काली मिर्च दुनिया का सबसे लोकप्रिय व महंगा मसाला है इसका उपयोग रसोई में किये जाने के साथ-साथ आयुर्वेद चिकित्सा में भी किया जाता है। काली मिर्च को पेपरकोर्न नाम से भी जाना जाता है। काली मिर्च का पौधा बेल या लता के रूप में बढ़ता है तथा इसके बीजों को उगाना काफी कठिन होता है। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि काली मिर्च के बीजों को घर पर कैसे उगाएं। काली
मिर्च के बीज लगाने की विधि के साथ-साथ जर्मिनेशन से हार्वेस्टिंग तक की जानकारी पाने के लिए इस लेख को पूरा पढ़ें। गर्मी के समय – मार्च से अप्रैल बरसात के समय – जून से जुलाई यदि आप अपने घर पर काली मिर्च उगाना चाहते हैं तो बीज के रूप में घर पर रखी हुई काली मिर्च का उपयोग न करें,
क्योंकि ये अंकुरित होने के लिए तैयार नहीं होते हैं। घर पर काली मिर्च उगाने के लिए अच्छी क्वालिटी और उच्च गुणवत्ता वाले बीजों का चयन करें। अच्छे किस्म के बीज आप बाजार से या फिर ऑनलाइन स्टोर से भी खरीद सकते हैं। काली मिर्च के बीज लगाने के लिए बेस्ट कंटेनर – Best Container for Planting Black Pepper Seeds in Hindi
काली मिर्च के पौधे को निम्न साइज़ के ग्रो बैग या गमले में लगाया जा सकता है, जैसे:
(और पढ़ें: ग्रो बैग साइज चार्ट फॉर वेजिटेबल…) काली मिर्च के बीज लगाने की गहराई – Black pepper seeds sowing depth in Hindiब्लैक पेपर सीड्स का आकार छोटा होता है अतः इन्हें मिट्टी में ज्यादा गहराई पर न लगाएं। आप काली मिर्च के बीज को 1/2 इंच (1सेंटीमीटर) तक की गहराई में लगा सकते हैं। काली मिर्च के बीज लगाने के लिए मिट्टी – Best Soil for Planting Black Pepper Seeds in Hindiब्लैक पेपर्स के बीजों को अच्छी गुणवत्ता और उचित जल निकासी वाली मिट्टी में लगाया जाना चाहिए। इसके लिए आप आर्गेनिक पॉटिंग मिश्रण बना सकते हैं जिसमें पर्याप्त न्यूट्रीशन होते हैं जो पौधे के विकास को बढ़ावा देते हैं। अच्छी तरह से तैयार की गई मिट्टी या पॉटिंग मिश्रण, बीज तथा पौधों को आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करने के साथ-साथ नमी को बनाए रखती है। मिट्टी तैयार करते समय आप इसमें कुछ जैविक खाद या वर्मीकम्पोस्ट मिला सकते हैं। (और पढ़ें: पौधे ग्रो करने के लिए मिट्टी और कोकोपीट में बेहतर क्या…) काली मिर्च के बीज लगाने की विधि – Method of planting black pepper seeds in Hindi
काली मिर्च के बीज कितने दिन में अंकुरित होते हैं – Black pepper Seed germination time in Hindiब्लैक पेपर्स सीड्स अन्य प्रकार के बीज के मुकाबले जर्मिनेशन में ज्यादा समय लेते हैं। बीज लगाने के 30-40 दिन के अंदर आपको बीज उगते हुए दिखाई देने लगेगें। गमले को काली मिर्च के अंकुरण के समय ऐसी जगह पर रखें जहाँ उसे आंशिक धूप मिल सके। काली मिर्च के अंकुरित बीजों का रोपण – Transfer black pepper germinated seeds in pots in Hindiकिसी पौधे को उसकी पूरी क्षमता तक उगाने के लिए सबसे महत्वपूर्ण है पौधे को सही आकार के गमले में लगाना। इसके लिए आप 12 x 12 इंच का गमला या ग्रो बैग ले सकते हैं। सीडलिंग ट्रे में बीज अंकुरित हो जाने के बाद, पौधों को बाहर निकालें और उन्हें बड़े गमले या ग्रो बैग में लगा दें। गमले को धूप वाली जगह पर रखें और मिट्टी की उपरी परत सूखने पर पौधे में पानी दें। ध्यान रखें की मिट्टी में हमेशा नमी बनी रहे। काली मिर्च उगाने के लिए उचित तापमान – Black pepper growing temperature in Hindiकाली मिर्च की बुआई के लिए और पौधे की बेहतर ग्रोथ के लिए तापमान 25°C से 30°C तक होना आवश्यक होता है। काली मिर्च के पौधे ज्यादा से ज्यादा 40°C तक तापमान सह सकते हैं। 10°C से कम तापमान में पौधे नष्ट हो सकते हैं। काली मिर्च को बेहतर ग्रोथ के लिए रोजाना 5-6 घंटे की धूप की जरूरत होती है। काली मिर्च के पौधे को खाद कब और कैसे दें – Black Pepper Fertilizer Requirements in Hindiपौधों को नियमित अंतराल पर नाइट्रोजन युक्त जैविक खाद दें। आप खाद के रूप में गाय के गोबरकी खाद, चाय की खाद, फलों के छिलके से बनी खाद (किचिन वेस्ट कम्पोस्ट) आदि का उपयोग कर सकते हैं। यदि मिट्टी में पर्याप्त न्यूट्रिशन्स हैं, तो पौधे अच्छी तरह ग्रो कर सकते हैं। पौधों के पूर्ण विकास के समय इसमें आप NPK (1:1:3) युक्त खाद का का उपयोग कर सकते हैं। (और पढ़ें: पत्तियों से घर पर खाद (कम्पोस्ट) कैसे बनाएं…) काली मिर्च के पौधे में होने वाले रोग व उपचार – Black pepper plant Diseases and treatment in Hindiसमय पर पौधों को फर्टिलाइज न कर पाने के कारण काली मिर्च के पौधों में कई प्रकार के कीट तथा रोग हो सकते हैं जो पौधों की पत्तियों को सुखाकर नष्ट कर सकते हैं। इस प्रकार पौधों को होने वाले नुकसान से बचाने के लिए तुरंत रोगों का उपचार करें तथा आवश्यक दवा का छिड़काव करें। काली मिर्च के पौधों में होने वाले कुछ रोग इस प्रकार हैं: एन्थ्रेक्नोज रोग (anthracnose disease) – यह रोग पौधे की पत्तियों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाता है। इस रोग के कारण पौधे की पत्तियों पर पीले-भूरे रंग के धब्बे बन जाते हैं।
फाइटोफ्थोरा रोग (phytophthora disease) – इस रोग का प्रभाव पौधे के शुरुआती टाइम में ही देखने को मिलता है। इस रोग के लगने से पौधे की जड़ें सड़ने लगती हैं। इस रोग के प्रभाव से पौधे की पत्तियों और तने पर काले रंग के धब्बे बनने शुरू हो जाते हैं।
काली मिर्च के पौधे की देखभाल कैसे करें – Black pepper Plant Care in Hindi
निष्कर्ष – Conclusionsइस लेख में हमने जाना कि हम घर पर बीज से काली मिर्च कैसे उगाएं। मिर्च की बेहतर ग्रोथ के लिए कौन-कौन सी सावधानियां रखते हुए कौन सी खाद का उपयोग करें, पौधे में खाद कब व कैसे दें। काली मिर्च के बीज कैसे उगाए जाते हैं?ब्लैक पेपर्स सीड्स लगाने के लिए गमले या ग्रो बैग में तैयार की गई मिट्टी भरें। गमले या ग्रो बैग में जल निकास के लिए उचित व्यवस्था होनी चाहिए। गमले की मिट्टी में 2 से 3 काली मिर्च के बीजों को 1/2 इंच की गहराई में बोएं। काली मिर्च के बीजों को लगभग 3 इंच की दूरी पर लगाएं तथा बीजों को मिट्टी की पतली परत से ढंक दें।
काली मिर्च का पौधा घर पर कैसे उगाएं?पौधा लगाने के लिए मिट्टी तैयार करें
काली मिर्च का बीज खरीदने के बाद समय है मिट्टी तैयार करने की। इसके लिए आप जिस मिट्टी को गमले में डालने वाली हैं, उसे एक से दो बार अच्छे से फोड़कर एक दिन के लिए धूप में रख दें। अगले दिन मिट्टी में एक से दो मग खाद डालकर अच्छे से मिक्स कर दें और मिट्टी को गमले में डाल दें।
काली मिर्च का बीज कहाँ मिलेगा?कहां - कहां होती है काली मिर्च की खेती
काली मिर्च के पौधे का मूल स्थान दक्षिण भारत ही माना जाता है। इसके अलावा त्रावणकोर, कोचीन, मलाबार, मैसूर, कुर्ग, महाराष्ट्र तथा असम के सिलहट और खासी के पहाड़ी इलाकों में भी इसे उपजाया जाता है।
क्या उत्तर भारत में काली मिर्च उगाई जा सकती है?मूल स्थान तथा उत्पादक देश
काली मिर्च के पौधे का मूल स्थान दक्षिण भारत ही माना जाता है। भारत से बाहर इंडोनेशिया, बोर्नियो, इंडोचीन, मलय, लंका और स्याम इत्यादि देशों में भी इसकी खेती की जाती है।
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