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जमीन का पुराना रिकॉर्ड कैसे देखें हरयाणा?विषय – सूची छुपाएँ
इसे सुनेंरोकेंअब इसमें संशोधन होने पर तहसीलों को राजस्व परिषद का चक्कर नहीं लगाना होगा। इसके लिए भूलेख सॉफ्टवेयर में बदलाव किया गया गया है। परिषद जमीनों की खतौनी को पहले ही ऑनलाइन कर चुका है। अभी इसमें अगर तहसीलों के स्तर पर कोई बदलाव होता है तो परिषद के सर्वर में उसे चेंज करने के लिए तहसीलों को सीडी लेकर आना होता है। एमपी भू अभिलेख कैसे देखें? एमपी भू अभिलेख प्रतिलिपि ऐसे निकालें?
UP खतौनी में नाम संशोधन कैसे करे Online?UP खतौनी में नाम संशोधन कैसे करे?. जिला, तहसील और गांव चुनें. इस पेज पर गांव चुनना आसान बनाने के लिये गांव का पहला अक्षर चुनने का विकल्प भी है. अगले स्टेप में खसरा/गाटा संख्या भरें. संख्या सेलेक्ट कर इंटर करें. इसके बाद आपको कैप्चा कोड भरना होगा. कोड भरते ही खतौनी खुलकर आ जाएगी. आप इसका प्रिंट आउट भी ले सकते हैं. खतौनी में नाम संशोधन कैसे होगा?बए एक फोन घुमाइये और आपकी परेशानी दूर। जी हां, यूपी सरकार ने वरासत अभियान के दौरान खतौनी में नाम दर्ज कराने में आने वाली समस्याओं के समाधान के लिये हेल्पलाइन नंबर 0522-2620477 जारी किया है। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सूबे में 15 दिसम्बर 2020 से 15 फरवरी 2021 तक दो माह का विशेष वरासत अभियान चला रखा है।
खतौनी में नाम दर्ज कैसे होता है?राजस्व ग्राम सार्वजनिक संपत्ति रजिस्टर. खसरा और खतौनी में क्या अंतर होता है?खसरा किसी जमीन का रिकॉर्ड होता है जिसके द्वारा हम उस जमीन से जुड़ी जानकारी प्राप्त कर सकते है जैसे उस जमीन का मालिक, उस जमीन का क्षेत्रफल, उस जमीन में कौन कौन सी फसल बोई जाती है। वही खतौनी किसी व्यक्ति या किसी एक परिवार के पास कितनी खेती की जमीन है उसका विवरण खतौनी द्वारा पता लगाया जा सकता है।
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