चुंबकीय क्षेत्र रेखा से क्या तात्पर्य है? - chumbakeey kshetr rekha se kya taatpary hai?

इसे सुनेंरोकेंचुम्बकीय क्षेत्र रेखा – यह एक काल्पनिक रेखा है जो उत्तरी ध्रुव से उत्पादित होते हुए किसी भी चुम्बक के बाहर दक्षिण ध्रुव को जाती है। (i) चुम्बकीय क्षेत्र रेखाएँ कभी – भी एक दूसरे को नहीं काटती।

चुंबकीय क्षेत्र रेखाएं क्या होती हैं?

इसे सुनेंरोकेंचुंबकीय क्षेत्र रेखाएं एक दृश्य उपकरण है जिसका उपयोग चुंबकीय क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करने के लिए किया जाता है। वे किसी भी स्थिति में उत्तरी मोनोपोल पर चुंबकीय बल की दिशा का वर्णन करते हैं।

चुंबकीय क्षेत्र रेखाएं क्या है चुंबकीय क्षेत्र रेखाओं के कोई दो गुण लिखें?

इसे सुनेंरोकेंचुम्बकीय क्षेत्र रेखाओं के गुण: (i) ये रेखाएं बंद वक्र रेखाएं होती हैं जो उत्तरी ध्रुव से उत्पन्न होती हैं और दक्षिणी ध्रुव तक जाती हैं, जो चुम्बक के भीतर से होती हुईं फिर उत्तरी ध्रुव की ओर जाती हैं। (ii) चुम्बकीय रेखाएं कभी एक दूसरे को प्रतिच्छेद नहीं करती।

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चुंबकीय बल रेखाएं क्या है इसके कोई दो गुण लिखिए?

इसे सुनेंरोकेंचुंबकीय बल रेखा के गुण निम्न हैं- (i) ये सदैव उत्तरी ध्रुव से आरंभ होकर दक्षिणी ध्रुव पर समाप्त होता है । (ii) ये वक्र रेखाएँ होती हैं, जिससे किसी बिन्दु पर खींची गई स्पर्श रेखा, उस स्थान पर चुंबकीय क्षेत्र की तीव्रता की दिशा प्रदर्शित करती है।

चुंबकीय क्षेत्र की रेखाएं क्या होती है?

चुंबकीय बल रेखाओं से क्या तात्पर्य है इनके प्रमुख गुणों का उल्लेख कीजिए?

चुंबकीय बल रेखाओं के गुण :-

  • चुंबकीय बल रेखाएं एक बन्द वक्र बनती है।
  • चुंबकीय बल रेखाएं कभी भी एक दूसरे को काटती नहीं है।
  • जहां चुंबकीय बल रेखाएं पास-पास होती हैं।
  • जिस स्थान पर चुंबकीय बल रेखाएं एक-दूसरी रेखाओं के समांतर व समदूरस्थ (समान दूरी) पर होती है।

विद्युत बल रेखाएं क्या है?

इसे सुनेंरोकें(1) विद्युत बल रेखाएं विद्युत आवेश के पास आकाश में काल्पनिक वक्र है। जो धनावेश से प्रारंभ होकर ऋणावेश पर समाप्त होती है। (2) विद्युत बल रेखाओं के किसी भी बिंदु पर खींची गई स्पर्श रेखा उस बिंदु पर परिणामी तीव्रता की दिशा को प्रदर्शित करती है। (3) विद्युत बल रेखाएं चालक की सतह के लम्बवत निकलती है अथवा समाप्त होती है।

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वैद्युत क्षेत्र का मात्रक क्या है?

इसे सुनेंरोकेंविद्युत क्षेत्र एक सदिश (vector) राशि है। परिभाषा : किसी आवेश के चारों तरफ का वह क्षेत्र जिसमें किसी अन्य आवेश को लाने पर वह वैद्युत बल (आकर्षण या प्रतिकर्षण बल) का अनुभव करता है, विद्युत क्षेत्र कहलाता है।

Magnetic field lines or magnetic lines of force in hindi चुम्बकीय क्षेत्र रेखाएँ या चुंबकीय बल रेखाएं क्या है , किसे कहते है , परिभाषा , गुण बताइये ? चुंबकीय क्षेत्र रेखाओं के गुण 2 गुणों को लिखें ? की सूची बनाइए ?

परिभाषा : यदि एक चुम्बक के पास कोई चुम्बकीय सुई (कम्पास सूई ) लायी जाए तो चुंबकीय सुई एक निश्चित दिशा में ठहरती है , अब यदि चुम्बकीय सुई की स्थिति बदल दी जाए तो इसके ठहरने की दिशा भी बदल जाती है इसी प्रकार सुई एक वक्र पथ में विचलित होती रहती है।

इससे यह सिद्ध होता है की चुम्बकीय क्षेत्र की रेखा वक्र के रूप में होती है इन्हीं वक्र रेखाओं को चुम्बकीय क्षेत्र रेखाएँ या बल रेखाएं कहते है।

परिभाषा : किसी भी चुम्बक के चारों ओर का वह क्षेत्र जिसमे चुम्बकीय प्रभाव का अनुभव किया जा सकता है उसे क्षेत्र को उस चुंबक का क्षेत्र कहते है।

चुंबकीय क्षेत्र रेखा से क्या तात्पर्य है? - chumbakeey kshetr rekha se kya taatpary hai?

 

दूसरे शब्दों में कहे

” जब किसी चुम्बकीय क्षेत्र में एकांक उत्तरी ध्रुव को रखा जाए तो तो इस एकांक ध्रुव पर एक बल कार्य करता है , इस बल के कारण यह ध्रुव गति करता है , गति करने के लिए यह जिस पथ का अनुसरण करता है इस पर काल्पनिक रेखाएं खींचने पर यह पथ वक्र के रूप में प्राप्त होता है , इन वक्र रेखाओ को ही चुम्बकीय क्षेत्र रेखाएं कहते है “

चुंबकीय क्षेत्र रेखा से क्या तात्पर्य है? - chumbakeey kshetr rekha se kya taatpary hai?

चुम्बकीय क्षेत्र रेखा या चुंबकीय बल रेखाओं के गुण (Properties of magnetic field line or magnetic force lines)

1. चुम्बकीय रेखाएं बंद वक्र के रूप में होती है

किसी भी चुम्बक के बाहर चुम्बकीय रेखाएं उत्तरी ध्रुव से दक्षिणी ध्रुव की ओर चलती है तथा चुम्बक के भीतर दक्षिण ध्रुव से उत्तर ध्रुव की ओर चलती है , चुम्बकीय क्षेत्र बल रेखाओ का अंत नहीं है।

2. किसी भी चुम्बकीय बल रेखा पर खिंची गयी स्पर्श रेखा उस बिन्दु पर चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा को व्यक्त करती है।

3. दो चुम्बकीय बल रेखाये कभी भी एक दूसरे को नही काटती है , क्योंकि अगर ये एक दूसरे को काटे तो कटान बिन्दु पर चुंबकीय क्षेत्र की दो दिशाएं प्राप्त होती है जो की असंभव है।

4. जिस स्थान पर चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता अधिक होती है वहां सघन रेखाओ से दर्शाया जाता है तथा जहाँ चुंबकीय क्षेत्र की तीव्रता का मान कम होता है वहाँ कम रेखाओ से प्रदर्शित किया जाता है।

चुम्बकीय बल रेखाएँ– चुम्बकीय क्षेत्र में बल रेखाएँ वे काल्पनिक रेखाएँ है, जो उस स्थान मे चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा का सतत प्रदर्शन करती हैं। चुम्बकीय बल-रेखा के किसी भी बिन्दु पर खीची गई स्पर्श-रेखा उस बिन्दु पर चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा को प्रदर्शित करती है।

चुम्बकीय बल-रेखाओ के गुण

–  चुम्बकीय बल-रेखाएँ सदैव चुम्बक के उत्तरी ध्रुव से निकलती है तथा वक्र बनाती हुई दक्षिणी ध्रुव में प्रवेश कर पाती है और चुम्बक के अन्दर से होती हुई पुनः उत्तरी ध्रुव पर वापस आती है।

–  दो बल-रेखाएँ एक-दूसरे को कभी नहीं काटती है।

–  चुम्बकीय क्षेत्र जहाँ प्रबल होती है, वहाँ बल-रेखाएँ पास-पास होती है।

– एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र की बल-रेखाएँ परस्पर समान्तर एंव बराबर-बराबर दुरियों पर होती हैं।

चुम्बकशीलता- जब किसी चुम्बकीय क्षेत्र में कोई चुम्बकीय पदार्थ रखा जाता है, तो उससे होकर अधिक-से-अधिक चुम्बकीय बल रेखाएँ गुजरती हैं। जैसे- यदि एक कच्चे लोहे की छड़ को किसी चुम्बकीय क्षेत्र में रख दिया जाता है, तो क्षेत्र की बल रेखाएँ, जो लोहे के छड़ के अगल-बगल की हवा में रहती है, मुड़कर लोहे के छड़ से होकर जाती है। अर्थात लोहे की छड़ जितना स्थान छेकती है, उस स्थान पर हवा रहने तक जितनी बल रेखाएँ रहती है, उनसे अधिक बल रेखाएँ उस स्थान पर लोहे की छड़ के रहने से रहती है। इससे स्पष्ट है कि लोहा बल-रेखाओं का बहुत अच्छा चालक है। पदार्थ की इस चालक-शक्ति को चुम्बकशीलता कहते हैं। अतः किसी पदार्थ की चुम्बकशीलता हवा की तुलना में बल-रेखाओं के चालन की उसकी शक्ति है। अर्थात पदार्थ का वह गुण जिसके कारण उसके भीतर चुम्बकीय बल-रेखाओं की सघनता बढ़ या घटा जाती है चुम्बकशीलता कहलाती है। चुम्बकशीलता को (म्यू) से निरूपित करते है।

जहाँ भ् = हवा में प्रति वर्ग मी. बल रेखाओं की संख्या।

ठ = चम्बकीय पदार्थ में प्रति वर्ग मी. से गुजरने वाली बल रेखाएँ।

चुम्बकशीलता का मात्रक हेनरी/मी. होता है।

नोट- ऐलुमिनियम की चुम्बकशीलता लोहे से कम होती है।

गतिमान आवेश से चुम्बकीय क्षेत्र की उत्पत्ति (production of magnetic field due to moving charge) : प्रयोगों से यह देखा गया है कि जिस प्रकार एक चुम्बक के चारों ओर एक चुम्बकीय क्षेत्र स्थापित हो जाता है , ठीक उसी प्रकार एक धारावाही चालक के चारों ओर भी एक चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न हो जाता है। चूँकि विद्युत धारा गतिशील आवेश का परिणाम होती है अत: हम कह सकते है कि गतिशील आवेश के कारण एक चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न हो जाता है। यह तथ्य आगे दिए गए प्रयोगों द्वारा पुष्ट हो जाता है –

(1) ऑसर्टेड का प्रयोग (oersted experiment) : डेनमार्क के एक स्कूल अध्यापक ऑर्सटेड ने सन 1819 में यह ज्ञात किया कि किसी तार में धारा बहाने पर उसके चारों ओर एक चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न हो जाता है। जब एक लोहे की कील पर पृथक्कृत तांबे के तारों को लपेटकर धारा प्रवाहित की जाती है तो यह कील चुम्बकित होकर लोहे की छोटी छोटी अन्य कीलों को अपनी ओर आकर्षित करने लगती है। जब किसी तार में धारा प्रवाहित की जाती है तो उस तार के निचे रखी दिक्सूचक सुई में विक्षेप उत्पन्न हो जाता है। तार में धारा का मान शून्य हो जाने पर सुई में विक्षेप भी शून्य हो जाता है और धारा की दिशा विपरीत कर देने पर विक्षेप भी विपरीत दिशा में हो जाता है।

उक्त प्रयोग से यह निष्कर्ष निकलता है कि तार में विद्युत धारा प्रवाहित करने पर , इसके चारों ओर एक चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न हो जाता है जिसकी दिशा धारा की दिशा पर निर्भर करती है और चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता धारा की प्रबलता पर निर्भर करती है।

नोट : धारावाही चालक में ध्रुवों को पहचानना –

(i) जब किसी चालक में धारा प्रवाहित होती है तो उसका प्रत्येक बिंदु उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव की भाँती कार्य करता है।

(ii) उत्तरी ध्रुव धनात्मक आवेश की तरह कार्य करेगा। N → (+)

(iii) दक्षिणी ध्रुव ऋणात्मक आवेश की तरह कार्य करेगा। S → (-)

(iv) धारा की दिशा S-ध्रुव से N-ध्रुव की तरफ होती है।

(v) अर्थात जहाँ धारा प्रवेश करती है वहां दक्षिणी ध्रुव और जहाँ धारा निकलती है वहां उत्तरी ध्रुव बनता है।

चुंबकीय क्षेत्र रेखाओं से क्या तात्पर्य है?

Solution : चुम्बकीय क्षेत्र रेखाएँ - किसी चुम्बक के चारो ओर का वह क्षेत्र जिसमे उसके बल का संसूचन किया जा सकता है उस चुम्बक का चुम्बकीय क्षेत्र कहलाता है वह रेखाएँ जिनके अनुदिश लोह- चूर्ण स्वयं संरेखित होता है, चुम्बकीय क्षेत्र रेखाओं का निरूपण करती है चुम्बकीय क्षेत्र में परिणाम एवं दिशा दोनों होते है किसी चुम्बकीय ...

चुंबकीय क्षेत्र रेखाएं क्या है उनके गुण?

Solution : चुम्बकीय बल रेखा वह वक्राकार पथ है जिस पर स्वतंत्र एकांक उत्तरी ध्रुव गमन कर सकता हैं । किसी चुम्बकीय क्षेत्र की बल रेखा यह निष्कोण वक्र हैं , जिसके किसी बिंदु पर खींची गई स्पर्श रेखा उस बिंदु पर परिणामी चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा को व्यक्त करती हैं ।

चुंबकीय क्षेत्र रेखा क्या है चुंबकीय क्षेत्र रेखा के कोई दो गुण लिखिए?

Solution : चुंबकीय क्षेत्र रेखाओं के गुण <br> (a) ध्रुवों के समीप क्षेत्र रेखाएँ घनी होती है। <br> (b) क्षेत्र रेखाओं की निकटता चुंबकीय क्षेत्र की प्रबलता की द्योतक होती है। जिस स्थान पर क्षेत्र रेखाएँ एक दूसरे के बहुत निकट होती है वहाँ चुंबकीय क्षेत्र अधिक प्रबल होता है। <br> (c) ये चुंबकीय क्षेत्र रेखाएँ .

चुंबकीय क्षेत्र की तीव्रता से क्या तात्पर्य है इसका मात्रक लिखिए?

Solution : चुम्बकीय क्षेत्र में किसी बिंदु पर रखा एकांक उत्तरी ध्रुव (परीक्षण ध्रुव) जितने बल का अनुभव करता है, उसे उस बिंदु पर चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता कहते हैं। इसका SI मात्रक टेस्ला है।