राइबोसोम का निर्माण कहां होता है - raibosom ka nirmaan kahaan hota hai

राइबोसोम का निर्माण कहाँ होता है?

राइबोसोम का निर्माण होता तो केंद्र के अंदर है. लेकिन केंद्रकला के छिद्रों से निकलकर जहां पर केंद्र का किनारा यानी छिद्र होता है. उन छोटे-छोटे छिद्रों से निकलकर धीरे धीरे से कोशिकाद्रव्य में पहुंच जाते हैं.

राइबोसोम की खोज कब हुई थी?

राइबोसोम की खोज 1950 के दशक में रूमानियाई जीव वैज्ञानिक जॉर्ज पेलेड ने की थी। उन्होंने इस खोज के लिए इलैक्ट्रॉन माइक्रोस्कोप का इस्तेमाल किया था, जिसके लिए उन्हें नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। 'राइबोसोम' नाम 1958 में वैज्ञानिक रिचर्ड बी. रॉबर्ट्स ने प्रस्तावित किया था।

रिबोसोम कैसे बनता है?

राइबोसोम का परिचय (Introduction of Ribosome) राइबोसोम एक गोलाकार, दो उपइकाइयों के बने, झिल्ली विहीन राइबोन्यूक्लिओप्रोटीन के सूक्ष्म कण होते हैं, जो हरितलवक, केन्द्रक तथा कोशिकाद्रव्य में (अन्तःप्रद्रव्यी जालिका पर राइबोफोरोन प्रोटीन द्वारा जुड़ा) पाए जाते हैं। यह एक झिल्ली विहीन कोशिकांग है।

राइबोसोम का दूसरा नाम क्या है?

राइबोसोम एक कोशिका के प्रोटीन सिंथेसाइज़र होते हैं और ये प्रोकैरियोटिक और यूकेरियोटिक सेल दोनों में पाए जाते हैं। इसलिए, 'पैलेड कण' राइबोसोम का दूसरा नाम है।