मोबाइल देखने की आदत कैसे छुड़ाएं? - mobail dekhane kee aadat kaise chhudaen?

इन दिनों स्मार्टफोन व मोबाइल फोन लोगों पर हावी होते जा रहे हैं। युवा ही नहीं, बल्कि बच्चों से लेकर बड़ों तक को इसकी लत लग चुकी है। ऐसे में यह समझना बहुत जरूरी है कि कहीं आप स्मार्टफोन का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल कर अपना समय तो बर्बाद नहीं कर रहे हैं?

जिन लोगों को स्मार्टफोन की लत लगी होती है, वे बार-बार अपना फोन चेक करते हैं, फोन बंद होने पर या कहीं रखकर भूल जाने पर वे लोग बेचैन हो जाते हैं। ऐसे लोग कुछ घंटे भी बिना फोन के चैन से नहीं रह पाते हैं। आइए, आपको बताते हैं कि स्मार्टफोन की लत कैसे छुड़ाएं-

1. जिस जेब व पर्स के पॉकेट में आप फोन रखते हैं या रखती हैं, उसकी जगह कुछ दिन बदल दें, इससे वह तुरंत आपके हाथों में आने से बचेगा और हो सकता है कि इस बीच आप किसी और काम में व्यस्त हो जाएं।

2. स्मार्टफोन की सेटिंग्स में जाकर नोटिफिकेशन बंद कर दें। इससे बार-बार आपका ध्यान फोन की नोटिफिकेशन बीप बजने पर नहीं जाएगा। यदि किसी को आपसे कोई जरूरी काम होगा तो वह आपको सीधे कॉल कर लेगा।


3. दिन के कुछ घंटे आप अपना डाटा ऑफ़ रखें यानी कि इंटरनेट बंद रखें। इससे आपका मन बार-बार फोन देखने के लिए नहीं ललचाएगा और बैटरी की भी बचत होगी।

4. अपने फोन को चेक करने का समय निश्चित करें, उसी दौरान आप सभी अपडेट्स देख लें, बार-बार देखने से भी आपके काम की ज्यादा अपडेट्स आ जाएगी, ऐसा तो होने से रहा..

5. पक्का मन बना लें कि सुबह उठते ही कुछ घंटे फोन से दूर रहेंगे और रात को सोने के कुछ घंटे पहले ही फोन को दूर रख देंगे।

6. जब आप फोन से थोड़ी दूरी बनाकर चलेंगे तो स्वत: ही आपका मन दूसरे पसंदीदा कामों में लगने लगेगा, साथ ही आप कई अन्य तरह की परेशानियों से भी बच जाएंगे।

ऑनलाइन क्लास लेने के बाद भी क्या आपका बच्चा हमेशा फोन से चिपका रहता है? इन दिनों ऑनलाइन क्लास की वजह से छोटे-छोटे बच्चों के हाथों में मोबाइल फोन पहुंच चुका है, जिसके कारण बच्चों को मोबाइल फोन की काफी ज्यादा लत लगने लगी है.

अगर आपका बच्चा भी मोबाइल फोन से हमेशा चिपका रहता है, तो आपको सतर्क रहने की जरूरत है. दरअसल, मोबाइल फोन का लंबे समय तक इस्तेमाल करने से बच्चों के सेहत पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है. अगर आपका बच्चा काफी ज्यादा मोबाइल यूज करता है, तो उन्हें शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी कई परेशानियां जैसे डिप्रेशन, अनिद्रा, आंखों मे दर्द, गर्दन में दर्द जैसी परेशानी हो सकती है. इसलिए अपने बच्चों के इस खराब लत को जल्द से जल्द छुड़ाने की कोशिश करें.

आज हम आपको इस लेख में बच्चों में मोबाइल की लत छुड़ाने के कुछ बेहतर टिप्स बताएंगे.

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Updated: 17 जनवरी, 2018 06:33 PM

स्मार्टफोन की लत किसी के लिए भी हानिकारक है. फिर चाहे वो बच्चे हों या फिर बड़े. एक तरफ जहां स्मार्टफोन के ज्यादा इस्तेमाल से बच्चों के बर्ताव में बदलाव आता है. वहीं दूसरी ओर कपल्स के बीच के रिश्ते को भी खराब कर सकता है. नींद में कमी, व्यक्तिगत रिश्तों में समय की कमी इत्यादि कई कारण हैं जो इस दिक्कत को जन्म देते हैं. अगर स्मार्टफोन को स्मार्टली इस्तेमाल नहीं किया गया तो कई तरह की बेवकूफियों को जन्म दे सकता है.

तो अब सवाल ये उठता है कि अगर प्रोफेशनल या पर्सनल कारणों से फोन से दूरी बनाना संभव न हो तो क्या किया जाए? आखिर इस लत से छुटकारा कैसे मिले? चलिए इसके लिए आपको बताते हैं 7 रामबाण उपाय. इन्हें इस्तेमाल करके न सिर्फ फोन का सही इस्तेमाल कर पाएंगे बल्कि वर्चुअल लाइफ के बजाए रियल लाइफ को भी एंजॉय कर पाएंगे.

1- नो फोन ज़ोन बनाएं:

फोन को अपने बेडरुम में चार्ज करना बंद करें. क्योंकि ये एक ऐसी जगह है जहां आप खुद को रिचार्ज करते हैं. और सबसे जरुरी बात सेक्स भी यहीं करते हैं.

इसके साथ ही किचन को भी नो फोन ज़ोन में शामिल करें. खासकर उन अभिभावकों को ये जरुर करना चाहिए जो अपने बच्चों को फोन की लत से दूर रखना चाहते हैं. पैरेन्ट्स अपने बच्चों पर कड़ाई करके उन्हें खाने की टेबल पर सिर्फ फैमिली तक सीमित करें.

2- नो फोन टाइम भी तय करें:

जैसे घर में फोन कहां कहां इस्तेमाल किए जाएंगे ये तय कर दिया, ठीक वैसे ही फोन का इस्तेमाल कब कब और कितने समय तक किया जाएगा ये भी तय कर दें.

जैसे ही आप ऑफिस से घर वापस आने के बाद पूरा परिवार इकट्ठा होते ही फोन को दूर कर दें. ऑफिस से खत्म करके आने के बाद फोन की कोई ऐसी जरुरत होती भी नहीं. और अगर इतना ही जरुरी होगा तो लोग आपको फोन कर ही लेंगे. एक बार ऐसा करके देखिए. नींद भी सही आने लगेगी. शादीशुदा जिंदगी में भी सूकुन दिखेगा. घर और ऑफिस के बीच का बैलेंस भी बना रहेगा. मतलब ये कि जीवन में थोड़ी शांति तो आ ही जाएगी.

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फोन की लत से छुटकारा पाना इतना भी आसान नहीं

3- सोशल मीडिया की सफाई जरुर करें:

समय समय पर सोशल मीडिया से दूरी बनाना रिश्तों के साथ साथ सेहत के लिए भी लाभदायक होता है. हालांकि इसके लिए कोई कायदा नहीं है लेकिन फिर भी आप शुरुआत एक हफ्ते के लिए सोशल मीडिया से दूरी बनाकर कर सकते हैं. इस दौरान आपको ये भी पता चल जाएगा कि सोशल मीडिया की लत ने आपको कितनी बुरी तरह जकड़ रखा है और इससे छुटकारा पाने में आपको कितनी दिक्कत होगी.

शुरुआत में आप सोशल मीडिया के अपने दोस्तों को इस बात की जानकारी दे दें. उसके बाद इसे नियमित तौर पर प्रैक्टिस करें और धीरे धीरे इस समयांतराल को बढ़ाएं.

4- नोटिफिकेशन को बंद कर दें:

बच्चों के अलावा शायद ही ऐसा कोई हो जिसके बकवास, बचकाने बातों को बर्दाश्त कर लेते हैं. नोटिफिकेशन वैसे ही लोगों का वर्चुअल वर्जन है. तो ऐसे लोगों को टाटा बाय बाय करने में हिचकिए मत. नोटिफिकेशन लोगों की हृदय गति को बढ़ा देते हैं, चिंता बढ़ा देते हैं. क्योंकि आपका ध्यान इसी में अटका रहता है कि आखिर मैसेज में क्या लिखा होगा. और अगर तुरंत वो देख नहीं पाए तो बेचैनी होने लगती है. ये लत ही है.

5- अपनी दिक्कतों के हल के लिए एप का सहारा न लें:

स्मार्टफोन की तादाद बढ़ने के साथ ही एप्स की बाढ़ भी आ गई है. रोज नए एप लॉन्च होते रहते हैं. थोड़े समय के लिए एप लाभदायक हो सकते हैं पर लंबे समय में ये किसी काम की नहीं. फोन की मुसीबत से बचने के लिए फोन का ही सहारा लेना एक मूर्खता है.

6- दोस्त बनाने की कोशिश करें:

बच्चों के होने के बाद लोगों को दोस्त बनाने में दिक्कत होती है. क्योंकि समय की कमी रहती है. लेकिन घर के बाहर भी कुछ दोस्त होने चाहिए. और अगर घर के बाहर आपके संगी साथी नहीं हैं तो फिर दिक्कत है. पैरेंटिंग कभी कभी बहुत फ्रस्ट्रेट करने वाला और अकेला कर देने वाला होता है. ऐसे में फोन को ही अपना साथी बना लेते हैं.

ये सही है कि दोस्तों से बात करने और मिलने का प्लान बनाने के लिए फोन की जरुरत होती है. लेकिन ये फोन का सही इस्तेमाल है. प्लान बनाइए, दोस्तों से अपना संबंध बनाकर रखें और उसके बाद फोन को किनारे कर दीजिए.

7- अपने परिवार के लिए समय निकालें:

अपने निजी परेशानियों के लिए बच्चों को जिम्मेदार मानना गलत है. लेकिन स्मार्टफोन का जरुरत से ज्यादा इस्तेमाल से बचने में बच्चे फायदेमंद होते हैं. ये एक बड़ा ही सिंपल सा उपाय है. जब भी आपको अपने फोन का इस्तेमाल करने की जरुरत महसूस हो तो अपने बच्चों या पार्टनर के पास चले जाएं. उनके साथ बैठें. बातें करें.

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मोबाइल की लत कैसे कम करें?

जब भी अपना फोन इस्‍तेमाल करने के लिए दें, तो एक सीमित समय तय कर लें. खाना खाते समय, पढ़ते समय, सोते समय या बाहर जाने या खेलने के समय पर स्‍मार्टफोन बिलकुल न दें. कोशिश करें कि खुद भी बच्चों के सामने ज्यादा मोबाइल यूज न करें क्योंकि बच्चे जब देखते हैं कि जब पैरंट्स मोबाइल देख रहें हैं तो हम क्यों नहीं.

1 दिन में कितने घंटे मोबाइल चलाना चाहिए?

स्क्रीन टाइम का मतलब होता है कि बच्चा 24 घंटों में कितने घंटे मोबाइल, टीवी, लैपटॉप और टैबलेट जैसे गैज़ेट के इस्तेमाल में बिताता है. 18 महीने से कम उम्र के बच्चे स्क्रीन का इस्तेमाल ना करें. 18 से 24 महीने के बच्चे को माता-पिता उच्च गुणवत्ता वाले प्रोग्राम ही दिखाएं.

ज्यादा देर तक मोबाइल देखने से क्या होता है?

मोबाइल का ज्यादा इस्तेमाल करना कभी-कभी नींद ना आने का कारण भी बन सकता है. बढ़ सकता है स्ट्रेस- तनाव सामान्य है लेकिन जब सेलफोन से तनाव की बात आती है, तो यह कई कारणों की वजह से हो सकता है जैसे इंटरनेट पर कुछ पढ़ना, देर तक फोन का इस्तेमाल करना, नींद पूरी ना होना. यह आगे चलकर गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है.