ख माँग मत कर शपथ लथपथ इन शब्दों का बार बार प्रयोग कर कवि क्या कहना चाहता है? - kh maang mat kar shapath lathapath in shabdon ka baar baar prayog kar kavi kya kahana chaahata hai?

Short Note

निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर दीजिए:
'माँग मत', 'कर शपथ', इन शब्दों का बार-बार प्रयोग कर कवि क्या कहना चाहता है?

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Solution

कवि ने इन शब्दों का बार-बार प्रयोग करके जीवन की कठिनाइयों को सहते हुए आगे बढ़ने की प्रेरणा दी है। कवि का कहना है कि इस मुश्किल भरे रास्ते से घबराकर रास्ता नहीं छोड़ना चाहिए, घबराकर हार नहीं माननी चाहिए। इसी प्रेरणा को देने के लिए कवि ने इस शब्द का बार-बार प्रयोग किया है।

Concept: पद्य (Poetry) (Class 9 B)

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Chapter 12: हरिवंशराय बच्चन - अग्नि पथ - प्रश्न अभ्यास [Page 105]

Q 1.2Q 1.1Q 1.3

APPEARS IN

NCERT Class 9 Hindi - Sparsh Part 1

Chapter 12 हरिवंशराय बच्चन - अग्नि पथ
प्रश्न अभ्यास | Q 1.2 | Page 105

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माँग मत कर शपथ इन शब्दों का बार बार प्रयोग कर कवि क्या कहना चाहता है?

(ख) 'माँग मत', 'कर शपथ', 'लथपथ' इन शब्दों का बार-बार प्रयोग कर कवि क्या कहना चाहता है? “माँग मत', 'कर शपथ' तथा 'लथपथ' शब्दों का बार-बार प्रयोग करके कवि मनुष्य को कष्ट सहने के लिए तैयार करना चाहता है। वह चाहता है कि मनुष्य आँसू, पसीने और खून से लथपथ' होने पर भी राहत और सुविधा न माँगे।

एक पत्र छाँह भी माँग मत कवि ऐसा क्यों चाहता है?

Answer : इस पंक्ति में कवि ने कठिन रास्ते पर चलने वाले इंसान से छांव की इच्छा न रखने की बात कही है। इसके माध्यम से कवि कहना चाहता है कि मनुष्य को कठोर मार्ग पर चलते हुए राहत पाने के लिए दूसरों पर निर्भर नहीं रहना चाहिए। मुश्किल सफर में मिलने वाला सुख इंसान को उसके लक्ष्य से भटका देता है।

अग्नि किसका प्रतीक है?

ज्यों
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धनि
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जिय
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होय
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तरवारि
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(क) कवि ने 'अग्नि पथ' किसके प्रतीक स्वरूप प्रयोग किया है? (ख) 'माँग मत ...byjus.com › question-answernull