क़ुरआन पढ़ने के फायदे इन उर्दू - quraan padhane ke phaayade in urdoo

अल्हम्दु शरीफ की सूरत हिंदी में Alhamdu Sharif Ki Surat Hindi Mein: नमाज में अल्हम्दु शरीफ की सूरत या सुरह पढ़ा जाता है क्यों की यह एक छोटी सूरह है इसलिए याद करना बहुत आसान होता है ऐसे में Alhamdu Sharif Ki Surat In Hindi Urdu में लिखा जा रहा है

Table Of Contents

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  • Alhamdu Sharif PDF In Hindi
  • Alhamdu Sharif in Hindi | अल्हम्दु शरीफ पढ़ने की फ़ज़ीलत
  • अल्हम्दु शरीफ की सूरत हिंदी में | Alhamdu Sharif Ki Surat In Hindi
  • अल्हम्दु शरीफ का तर्जुमा हिंदी में | Alhamdu Sharif Ka Tarjuma
  • In Arabic Alhamdu Sharif | अल्हम्दु शरीफ की सूरत अरबी में
  • Alhamdu Sharif Padhne Ke Fayde | अल्हम्दु शरीफ पढ़ने के फायदे

Alhamdu Sharif PDF In Hindi

किताब नामकुरान शरीफसूरह नामअल्हम्दु शरीफ | सूरह फातिहाआयत की संख्या7पीडीऍफ़ | PDFअपडेट किया जा रहाडाउनलोडअपडेट किया जा रहासूरह फातिहा, अल्हम्दु शरीफ MP3अपडेट किया जा रहाक्रेडिटInHindiLive.comपोस्ट तारीख17/09/2022पोस्ट अपडेट17/09/2022अन्यगुस्ल का तरीका | गुसल की दुआ | हिंदी मेंAlhamdu Sharif PDF In Hindi

Alhamdu Sharif in Hindi | अल्हम्दु शरीफ पढ़ने की फ़ज़ीलत

अल्हम्दु शरीफ को सूरह फातिहा के नाम से भी जाना जाता है अल्हम्दु शरीफ या सूरत पढने के फायदे या वजीफा या फ़ज़ीलत पहले जानते है उसके बाद अल्हम्दु शरीफ हिंदी में उर्दू में पढ़ा जाएगा

  • अल्हम्दु शरीफ सूरत (सुरह फातिहा) कुरआन पाक में सबसे पहली सुरह है एंव
  • फातिहा एक अरबी शब्द है जिसका शाब्दिक अर्थ “आगाज इब्तदा” के है
  • इस सुरह को नमाज से ताबीर दिया गया है जिससे यह साफ़ मालुम होता है नमाज में इसका पढना बहुत जरुरी है
  • सूरह फातिहा (अल्हम्दु शरीफ) सूरह सात आयत है
  • सुबह के वक्त सुरह फातिहा या अल्हम्दु शरीफ चार बार पढ़ा जाए तो इसके फायदे बहुत है
  • दुनिया एंव आखिरत में इसका क्या सवाब हासिल होता है
  • अल्हम्दु शरीफ को कसरत से पढ़ा जाएँ तो इसके जो फायदे मिलेंगे इसका अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता है
  • अल्हम्दु शरीफ या सुरह फातिहा, साफ़ दिल एंव ईमान से पढ़ा जाए तो कई बीमारी में सिफ़ा मिल सकता है
  • ऐसा इसलिए क्योकि अल्लाह पाक बहुत ही रहम दिल वाला है इंशाल्लाह हर बिमारी इस सूरत को पढ़ने से दूर होगी
  • अल्हम्दु शरीफ को सूरह सिफ़ा के नाम से भी जाना जाता है क्योकि इस सूरह से कई बीमारियों का इलाज हो सकता है

अल्हम्दु शरीफ की सूरत हिंदी में | Alhamdu Sharif Ki Surat In Hindi

“अल्हम्दुलिल्लहि रब्बिल आलमीन. अर रहमा निर रहीम. मालिकि यौमिद्दीन. इय्याक न अबुदु व इय्याका नस्तईन. इहदिनस् सिरातल मुस्तक़ीम. सिरातल लज़ीना अन अमता अलय हिम. गैरिल मग़दूबी अलय हिम् व लद दाालीन. आमीन”

Alhamdu Sharif Ki Surat In Hindi

अल्हम्दु शरीफ का तर्जुमा हिंदी में | Alhamdu Sharif Ka Tarjuma

“तमाम तारीफें सिर्फ अल्लाह ही के लिए है, जो सारे जहां के मालिक और बादशाह हैं. जो (अल्लाह) बड़ा मेहरबान और निहायत रहम / करम करने वाला है. और वह इन्साफ के दिन का हकीम यानी मालिक है. अए मेरे परवरदिगार (अल्लाह) हम तेरी ही इबादत करते हैं, और तुझी से मदद मांगते हैं. हमको नेक और सीधे रास्ते पर चला. उन लोगों के रास्ते चला जिनपर तू अपना फज़ल और करम फरमाता रहता है. ना कि उनपर जिनपर तू गुस्से होता रहा और ना ही उन लोगों के जो भटके हुए हैं.”

Alhamdu Sharif Ka Tarjuma

In Arabic Alhamdu Sharif | अल्हम्दु शरीफ की सूरत अरबी में

ٱلْحَمْدُ لِلَّٰهِ رَبِّ ٱلْعَالَمِينَ ٱلرَّحْمَٰنِ ٱلرَّحِيمِ مَالِكِ يَوْمِ ٱلدِّينِ إِيَّاكَ نَعْبُدُ وَإِيَّاكَ نَسْتَعِينُ ٱهْدِنَا ٱلصِّرَاطَ ٱلْمُسْتَقِيمَ صِرَاطَ الَّذِينَ أَنعَمتَ عَلَيهِمْ غَيرِ المَغضُوبِ عَلَيهِمْ وَلاَ الضَّالِّينَ

कुरान इस्लाम की सर्वोच्च किताब है, जो अल्लाह के संदेशों का संकलन है. मसलकों, फिरकों और दूसरी तरह के मतभेदों के बावजूद तमाम मुसलमानों का यह अकीदा है कि कुरान एक आसमानी और अल्लाह के द्वारा भेजी गई अंतिम किताब है. इसे अल्लाह ने अपने फरिश्ते (देवदूत) जिब्राइल के जरिए पैगंबर-ए-इस्लाम हजरत मुहम्मद साहब तक पहुंचाया.

मुसलमानों का अकीदा है कि कुरान में न तो अतिरिक्त एक शब्द जोड़ा जा सकता है और न ही हटाया जा सकता है. यही वजह है कि पिछले दिनों जब वसीम रिजवी ने कुरान की कुछ आयतों को हटाने की बात की तो शिया-सुन्नी, देवबंद-बरेलवी सहित तमाम मुस्लिम उसके खिलाफ एकजुट नजर आए. 

कुरान शब्द का पहला जिक्र खुद कुरान में ही मिलता है, जहां इसका अर्थ है उसने पढ़ा. कुरान में कुरान का जिक्र 70 बार आया है. कुरान भी हर किताब की तरह कुछ भागों में बंटी हुई है. इसमें तीस सिपारे हैं. उन्हें पारे भी कहा जाता है. पूरी कुरान को एक साथ पढ़ने के बजाय थोड़ा-थोड़ा करके पढ़ने और हिफ़्ज (याद/कंठस्थ) करने में सहूलियत के लिए ऐसा किया गया है.

कुरान को मूल रूप से 114 अध्यायों में बांटा गया है. इन्हें सूरह कहते हैं. हर सूरह को एक नाम दिया गया. सूरह में आयतें होती हैं. आयत एक वाक्य होता है.  

क़ुरआन पढ़ने के फायदे इन उर्दू - quraan padhane ke phaayade in urdoo

कुरान में 6,666 आयतें

कुरान में कुल 6,666 आयतें हैं. कुछ आयतें बहुत छोटी हैं और कुछ बड़ी. कुरान की सबसे बड़ी सूरह अल-बकरा है. इसमें 286 आयतें हैं. सबसे छोटी सूरह अल-कौसर है. इसमें सिर्फ तीन आयतें हैं. इसके अलावा कुरान में कुल 540 रूकू, 14 सज्दा, 86,423 शब्द, 32,376 अक्षर और 25 नबियों व रसूलों का जिक्र किया गया है. मुस्लिम समुदाय के तमाम फिरके इस बात पर एकमत हैं कि यह अल्लाह की भेजी गई किताब है, जिस पर किसी तरह का शक या संदेह नहीं किया जा सकता है. 

अल्लाह ने जिब्राइल के जरिए पहली बार कुरान को पैगंबर हजरत मुहम्मद पर नाजिल (अवतरित) किया. जब पैगंबर पहाड़ों में हिरा की गुफा में इबादत कर रहे थे. इसके बाद कुरान को पैगंबर हजरत मुहम्मद पर अल्लाह ने थोड़ा-थोड़ा करके 23 सालों में नाजिल किया. दूसरा अकीदा यह है कि ये एक मुकम्मल किताब है, जिसमें कभी कोई छेड़छाड़ या बदलाव नहीं हुए और न भविष्य में हो सकते हैं. लिहाजा कोई भी इसमें किसी तरह की कांट-छांट कर ही नहीं सकता. तीसरा अकीदा यह है कि अल्लाह ने खुद इस किताब की हिफाजत (रक्षा) की जिम्मेदारी ली है.

कुरान शरीफ पढ़ने से क्या फायदा होता है?

कुरान पढ़ने से बहुत फायदा होता है इसे पढ़ने से हमें पता चलता है कि अल्लाह कौन है। पर पूरा मुस्लिम समाज ये मानता है कि पवित्र क़ुरआन शरीफ का ज्ञान दाता स्वयं अल्लाह (पूर्ण प्रभु) ही है।

कुरान को कैसे पढ़ना चाहिए?

वजू के बाद किबला रुख हो कर पढ़े और कुरान शरीफ अच्छी आवाज़ से पढ़ना चाहिए लेकिन गाने की तरह नहीं पढ़ना चाहिए क्युकी इस तरह पढ़ना नाजाइज है। quran padhne ka sahi tarika यह है की वजू करने के बाद क़िबला रुख हो जाए और कुरान को सामने रख ले फिर कुरान पढ़ने से पहले की दुआ जरुर पढ़ ले और कुरान पढ़ना शुरू कर दे।

कुरान शरीफ क्या सिखाता है?

कुरान सारी इंसानियत के लिए मुतक्की वो शख्स है, जो हक को और सच को तलाश करने वाला हो. कुरान पर किसी तरह का कोई मतभेद नहीं है. कुरान में हर समस्या का समाधान बताया गया है, बस उसे समझने की सलाहियत होनी चाहिए. कुरान में हर उस बात का जिक्र किया गया है, जो हमें सही और इंसानियत के रास्ते पर चलना सिखाती है.

कुरान शरीफ का मतलब क्या है?

कुरान अल्लाह/ईश्वर का कलाम (सन्देश) है, जो आखिरी सन्देष्टा पैगंबर मोहम्मद ﷺ पर अवतरित हुआ। सम्पूर्ण कुरान वही के माध्यम से पूरे 23 साल में नाज़िल (अवतरित) हुआ। कुरान सूरह अल-फातिहा से शुरू हो कर सूरह अन-निसा पर समाप्त होता है। सम्पूर्ण कुरान 30 पारो (खंडों) में विभाजित किया गया है तथा इसमें 114 सूरतें (अध्याय) हैं