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लेखक ने खीरा खाने से इंकार क्यों किया?← Prev Question Next Question → 0 votes 88 views asked Aug 30 in Hindi by AnmolSingh
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लेखक ने खीरा खाने से इंकार क्यों किया?
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Aug 30 by KrushnaBhovare (81.6k points) Best answer पहली बार जब नवाब साहब ने खीरा खाने के लिए पूछा तो लेखक ने इन्कार कर दिया था अत: जब दूसरी बार पूछा गया तो आत्मसम्मान की रक्षा के लिए उन्होंने खीरा खाने से मना कर दिया। ← Prev Question Next Question → Find MCQs & Mock Test
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... लेखक ने खीरा खाने से इंकार करने का क्या कारण बताया?नवाब साहब की भाव-भंगिमा देखकर लेखक के मन में यह विचार आया कि नवाब साहब का मुँह खीरे के स्वाद की कल्पना से ही भर गया है। पूर्व में इनकार कर चुकने के कारण आत्मसम्मान की रक्षा के लिए लेखक ने खीरा खाने से इंकार कर दिया।
लेखक को खीरा खाने से इंकार करने पर अफसोस क्यों हो रहा था?नवाब साहब ने साधारण से खीरों को इस तरह से संवारा कि वे खास हो गए थे। खीरों की सजावट ने लेखक के मुँह में पानी ला दिया था परंतु वे पहले ही खीरा खाने से इंकार कर चुके थे। अब उन्हें अपना भी आत्म-सम्मान बचाना था। इसीलिए नवाब साहब के दुबारा पूछने पर उन्होंने मैदा (अमाशय) कमजोर होने का बहाना बनाया।
लेखक ने खीरा खाने से क्यों इंकार कर दिया था लखनवी अंदाज पाठ के माध्यम से बताएं?➲ 'लखनवी अंदाज' पाठ में लेखक ने खीरा खाने से इसलिये मना कर दिया था क्योंकि लेखक के साथ नवाब साहब ने इससे पहले रूख व्यवहार किया था। नवाब द्वारा खीरा खाने के पूछने पर लेखक को नवाब द्वारा किया रूखा व्यवहार याद आ गया और लेखक को अपने आत्मसम्मान की परवाह हुई। इसीलिये लेखक ने खीरा खाने से मना कर दिया।
लेखक ने नवाब साहब के खीरे खाने के आग्रह को क्यों नकार दिया था जबकि लेखक के मुंह में पानी भर आया था?➲ लेखक ने नवाब साहब के खीरे खाने के आग्रह को इसलिए नकार दिया क्योंकि लेखक को नवाब साहब का व्यवहार पसंद नहीं आया था। जब लेखक डिब्बे में दाखिल हुआ था तो नवाब साहब ने लेखक से बात करने में कोई रुचि नहीं दिखाई। लेखक की बात का कोई उत्तर नहीं दिया, इसी कारण लेखक के आत्मसम्मान को ठेस पहुंची।
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