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किस पेड़ की लकड़ी सबसे ज्यादा मजबूत होती है? ये रहा सही जवाबTV9 Bharatvarsh | Edited By: Updated on: Jul 28, 2021 | 7:28 AM IST घर में लगे दरवाजों से लेकर बेड, कुर्सी, टेबल समेत अन्य फर्नीचर ही देख लें, ये भी तो पेड़ों से प्राप्त हुई लकड़ियों के ही बने होते हैं. जितनी मजबूत लकड़ी होगी, उतना मजबूत होगा आपका फर्नीचर.मानव जीवन के लिए पेड़ बहुत ही जरूरी होते हैं. ये हमारे पर्यावरण में ऑक्सीजन का स्रोत होते हैं. मौसम को नियंत्रित करने में भी इनका अहम रोल होता है. पेड़ हमें फल देते हैं, छाया देते हैं. फल, फूल, सब्जियों, औषधियों के अलावा भी ये हमारे बहुत ही काम आते हैं. घर में लगे दरवाजों से लेकर बेड, कुर्सी, टेबल समेत अन्य फर्नीचर ही देख लें, ये भी तो पेड़ों से प्राप्त हुई लकड़ियों के ही बने होते हैं. जितनी मजबूत लकड़ी होगी, उतना मजबूत होगा आपका फर्नीचर. क्या आप जानते हैं कि किस पेड़ की लकड़ी सबसे मजबूत होती है? 1 / 5 सबसे मजबूत लकड़ी के बारे में कई तरह की रिपोर्ट्स हैं. कुछ रिपोर्ट्स में बताया गया है कि शीशम की लकड़ी सबसे मजबूत होती है. खासकर फर्नीचर के लिए. गांवों में अभी भी आप देखेंगे कि पुराने जमाने में लोगों ने बहुत सारे शीशम के पेड़ लगा रखे हैं. शीशम के पेड़ की लकड़ी अपनी मजबूती के कारण बहुत महंगी भी होती है. 2 / 5 ज्यादातर रिपोर्ट्स बताती हैं कि लकड़ी के मामले में देवदार के पेड़ सबसे मजबूत होते हैं. लेकिन ये पेड़ खासकर पहाड़ी क्षेत्रों में पाए जाते हैं. 3500 से 12000 फीट की ऊंचाई पर ये पेड़ पाए जाते हैं. देवदार के पेड़ की लकड़ी बहुत ही मजबूत और सख्त होती है. यही कारण है कि फर्नीचर्स तैयार करने में इनका उपयोग होता है. देवदार के पेड़ को वैज्ञानिक भाषा में सिड्रस देवदार (Cedrus Deodara) कहा जाता है. 3 / 5 देवदार के पेड़ को हिमाचल प्रदेश में राजकीय वृक्ष का दर्जा प्राप्त है. किसी भी तरह की मिट्टी में आसानी से उग जाने के कारण ये लोकप्रिय है. ये पेड़ 45 मीटर या उससे कुछ अधिक तक लंबे हो सकते हैं. जब फर्नीचर बनाने की बात आती है तो मजबूती के लिए देवदार का नाम आता है. पहाड़ी क्षेत्रों में ये पेड़ अपनी भौगोलिक, सांस्कृतिक और भौतिक महत्व रखते हैं. 4 / 5 महोगनी की लकड़ी को भी मजबूत माना जाता है. लाल और भूरे रंग की यह लकड़ी लंबे समय तक उपयोग में लाई जाने वाली लकड़ी होती है. खास बात यह है कि इस पर पानी से कोई नुकसान नहीं होता है, जबकि इसके पेड़ 50 डिग्री सेल्सियस तक ही तापमान को सहने की क्षमता रखते हैं. काफी कम पानी में भी यह पेड़ लगातार बढ़ता जाता है. ((Photo Source: Pexels, Al jazeera)) 5 / 5
Most Read Storiesचीड़ वृक्ष कहाँ पाया जाता है?इनके विस्तार के मुख्य स्थान उत्तरी यूरोप, उत्तरी अमेरिका, उत्तरी अफ्रीका के शीतोष्ण भाग तथा एशिया में भारत, बर्मा, जावा, सुमात्रा, बोर्नियो और फिलीपींस द्वीपसमूह हैं।
चीड़ के पेड़ में कौन सा फल होता है?चीड़ क्या है? (What is Pine?)
इसके पत्ते 3 के गुच्छे में होते हैं जिनकी लम्बाई 20-30 सेमी होती है. इसके फल देवदारु के फल जैसे ही होते हैं लेकिन ये आकार में कुछ बड़े, शंक्वाकार, पिरामिड आकार के नुकीले होते हैं। मार्च से नवम्बर के बीच में इसमें फल और फूल निकलते हैं.
देवदार की क्या विशेषता है?देवदारु का वृक्ष सौ-दो सौ सालों तक जिंदा रहता है। इसको बढ़ने के लिए जितनी जगह मिलती है उतना ही बढ़ता जाता है। देवदारू का वृक्ष जितना पूराना होता है उतना ही उसकी उपयोगिता औषधि और इस्तेमाल करने के सामान के तौर पर बढ़ता जाता है। देवदार कई तरह के होते हैं और उनका प्रयोग अलग-अलग बीमारियों के लिए किया जाता है।
हिमाचल में कौन कौन से पेड़ पाए जाते हैं?हिमाचल प्रदेश में 37,033 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पवन 66.52%. है। मुख्य वृक्ष- देवदार, कायल, चीड़, सिल्वर फीट, नैव्जा (चिलगोजा) ओक, वालनट, साल, बान, खरतू मोहाऊ, मेपल शीशम आदि ।
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