हर देश मे तू हर वेश में तू - har desh me too har vesh mein too

हर देश में तू, हर भेष में तू,
तेरे नाम अनेक तू एक ही है,
तेरे नाम अनेक तू एक ही है ।
तेरी रंगभूमि, यह विश्व भरा,
सब खेल में, मेल में तू ही तो है ॥

सागर से उठा बादल बनके,
बादल से फटा जल हो करके ।
फिर नहर बना नदियाँ गहरी,
तेरे भिन्न प्रकार, तू एक ही है ॥हर देश में तू, हर भेष में तू,
तेरे नाम अनेक तू एक ही है,
तेरे नाम अनेक तू एक ही है ।

चींटी से भी अणु-परमाणु बना,
सब जीव-जगत् का रूप लिया ।
कहीं पर्वत-वृक्ष विशाल बना,
सौंदर्य तेरा, तू एक ही है ॥हर देश में तू, हर भेष में तू,
तेरे नाम अनेक तू एक ही है,
तेरे नाम अनेक तू एक ही है ।

यह दिव्य दिखाया है जिसने,
वह है गुरुदेव की पूर्ण दया ।
तुकड़या कहे कोई न और दिखा,
बस मैं अरु तू सब एकही है ॥

हर देश में तू, हर भेष में तू,
तेरे नाम अनेक तू एक ही है,
तेरे नाम अनेक तू एक ही है ।
तेरी रंगभूमि, यह विश्व भरा,
सब खेल में, मेल में तू ही तो है ॥

Bhajan Arya Samaj BhajanVed BhajanVedic BhajanHawan BhajanYagya BhajanMotivational BhajanMorning BhajanDainik BhajanDaily BhajanPrarthana BhajanVandana BhajanJain BhajanJainism BhajanSchool BhajanCollage BhajanGurukul BhajanInspirational BhajanShanti Dham BhajanPrayaer Bhajan

अगर आपको यह भजन पसंद है, तो कृपया शेयर, लाइक या कॉमेंट जरूर करें!


इस भजन को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें

हर देश मे तू हर वेश में तू - har desh me too har vesh mein too


* कृपया अपने किसी भी तरह के सुझावों अथवा विचारों को हमारे साथ अवश्य शेयर करें।

** आप अपना हर तरह का फीडबैक हमें जरूर साझा करें, तब चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक: यहाँ साझा करें।

हर देश में तू, हर भेष में तू,
तेरे नाम अनेक तू एक ही है,
तेरे नाम अनेक तू एक ही है।
तेरी रंगभूमि, यह विश्व भरा,
सब खेल में, मेल में तू ही तो है॥

सागर से उठा बादल बनके,
बादल से फटा जल हो करके।
फिर नहर बना नदियाँ गहरी,
तेरे भिन्न प्रकार, तू एक ही है॥

हर देश में तू, हर भेष में तू,
तेरे नाम अनेक तू एक ही है,
तेरे नाम अनेक तू एक ही है।

चींटी से भी अणु-परमाणु बना,
सब जीव-जगत् का रूप लिया।
कहीं पर्वत-वृक्ष विशाल बना,
सौंदर्य तेरा, तू एक ही है ॥

हर देश में तू, हर भेष में तू,
तेरे नाम अनेक तू एक ही है,
तेरे नाम अनेक तू एक ही है।

यह दिव्य दिखाया है जिसने,
वह है गुरुदेव की पूर्ण दया।
तुकड़e कहे कोई न और दिखा,
बस मैं अरु तू सब एकही है॥

हर देश में तू, हर भेष में तू,
तेरे नाम अनेक तू एक ही है,
तेरे नाम अनेक तू एक ही है।
तेरी रंगभूमि, यह विश्व भरा,
सब खेल में, मेल में तू ही तो है॥

हर देश में तू, हर भेष में तू,
तेरे नाम अनेक तू एक ही है,
तेरी रंग भूमि यह विश्व धरा,
सब खेल में, तू हर मेल तू,
हर देश में तू, हर भेष में तू ,
तेरे नाम अनेक तू एक ही है,
हर देश में तू,

सागर से उठा, बादल बनके,
बादल से गिरा जल हो करके,
फिर नहर बना, नदियाँ गहरी,
तेरे भिन्न प्रकार तू एक ही है,
हर देश में तू, हर भेष में तू,
तेरे नाम अनेक तू एक ही है,
हर देश में तू,

चोटी अणु परमाणु बना,
सब जीव जगत का रूप लिया,
कहीं पर्वत वृक्ष, विशाल बना,
सौन्दर्य तेरा सब ही है,
हर देश में तू, हर भेष में तू,
तेरे नाम अनेक तू एक ही है,
हर देश में तू,

हर देश में तू हर भेष में तू,
तेरे नाम अनेक तू एक ही है,
तेरी रंगभूमि यह विश्व भरा,
सब खेल में मेल में तू ही तो है।।



सागर से उठा बादल बनके,

बादल से फटा जल हो करके,
फिर नहर बना नदियाँ गहरी,
तेरे भिन्न प्रकार तू एक ही है।।



चींटी से भी अणु-परमाणु बना,

सब जीव-जगत् का रूप लिया,
कहीं पर्वत-वृक्ष विशाल बना,
सौंदर्य तेरा तू एक ही है।।



यह दिव्य दिखाया है जिसने,

वह है गुरुदेव की पूर्ण दया,
‘तुकड़या’ कहे कोई न और दिखा,
बस मैं अरु तू सब एकही है।।



हर देश में तू हर भेष में तू,

तेरे नाम अनेक तू एक ही है,
तेरी रंगभूमि यह विश्व भरा,
सब खेल में मेल में तू ही तो है।।

– गायक एवं प्रेषक –
पं. तरुण तिवारी जी।
9098791344


हर देश में तू, हर भेष में तू,
तेरे नाम अनेक तू एक ही है,

हर देश में तू हर भेष में तू लिरिक्स हिंदी
Har Desh Me Tu Har Bhesh Me Tu Lyrics
Devotional Bhajan Lyrics Hindi : Traditional Bhajan Lyrics
हर देश में तू, हर भेष में तू,

तेरे नाम अनेक तू एक ही है,

तेरी रंग भूमि यह विश्व धरा,

सब खेल में, तू हर मेल तू,

हर देश में तू, हर भेष में तू ,

तेरे नाम अनेक तू एक ही है,

हर देश में तू,

सागर से उठा, बादल बनके,

बादल से गिरा जल हो करके,

फिर नहर बना, नदियाँ गहरी,

तेरे भिन्न प्रकार तू एक ही है,

हर देश में तू, हर भेष में तू,

तेरे नाम अनेक तू एक ही है,

हर देश में तू,

चोटी अणु परमाणु बना,

सब जीव जगत का रूप लिया,

कहीं पर्वत वृक्ष, विशाल बना,

सौन्दर्य तेरा सब ही है,

हर देश में तू, हर भेष में तू,

तेरे नाम अनेक तू एक ही है,

हर देश में तू,

ट्रेंडिंग भजन : 

  • चली जा रही है उमर धीरे धीरे भजन लिरिक्स
  • कभी राम बनके, कभी श्याम बनके चले आना भजन लिरिक्स
  • तूने अजब रचा भगवान् खिलौना माटी का भजन लिरिक्स
  • उठ जाग मुसाफिर भोर भई भजन लिरिक्स 
  • मारने वाला है भगवान, बचाने वाला है भगवान भजन लिरिक्स
  • इतनी शक्ति हमें दे ना दाता भजन लिरिक्स  
  • सभी ट्रेंडिंग डिवोशनल भजन देखें

यह दृश्य दिखाया हे जिसनें,

वो है गुरुदेव की पुण्य दया,

तेरा दास कहे प्रभु और दिखा,

बस मैं और तू सब एक ही है,

हर देश में तू, हर भेष में तू ,

तेरे नाम अनेक तू एक ही है,

हर देश में तू, हर भेष में तू ,

तेरे नाम अनेक तू एक ही है,

तेरी रंग भूमि यह विश्व धरा,

सब खेल में, तू हर मेल तू,

हर देश में तू, हर भेष में तू,

तेरे नाम अनेक तू एक ही है,

हर देश में तू,

Har Desh Main Tu | Aap ke Bhajan Vol 12 | Harish Gwala

Bhajan: Har Desh Main Tu Singer: Harish Gwala Album: Aap ke Bhajan Vol. 12 Lyrics: Traditional Music Label: Sanskar Music ISRC Code: IN-S23-14-25933
---------------------------------------------------------

विनम्र निवेदन: वेबसाइट को और बेहतर बनाने हेतु अपने कीमती सुझाव नीचे कॉमेंट बॉक्स में लिखें व इस ज्ञानवर्धक ख़जाने को अपनें मित्रों के साथ अवश्य शेयर करें। यदि कोई त्रुटि / सुधार हो तो आप मुझे यहाँ क्लिक करके ई मेल के माध्यम से भी सम्पर्क कर सकते हैं। धन्यवाद।