जनमेजय के बाद हस्तिनापुर का राजा कौन बना - janamejay ke baad hastinaapur ka raaja kaun bana

विषयसूची

  • 1 परीक्षित के बाद कितने राजा हुए?
  • 2 धार के राजा कौन थे?
  • 3 धार की स्थापना कब हुई?
  • 4 गांधारी के 100 पुत्र कैसे हुए?
  • 5 भृगु ऋषि के वंशज कौन थे?
  • 6 कलयुग का दूसरा राजा कौन था?
  • 7 धृतराष्ट्र के कितने बच्चे थे?
  • 8 अर्जुन की जाति क्या थी?

परीक्षित के बाद कितने राजा हुए?

इसे सुनेंरोकेंयह भाई हैं कक्षसेन, उग्रसेन, चित्रसेन, इन्द्रसेन, सुषेण तथा नख्यसेन। महाकाव्य के आरम्भ के पर्वों में जनमेजय की तक्षशिला तथा सर्पराज तक्षक के ऊपर विजय के प्रसंग हैं। सम्राट जनमेजय अपने पिता परीक्षित की मृत्यु के पश्चात् हस्तिनापुर की राजगद्दी पर विराजमान हुये। पौराणिक कथा के अनुसार परीक्षित पाण्डु के एकमात्र वंशज थे।

राजा किसका उदाहरण है?

इसे सुनेंरोकेंराजा की परिभाषा, अर्थ और उदाहरण उदाहरण: संसार में धनाढ्य व्यक्तियों की कमी नहीं है । उदाहरण: उसने रंग के दुक्के से बादशाह को काटा । उदाहरण: बुद्धिमान शतरंजी ने एक प्यादे से बादशाह को मारा । उदाहरण: शेर जंगल का राजा होता है ।

धार के राजा कौन थे?

इसे सुनेंरोकेंराजा भोज परमार या पंवार वंश के नवें राजा थे। परमार वंशीय राजाओं ने मालवा की राजधानी धारानगरी (धार) से आठवीं शताब्दी से लेकर चौदहवीं शताब्दी के पूर्वार्ध तक राज्य किया था। भोज ने बहुत से युद्ध किए और अपनी प्रतिष्ठा स्थापित की जिससे सिद्ध होता है कि उनमें असाधारण योग्यता थी।

सबसे पहले राजा कौन था?

इसे सुनेंरोकेंउत्तर: चंद्रगुप्त मौर्य प्राचीन भारत का पहला राजा/शासक था।

धार की स्थापना कब हुई?

इसे सुनेंरोकें14वीं सदी में इसे मुग़लों ने जीत लिया और 1730 में यह मराठों के कब्जे में चला गया, इसके बाद 1742 में यह मराठा सामंत आनंदराव पवार द्वारा स्थापित धार रियासत की राजधानी बना।

मालवा कहाँ है?

इसे सुनेंरोकेंमालवा, ज्वालामुखी के उद्गार से बना पश्चिमी भारत का एक अंचल है। मध्य प्रदेश के पश्चिमी भाग तथा राजस्थान के दक्षिणी-पूर्वी भाग से गठित यह क्षेत्र प्राचीन काल से ही एक स्वतंत्र राजनीतिक इकाई रहा है। मालवा का अधिकांश भाग चंबल नदी तथा इसकी शाखाओं द्वारा संचित है, पश्चिमी भाग माही नदी द्वारा संचित है।

गांधारी के 100 पुत्र कैसे हुए?

इसे सुनेंरोकेंगांधारी की सेवा और पतिव्रता संकल्प से प्रसन्न होकर ऋषि व्यास ने उन्हें 100 पुत्रों की माता होने का आशीर्वाद दिया. उन्हीं के आशीर्वाद से गांधारी दो वर्षों तक गर्भवती रहीं लेकिन उन्हें मृत मांस का लोथड़ा पैदा हुआ. तब ऋषि व्यास ने उसे 100 पुत्रों के लिए 100 टुकड़ों में काटकर घड़े में एक वर्ष तक बंद रखने का आदेश दिया.

कौरवों की जाति क्या थी?

इसे सुनेंरोकेंकौरव जाति में कुल 36 गोत्र हैं। इनमें मुख्य रूप से ममार,अतरौलिया,खिचरौलिया,करहैया,तिहैया,अतरसूमा,डींड़े,लटकना, गेगला,पगुआ,गोहल,लुलावत,मरैया,ढिड़कोले,सरेठा,पहारिया,टिकरहा, जरहा,जहुआ इत्यादि शामिल हैं।

भृगु ऋषि के वंशज कौन थे?

इसे सुनेंरोकें- महर्षि भृगु के वंशज ‘भार्गव’ कहलाते हैं। महर्षि भृगु तथा उनके वंशधर अनेक मन्त्रों के दृष्टा हैं। ऋग्वेद में उल्लेख आया है कि कवि उशना (शुक्राचार्य) भार्गव कहलाते हैं। – भृगु वैदिक ग्रन्थों में बहुचर्चित एक प्राचीन ऋषि है।

जनमेजय के बाद हस्तिनापुर का राजा कौन बना?

इसे सुनेंरोकेंजन्मेजय के बाद क्रमश: शतानीक, अश्वमेधदत्त, धिसीमकृष्ण, निचक्षु, उष्ण, चित्ररथ, शुचिद्रथ, वृष्णिमत सुषेण, नुनीथ, रुच, नृचक्षुस, सुखीबल, परिप्लव, सुनय, मेधाविन, नृपंजय, ध्रुव, मधु, तिग्म्ज्योती, बृहद्रथ और वसुदान राजा हुए जिनकी राजधानी पहले हस्तिनापुर थी तथा बाद में समय अनुसार बदलती रही। बुद्धकाल में शत्निक और उदयन हुए।

कलयुग का दूसरा राजा कौन था?

इसे सुनेंरोकेंपरीक्षित द्वारा कलियुग का दमन पांडवों के महाप्रयाण के पश्चात श्रेष्ठ ब्राह्मणों के आदेशानुसार महाराज परीक्षित पृथ्वी पर शासन करने लगे। एक बार राजा परीक्षित को पता चला की उनके राज्य की सीमा के भीतर कलियुग का प्रवेश हो रहा है।

बब्रुवाहन की मृत्यु कैसे हुई?

इसे सुनेंरोकेंबभ्रुवाहन उस समय युवक ही था। अपने बाल स्वभाव के कारण बिना परिणाम पर विचार कर उसने एक तीखा बाण अर्जुन पर छोड़ दिया। उस बाण को चोट से अर्जुन बेहोश होकर धरती पर गिर पड़े। बभ्रुवाहन भी उस समय तक बहुत घायल हो चुका था, वह भी बेहोश होकर जमीन पर गिर पड़ा।

धृतराष्ट्र के कितने बच्चे थे?

इसे सुनेंरोकेंहस्तिनापुर के ये नेत्रहीन महाराज सौ पुत्रों और एक पुत्री के पिता थे। उनकी पत्नी का नाम गांधारी था। बाद में ये सौ पुत्र कौरव कहलाए। दुर्योधन और दु:शासन क्रमशः पहले दो पुत्र थे।

पांडवों की क्या जाति थी?

इसे सुनेंरोकेंपांडवों को सूर्यवंशी माना जाता रहा है. सैकड़ों सालों से माना जाता रहा है कि पांडव सूर्यवंशी क्षत्रिय थे. महान कुरु राजवंश से ताल्लुक रखते थे.

अर्जुन की जाति क्या थी?

इसे सुनेंरोकेंअंत में अभिमन्यु की पत्नी उत्तरा के गर्भ से परीक्षित का जन्म हुआ था जो हस्तिनापुर और इंद्रप्रस्थ के स्वामी बने थे। इसी वंश ने अपनी गद्दी दिल्ली में स्थापित की थी और परम प्रतापी सम्राट महाराजा तोमर के नाम से पांडव वंशी अर्जुन का वंश राजपूत श्रेणी में आया और तोमर या तंवर वंश के नाम से विख्यात हुआ।

पांडव वंश का अंतिम राजा कौन था?

इसे सुनेंरोकेंराजा परीक्षित की मौत के बाद राजा जनमेजय हस्तिनापुर की गद्दी पर विराजे, जनमेजय पांडव वंश के आखिरी राजा थे।

जन्मेजय के बाद हस्तिनापुर का राजा कौन बना?

जन्मेजय के बाद क्रमश: शतानीक, अश्वमेधदत्त, धिसीमकृष्ण, निचक्षु, उष्ण, चित्ररथ, शुचिद्रथ, वृष्णिमत सुषेण, नुनीथ, रुच, नृचक्षुस, सुखीबल, परिप्लव, सुनय, मेधाविन, नृपंजय, ध्रुव, मधु, तिग्म्ज्योती, बृहद्रथ और वसुदान राजा हुए जिनकी राजधानी पहले हस्तिनापुर थी तथा बाद में समय अनुसार बदलती रही। बुद्धकाल में शत्निक और उदयन हुए।

पांडव वंश का अंतिम शासक कौन था?

राजा परीक्षित की मौत के बाद राजा जनमेजय हस्तिनापुर की गद्दी पर विराजे, जनमेजय पांडव वंश के आखिरी राजा थे।

परीक्षित के बाद हस्तिनापुर का राजा कौन था?

सम्राट जनमेजय अपने पिता परीक्षित की मृत्यु के पश्चात् हस्तिनापुर की राजगद्दी पर विराजमान हुये। पौराणिक कथा के अनुसार परीक्षित पाण्डु के एकमात्र वंशज थे।

हस्तिनापुर के राजा का नाम क्या था?

चित्रांगद की मृत्यु के बाद भीष्म ने सत्यवती के दूसरे पुत्र विचित्रवीर्य को हस्तिनापुर का राजा बनाया।