राजस्थान दिवस, इसे राजस्थान का स्थापना दिवस भी कहा जाता है। हर वर्ष के तीसरे महीने (मार्च) की दिनाङ्क 30 को राजस्थान दिवस मनाया जाता है। 30 मार्च, 1949 में जोधपुर, जयपुर, जैसलमेर और बीकानेर रियासतों का विलय होकर 'वृहत्तर राजस्थान सङ्घ' बना था। [1][2][3] इस दिन राजस्थान के लोगों की वीरता, दृढ़ इच्छाशक्ति तथा बलिदान को नमन किया जाता है। यहाँ की लोक कलाएँ, समृद्ध संस्कृति, महल, व्यञ्जन आदि एक विशिष्ट पहचान रखते हैं। इस दिन कई उत्सव और आयोजन होते हैं जिनमें राजस्थान की अनूठी संस्कृति का दर्शन होता है।[4] इसे पहले राजपूताना के नाम से जाना जाता था तथा कुल 19 रियासतों को मिलाकर यह राज्य बना तथा इसका नाम "राजस्थान" किया गया जिसका शाब्दिक अर्थ है "राजाओं का स्थान" क्योंकि स्वतन्त्रता से पूर्व यहाँ कई राजा-महाराजाओं ने राज किया। राजस्थान का एकीकरण 7 चरणों में हुआ। इसकी शुरुआत 18 अप्रैल 1948 को अलवर, भरतपुर, धौलपुर और करौली रियासतों के विलय से हुई। विभिन्न चरणों में रियासतें जुड़ती गईं तथा अन्त में 30 मार्च 1949 को जोधपुर, जयपुर, जैसलमेर और बीकानेर रियासतों के विलय से "वृहत्तर राजस्थान सङ्घ" बना और इसे ही राजस्थान स्थापना दिवस कहा जाता है।[5] इसमें सरदार वल्लभभाई पटेल जी की सक्रिय भूमिका रही। आयोजन[संपादित करें]इस दिन राजस्थान पर्यटन विभाग द्वारा कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इन कार्यक्रमों का मुख्य केंद्र जयपुर होता है। इनमें कैमल टैटू शो, खेलकूद प्रतियोगिताएं, बच्चों के लिए फ़िल्म फेस्टिवल, विभिन्न संभागों की झांकियां एवं नृत्य, भजन, फैशन शो तथा संगीत कॉन्सर्ट का आयोजन शामिल है।[6] सन्दर्भ[संपादित करें]
यह भी देखें[संपादित करें]
३० मार्च को राजस्थान दिवस क्यों मनाया जाता है?30 मार्च, 1949 में जोधपुर, जयपुर, जैसलमेर और बीकानेर रियासतों का विलय होकर 'वृहत्तर राजस्थान संघ' बना। इस दिन को राजस्थान के लोगों की वीरता, दृढ़ इच्छाशक्ति और बलिदान को नमन किया जाता है। राजस्थान दिवस को ही राजस्थान स्थापना दिवस भी कहते हैं।
राजस्थान राज्य की स्थापना कब हुई थी?30 मार्च 1949राजस्थान / स्थापना की तारीखnull
राजस्थान का पुराना नाम क्या है?राजस्थान का पुराना नाम राजपुताना था।
राजस्थान हिंदी दिवस कब मनाया जाता है?अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति के प्रदेश उप पाटवी चंदन सिंह भाटी ने बताया कि 21 फरवरी को पूरे प्रदेश में राजस्थानी भाषा दिवस मनाया जाएगा।
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