना नाम क्या था? Notes: छत्तीसगढ़ को पहले दक्षिण कोसल के नाम से जाना जाता है।

छत्तीसगढ़ राज्य का सबसे बड़ा शहर कौन सा है?

जनसंख्या के आधार पर छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा शहर रायपुर है। यही नहीं क्षेत्रफल के आधार पर भी रायपुर छत्तीसगढ़ का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। जनसंख्या के आधार पर सबसे बड़ा शहर होने के साथ ही साथ रायपुर छत्तीसगढ़ की राजधानी भी है।