बाउल कहाँ का लोकगीत हैं?बाउल एक प्रकार का लोक (फोक) गायन है, इसका गायन करने वाले को बंगाल में बाउल कहते हैं। इसी बाउल का दुसरा रूप भाट होता है जो ज्यादातर राजस्थान एवं मध्य-प्रदेश में पाये जाते हैं। उत्तर-प्रदेश में इसे फकीर या जोगी भी कहा जाता है। सामान्यतौर पर आउल, बाउल, फकीर, साई, दरबेस, जोगी एवं भाट बाउल के ही रूप है।
बाउल संप्रदाय से कौन संबंधित है?बाउल भारतीय अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति के एक विशेष संप्रदाय से संबंधित हैं, और भारतीय राज्य पश्चिम बंगाल के लगभग हर गांव में देखा जा सकता है।
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