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World Environment Day: दुनिया को ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में कटौती कर जलवायु परिवर्तन से निपटना होगा. इसके खतरनाक दुष्परिणामें से बचने के लिए खुद को तैयार करना होगा.Hot Summer In India: इस साल भयंकर गर्मी पड़ रही है. Image Credit source: Social Media World Environment Day: भारत में इस साल प्रचंड गर्मी (Scorching Heat) पड़ रही है. हर साल आम तौर पर अप्रैल से शुरू होने वाली गर्मी इस साल मार्च में ही भीषण हो चुकी थी. अप्रैल और मई में गर्मी ने खूब पसीने छुड़ाए और अब जून में तो और राहत नहीं है. लोगों को इंतजार है तो बस मॉनसून (Monsoon) का. पिछले एकाध हफ्ते में कुछेक दिन बारिश (Raining) हुई भी, लेकिन पर्याप्त राहत नहीं मिली. बारिश के अगले ही दिन और तेज धूप निकल गई और गर्मी फिर अपने शवाब पर. देखा जाए तो पिछले कुछ वर्षों से गर्मी की तपिश लगातार बढ़ती जा रही है. भारत में हर साल औसत तापमान में वृद्धि हो रही है और आने वाले वर्षों में तो स्थिति और ज्यादा गंभीर होने वाली है. भारत ही नहीं, पड़ोसी देश पाकिस्तान में भी गर्मी के कारण कोहराम मचा हुआ है. मौसम विज्ञानी बताते हैं कि दक्षिण एशिया में गर्मी का मौसम काटना हमेशा से ही मुश्किल रहा है, लेकिन पिछले कुछ सालों में तापमान के साथ-साथ मुश्किलें भी और ज्यादा बढ़ी हैं. जलवायु परिवर्तन है बड़ा कारणभारत में आखिर इतनी गर्मी क्यों पड़ रही है, इस सवाल का सीधा सा जवाब है- क्लाइमेट चेंज यानी जलवायु परिवर्तन. जलवायु परिवर्तन के कारण गर्मी में तीव्रता आ रही है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, हर साल औसत वैश्विक तापमान एक डिग्री सेल्सियस के करीब बढ़ रहा है. हालांकि कोरोना महामारी के कारण जब विश्व के कई देशों में फैक्ट्रियां वगैरह बंद थी और सड़कों पर वाहन नहीं के बराबर चल रहे थे, तब वैश्विक कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन में गिरावट देखी गई थी. लेकिन पाबंदिया हटने के साथ ही इसमें रिकॉर्ड स्तर पर बढ़ोतरी होती चली गई. भारत दुनिया के सबसे गर्म देशों में शामिलजर्मन वेबसाइट डॉयचे वेले की रिपोर्ट के मुताबिक, गर्मी बढ़ने के कारण भारत दुनिया के सबसे गर्म देशों में शामिल हो गया है. World Weather Attribution Group ने मौसम से जुड़े ऐतिहासिक डेटा का विश्लेषण किया और बताया कि भौगोलिक तौर पर भारत के बहुत बड़े हिस्से को प्रभावित करने वाली हीट वेव यानी लू 100 साल में कभी एक बार चलती है. लेकिन इंसानी गतिविधियों की वजह से हो रहे जलवायु परिवर्तन के चलते इसकी संभावना 30 गुना बढ़ गई है. इस बार तो मार्च के अंतिम सप्ताह में ही हीट वेव महसूस किया जा चुका है. भारत में प्रचंड गर्मी पड़ रही है. टूटा 122 वर्षों का रिकॉर्डपिछले दिनों स्कॉटलैंड के मौसम वैज्ञानिक डंकन स्कॉट ने बर्कले अर्थ के डेटा का विश्लेषण कर चेताया था कि कैसे आने वाले दिनों में तापमान रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच जाएगा. भारत में अमूमन मई-जून में लू चलती है. लेकिन इस बार मार्च के दूसरे सप्ताह से ही गर्मी ने अपना प्रचंड रूप दिखाना शुरू कर दिया था. 1901 से ही भारत में मौसम का रिकॉर्ड रखा जा रहा है. तब से लेकर अबतक 122 वर्षों में मार्च का महीना इसी साल सबसे गर्म रहा. इस तरह मार्च की गर्मी ने 122 सालों का रिकॉर्ड तोड़ डाला. जानकार कहते हैं कि आने वाले सालों में गर्मी अभी और बड़े रिकॉर्ड बना सकती है गर्मी के कारण एक नहीं अनेक मुसीबतेंगर्मी बढ़ने की वजह से अन्य कई तरह की समस्याएं भी खड़ी हो रही हैं. बिजली-पानी की किल्लत, बीमारियों का खतरा, फसलों को नुकसान और खाने का संकट. राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय शोध में भी ये बातें सामने आ चुकी हैं. इस साल गर्मी के कारण गेहूं की पैदावार कम हुई और इस कारण भारत सरकार ने गेहूं का निर्यात अस्थाई तौर पर रोक दिया. इससे हुआ ये कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में गेहूं के भाव तो चढ़ गए, लेकिन घरेलू बाजार में गेहूं की कीमत कम हो गई. इसका घाटा किसानों को ही हो रहा है. करने होंगे उपाय, नहीं तो…वैज्ञानिक इस बात पर जोर देते हैं कि दुनिया को ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में कटौती कर जलवायु परिवर्तन से निपटना होगा. इसके खतरनाक दुष्परिणामें से बचने के लिए खुद को तैयार करना होगा. एक्सपर्ट्स तापमान में कमी लाने के लिए वैज्ञानिक डीकार्बोनाइजेशन की जरूरत बताते हैं. ग्लोबल वॉर्मिंग और क्लाइमेट चेंज को लेकर दुनियाभर में चर्चा, बहस, कॉन्फ्रेंस वगैरह का आयोजन होता आ रहा है, लेकिन विशेषज्ञ इस दिशा में गंभीर कदम उठाए जाने की आवश्यकता बताते हैं. बढ़ती गर्मी के बीच ज्यादातर बच्चे और बुजुर्ग गर्मी का शिकार बनते हैं. गरीबों के लिए तो और भी दिक्कत हैं. अगर उपाय नहीं बरते गए तो परिणाम और ज्यादा गंभीर होता चला जाएगा. ऐसी ही खबरों के लिए TV9 Bharatvarsh को Google पर फॉलो करें. भारत में इतनी गर्मी क्यों पड़ रही है?जलवायु परिवर्तन है बड़ा कारण
भारत में आखिर इतनी गर्मी क्यों पड़ रही है, इस सवाल का सीधा सा जवाब है- क्लाइमेट चेंज यानी जलवायु परिवर्तन. जलवायु परिवर्तन के कारण गर्मी में तीव्रता आ रही है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, हर साल औसत वैश्विक तापमान एक डिग्री सेल्सियस के करीब बढ़ रहा है.
गर्मी क्या कह रही है?पिछले साल ही भारत का औसत तापमान सामान्य से 0.44 डिग्री ज्यादा रहा था. 1901 के बाद 2021 पांचवां सबसे गर्म साल रहा था. सबसे ज्यादा तापमान 2016 में बढ़ा था. उस साल सामान्य से ये 0.71 डिग्री सेल्सियस ज्यादा था.
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