Home » class 7 Hindi » NCERT Solutions for Class VII Vasant Part 2 Hindi Chapter 16 -Bhor aur barakha भोर और बरखा Exercise : Solution of Questions on page Number : 120 प्रश्न 1: ‘बंसीवारे ललना’, ‘मोरे प्यारे’, ‘लाल जी’, कहते हुए यशोदा किसे जगाने का प्रयास करती हैं और वे कौन-कौन सी बातें कहती हैं? उत्तर : यहाँ यशोदा कृष्ण को जगाने का प्रयास करती हैं और कहती हैं – रात बीत गई है, सुबह हो गई है। हर घर के दरवाज़ें पर साधु-संत खड़े हैं। सभी ग्वाल-बाल शोर मचा रहे हैं, जयकार कर रहे हैं, माखन और रोटी हाथ में लेकर गायों की रखवाली के लिए जा रहे हैं,
गोपियों के हाथ के कंगन बज रहे हैं। प्रश्न 2: नीचे दी गई पंक्ति का आशय अपने शब्दों में लिखिए- उत्तर : आशय – गायों के रखवाले सभी ग्वाल-बाल हाथ में माखन और रोटी लिए हुए हैं। प्रश्न 3: पढ़े हुए पद के आधार पर ब्रज की भोर का वर्णन कीजिए। उत्तर : प्रस्तुत पद में ब्रज की सुबह का अत्यंत मनोहर वर्णन प्रस्तुत किया गया है। ब्रज में भोर होते ही घर-घर के दरवाज़ें खुल
जातें हैं, गोपियों के कंगना के झंकार से ऐसा प्रतीत होता है मानो ब्रज की सभी गोपियाँ दही मथने की क्रिया में मग्न है। साधु-संत जन द्वार पर भीक्षा मांग रहे हैं। सभी ग्वाल-बाल जयकार कर रहे हैं। उनके हाथ में माखन रोटी है और वे गायों को चराने के लिए ले जा रहे हैं। प्रश्न 4: मीरा को सावन मनभावन क्यों लगने लगा ? उत्तर : मीरा को सावन मनभावन लगता है क्योंकि सावन के आने से मन में उमंग भर आती है तथा सावन की बूँदों की ध्वनि से उसे अपने प्रभु के आगमन की अनूभूति होती है। नन्ही-नन्ही बूँदों के बरसने से उन्हें शीतलता महसूस होती है। प्रश्न 5: पाठ के आधार पर सावन की विशेषताएँ लिखिए। उत्तर : सावन की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं – प्रश्न 1: मीरा भक्तिकाल की प्रसिद्ध कवयित्री थीं। इस काल के दूसरे कवियों के नामों की सूची बनाइए तथा उनकी एक-एक रचना का नाम लिखिए। उत्तर : कवि – रचना प्रश्न 2: सावन वर्षा ऋतु का महीना है, वर्षा ऋतु से संबंधित दो अन्य महीनों के नाम लिखिए। उत्तर : (i) आषाढ़ Exercise : Solution of Questions on page Number : 121 प्रश्न 1: कृष्ण को ‘गउवन के रखवारे’ कहा गया है जिसका अर्थ है गौओं का पालन करनेवाले। इसके लिए एक शब्द दें। उत्तर : ग्वाला
Why Krishna Called Govinda श्री कृष्ण को गोविन्द क्यों कहते हैंGovind Meaning Hindi गोविन्द का हिंदी मीनिंग : गोविन्द दो शब्दों से मिलकर एक शब्द बना है। गो = गाय cow विन्द = रक्षक, देखभाल करने वाला। cowherd श्री कृष्ण
बचपन में गाय चराते थे और गायों की रखवाली करते थे, गायों की देखभाल और रक्षा करने के कारण ही श्री कृष्णा जी को "गोविन्द" (गोविन्द को ही गोविंदा भी बुलाया जाता है ) के नाम से सम्बोधित किया जाता है। Why Krishna Called Govinda श्री कृष्ण जी को गोविन्द क्यों कहते हैं :श्री कृष्ण जी को कई नामों से जाना जाता है जैसे, नंदलाला, गोपाला, गोविन्द, मुरलीधर, कान्हा, मुरारी, नन्द गोपाल, राधेश्याम, श्याम आदि। श्री कृष्ण जी को गोविन्द के नाम से भी भक्त
पुकारते हैं जिसके पीछे कथा है की श्री कृष्ण गायों को चराने के लिए जंगल में लेकर जाते थे और अपनी गायों की खूब देखभाल करते थे। एक बार कामधेनु नाम की गाय श्री कृष्ण जी के पास आई और कहने लगी की आप गायों की खूब देखभाल करते हैं और मैं कामधेनु हूँ जो स्वर्ग से आई हूँ।मुझे आपका अभिषेक करना है। उल्लेखनीय हैं की श्री कृष्णा जी भगवान् विष्णु जी के आठवे अवतार हैं। श्री कृष्ण जी को गोविन्द नाम के अतिरिक्त द्वारकाधीश, रणछोड़, वासुदेव, नंदलाला, कन्हैया, श्याम, मुरलीधर, राधाकिशन गोपाल आदि नामों से भी जाना जाता है। श्री कृष्ण जी के नाम और उनके अर्थ : Shri Krishna Names with Meaning
Shri Krishna Sahasranamam | श्रीकृष्ण के एक हजार नाम | Krishna Mantraश्री कृष्ण को गोविन्द क्यों कहते हैं Why Krishna Called Govinda, Shri Krishna Names with Meaning, Krishna Names, Krishna Names with hindi Meaning, Govind Meaning, विनम्र निवेदन: वेबसाइट को और बेहतर बनाने हेतु अपने कीमती सुझाव नीचे कॉमेंट बॉक्स में लिखें व इस ज्ञानवर्धक ख़जाने को अपनें मित्रों के साथ अवश्य शेयर करें। यदि कोई त्रुटि / सुधार हो तो आप मुझे यहाँ क्लिक करके ई मेल के माध्यम से भी सम्पर्क कर सकते हैं। धन्यवाद। घ कृष्ण जी को गायों का रखवाला क्यों कहा जाता है?Answer: आशय - गायों के रखवाले सभी ग्वाल-बाल हाथ में माखन और रोटी लिए हुए हैं।
भगवान कृष्ण को गोविंद क्यों कहा जाता है?जब तक भगवान ब्रज में रहे तब तक उन्होंने अपने चरणों में जूतियां धारण नहीं की क्योंकि गाय जूतियां नहीं पहनती थी। गायों की रक्षा करने वाले श्रीकृष्ण को गोविंद नाम कामधेनु ने ही दिया था। इस वजह से गोविंद नाम भगवान श्री कृष्ण को प्रिय है।
श्रीकृष्ण गाय चराने क्यों जाना चाहते हैं?तीनों लोकों के कष्ट हरने वाले श्रीकृष्ण के अनिष्ट हरण का काम गाय करती है। ... नंद बाबा के घर सैंकड़ों ग्वालबाल सेवक थे पर श्रीकृष्ण गायों को दुहने का काम भी स्वयं करना चाहते थे। कन्हैया ने आज माता से गाय चराने के लिए जाने की जिद की और कहने लगे कि भूख लगने पर वे वन में तरह-तरह के फलों के वृक्षों से फल तोड़कर खा लेंगे।
कृष्ण क्या लेकर गाय चराने जाया करते थे?शास्त्रों के अनुसार गोकुल में गायों को चराने के दौरान भगवान कृष्ण कदंब के वृक्ष नीचे बैठकर बांसुरी बजाया करते थे, उनकी बांसुरी की मधुर धुन सुनकर गाय उनके पास आ जाती। सिर्फ गाय ही नहीं, गोपियों को भी उनकी बांसुरी की धुन मोहित कर देती थी। यमुना के किनारे कदंब के काफी वृक्ष हुआ करते थे।
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