लेखक बचपन में क्यों बीमार हो गया था? - lekhak bachapan mein kyon beemaar ho gaya tha?

प्रश्न 2: दादा की मृत्यु के बाद लेखक के घर की आर्थिक स्थिति खराब क्यों हो गई थी?

उत्तर: दादा की मृत्यु के बाद कुछ मित्रों और रिश्तेदारों ने उसके परिवार के साथ धोखा किया। कई लोगों ने उधार में लिया हुआ पैसा समय पर नहीं लौटाया। दादा के श्राद्ध में लेखक के पिता ने अत्यधिक व्यय किया था। इन कारणों से दादा की मृत्यु के बाद लेखक के घर की आर्थिक स्थिति खराब हो गई थी।

प्रश्न 3: दादी माँ के स्वभाव का कौन सा पक्ष आपको सबसे अच्छा लगता है और क्यों?

उत्तर: मुझे दादी माँ की सरलता और सहजता सबसे अच्छी लगती है। लगता है कि दादी के पास हर समस्या का समाधान चुटकियों में मिल जाता है। कोई बीमार हो, किसी को पैसे की जरूरत हो या फिर कोई और संकट आन पड़ा हो, दादी बड़े आराम से इन सबसे निपटने को तैयार लगती हैं।

कहानी से आगे

प्रश्न 1: आपने इस कहानी में महीनों के नाम पढ़ए, जैसे – क्वार, आषाढ़, माघ। इन महीनों में मौसम कैसा रहता है, लिखिए।

उत्तर: क्वार के महीने में तेज धूप निकलती है और नमी बहुत रहती है। इस महीने में पसीना सूखने का नाम ही नहीं लेता है। आषाढ़ में तेज बारिश होती है। माघ के महीने में जाड़ा पड़ता है।

प्रश्न 2: ‘अपने-अपने मौसम की अपनी-अपनी बातें होती हैं’ – लेखक के इस कथन के अनुसार यह बताइए कि किस मौसम में कौन-कौन सी चीजें विशेष रूप से मिलती हैं?

उत्तर: वर्षा ऋतु की शुरुआत होते ही रसीले आम बाजार में बिकने लगते हैं। यही वह मौसम होता है जब हम लीची और जामुन का आनंद लेते हैं। जब जाड़ा ठीक से पड़ने लगता है तो नये कटे हुए धान का चिउड़ा और गुड़ का स्वाद लेने का मौका मिलता है। जाड़े का मौसम समाप्त होने के बाद लोग गुड़ और तिल की पट्टी खाना पसंद करते हैं।


दादी माँ

प्रश्न / उत्तर

प्रश्न-16  रामी की चाची ‘पूतों फलो दूधों नहाओ’ का आशीर्वाद किसे दे रही थी और क्यों?

उत्तर-  रामी की चाची ‘पूतों फलो दूधों नहाओ’ का आशीर्वाद दादी माँ को दे रही थी क्योंकि उन्होंने उसका पीछे का सभी रुपया छोड़ दिया और उसकी बेटी की शादी के लिए ऊपर से दस रुपये का नोट भी दिया।

प्रश्न-17   लेखक को चादर में बड़ी हँसी आ रही थी परन्तु वो हँसना क्यों नहीं चाहता था?

उत्तर-  लेखक को चादर में बड़ी हँसी आ रही थी परन्तु वो हँसना इसलिए नहीं चाहता था क्योंकि अगर वह ज़ोर से हँसा तो शोर से कहीं उसका भेद न खुल जाए और वो बाहर निकाला जाए। परन्तु भाभी की बात पर लेखक की हँसी रुक न सकी और उसका भंडाफोड़ हो गया।

प्रश्न-18दादा की मृत्यु के बाद लेखक के घर की आर्थिक स्थिति खराब क्यों हो गई थी?

उत्तर -  दादा की मृत्यु के बाद कुकुरमुत्ते की तरह बढ़नेवाले, मुँह में राम बगल में छुरीवाले दोस्तों की शुभचिंता ने स्थिति और भी डाँवाडोल कर दी। दादा के श्राद्ध में दादी माँ के मना करने पर भी लेखक के पिता जी ने अतुल संपत्ति व्यय की। वह संपत्ति घर की नहीं थी, कर्ज में ली गई थी। इन सब कारणों से लेखक के घर की आर्थिक स्थिति खराब हो गई थी।

प्रश्न-19   देबू की माँ ने लेखक के साथ हाथापाई क्यों शुरू कर दी?

उत्तर -  विवाह की रात को औरतें अभिनय करती हैं । यह प्रायः एक ही कथा का हुआ करता है, उसमें विवाह से लेकर पुत्रोत्पत्ति तक के सभी दृश्य दिखाए जाते है। लेखक पास ही में एक चारपाई पर चादर ओढ़कर लेटा हुआ था। भाभी की बात पर उसकी हँसी रुक न सकी और उसका भंडाफोड़ हो गया। देबू की माँ ने चादर खींच ली और उसे भगाने के लिए हाथापाई शुरू कर दी।


प्रश्न-20   दादी माँ के स्वभाव का कौन सा पक्ष आपको सबसे अच्छा लगता है और क्यों?

उत्तर -  दादी माँ स्नेह और ममता की मूर्ति थी। मुझे उनके स्वभाव का सबसे अच्छा पक्ष - दूसरों की मदद करना लगता है। गाँव में कोई बीमार होता, उसके  पास वह पहुँच जाती और उनका हाल चाल पूंछती । उन्होंने धन्नो का कर्ज माफ़ करके और उसे पैसे दिए जिससे वह अपनी बेटी की सादी अच्छे से कर सके। उन्होंने लेखक के पिताजी की भी अपने सोने के कंगन देकर मदद की।

प्रश्न-21   लेखक को अपनी दादी माँ की याद के साथ-साथ बचपन की और किन-किन बातों की याद आ जाती है?

उत्तर -  लेखककोअपनीदादीमाँकीयादकेसाथ-साथबचपनकीकईबातोंकी यादजातीहै।उनमेंसेकुछनिम्नलिखितहैं।

i.        क्वारके  दिनों  में  गाँवके  चारोंओरपानीकेहिलोरें, दूरकेसिवानसेबहकरआएनानाप्रकारकी चीजें, पानीकीसड़नेकीविचित्रागंध, किनारोंपरझागभरेजलाशयोंमेंधमाकेसेकूदनाअदि।

ii.       आषाढ़मेंआमऔरजामुन, अगहनमेंचिउड़ाऔरगुड़, चैतके  दिनोंमेंलाई केसाथगुड़कीपट्टीखाना।

iii.      बीमारहोनेपरदादीद्वाराकीगईस्नेहपूर्ण देखभाल।

iv.      किशनभैयाकीशादीमेंचोरीसेऔरतोंकाअभिनयदेखना।

v.       दादीमाँकाधन्नोंकोकर्जकेलिएडाँटनाफिरमाफ़करदेना।

vi.      दादीमाँ कापिताजीकोबुरेवक्तमेंअपनासोनेकाकंगनदेना।

प्रश्न-22   लेखक बचपन और अब की बीमारी में क्या अंतर महसूस करता है? उत्तर -  बचपन में जब लेखक बीमार पड़ता तो दादी माँ बड़े स्नेह से उसका देख भाल करतीं। दिन-रात चारपाई के पास बैठी रहतीं, कभी पंखा झलतीं, कभी जलते हुए हाथ-पैर कपड़े से सहलातीं, सर पर दालचीनी का लेप करतीं, बीमार वाला खाना बनवाती और बीसों बार छू-छूकर ज्वर का अनुमान करतीं। आज जब लेखक बीमार पड़ता है तो नौकर पानी दे जाता है, मेस-महाराज अपने मन से पकाकर खिचड़ी या साबू। डॉक्टर साहब आकर नाड़ी देख जाते हैं और कुनैन मिक्सचर की शीशी की तिताई के  डर से बुखार भाग भी जाता है, पर दादी की स्नेहपूर्ण देखभाल नहीं मिलती  इसलिए लेखक को अब ऐसे बुखार को बुलाने का जी नहीं होता।

लेखक बचपन में बीमार क्यों पड़ गया था?

बच्चों में लेखक को बरसात के दिनों में गंध भरे जल में कूदना अच्छा लगता था जिससे एक बार उसे बुखार आ गया था। उस समय उसे बीमार पड़ना भी अच्छा लगता थाबीमारी में उसे दिन-भर नींबू और साबू मिलता था परंतु इस बार उसे जो बुख़ार चढ़ा था वह उतरने का नाम ही नहीं ले रहा था

लेखक कैसे बीमार पड़ गया?

उत्तर: एक दिन उन्होंने हॉकी खेलते वक्त रिफ्रेशमेण्ट ज्यादा खा लिया था। ऊपर से घर जाकर बारह पूरियांँ खाई और साथ ही साथ प्रसाद जी के यहांँ से आए छह बाग बाजार का रसगुल्ला भी खाया। जिसके कारण लेखक बीमार पड़ गए।

लेखक के बीमार पड़ने पर दादी माँ ने क्या किया?

लेखक के बीमार होने पर दादी द्वारा उसकी सेवा करना, रामी चाची की बेटी की शादी पर उसके घर जाकर उसकी सहायता करना व पिछला ऋण माफ़ करना, पिताजी की आर्थिक तंगी देखकर दादा की निशानी का प्रतीक सोने का कंगन उन्हें देना आदि दर्शाता है कि दूसरों की सहायता करनां वे अपने जीवन का कर्तव्य समझती थीं।

राधा की मृत्यु के बाद लेखक के घर की आर्थिक स्थिति खराब क्यों हो गई थी?

Answer: दादा की मृत्यु के बाद लेखक के घर की आर्थिक स्थिति इसलिए खराब हो गई क्योंकि उनके श्राद्ध में लेखक के पिताजी ने अतुल संपत्ति व्यय की और पहले का उधार लिया रूपया कोई नहीं दे रहा था।