Q. "प्रत्यक्ष कार्यवाही दिवस" 16 अगस्त, 1946 को किसके द्वारा मनाया गया? Show
Abhishek Mishra6 months ago Answer: मुस्लिम लीग Notes: मुस्लिम लीग ने 16 अगस्त, 1946 को \"प्रत्यक्ष कार्यवाही दिवस\" के रूप में मनाया। इसका उद्देश्य हिन्दू-मुस्लिम दंगे उत्पन्न करके यह सिद्ध करना था कि हिन्दू और मुस्लिम समुदाय एक साथ नहीं रह सकते। प्रत्यक्ष कार्यवाही दिवस कब मनाया था?(A) 16 मई, 1946 Answer : 16 अगस्त, 1946 ई. को Explanation : प्रत्यक्ष कार्यवाही दिवस 16 अगस्त, 1946 ई. को मनाया था। दरअसल लॉर्ड वेवल ने 1946 ई. में काँग्रेस व मुस्लिम लीग दोनों को अंतरिम सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया था। काँग्रेस ने वेवल के इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया, परंतु मुस्लिम लीग अपनी जिद पर अड़ी रही। अप्रैल, 1946 ई. में दिल्ली में मुस्लिम लीग का अधिवेशन हुआ तथा घोषणा की गयी कि लीग पाकिस्तान की माँग मनवाने के लिए 16 अगस्त, 1946 ई. को प्रत्यक्ष कार्यवाही दिवस (Direct Action Day) मनायेगी। इसके परिणामस्वरूप 16 अगस्त, 1946 को कलकत्ता में व्यापक हिंसा व रक्तपात हुआ। कलकत्ता के नोआखाली में दंगा हुआ, जिसमें सैकड़ों निर्दोष लोग मारे गये। गाँधी जी ने वहाँ जाकर अनशन किया और तब जाकर ये नरसंहार रुक सका। गाँधी जी के इस कार्य को देखकर माउंटबेटन ने कहा था कि “जो कार्य 50,000 हथियारबंद सैनिक नहीं कर सके वह गाँधी जी ने कर दिखाया, वास्तव में गाँधी जी 'वन मैन बाउंड्री फोर्स' हैं।....अगला सवाल पढ़े Tags : इतिहास प्रश्नोत्तरी बाल गंगाधर तिलक Useful for : UPSC, State PSC, IBPS, SSC, Railway, NDA, Police Exams Latest Questionsप्रत्यक्ष कार्यवाही दिवस किस दिन और क्यों मनाया जाता है?...चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये। आपका सवाल में प्रत्यक्ष कार्यवाही दिवस किस दिन और क्यों मनाया जाता है तो प्रत्यक्ष कार्यवाही दिवस 16 अगस्त को मनाया जाता है क्योंकि क्योंकि इसका मुख्य उद्देश्य हिंदू मुसलमान के बीच दंगे उत्पन्न करके यह सिद्ध करना था कि हिंदू मुसलमान एक साथ एक ही जगह पर नहीं रह सकते Romanized Version 1 जवाब Vokal App bridges the knowledge gap in India in Indian languages by getting the best minds to answer questions of the common man. The Vokal App is available in 11 Indian languages. Users ask questions on 100s of topics related to love, life, career, politics, religion, sports, personal care etc. We have 1000s of experts from different walks of life answering questions on the Vokal App. People can also ask questions directly to experts apart from posting a question to the entire answering community. If you are an expert or are great at something, we invite you to join this knowledge sharing revolution and help India grow. Download the Vokal App!
भारत की स्वतंत्रता के पूर्व मुस्लिम लीग द्वारा 'सीधी कार्यवाही' की घोषणा से १६ अगस्त सन् १९४६ को कोलकाता में भीषण दंगे शुरु हो गये। इसे कलकत्ता दंगा या कलकत्ता का भीषण हत्याकांड (Great Calcutta Killing) कहते हैं। 'सीधी कार्रवाई' मुस्लिम लीग द्वारा पाकिस्तान की माँग को तत्काल स्वीकार करने के लिए चलाया गया अभियान था। यह 16 अगस्त 1946 को प्रारम्भ हुआ, जब मुस्लिम लीग तथा बंगाल के तत्कालीन मुख्यमंत्री सोहराबर्दी के उकसाने पर कलकत्ता तथा बंगाल और बिहार के सीमावर्ती क्षेत्रों में मुसलमानों ने भीषण दंगे छेड़ दिए। 72 घंटों के भीतर बीस हजार से अधिक हिन्दू लोग मारे गए, तीस हजार से अधिक गंभीर रूप से घायल हुए और कई लाख हिन्दू बेघर हो गए। कई मासूम हिन्दू लड़कियों तथा महिलाओं का सामूहिक बलात्कार उनके परिजनों के सामने किया गया तथा उन्हें और उनके परिवार को काट कर मुस्लिम लीग ने अपनी मजहबी ताकत का प्रदर्शन किया। ब्रिटिश और कांग्रेस दोनों को मुस्लिमों की ताकत दिखाने के लिए मुस्लिम लीग काउंसिल द्वारा 'डायरेक्ट एक्शन' की घोषणा की गई थी, जिसमे हिन्दुओं तथा सिक्खों का नरसंहार किया गया था। 1940 के दशक में भारत की संविधान सभा में मुस्लिम लीग और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस दो सबसे बड़ी राजनीतिक दल थे। ब्रिटिश राज से भारतीय नेतृत्व में सत्ता के हस्तांतरण की योजना बनाने के लिए 1946 के कैबिनेट मिशन ने भारत के नए डोमिनियन और इसकी सरकार की रचना की प्रारंभिक योजना का प्रस्ताव दिया। हालांकि, जल्द ही ब्रिटिश राज को हिंदू बहुमत वाले भारत में विभाजित करने और मुस्लिम बहुमत वाले पाकिस्तान मुस्लिम लीग द्वारा प्रस्तावित एक वैकल्पिक योजना थी। कांग्रेस ने वैकल्पिक प्रस्ताव को खारिज कर दिया। मुस्लिम लीग ने 16 अगस्त को एक सामान्य हड़ताल (हार्टल) की योजना बनाई,[5] .[6] इसे अस्वीकार करने के लिए इसे प्रत्यक्ष कार्य दिवस कहा, और एक अलग मुस्लिम मातृभूमि की मांग पर जोर दिया। उन दिनों में बंगाल की स्थिति विशेष रूप से जटिल थी। प्रांत में, मुसलमानों ने अधिकांश आबादी का प्रतिनिधित्व किया (56%, मुसलमान और 42% हिन्दू) मुसलमान ज्यादातर पूर्वी हिस्से में केंद्रित थे। [10] इस जनसांख्यिकीय संरचना और विशिष्ट घटनाओं के परिणामस्वरूप, यह प्रांत एकमात्र ऐसा था जिसमें एक मुस्लिम लीग सरकार 1935 में यूरोपियों के साथ गठबंधन में शुरू हुई प्रांतीय स्वायत्तता योजना के तहत सत्ता में थी, और कांग्रेस से मजबूत विरोध के बाधा के खिलाफ , भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और एक हिंदू राष्ट्रवादी पार्टी, हिंदू महासभा से भी। नतीजतन, कलकत्ता के निवासियों, 64% हिंदुओं और 33% मुसलमानों को तब दो अत्यधिक विरोधी संस्थाओं में बांटा गया था।.[7] [4] इस पृष्ठभूमि के खिलाफ, विरोध ने कलकत्ता में भारी दंगों की शुरुआत की। 72 घंटे के भीतर कलकत्ता में 20,000 से अधिक लोगों ने अपनी जान गंवा दी और 100,000 से अधिक निवासियों को बेघर छोड़ दिया गया। इस हिंसा ने नोआखली, बिहार, संयुक्त प्रांत (आधुनिक उत्तर प्रदेश), पंजाब और उत्तरी पश्चिमी फ्रंटियर प्रांत के आसपास के क्षेत्रों में और धार्मिक दंगों को जन्म दिया। इन घटनाओं ने भारत के अंतिम विभाजन के लिए बीज बोए। कलकत्ता की सड़क में गिद्ध और लाश, अगस्त 1946 इन्हें भी देखें[संपादित करें]
बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]
सन्दर्भ[संपादित करें]
प्रत्यक्ष कार्यवाही दिवस का अहान क्यों किया गया?Notes: मुस्लिम लीग ने 16 अगस्त, 1946 को "प्रत्यक्ष कार्यवाही दिवस" के रूप में मनाया। इसका उद्देश्य हिन्दू-मुस्लिम दंगे उत्पन्न करके यह सिद्ध करना था कि हिन्दू और मुस्लिम समुदाय एक साथ नहीं रह सकते।
प्रत्यक्ष कार्यवाही दिवस का आहवान किसने कब तथा क्यों किया था?1917 और 1922 के बीच भारतीयों के एक बहुत ही प्रतिभाशाली वर्ग ने स्वयं को गाँधी जी से जोड़ लिया।
प्रत्यक्ष कार्यवाही दिवस से आप क्या समझते हैं?भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 (आरबीआई अधिनियम, 1934) (2016 में यथा संशोधित) के तहत आरबीआई को विकास के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए मूल्य स्थिरता बनाए रखने के प्राथमिक उद्देश्य के साथ भारत में मौद्रिक नीति के संचालन की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
प्रत्यक्ष कार्यवाही दिवस कब मनाया जाएगा?16 अगस्त, 1946 को प्रत्यक्ष कार्यवाही दिवस मनाया गया।
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