जिस सर्वनाम से कर्ता के साथ अपनेपन का बोध होता है उन्हें क्या कहते हैं? - jis sarvanaam se karta ke saath apanepan ka bodh hota hai unhen kya kahate hain?

Contents

  • 1 सर्वनाम
  • 2 सर्वनाम के उदाहरण
  • 3 सर्वनाम के भेद
    • 3.1 (1) पुरुषवाचक सर्वनाम 
      • 3.1.1 1. उत्तम पुरुष (First Person)
      • 3.1.2 2. मध्यम पुरुष (Second Person) 
      • 3.1.3 3. अन्य पुरुष (Third person) 
    • 3.2 (2) निश्चयवाचक सर्वनाम 
    • 3.3 (3) अनिश्चयवाचक सर्वनाम 
    • 3.4 (4) संबंधवाचक सर्वनाम 
    • 3.5 (5) प्रश्नवाचक सर्वनाम 
    • 3.6 (6) निजवाचक सर्वनाम 
  • 4 हिन्दी व्याकरण

सर्वनाम

संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त होने वाले शब्द सर्वनाम कहलाते हैं। 

सर्व (सब) नामों (संज्ञाओं) के बदले जो शब्द आते है, उन्हें ‘सर्वनाम’ कहते हैं।

मै, तू, वह, आप, कोई, यह, ये, वे, हम, तुम, कुछ, कौन, क्या, जो, सो, उसका आदि सर्वनाम शब्द हैं।

सर्वनाम के उदाहरण

सीता  12 वीं कक्षा में पढ़ती  है।

सीता  स्कूल जा रहा है।

सीता  के पिताजी का नाम मनन है ।

सीता  की माताजी अध्यापिका  है।

सीता  की  भाई  खेल  रहा  है।

सीता को घूमना पसंद है ।

उपर्युक्त वाक्य में सीता  संज्ञा  शब्द  है जो बार  बार प्रयोग  हुआ है।बार – बार सीता  शब्द को दोहराना वाक्यों को अरुचिकर बनाता है। यदि हम एक वाक्य में सीता

( संज्ञा ) को छोड़कर अन्य सभी जगह सर्वनाम का प्रयोग करें तो वाक्य रुचिकर व आकर्षक बन जाएंगे।

वह  12 वीं कक्षा में पढ़ती  है।

वह  स्कूल जा रहा है।

उसके  पिताजी का नाम मनन है ।

उसकी  माताजी अध्यापिका  है।

उसका भाई  खेल  रहा  है।

उसे  घूमना पसंद है ।

सर्वनाम के भेद

(1) पुरुषवाचक सर्वनाम 

(2) निश्चयवाचक सर्वनाम 

(3) अनिश्चयवाचक सर्वनाम 

(4) संबंधवाचक सर्वनाम 

(5) प्रश्नवाचक सर्वनाम 

(6) निजवाचक सर्वनाम 

(1) पुरुषवाचक सर्वनाम 

जो सर्वनाम वक्ता (बोलनेवाले), श्रोता (सुननेवाले) तथा किसी अन्य के लिए प्रयुक्त होता है, उसे पुरूषवाचक सर्वनाम कहते हैं।

पुरुषवाचक सर्वनाम तीन प्रकार के होते हैं –

1. उत्तम पुरुष (First Person)

इन सर्वनाम का प्रयोग बात कहने या बोलने वाला अपने लिए करता है , उन्हें उत्तम पुरुषवाचक कहते है।

जैसे – मैं, हमें , हम, मुझको, हमारी, मैंने, मेरा, मुझे आदि।

मैं लिखता हूँ।

हमें  सदा सच बोलना चाहिए ।

हमारा घर बहुत सुन्दर है

मैंने आज बहुत सारे फल खाए थे।

मुझे आज बहुत काम हैं ।

2. मध्यम पुरुष (Second Person) 

जिन सर्वनामों का प्रयोग सुनने वाले के लिए किया जाता है, उन्हें मध्यम पुरुषवाचक कहते है।

जैसे- तू, तुम, तुम्हे, आप, तुम्हारे, तुमने, आपने , तुझको आदि।

तू क्या कर रहा है ?

तुम बहुत सुंदर हो ।

तुम्हे क्या चाहिए ?

आप  का क्या नाम है ।

3. अन्य पुरुष (Third person) 

जिन सर्वनाम शब्दों का प्रयोग किसी अन्य व्यक्ति के लिए किया जाता है, उन्हें अन्य पुरुषवाचक कहते है।

जैसे- वे, यह, वह, इनका, इन्हें, उसे, उन्होंने, इनसे, उनसे , उन्हें आदि।

वह कल स्कूल आया था।

उन्हें अपना काम करना दो

वे मैच कल खेलेंगे

यह मेरा खिलौना है ।

उन्होंने अपना काम कर लिया है ।

(2) निश्चयवाचक सर्वनाम 

जो सर्वनाम निकट या दूर की किसी वस्तु की ओर संकेत करे, उसे निश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं।

या

सर्वनाम के जिस रूप से हमे किसी बात या वस्तु का निश्चत रूप से बोध होता है, उसे निश्चयवाचक सर्वनाम कहते है।

जैसे- यह, वह, ये, वे आदि।

यह  मेरी पुस्तक है ।

नेहा मेरे बहन है वह दिल्ली में रहती है।

वे सामान लेने बाज़ार गए हैं ।

ये हिरन हैं ।

(3) अनिश्चयवाचक सर्वनाम 

जिस सर्वनाम शब्द से किसी निश्चित व्यक्ति या वस्तु का बोध न हो, उसे अनिश्चयवाचक सर्वनाम कहते है।

जैसे- कोई, कुछ, किसी आदि।

यहाँ कुछ आम पड़े हुए हैं ।

दरवाज़े पर कोई खड़ा हुआ है ।

किसी से हाथ मत मिलाना ।

(4) संबंधवाचक सर्वनाम 

जिन सर्वनाम शब्दों का दूसरे सर्वनाम शब्दों से संबंध ज्ञात हो तथा जो शब्द दो वाक्यों को जोड़ते है, उन्हें संबंधवाचक सर्वनाम कहते है।

जैसे: जो,वो,सो ,जैसा ,वैसा, जिसकी , उसकी आदि ।

जैसा कर्म करेगा  वैसा फल मिलेगा ।

जिसकी लाठी, उसकी भैंस।

जो करेगा सो भरेगा।

(5) प्रश्नवाचक सर्वनाम 

जिन सर्वनाम शब्दों का प्रयोग किसी वस्तु, व्यक्ति या स्थान के बारे में प्रश्न पूछने के लिए किया जाता है, उन्हें प्रश्नवाचक सर्वनाम कहते हैं ।

जैसे: कौन, क्या , कहाँ , कैसे आदि ।

तुम्हारा नाम क्या है ।

कुर्सी पर कौन बैठा हुआ है ।

तुम कहाँ जा रहे हो ।

तुम्ने यह काम कैसे किया ।

(6) निजवाचक सर्वनाम 

निज’ का अर्थ होता है- अपना और ‘वाचक’ का अर्थ होता है- बोध (ज्ञान) कराने वाला ।

जिन सर्वनाम शब्दों का प्रयोग कर्ता के साथ अपनेपन का बोध कराने के लिए किया जाता है, उन्हें निजवाचक सर्वनाम कहते है। 

जैसे: आप, अपना, अपनी आदि ।

मैं अपना कार्य स्वयं करता हूं।

मेरी बहन स्कूटर अपने आप चलाती  है।

मैं अपने पिताजी के साथ जाऊंगा।

हिन्दी व्याकरण

संज्ञा संधि लिंग
काल क्रिया धातु
वचन कारक समास
अलंकार विशेषण सर्वनाम
उपसर्ग प्रत्यय संस्कृत प्रत्यय

जो सर्वनाम कर्ता के अपनेपन का बोध करता है उसे क्या कहते हैं?

संबंधवाचक सर्वनाम- जो सर्वनाम किसी दूसरी संज्ञा या सर्वनाम से संबंध दिखाने के लिए प्रयुक्त हो, संबंधवाचक सर्वनाम का प्रयोग वाक्य में दो शब्दों को जोड़ने के लिए भी किया जाता है उसे संबंधवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे जो,वो,सो आदि उदाहरण:- "जो करेगा सो भरेगा, जैसे-वैसे, जिसकी-उसकी, जितना-उतना, आदि।"

कर्ता अपने लिए जिन सर्वनाम शब्दों का प्रयोग करता है उन्हें क्या कहते हैं?

जिन सर्वनाम शब्दों का प्रयोग कर्ता के साथ अपनेपन का बोध कराने के लिए किया जाता है, उन्हें निजवाचक सर्वनाम कहते है। जैसे: आप, अपना, अपनी आदि । मैं अपना कार्य स्वयं करता हूं।

जिन सर्वनाम शब्दों का प्रयोग करता के साथ अपनेपन का ज्ञान कराने के लिए लिया जाए उन्हें कौन सा सर्वनाम कहा जाता है?

1. पुरुषवाचक सर्वनामजिन सर्वनाम शब्दों का प्रयोग बोलने वाले, सुनने वाले या अन्य व्यक्ति के लिए किया जाता है, वे पुरुषवाचक सर्वनाम कहलाते हैं; जैसे-मैं, तुम, वह आदि। मैं सोने जा रहा हूँ।

संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से कार्य करने वाले का बोध हो उसे क्या कहते हैं?

संज्ञा आदि शब्दों के जिस रूप से क्रिया के करने के साधन का बोध हो अर्थात् जिसकी सहायता से कार्य संपन्न हो वह करण कारक कहलाता है।