चाईबासा निज संवाददाता। कीटनाशक दवा पी लेने से चक्रधरपुर थाना अंतर्गत इंदकाटा गांव निवासी 50 वर्षीय विक्रम बोदरा की इलाज के दौरान सदर अस्पताल में मृत्यु हो गयी। प्राप्त समाचार के अनुसार गुरूवार की रात विक्रम बोदरा अपने घर पर थे। किसी बात को लेकर परिवारवालों से विवाद हो गया। विक्रम बोदरा ने गुस्से में घर में रखी कीटनाशक दवा पी ली, जिससे उसकी स्थिति गंभीर हो गयी। उसे तुरंत रात में ही सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया। Show
यहां इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गयी। शुक्रवार को पोस्टमार्टम करने के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। कीटनाशक दवा पीने से बालक की मौतघर के कमरे की अलमारी में रखी दीमक मारने की दवाई पीने से एक डेढ़ वर्षीय बालक की इलाज के दौरान मौत हो...Newswrapहिन्दुस्तान टीम,बिजनौरSat, 15 May 2021 07:32 PM घर के कमरे की अलमारी में रखी दीमक मारने की दवाई पीने से एक डेढ़ वर्षीय बालक की इलाज के दौरान मौत हो गई। नगर के मोहल्ला अंबेडकरनगर निवासी कपिल रुहेला ने बताया की उनके घर के एक कमरे में एक अलमारी में दीमक मारने की दवाई की शीशी रखी हुई थी। शुक्रवार की सुबह उनका डेढ़ वर्षीय पुत्र रूद्र ने घर के कमरे की अलमारी में रखी दीमक मारने की शीशी निकालकर उसे पी रहा था तभी उसकी मां ने उसे देख लिया तथा उसके हाथ से शीशी को फेंक दिया। बावजूद इसके कुछ दवाई उसके शरीर में चली गई। परिजन पहले मासूम रुद्र को धामपुर तथा बाद में बिजनौर एक प्राइवेट चिकित्सक के यहां इलाज के लिए ले गए, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। शनिवार की सुबह करीब 6 बजे रुद्र की इलाज के दौरान मृत्यु हो गई। कपिल रुहेला के इकलौते पुत्र की मौत से परिवार में कोहराम मच गया । क्रॉपडस्टर द्वारा कीटनाशक का छिड़काव कीटनाशक रासायनिक या जैविक पदार्थों का ऐसा मिश्रण होता है जो कीड़े मकोड़ों से होनेवाले दुष्प्रभावों को कम करने, उन्हें मारने या उनसे बचाने के लिए किया जाता है। इसका प्रयोग कृषि के क्षेत्र में पेड़ पौधों को बचाने के लिए बहुतायत से किया जाता है। उर्वरक पौध की वृद्धि में मदद करते हैं जबकि कीटनाशक कीटों से रक्षा के उपाय के रूप में कार्य करते हैं। कीटनाशक कीट की क्षति को रोकने, नष्ट करने, दूर भगाने अथवा कम करने वाला पदार्थ अथवा पदार्थों का मिश्रण होता है। कीटनाशक रसायनिक पदार्थ (फासफैमीडोन, लिंडेन, फ्लोरोपाइरीफोस, हेप्टाक्लोर तथा मैलेथियान आदि) अथवा वाइरस, बैक्टीरिया, कीट भगाने वाले खर-पतवार तथा कीट खाने वाले कीटों, मछली, पछी तथा स्तनधारी जैसे जीव होते हैं। बहुत से कीटनाशक मानव के लिए जहरीले होते हैं। सरकार ने कुछ कीटनाशकों पर प्रतिबंध लगा दिया है जबकि अन्य के इस्तेमाल को विनियमित (रेगुलेट) किया गया है। प्रकार[संपादित करें]फसल के लक्ष्यित शत्रु के आधार पर[संपादित करें]
रासायनिक संरचना के आधार पर[संपादित करें]
रिसाव और अवशेष[संपादित करें]इन कीटनाशको का रिसाव शरीर और वातावरण में जमा होता रहता है जो हानिकारक स्तर तक पहुँच सकता है।[1][2] इनका निरंतर इस्तेमाल होने से तेल, फल सब्जी आदि में इनके अवशेष मिलने लगे है। [3] विकल्प[संपादित करें]इन्हें भी देखें: एकीकृत नाशीजीव प्रबंधनइन्हें भी देखें: जैविक खेतीइन्हें भी देखें[संपादित करें]
सन्दर्भ[संपादित करें]
बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]
सबसे जहरीला कीटनाशक दवा कौन सा है?मोनोक्रोटोफॉस : इस जहरीले कीटनाशक का उपयोग व्यापक रूप से किया जा रहा है. अधिकांश स्थानीय बाजारों में सब्जियों को भी मोनोक्रोटोफॉस अवशेषों के साथ पाया गया है. यह कीटनाशक पक्षियों, स्तनधारियों, मछलियों और झींगों के लिए बेहद जहरीला होता है.
मानव पर कीटनाशकों के हानिकारक प्रभाव क्या हैं?विशेषज्ञों के अनुसार कीटनाशक मानव शरीर में लीवर, किडनी, फेफड़ों और आंतों के लिए बेहद खतरनाक हैं। फसलों में उपयोग से खाने के माध्यम से शरीर में आने पर धड़कन कम होना, आंतों में दुष्प्रभाव, याददाश्त कम होना इमीजिएट प्रभाव सामने आते हैं, जबकि लगातार उपयोग से कैंसर जैसी घातक बीमारी हो सकती है।
कीटनाशक पदार्थ से क्या क्या हानि होती है?कीटनाशक जहर के अधिक प्रयोग से प्रदूषण, मित्र कीटों का नुकसान, शारीरिक स्वास्थ्य का जोखिम बना रहता है। इसलिए रसायनिक कीटनाशकों का उपयोग करते समय कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए। कृषि विभाग के एडीओ सुभाष चंद्र ने कहा कि कीटनाशक का प्रयोग सिर्फ तब ही करना चाहिए, जब इसकी वास्तविक जरूरत हो।
कीटनाशक का असर कितने दिन तक रहता है?कृषि रसायनों में मैंकोजेब, थीरम, डाइमेथोएट, क्सूनोलफास, क्यूनोलफास व जीरम का प्रभाव 15 दिन व ऑक्सीडीमेटोल मिथाइल व फोरेट का असर 35 दिन तक रहता है। इसी तरह मिथाइल पैराथियोन व मोनोप्रोटोफॉश का 21 दिनए इंडोसल्फन का 10 दिनए क्लोरोपाइरीफास, डाइक्लोरोवास व मेथालियोन का असर 5 दिन तक रहता है।
|