Teachers Day 2022: भारत में हर वर्ष 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। शिक्षक दिवस पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती पर मनाया जाता है। देश के पहले उप-राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन एक मशहूर दार्शनिक और शिक्षाविद थे। उनका जन्म 5 सितम्बर 1888 को तमिलनाडु के तिरुमनी गांव में हुआ था। यह स्मरणोत्सव हमारे देश के प्रथम उपराष्ट्रपति (दूसरे राष्ट्रपति) डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती का प्रतीक है। Show डॉ राधाकृष्णन ने भारत की शिक्षा को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और बच्चों को स्कूलों में जाने और शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया था। इस पहलू में उनके योगदान ने शिक्षा को कई लोगों के लिए सुलभ बनाया है। इस दिन छात्र अपने गुरू के लिए कई तरह के कार्यक्रम का आयोजन करते हैं। एक छात्र के जीवन में उसके शिक्षक की भूमिका बहुत अहम रहती है। भारत में शिक्षक को माता-पिता के बराबर का स्थान भी दिया जाता है। अभी पढ़ें – देश इन हिस्सों में आज तेज बारिश के आसार, मौसम विभाग ने दी ये जानकारी हर किसी के जीवन में शिक्षक की भूमिका काफी महत्वपूर्ण और खास होती है। एक शिक्षक बच्चे को एक सफल और बेहतर इंसान बनाने में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। भारत में शिक्षक दिवस का उत्सव स्कूलों और कॉलेजों में विभिन्न मनोरंजक गतिविधियों से भरा होता है। इस अवसर पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किया जाता है, जहां छात्र शिक्षकों की सराहना करते हैं और उन्हें शुभकामनाएं और उपहार देकर सम्मानित करते हैं। जानें क्यों मनाया जाता है ?डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर, 1888 को हुआ था। वे एक विद्वान शिक्षक थे। उन्होंने अपने जीवन के चालीस साल एक शिक्षक के रूप में भारत के भविष्य को बेहतर बनाने में लगाए। शिक्षक के रूप में उनके योगदान और बहुमूल्य कार्यों को याद करने के लिए हर वर्ष उनके जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। बता दें कि जब डॉ. राधाकृष्णन भारत के राष्ट्रपति बने, तो कुछ मित्र और पूर्व छात्र उनसे मिलने आए। उन्होंने सर्वपल्ली राधाकृष्णन से उनका जन्मदिवस भव्य तरीके से मनाने की अनुमति मांगी। इस पर डॉ राधाकृष्णन ने कहा कि मेरे जन्मदिन को अलग तरीके से मनाने के बजाय, यदि 5 सितंबर को शिक्षकों द्वारा किए गए शिक्षा के क्षेत्र में कार्य, समर्पण और उनकी लगन-मेहनत को सम्मानित करते हुए मनाएं तो मुझे और अधिक ख़ुशी होगी और गर्व होगा। इसके बाद से देश में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने की प्रथा शुरू हुई, जो आज तक जारी है। अभी पढ़ें – टीम इंडिया को बड़ा झटका, रविंद्र जडेजा हुए T20 World Cup से बाहर शिक्षक दिवस का महत्वएक छात्र के जीवन में शिक्षक दिवस या टीचर्स के का महत्व बहुत महत्वपूर्ण है। क्योंकि शिक्षक छात्र को सही भविष्य और सही रास्ते पर चलना सिखाता है। वह छात्र को अच्छे गलत की समझ सिखाते हैं। ऐसे में छात्र के पास इस दिन शिक्षक के इन परिश्रमों का धन्यवाद करने का मौका होता है। इसलिए यह दिन सभी छात्रों के लिए बेहत खास माना जाता है। अभी पढ़ें – देश से जुड़ी खबरें यहाँ पढ़ें Click Here – News 24 APP अभी download करें सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिन शिक्षक दिवस के रूप में क्यों मनाया जाता है?सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर, 1888 को हुआ था। वे एक विद्वान शिक्षक थे। उन्होंने अपने जीवन के चालीस साल एक शिक्षक के रूप में भारत के भविष्य को बेहतर बनाने में लगाए। शिक्षक के रूप में उनके योगदान और बहुमूल्य कार्यों को याद करने के लिए हर वर्ष उनके जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।
5 सितंबर को अध्यापक दिवस क्यों मनाया जाता है?भारत में हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है. इस तारीख के पीछे विशेष कारण है. इसी दिन सन् 1888 को भारत के दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म हुआ था.
शिक्षक दिवस पर क्यों मनाया जाता है?भारत के भूतपूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिन (५ सितंबर) भारत में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने अपने छात्रों से जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने की इच्छा जताई थी। दुनिया के 100 से ज्यादा देशों में अलग-अलग तारीख पर शिक्षक दिवस मनाया जाता है।
शिक्षक दिवस का असली दिन क्या है?सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर, 1888 को हुआ था. वे एक विद्वान शिक्षक थे. उन्होंने अपने जीवन के चालीस वर्ष एक शिक्षक के रूप में भारत के भविष्य को बेहतर बनाने में लगाया था. उनके शिक्षक के रूप में दिए गए योगदान को हमेशा याद रखने के लिए हर साल उनके जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है.
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