फेफड़ों की जांच कैसे की जाती है? - phephadon kee jaanch kaise kee jaatee hai?

दुनिया भर में फेफड़ों के स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से 25 सितंबर को विश्व फेफड़ा दिवस (World Lung day 2022) मनाया जाता है। फेफड़ों की बीमारी एक दर्दनाक बीमारी है। इसकी चपेट में किसी भी उम्र के लोग आ सकते हैं। यहां तक कि अभी भी फेफड़े के रोग से दुनिया भर में हर साल लाखों लोग अपनी जान गंवा देते हैं।

फेफड़ों में कौन सी बीमारी होती है?इससे संबंधित प्रमुख रोग में टीबी, अस्थमा, सीओपीडी, निमोनिया, तथा फेफड़ों का कैंसर आदि शामिल है। जो वायु प्रदूषण धूम्रपान और जलवायु परिवर्तन जैसे कारकों का परिणाम होती है।

ऐसे में वक्त पर यह पता लगना की आपके फेफड़े स्वस्थ है या नहीं बहुत जरूरी है। फेफड़ों की जांच कैसे करें? ऑनक्वेस्ट प्रयोगशाला लैब के निदेशक डॉ शिवाली अहलावत बताते हैं कि व्यक्ति अपने फेफड़ों की जांच खुद घर पर भी कर सकता है। इसे करने के कुछ आसान तरीके हैं, जिनकी मदद से आप अपने फेफड़ों के स्वास्थ्य के बारे में जान सकते हैं।

​ब्रेथ होल्डिंग एक्सरसाइज

डॉ रवि गौड़ बताते हैं कि फेफड़ों की जांच के लिए ब्रेथ होल्डिंग एक्सरसाइज की जा सकती है। इसमें मुँह में सांस भरकर रोके रखनी पड़ती है। ये एक्सरसाइज कम से कम छह महीने तक करें। ब्रेथ होल्डिंग एक्सरसाइज के दौरान अगर आप 25 से 30 सेकेंड तक अपनी सांस रोकने में सफल रहते हैं तो आपके फेफड़े सेहतमंद है।

​पीक एक्सपिरेटरी फ्लो मीटर

फेफड़ों की क्षमता जांचने के लिए पीईएफआर टेस्ट भी एक अच्छा विकल्प होता है। इसमें तीन लेवल मार्क किए होते हैं, जो कलर के रूप में नजर आते हैं। हरा पीला और लाल। इसमें फूंक मारने के बाद मीटर में अगर हरे रंग के संकेत तक पहुंचते हैं तो आपके फेफड़ों की स्थिति बहुत अच्छी है। अगर पीले रंग तक पहुंचते है तो थोड़ी सुधार की आवश्यकता है, और लाल रंग पर स्थिति खराब माना जाता है। ऐसे में तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।

​डॉक्टर फेफडे की जांच कैसे करते हैं

फेफड़ों की जांच के लिए एक्स-रे, सीटी स्कैन, ब्रोंकोस्कोपी, फुफ्फुस बायोप्सी, और नींद की बीमारी वाले रोगियों के लिए पॉलीसोम्नोग्राफी किए जाते हैं।

​फेफड़े खराब होने के लक्षण

  • काफी समय से छाती में दर्द महसूस होना
  • महीने भर या उससे अधिक समय तक बलगम की समस्या होना
  • सांस लेने में तकलीफ
  • खांसी में खून
  • वजन घटना

कैसे रखें फेफड़ों को स्वस्थ

अपने फेफड़ों को स्वस्थ और सेहतमंद बनाए रखने के लिए बेहद जरूरी होता है। ऐसे में बीमारियों से बचाव के लिए धूम्रपान न करें, इंडोर और आउटडोर प्रदूषण से बचें, योगा और एक्सरसाइज करें, विटामिन सी से भरपूर आहार लें, पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं।

डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

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Deepak Verma |

नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated: 7 May 2021, 3:00 pm

How To Check Lungs Fitness At Home: मेदांता अस्‍पताल के चेस्‍ट स्‍पेशलिस्‍ट डॉ अरविंद कुमार ने घर पर ही फेफड़ों की सेहत जांचने का तरीका बताया है। इसके अलावा वह होम आइसोलेशन में रहते हुए अपना ध्‍यान कैसे रखें, यह भी बता रहे हैं।

हाइलाइट्स

  • कोरोना के लक्षण दिखें तो डॉक्‍टर की बताई इन 6 बातों पर जरूर करें अमल
  • RT-PCR की रिपोर्ट का इंतजार न करें, फौरन कर लें खुद को आइसोलेट
  • खुद को मॉनिटर करते रहें, घबराएं नहीं, दवाएं और पौष्टिक भोजन लें
  • फेफड़ों की सेहत चेक करने का एक्‍सपर्ट ने बताया सबसे आसान तरीका

नई दिल्‍ली
कोविड-19 की दूसरी लहर जितनी तेजी से फैल रही है, लोगों में उतना ही डर बढ़ता जा रहा है। एक्‍सपर्ट्स के अनुसार, अगर आपको कोरोना वायरस के लक्षण दिखते हैं तो खुद को आइसोलेट जरूर करें। इसके लिए बुखार या RT-PCR टेस्‍ट की रिपोर्ट का इंतजार करने की जरूरत नहीं है। अगर गला खराब हो, नाक बह रही हो, बदन-दर्द हो, सिर घूम रहा हो या डायरिया हो तो सावधानी बरतना शुरू कर दें।

मेदांता अस्‍पताल के डॉक्‍टर अरविंद कुमार के अनुसार, छह M का ध्‍यान रखकर आप कोविड-19 से लड़ सकते हैं। एक न्‍यूज चैनल से बातचीत में डॉ कुमार ने वो छह उपाय बताए हैं जिनसे आप खुद को सुरक्षित रखते हुए फिटनेस चेक कर सकते हैं। उन्‍होंने घर पर रहकर फेफड़ों की जांच करने का तरीका भी बताया।

  • मिक्सिंग न करें। यानी अगर लक्षण दिखें तो खुद को आइसोलेट जरूर करें। संक्रमण को रोकने के लिए यह बहुत जरूरी है।
  • मेडिसिन लेना शुरू कर दें। बुखार न हो तो भी हर छह-छह घंटे पर पैरासिटामॉल लेना शुरू कर दें। जरूरत पड़े तो 4-4 घंटे के अंतराल पर भी ले सकते हैं। अगर डॉक्‍टर ने ऐंटी-वायरल या ऐंटी-बायोटिक दवाएं लिखी हैं तो ले सकते हैं। डॉ कुमार ने कहा कि अभी तक इस बात के सबूत नहीं हैं कि इसका असर होता है। अपना प्रिस्क्रिप्‍शन से किसी और को दवा लेने के लिए न कहें। हर मरीज पर अलग दवा असर करती है जो आपका डॉक्‍टर बेहतर बताएगा। खुद से ही इलाज न शुरू करें।
  • मील्‍स जरूर लें। यानी खाना बंद न करें। हाई प्रोटीन डायट लें। ताजे फल खाएं। दो-ढाई लीटर पानी और ताजा जूस लें। चिकनाई वाली चीजों से परहेज करें।
  • माइंडसेट को पॉजिटिव रखें। पैनिक न करें इससे और ज्‍यादा नुकसान होता है। 97%-98% मरीज ठीक हो जाते हैं। डॉक्‍टर की सलाह फॉलो करें।
  • मॉनिटरिंग जरूरी करें। बुखार को 4-4 घंटे करते रहें। पल्‍स ऑक्सिमीटर के जरिए ऑक्सिजन लेवल चेक करते रहें। नाखून पर नेल पॉलिश न हो। उंगली पूरी अंदर जाएं। 2-2 मिनट के लिए स्थिर रखने के बाद रीडिंग लें।
  • मूवमेंट टू हॉस्पिटल: अगर बुखार 104-105 फैरनहाइट से ज्‍यादा हो, सीने में दर्द हो, लगातार खांसी आ रही हो, सांस लेने में तकलीफ हो तो आपको ऑक्सिजन की जरूरत है। आप अस्‍पताल जा सकते हैं।


ऐसे चेक करें फेफड़ों की सेहत
डॉ कुमार के अनुसार, घर बैठे-बैठे सांस रोक कर और 6 मिनट वॉक के जरिए फेफड़ों को टेस्‍ट कर सकते हैं। बैठकर गहरी सांस लीजिए और सांस को अंदर रोक लीजिए। जितनी देर तक रोक सकते हैं, रोककर रखिए। हर घंटे में एक बार डीप ब्रीदिंग और सांस रोकने की प्रैक्टिस करिए। अगर आपका सांस रोकने का समय रोज 2-3 सेकेंड बढ़ रहा है और 25-30 सेकेंड से ऊपर है तो मोटे तौर पर फेफड़ों में समस्‍या नहीं है।

ऑक्सिजन सैचुरेशन चेक कीजिए। इसके बाद 6 मिनट वॉक कीजिए। उसके बाद फिर रीडिंग लीजिए। अगर सैचुरेशन में 3-4% से ज्‍यादा की गिरावट नहीं होती तो मतलब फेफड़े ठीक काम कर रहे हैं।

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फेफड़ों की जांच कितने रुपए में होती है?

फेफड़ों की जांच पल्मोनरी फंक्शन टेस्ट (PFT-Pulmonary Function Test)। यह फेफड़ों की जांच है। इस पर खर्च 300 से 500 रुपये आता है।

फेफड़ों के लिए कौन सी जांच होती है?

फेफड़ों की जांच के लिए एक्स-रे, सीटी स्कैन, ब्रोंकोस्कोपी, फुफ्फुस बायोप्सी, और नींद की बीमारी वाले रोगियों के लिए पॉलीसोम्नोग्राफी किए जाते हैं।

फेफड़े खराब होने के क्या लक्षण है?

फेफड़ों में कमी होने पर व्यक्ति को सांस लेने में तकलीफ या फिर सांस फूलने की समस्या होने लगती है. हालांकि इन दिनों कोरोना महामारी और बढ़ते प्रदूषण की वजह से लोगों के फेफड़े खराब हो रहे हैं. खराब डाइट, शराब और धुम्रपान की वजह से आपके फेफड़े कमजोर हो सकते हैं.

फेफड़े के डॉक्टर को क्या कहते है?

पल्मोनोलॉजिस्ट, नोएडा, भारत

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