घर में बाथरूम कहाँ होना चाहिए? - ghar mein baatharoom kahaan hona chaahie?

घर में कहां बनाएं टॉयलेट, बाथरूम और स्टोर रूम, जानें उत्तर-पश्चिम दिशा का वास्तु कनेक्शन

उत्तर-पश्चिम (North west) दिशा में वास्तु दोष होने से सकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है. वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) में उत्तर-पश्चिम दिशा वायु देवता की मानी जाती है. आइए जानते हैं उत्तर-पश्चिम दिशा का वास्तु कनेक्शन.

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घर में बाथरूम कहाँ होना चाहिए? - ghar mein baatharoom kahaan hona chaahie?
Vastu Shastra For North West direction: वास्तु टिप्स

पश्चिम एवं उत्तर के मध्य में स्थित उत्तर-पश्चिम दिशा (North West Direction) वायव्य कोण कहलाती है. उत्तर-पश्चिम (North west) दिशा में वास्तु दोष होने से सकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है. वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) में उत्तर-पश्चिम दिशा वायु देवता की मानी जाती है. आइए जानते हैं उत्तर-पश्चिम दिशा का वास्तु कनेक्शन.

उत्तर-पश्चिम भाग संध्या के सूर्य की तपती रोशनी से प्रभावित रहता है. वास्तु में इस स्थान को शौचालय, स्टोर रूम, स्नान घर यानी बाथरूम बनाने के लिए उपयुक्त बताया गया है. क्योंकि इससे घर के अन्य हिस्से संध्या के सूर्य की उष्मा से बचे रहते हैं, जबकि ये उष्मा शौचालय एवं स्नानघर को स्वच्छ एवं सूखा रखने में सहायक होती है.

वास्तु के मुताबिक अगर घर या व्यवसायिक संस्थान का वायव्य कोण यानी उत्तर-पश्चिम का भाग कुछ कटा हुआ हो या अन्य दिशाओं के मुकाबले कम चौड़ा हो तो उस भाग की उत्तरी दीवार में लगभग चार फुट चौड़ा दर्पण लगवाने से लाभ प्राप्त होता है.

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घर की दक्षिण-पश्चिम या उत्तर-पश्चिम दिशा में बेडरूम होना पति-पत्नी के लिए फायदेमंद रहता है. दरअसल, उत्तर-पूर्व दिशा में देवी-देवताओं का स्थान होता है. इसलिए वास्तु में बेडरूम उत्तर दिशा में बनाने का सुझाव दिया जाता है. 

उत्तर पश्चिम-दिशा या वायव्य कोण हवा से संबंधित होती है. इसी कारण इस दिशा के लिए हल्का स्लेटी, सफेद और क्रीम रंग उपयुक्त माना जाता है.

उत्तर-पश्चिम दिशा में वास्तु दोष दूर करने के लिए एक छोटा फव्वारा या एक्वेरियम (Aquarium) रखना चाहिए. 

उत्तर-पश्चिम दिशा में कुवांरी कन्याओं का सोना शुभ माना जाता है, इससे विवाह के योग मजबूत होते हैं.

यदि आपके घर में नौकर है तो उसका कमरा उत्तर-पश्चिम दिशा में बनाना ठीक रहता है.

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लेट्रिन बाथरूम कौन सी दिशा में होना चाहिए?

बाथरूम घर के उत्तर या उत्तर-पश्चिम कोने में होना चाहिए. बाथरूम दक्षिण दिशा, दक्षिण-पूर्व या दक्षिण-पश्चिम दिशा में भी न बनवाएं, क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि इससे घर में लोगों के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है.

पूर्व मुखी मकान में शौचालय कहाँ होना चाहिए?

पूरब मुखी घर में का बाथरूम प्लेसमेंट पूरब मुखी घर के वास्तु प्लान के अनुसार अपने घर को डिजाइन करते समय बाथरूम दक्षिण-पूर्व या उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर होना चाहिए। उत्तर-पूर्व दिशा में बाथरूम और शौचालय बनाने से बचें।

क्या किचन के ऊपर बाथरूम बना सकते हैं?

घर में कभी भी बाथरूम और किचन पास-पास नहीं बनवाना चाहिए। अगर ऐसा है तो उपयोग न होने पर बाथरूम का दरवाजा हमेशा बंद रखें और पर्दा भी डाल देना चाहिए। ऐसा करने से बाथरूम की नकारात्मक ऊर्जा किचन में प्रवेश नहीं करती है।

स्नानघर कौन सी दिशा में होना चाहिए?

वास्तु शास्त्र के अनुसार स्नानघर से संबंधित कुछ नियम इस प्रकार से हैं :- स्नानघर को उत्तर दिशा पश्चिम दिशा या दक्षिणी नेऋत्य में भी बनाना काफी उपयुक्त रहता है। स्नानघर का दरवाजा पूर्व दिशा या उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए। अगर घर का प्रमुख द्वार पूर्व दिशा की ओर हो तो स्नानगृह पूर्व दिशा में बनवाना चाहिए