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सितंबर माह की शुरुआत ही व्रत त्योहार से हो रही है। सितंबर महीने का पहला व्रत 1 तारीख को ही है। इसके अलावा इस माह में कई और महत्वपूर्ण व्रत त्योहार है। सितंबर में शारदीय नवरात्रि, अनंत चतुर्थी और पितृपक्ष जैसे प्रमुख व्रत त्योहार हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, फिलहाल, भाद्र मास चल रहा है जिसका समापन 10 सितंबर को होगा।इसके बाद अश्विन मास की शुरुआत होगी। तो आइए जानते हैं सितंबर में आने वाले सभी प्रमुख व्रत त्योहार और उनका महत्व। ऋषि पंचमी व्रत (1 सितंबर 2022)हिंदू धर्म में ऋषि पंचमी सप्त ऋषियों को समर्पित है। यह व्रत भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को किया जाता है। इस दिन सप्तऋषियों की विशेष पूजा की जाती है। इस दिन गंगा स्नान करने के साथ ही दान देने का भी विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से पाप कर्मों से मुक्ति पाई जा सकती है। श्री राधा अष्टमी, महालक्ष्मी व्रतमान्यताओं के अनुसार, भगवान कृष्ण के जन्म के ठीक 15 दिन बाद राधाजी का जन्म हुआ था। बता दें कि भाद्रपद शुक्ल अष्टमी के दिन महालक्ष्मी व्रत भी कहते हैं। यह व्रत 16 दिनों तक चलता है। इसकी शुरुआत 3 सितंबर से होगी और समापन 17 सितंबर को होगा। इस व्रत को करने से व्यक्ति को धन धान्य की कमी नहीं होती है। साथ ही महिलाएं इस व्रत को अपने बच्चों और पति की लंबी आयु के लिए भी रख सकती है। अनंत चतुर्दशी व्रत (9 सितंबर 2022)अनंत चतुर्दशी का व्रत भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को रखा जाता है। इस बार यह व्रत 9 सितंबर 2022 को है। इस व्रत को करने से व्यक्ति को मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है। दोनों की एक साथ पूजा
अर्चना करने से वह प्रसन्न होते हैं। मान्यता है कि अनंत चतुर्दशी का व्रत रखने से व्यक्ति के सभी रुके हुए कार्य पूर्ण हो जाते हैं। प्रोष्ठपदी पूर्णिमा श्राद्ध पक्ष आरंभ 10 सितंबर शनिवारहिंदू पंचांग के अनुसार पितृ पक्ष करीब 16 दिनों का होता हैं। पितृ पक्ष या श्राद्ध की शुरुआत भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि से आरंभ होता है और आश्विन मास की अमावस्या तिथि को समाप्त होते हैं। पितृ पक्ष में पितरों के प्रति आदर भाव प्रकट किया जाता है। पितृ पक्ष में अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान आदि किया जाता है। जीवित्पुत्रिका व्रत 18 सितंबर रविवारजीवित्पुत्रिका का व्रत आश्विन मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को किया जाता है। इसे जितिया व्रत के नाम से भी जाना जाता है। इस बार यह व्रत 18 सितंबर को किया जाता है। इस व्रत को माताएं अपने बच्चों की लंबी आयु के लिए रखती हैं। इस व्रत में सूर्यनारायण की पूजा उपासना की जाती है। इस व्रत की शुरुआत महाभारत काल से हुई थी। बता दें कि यह व्रत निर्जला रखा जाता है। महालया सर्वपितृ श्राद्ध 25 सितंबरपितृ पक्ष का समापन अमावस्या तिथि को किया जाता है दो इस बार 25 सितंबर को है। इस दिन जो श्राद्ध किया जाता है उसे महालया सर्वपितृ श्राद्ध कहा जाता है। पितृ पक्ष में महालय अमावस्या को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन अपने पूर्वजों और पितरों को खुशी पूर्वक विदा किया जाता है। शारदीय नवरात्र आरंभ 26 सितंबरशारदीय नवरात्रि का इंतजार मां दुर्गा का भक्त बेसब्री से करते हैं। इस साल शारदीय नवरात्रि के व्रत की शुरुआत 26 सितंबर से होगी और 5 अक्टूबर को इसका समापन किया जाएगा। शारदीय नवरात्रि की शुरुआत शुक्ल पक्ष से शुरू होती है और नवमी तिथि के दिन कन्या पूजन के साथ इनका समापन किया जाता है। इन सबके अलावा सितंबर में कुछ और व्रत त्योहार है। यहां देखें
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कल का त्यौहार कौन सा है?12 अक्टूबर 2022
पूर्णिमा के बाद कृष्ण पक्ष में आने वाली चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है. अमावस्या के बाद शुक्ल पक्ष में आने वाली चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहा जाता है. भारत के उत्तरी एवं दक्षिणी राज्यों में संकष्टी चतुर्थी का त्योहार मनाया जाता है.
2022 में त्यौहार कब कब है?अनंत चतुर्दशी व्रत (9 सितंबर 2022)
अनंत चतुर्दशी का व्रत भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को रखा जाता है। इस बार यह व्रत 9 सितंबर 2022 को है।
आज कौन सा व्रत है 2022?भाद्रपद कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को अजा एकादशी (Aja Ekadashi vrat 2022 Date) का व्रत रखा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की विशेष पूजा अर्चना की जाती है। इस बार अजा एकादशी का व्रत 23 अगस्त को रखा जाएगा।
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