कृषि विकास में बैंकिंग क्षेत्र की भूमिका - krshi vikaas mein bainking kshetr kee bhoomika

देश में कृषि और किसानों को विकास में ग्रामीण विकास बैंक बेहद ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. किसानों के लिए कृषि उपकरण से लेकर खेती करने के लिए खाद और बीज लेने तक के लिए बैंकों से लोन दिया जाता है, इससे किसानों को काफी राहत मिलती है.

कृषि विकास में बैंकिंग क्षेत्र की भूमिका - krshi vikaas mein bainking kshetr kee bhoomika

कृषि और किसानों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं बैंक

Image Credit source: Twitter, Amit Shah

कृषि हमारे देश की अर्थव्यवस्था की महत्वपूर्ण कड़ी मानी जाती है. इससे लाखों लोगों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रोजगार मिलता है. ऐसे में देश के किसानों को सही समय पर खाद, बीज और अन्य सामान मिल सके इसमें बैंकिंग सेक्टर महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, खास करके ग्रामीण क्षेत्रों में. इन्हीं बातों को ध्यान में रखकर राष्ट्रीय सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंक फेडरेशन लिमिटेड की ओर से किसानों के हितों की रक्षा करना और सहकारिता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से राष्ट्रीय कृषि (Agriculture) विकास बैंकों का सम्मेलन दिल्ली में आयोजित किया गया. इस मौके पर केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में कृषि व ग्रामीण विकास बैंकों का विशेष योगदान रहा है. देश के किसानों की आय दोगुना करने और उनको आर्थिक मदद देने के लिए इन बैंकों को और अधिक काम करने की जरूरत है. शाह ने कहा कि कृषि व ग्रामीण विकास बैंकों का उद्देश्य अपना कैपिटल बढ़ाना नहीं बल्कि किसानों का हित होना चाहिए तभी सहकारिता का उद्देश्य सिद्ध होगा.

केंद्रीय मंत्री ने आगे अपने संबोधन में कहा कि कृषि और ग्रामीण विकास बैंक किसानों (Farmers) के हर सुख-दुख में साथ रहे हैं. लेकिन समय और जरूरत को देखते हुए इन बैंकों को अपना दायरा और बढ़ाने की जरूरत है. गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि वर्ष 1920 के पहले कृषि क्षेत्र पूर्णरूप से वर्षा आधारित थी लेकिन देश के किसान संसाधन सम्पन्न बन सकें, इसके लिए कृषि और ग्रामीण विकास बैंकों ने लंबी अवधि का ऋण देने की शुरुआत की. इस शुरुआत से किसान धीरे-धीरे कृषि साधन सम्पन्न होते गए. उन्होंने कहा कि देश की कृषि को भाग्य के आधार से परिश्रम के आधार में परिवर्तित करने का श्रेय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक को जाता है. इसके लिए सारे बैंक बधाई के पात्र हैं. इस मौके पर 90 साल से ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी सेवाएं दे रहे 4 बैंकों को पुरस्कृत भी किया गया.

दीर्घकालीन ऋण पर करें काम

गृह मंत्री ने कहा कि इन बैंकों को दीर्घावधि कृषि ऋण नीति योजना पर काम करना होगा तभी कृषि विकास संभव है और इसी में सहकार की भावना निहित है. इस लक्ष्य को हमें मिलकर पूरा करना है. जिन राज्यों में कृषि ग्रामीण बैंक की स्थिति ठीक नहीं है उसे ठीक करना होगा. राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (NABARD) को यह तय करना होगा कि वह अधिक से अधिक फाइनेंस ग्रामीण विकास के क्षेत्र में करें. किसानों के हितों में करें. तभी हमारे उद्देश्यों की पूर्ति होगी.

NABARD सिर्फ बैंकिंग सेक्टर तक सीमित नहीं

गृह मंत्री ने नाबार्ड का जिक्र करते हुए कहा कि नाबार्ड और ग्रामीण विकास बैंकों का उद्देश्य सिर्फ बैंकिंग सेक्टर तक ही सीमित नहीं है. इन बैंकों को बैंकिंग के इतर भी काम करना होगा. उन्होंने कहा की कृषि विकास को गति प्रदान करने के लिए विकास के क्रम में कितना काम हुआ है इसका मूल्यांकन करना भी जरूरी है. उन्होंने कहा कि अमूल के विकास मॉडल हमारे लिए सबसे बड़ा उदाहरण है, हमें उससे सीखना चाहिए. सहकारिता मंत्री ने कहा कि अमूल ने सिर्फ संयंत्र ही नहीं लगाए बल्कि जिन गांवों में सड़क नहीं थी उन्होंने सरकार के साथ मिलकर सड़क बनाने में सहयोग किया ताकि किसान से प्राप्त होने वाला दूध तय समय में उन तक पहुंच सके.

संसाधन का उपयोग करना जरूरी

गृह मंत्री ने कहा कि लगभग तीन लाख ट्रैक्टरों का फाइनेंस कृषि ग्रामीण विकास बैंकों ने किया है लेकिन यह सोचने की बात है कि क्या इतना पर्याप्त हैं? देश में आठ करोड़ से अधिक ट्रैक्टर हैं. क्या हमारे सहकारी बैंक किसानों को कृषि संसाधन खरीदने के लिए ऋण दे सकते हैं. इस दिशा में सोचना होगा. उन्होंने कहा कि रिफॉर्म बैंक तक ही नहीं सीमित रहनी चाहिए बल्कि रिफॉर्म पूरे सेक्टर का होना चाहिए.

हाल में उठाए गए कई कदम

अमित शाह ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में सहकारिता विभाग ने ढेर सारे कदम उठाए हैं. अभी-अभी एक बहुत बड़ा कदम उठाया है कि सभी पैक्स को 2,500 करोड़ की लागत से कंप्यूटराइज किया जाएगा. पैक्स, डिस्ट्रिक्ट कोऑपरेटिव बैंक, स्टेट कोऑपरेटिव बैंक और नाबार्ड सभी एकाउंटिंग की दृष्टि से ऑनलाइन हो जाएंगे और इससे पारदर्शिता के साथ पैक्स को चलाने में बहुत बड़ा फायदा होगा. हमने अभी प्रशिक्षण के संदर्भ में भी सहकारिता विश्वविद्यालय बनाने का भी एक सैद्धांतिक निर्णय किया है. GEM प्लेटफॉर्म पर अभी प्रायोगिक स्तर पर 100 करोड़ से ज्यादा टर्नओवर वाली सभी इकाइयां खरीद कर पाएंगी. इससे हमारी खरीद भी सस्ती होगी, पारदर्शिता भी होगी और करप्शन भी बंद होगा.

एग्रीकल्चर न्यूज,सरकारी कृषि योजनाएं,क्रॉप स्पेशल,एग्री पॉलिसी,खेती-किसानी की सक्सेस स्टोरीकी ताजा खबरें पढ़ें औरTV9 Hindi Agricultureपेज को फॉलो करें.

कृषि विकास में सहकारी बैंक की भूमिका अहम : डीएम

जागरण संवाददाता, हाजीपुर

कृषि की आधारभूत संरचना को सुदृढ़ करने में सहकारी बैंक अहम भूमिका निभा सकते हैं। ऐसा करने से उनका भी भला होगा। बैंक का व्यवसाय आश्चर्यजनक ढंग से फल-फूल सकता है। लेकिन यह दुखद है कि सहकारी बैंक आज भी उसी जगह खड़ा है।

मुख्यालय स्थित बसावन सिंह इंडोर स्टेडियम में आयोजित सहकारी बैंक के निदेशक मंडल, व्यापार मंडल, पैक्स अध्यक्षों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए डीएम जितेन्द्र श्रीवास्तव ने ये बातें कही। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र के विकास के लिए ही सहकारी बैंक की स्थापना की गयी थी। उन्होंने बैंक के अधिकारियों को समय के साथ कदमताल करने की नसीहत देते हुए कहा कि वे बैंक को जनोन्मुखी बनाएं तथा सहकारी बैंक को निजी और राष्ट्रीकृत बैंकों के प्रतिस्पर्धा व होड़ में शामिल करें। पैक्स अध्यक्षों को नसीहत देते हुए उन्होंने कहा कि वे अपने स्तर से जमीन व गोदाम की व्यवस्था करें बाकी सुविधा उन्हें मुहैया करायी जायेगी। उन्होंने सरकारी बैंक के प्रबंध निदेशक को निर्देश देते हुए कहा कि वे किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड मुहैया कराने के साथ ही कृषि यंत्र व उपकरणों की खरीद के लिए सुगमता से ऋण मुहैया कराने की दिशा में ठोस पहल करें। इसमें किसी स्तर पर शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे सहकारी बैंक के अध्यक्ष बिशुनदेव राय ने बैंक को सशक्त बनाने की दिशा में आड़े आ रही समस्याओं का जिक्र करते हुए इसके निराकरण कराए जाने पर जोर दिया। इस मौके पर उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह, अपर समाहर्ता रमेश मिश्र, उप समाहर्ता बैंकिंग संजय कुमार, एलडीएम रंजीत सिंह, निदेशक मंडल के डा. प्रेम सिंह, मुसाफिर सहनी, राम किशोर सिंह, अराधना देवी, केडी सिंह, निजी सचिव अरविंद घोष, पातेपुर व्यापार मंडल के अध्यक्ष गणेश प्रसाद यादव, पैक्स अध्यक्ष प्रणव कुमार, तारक चौधरी, वीणा देवी, कन्हाई यादव आदि ने पीडीएस का अनुज्ञप्ति नवीकरण, धान-गेहूं अधिप्राप्ति के दौरान आड़े आने वाली समस्याओं को प्रमुखता से बैठक में उठाया।

मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर